जीवन यात्रा : साधना के मूल तत्त्व साधना , साधक, साध्य और सिद्ध, ये चार शब्द , भारतीय परंपरा के मूल हैं ी हम सब साधना को जानने का अथक प्रयास करते हैं परन्तु साधक होने पर न तो ध्यान देते हैं न ही साधक बनाने का प्रयास. इसी कारण हमें विफलता हाथ लगाती हे हमे पूर्व गुरुओ ने प्रारम्भ में इस बात पर बल दि…
Girish Jha, MS -Eastern Wisdom
जीवन यात्रा : साधना के मूल तत्त्वसाधना , साधक, साध्य और सिद्ध, ये चार शब्द , भारतीय परंपरा के मूल हैं ी हम सब साधना को जानने का अथक प्रयास करते हैं परन्तु साधक होने पर न तो ध्यान देते हैं न ही साधक बनाने का प्रयास. इसी कारण हमें विफलता हाथ लगाती हेहमे पूर्व गुरुओ ने प्रारम्भ में इस बात पर बल दिया हे की हम साधक कैसे बने , साधना क्या हे और साध्य अर्थात हमारा उद्देस्य क्या हे.सबसे पहले ज्ञान हे , ज्ञान विचार के द्वारा समझना होता हे I विचार सिद्धांतो के अनुसार करना होता हे, जिससे हमारा मन एक दिशा में चलने लगे.१. प्रतिदिन जीवन में साधना२. साधना का मूल - चार अनुबंध३. व्यक्ति से साधक होना४. साधक बनकर साधना को समझनाऔर कई विस्यओ पर यह सीरीज आधारित हे .मुलत यह सीरीज हमारे विज्ञानं की एक सरल और आधुनिक व्याख्या हे , जिससे प्रत्येक व्यक्ति और साधक को साधना में सफलता मिल सकती हे.गिरीशझा साधनाकरे आनंदकीप्राप्ति आनंदकीऔर मेंआनंदहूँ ज्ञानकीऔर #www.girishjha.org #GirishJha #EasternWisdom #BeInPeace #InnerHappiness
जीवन यात्रा : साधना के मूल तत्त्वसाधना , साधक, साध्य और सिद्ध, ये चार शब्द , भारतीय परंपरा के मूल हैं ी हम सब साधना को जानने का अथक प्रयास करते हैं परन्तु साधक होने पर न तो ध्यान देते हैं न ही साधक बनाने का प्रयास. इसी कारण हमें विफलता हाथ लगाती हेहमे पूर्व गुरुओ ने प्रारम्भ में इस बात पर बल दिया हे की हम साधक कैसे बने , साधना क्या हे और साध्य अर्थात हमारा उद्देस्य क्या हे.सबसे पहले ज्ञान हे , ज्ञान विचार के द्वारा समझना होता हे I विचार सिद्धांतो के अनुसार करना होता हे, जिससे हमारा मन एक दिशा में चलने लगे.१. प्रतिदिन जीवन में साधना२. साधना का मूल - चार अनुबंध३. व्यक्ति से साधक होना४. साधक बनकर साधना को समझनाऔर कई विस्यओ पर यह सीरीज आधारित हे .मुलत यह सीरीज हमारे विज्ञानं की एक सरल और आधुनिक व्याख्या हे , जिससे प्रत्येक व्यक्ति और साधक को साधना में सफलता मिल सकती हे.गिरीशझा साधनाकरे आनंदकीप्राप्ति आनंदकीऔर मेंआनंदहूँ ज्ञानकीऔर #www.girishjha.org #GirishJha #EasternWisdom #BeInPeace #InnerHappiness
जीवन यात्रा : साधना के मूल तत्त्वसाधना , साधक, साध्य और सिद्ध, ये चार शब्द , भारतीय परंपरा के मूल हैं ी हम सब साधना को जानने का अथक प्रयास करते हैं परन्तु साधक होने पर न तो ध्यान देते हैं न ही साधक बनाने का प्रयास. इसी कारण हमें विफलता हाथ लगाती हेहमे पूर्व गुरुओ ने प्रारम्भ में इस बात पर बल दिया हे की हम साधक कैसे बने , साधना क्या हे और साध्य अर्थात हमारा उद्देस्य क्या हे.सबसे पहले ज्ञान हे , ज्ञान विचार के द्वारा समझना होता हे I विचार सिद्धांतो के अनुसार करना होता हे, जिससे हमारा मन एक दिशा में चलने लगे.१. प्रतिदिन जीवन में साधना२. साधना का मूल - चार अनुबंध३. व्यक्ति से साधक होना४. साधक बनकर साधना को समझनाऔर कई विस्यओ पर यह सीरीज आधारित हे .मुलत यह सीरीज हमारे विज्ञानं की एक सरल और आधुनिक व्याख्या हे , जिससे प्रत्येक व्यक्ति और साधक को साधना में सफलता मिल सकती हे.गिरीशझा साधनाकरे आनंदकीप्राप्ति आनंदकीऔर मेंआनंदहूँ ज्ञानकीऔर #www.girishjha.org #GirishJha #EasternWisdom #BeInPeace #InnerHappiness
जीवन यात्रा : साधना के मूल तत्त्वसाधना , साधक, साध्य और सिद्ध, ये चार शब्द , भारतीय परंपरा के मूल हैं ी हम सब साधना को जानने का अथक प्रयास करते हैं परन्तु साधक होने पर न तो ध्यान देते हैं न ही साधक बनाने का प्रयास. इसी कारण हमें विफलता हाथ लगाती हेहमे पूर्व गुरुओ ने प्रारम्भ में इस बात पर बल दिया हे की हम साधक कैसे बने , साधना क्या हे और साध्य अर्थात हमारा उद्देस्य क्या हे.सबसे पहले ज्ञान हे , ज्ञान विचार के द्वारा समझना होता हे I विचार सिद्धांतो के अनुसार करना होता हे, जिससे हमारा मन एक दिशा में चलने लगे.१. प्रतिदिन जीवन में साधना२. साधना का मूल - चार अनुबंध३. व्यक्ति से साधक होना४. साधक बनकर साधना को समझनाऔर कई विस्यओ पर यह सीरीज आधारित हे .मुलत यह सीरीज हमारे विज्ञानं की एक सरल और आधुनिक व्याख्या हे , जिससे प्रत्येक व्यक्ति और साधक को साधना में सफलता मिल सकती हे.गिरीशझा साधनाकरे आनंदकीप्राप्ति आनंदकीऔर मेंआनंदहूँ ज्ञानकीऔर #www.girishjha.org #GirishJha #EasternWisdom #BeInPeace #InnerHappiness
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जीवन यात्रा : साधना के मूल तत्त्वसाधना , साधक, साध्य और सिद्ध, ये चार शब्द , भारतीय परंपरा के मूल हैं ी हम सब साधना को जानने का अथक प्रयास करते हैं परन्तु साधक होने पर न तो ध्यान देते हैं न ही साधक बनाने का प्रयास. इसी कारण हमें विफलता हाथ लगाती हे हमे पूर्व गुरुओ ने प्रारम्भ में इस बात पर बल दिया हे की हम साधक कैसे बने , साधना क्या हे और साध्य अर्थात हमारा उद्देस्य क्या हे. सबसे पहले ज्ञान हे , ज्ञान विचार के द्वारा समझना होता हे I विचार सिद्धांतो के अनुसार करना होता हे, जिससे हमारा मन एक दिशा में चलने लगे. १. प्रतिदिन जीवन में साधना २. साधना का मूल - चार अनुबंध ३. व्यक्ति से साधक होना ४. साधक बनकर साधना को समझना और कई विस्यओ पर यह सीरीज आधारित हे .मुलत यह सीरीज हमारे विज्ञानं की एक सरल और आधुनिक व्याख्या हे , जिससे प्रत्येक व्यक्ति और साधक को साधना में सफलता मिल सकती हे. गिरीशझा साधनाकरे आनंदकीप्राप्ति आनंदकीऔर मेंआनंदहूँ ज्ञानकीऔर www.girishjha.org GirishJha EasternWisdom BeInPeace InnerHappiness
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जीवन यात्रा : साधना के मूल तत्त्वसाधना , साधक, साध्य और सिद्ध, ये चार शब्द , भारतीय परंपरा के मूल हैं ी हम सब साधना को जानने का अथक प्रयास करते हैं परन्तु साधक होने पर न तो ध्यान देते हैं न ही साधक बनाने का प्रयास. इसी कारण हमें विफलता हाथ लगाती हे हमे पूर्व गुरुओ ने प्रारम्भ में इस बात पर बल दिया हे की हम साधक कैसे बने , साधना क्या हे और साध्य अर्थात हमारा उद्देस्य क्या हे. सबसे पहले ज्ञान हे , ज्ञान विचार के द्वारा समझना होता हे I विचार सिद्धांतो के अनुसार करना होता हे, जिससे हमारा मन एक दिशा में चलने लगे. १. प्रतिदिन जीवन में साधना २. साधना का मूल - चार अनुबंध ३. व्यक्ति से साधक होना ४. साधक बनकर साधना को समझना और कई विस्यओ पर यह सीरीज आधारित हे .मुलत यह सीरीज हमारे विज्ञानं की एक सरल और आधुनिक व्याख्या हे , जिससे प्रत्येक व्यक्ति और साधक को साधना में सफलता मिल सकती हे. गिरीशझा साधनाकरे आनंदकीप्राप्ति आनंदकीऔर मेंआनंदहूँ ज्ञानकीऔर www.girishjha.org GirishJha EasternWisdom BeInPeace InnerHappiness
साधना , साधक, साध्य और सिद्ध, ये चार शब्द , भारतीय परंपरा के मूल हैं ी हम सब साधना को जानने का अथक प्रयास करते हैं परन्तु साधक होने पर न तो ध्यान देते हैं न ही साधक बनाने का प्रयास. इसी कारण हमें विफलता हाथ लगाती हे हमे पूर्व गुरुओ ने प्रारम्भ में इस बात पर बल दिया हे की हम साधक कैसे बने , साधना क्या हे और साध्य अर्थात हमारा उद्देस्य क्या हे. सबसे पहले ज्ञान हे , ज्ञान विचार के द्वारा समझना होता हे I विचार सिद्धांतो के अनुसार करना होता हे, जिससे हमारा मन एक दिशा में चलने लगे. १. प्रतिदिन जीवन में साधना २. साधना का मूल - चार अनुबंध ३. व्यक्ति से साधक होना ४. साधक बनकर साधना को समझना और कई विस्यओ पर यह सीरीज आधारित हे .मुलत यह सीरीज हमारे विज्ञानं की एक सरल और आधुनिक व्याख्या हे , जिससे प्रत्येक व्यक्ति और साधक को साधना में सफलता मिल सकती हे. गिरीशझा साधनाकरे आनंदकीप्राप्ति आनंदकीऔर मेंआनंदहूँ ज्ञानकीऔर www.girishjha.org GirishJha EasternWisdom BeInPeace InnerHappiness
15. जीवन यात्रा : साधना के मूल तत्त्वसाधना , साधक, साध्य और सिद्ध, ये चार शब्द , भारतीय परंपरा के मूल हैं ी हम सब साधना को जानने का अथक प्रयास करते हैं परन्तु साधक होने पर न तो ध्यान देते हैं न ही साधक बनाने का प्रयास. इसी कारण हमें विफलता हाथ लगाती हे हमे पूर्व गुरुओ ने प्रारम्भ में इस बात पर बल दिया हे की हम साधक कैसे बने , साधना क्या हे और साध्य अर्थात हमारा उद्देस्य क्या हे. सबसे पहले ज्ञान हे , ज्ञान विचार के द्वारा समझना होता हे I विचार सिद्धांतो के अनुसार करना होता हे, जिससे हमारा मन एक दिशा में चलने लगे. १. प्रतिदिन जीवन में साधना २. साधना का मूल - चार अनुबंध ३. व्यक्ति से साधक होना ४. साधक बनकर साधना को समझना और कई विस्यओ पर यह सीरीज आधारित हे .मुलत यह सीरीज हमारे विज्ञानं की एक सरल और आधुनिक व्याख्या हे , जिससे प्रत्येक व्यक्ति और साधक को साधना में सफलता मिल सकती हे. गिरीशझा साधनाकरे आनंदकीप्राप्ति आनंदकीऔर मेंआनंदहूँ ज्ञानकीऔर www.girishjha.org GirishJha EasternWisdom BeInPeace InnerHappiness
15. जीवन यात्रा : साधना के मूल तत्त्वसाधना , साधक, साध्य और सिद्ध, ये चार शब्द , भारतीय परंपरा के मूल हैं ी हम सब साधना को जानने का अथक प्रयास करते हैं परन्तु साधक होने पर न तो ध्यान देते हैं न ही साधक बनाने का प्रयास. इसी कारण हमें विफलता हाथ लगाती हे हमे पूर्व गुरुओ ने प्रारम्भ में इस बात पर बल दिया हे की हम साधक कैसे बने , साधना क्या हे और साध्य अर्थात हमारा उद्देस्य क्या हे. सबसे पहले ज्ञान हे , ज्ञान विचार के द्वारा समझना होता हे I विचार सिद्धांतो के अनुसार करना होता हे, जिससे हमारा मन एक दिशा में चलने लगे. १. प्रतिदिन जीवन में साधना २. साधना का मूल - चार अनुबंध ३. व्यक्ति से साधक होना ४. साधक बनकर साधना को समझना और कई विस्यओ पर यह सीरीज आधारित हे .मुलत यह सीरीज हमारे विज्ञानं की एक सरल और आधुनिक व्याख्या हे , जिससे प्रत्येक व्यक्ति और साधक को साधना में सफलता मिल सकती हे. गिरीशझा साधनाकरे आनंदकीप्राप्ति आनंदकीऔर मेंआनंदहूँ ज्ञानकीऔर www.girishjha.org GirishJha EasternWisdom BeInPeace InnerHappiness
जीवन यात्रा : साधना के मूल तत्त्वसाधना , साधक, साध्य और सिद्ध, ये चार शब्द , भारतीय परंपरा के मूल हैं ी हम सब साधना को जानने का अथक प्रयास करते हैं परन्तु साधक होने पर न तो ध्यान देते हैं न ही साधक बनाने का प्रयास. इसी कारण हमें विफलता हाथ लगाती हे हमे पूर्व गुरुओ ने प्रारम्भ में इस बात पर बल दिया हे की हम साधक कैसे बने , साधना क्या हे और साध्य अर्थात हमारा उद्देस्य क्या हे. सबसे पहले ज्ञान हे , ज्ञान विचार के द्वारा समझना होता हे I विचार सिद्धांतो के अनुसार करना होता हे, जिससे हमारा मन एक दिशा में चलने लगे. १. प्रतिदिन जीवन में साधना २. साधना का मूल - चार अनुबंध ३. व्यक्ति से साधक होना ४. साधक बनकर साधना को समझना और कई विस्यओ पर यह सीरीज आधारित हे .मुलत यह सीरीज हमारे विज्ञानं की एक सरल और आधुनिक व्याख्या हे , जिससे प्रत्येक व्यक्ति और साधक को साधना में सफलता मिल सकती हे. गिरीशझा साधनाकरे आनंदकीप्राप्ति आनंदकीऔर मेंआनंदहूँ ज्ञानकीऔर www.girishjha.org GirishJha EasternWisdom BeInPeace InnerHappiness