Mera lakshya ...Hindi Course B , Class 9 & 10

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Complete Hindi ( Course B ) Syllabus for classes 9 , 10 & some stories

Madhu Tyagi


    • Mar 25, 2021 LATEST EPISODE
    • monthly NEW EPISODES
    • 4m AVG DURATION
    • 59 EPISODES



    Latest episodes from Mera lakshya ...Hindi Course B , Class 9 & 10

    Gajraj aur magarmachh

    Play Episode Listen Later Mar 25, 2021 2:03


    बताया जाता है कि यहां एक नदी है उसमें रह रहे एक मगरमच्छ से हाथी का लंबा बैर चला। एक दिन मगर ने हाथी (गज) का पैर पकड़ लिया और पानी में खींचने लगा। हाथी त्राहि-त्राहि कर उठा। जौ भर सूंड पानी के ऊपर रह गई तो हाथी की पुकार पर भगवान विष्णु अवतरित हुए और सुदर्शन चक्र से मगर की गर्दन काटकर हाथी को बचाया। मंदिर में इस दृश्य को दर्शाती मूर्तियां लगी हैं।Check out my latest episode!

    Draupadi Chir Haran

    Play Episode Listen Later Mar 25, 2021 3:20


    महाभारत ऐसा महाकाव्य है, जिसमें कई छोटी-बड़ी शिक्षाप्रद घटनाओं का जिक्र है। द्रौपदी चीरहरण भी महाभारत की ऐसी ही घटना है। द्रौपदी पांचाल देश की राजकुमारी थी और उसका विवाह अर्जुन से हुआ था। अर्जुन ने द्रौपदी के स्वयंवर में मछली की आंख में निशाना साधकर उससे विवाह किया था, लेकिन माता कुंती के अंजाने में दिए एक आदेश से द्रौपदी पांडवों यानी पांचों भाइयों की पत्नी बन गई।Check out my latest episode!

    Bhagvan Narsingh aur bhakt Prahlad

    Play Episode Listen Later Mar 25, 2021 3:04


    जब भी किसी भक्त पर कोई संकट आता है तो भगवान विष्णु उसकी रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं.भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया था और राजा हिरण्यकश्यप का वध किया था. हिरण्यकश्यप का वध करना इतना आसान नहीं था, क्योंकि उसे भगवान ब्रह्मा से एक विशेष वरदान प्राप्त था. जिसके चलते वह स्वयं को ही भगवान मानने लगा था.Check out my latest episode!

    Sant Raidas

    Play Episode Listen Later Mar 23, 2021 3:48


    रैदास को रविदास के नाम से भी जाना जाता है।v इनके लगभग सौ पद गुरुग्रंथ साहब में भी प्रकाशित हुए हैं।v संत कवि रैदास के कुछ पद संतवाणी में भी मिलते हैं।v इनकी रचनाओं का एक अलग संग्रह भी हैं।v इनकी ज्ञान-साधना अनुभव पर आधारित है।v ब्रजभाषा में अवधी, राजस्थानी, खड़ी बोली, अरबी-फारसी शब्दों का भी मिश्रण मिलता है। संत रैदास की भक्ति दास्य भाव की भक्ति है।heck out my latest episode!

    यादें

    Play Episode Listen Later Jan 9, 2021 0:33


    मेरी यादें ,मेरे अहसास ,

    Arth Ke adhar Per Vakye

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 5:04


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    NMuhavare

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 2:09


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    Laghu Katha Lekhan

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 2:07


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    Soochna Lekhan

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 2:32


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    Samas

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 4:31


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    Vakye Roopantaran

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 1:56


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    Vigyapan Lekhan

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 1:52


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    Patra Lekhan

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 1:39


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    Samvad Lekhan

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 1:40


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    Anuchhed Lekhan

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 1:39


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    Patra Lekhan

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 1:39


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    Sandesh Lekhan

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 3:04


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    nara Lekhan

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 2:02


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    Anuswar-Anunasik

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 3:24


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    Shrutisam Bhinnarthak Shabd

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 3:21


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    Upsarg - Pratyey

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 2:07


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    ParyayeVachi Shabd

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 1:56


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    Shrutisam bhinnarthak Shabd

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 3:21


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    Vilom Shabd

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 1:23


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    Class 9- Everest Meri Shikhar Yatra

    Play Episode Listen Later Dec 12, 2020 7:49


    Bachendri Pal ji Ka Yatra Vritant

    Class 9- Deeye Jal Uthe

    Play Episode Listen Later Dec 11, 2020 7:03


    'दिए जल उठे' कहानी आज़ादी के लिए प्रयत्नशील भारत की महत्वपूर्ण घटना पर आधारित है। जब वल्लभभाई पटेल के आह्वान पर पूरा भारत 'दांडी कूच' के लिए तैयार था। इस कूच को असफल बनाने के उद्देश्य से अंग्रेजों ने उनको तीन महीने के कारावास में डाल दिया। गांधी जी को वल्लभभाई पटेल की इस तरह से हुई गिरफ्तारी अच्छी नहीं लगी और उन्होंने स्वयं इस यात्रा का नेतृत्व किया। यह यात्रा साबरमती से आरंभ हुई। गांधी जी बोरसद से होते हुए रास गए वहाँ उन्होंने जनता का आह्वान किया। वहाँ से वह कनकापुरा पहुँचे । इस दांडी कूच का उद्देश्य था लोगों के अंदर आजादी के लिए जोश पैदा करना, सत्याग्रह के जनता को तैयार करना व बिटिश शासन से पूर्णस्वराज की माँग करना।

    Class 10- Kar Chale Ham Fida ( Kaifi Azme)

    Play Episode Listen Later Dec 11, 2020 7:12


    प्रस्तुत कविता में देश के सैनिकों की भावनाओं का वर्णन है। सैनिक कभी भी देश के मानसम्मान को बचाने से पीछे नहीं हटेगा। फिर चाहे उसे अपनी जान से ही हाथ क्यों ना गवाना पड़े। भारत - चीन युद्ध के दौरान सैनिकों को गोलियाँ लगने के कारण उनकी साँसें रुकने वाली थी ,ठण्ड के कारण उनकी नाड़ियों में खून जम रहा था परन्तु उन्होंने किसी चीज़ की परवाह न करते हुए दुश्मनों का बहदुरी से मुकाबला किया और दुश्मनों को आगे नहीं बढ़ने दिया। सैनिक गर्व से कहते है कि हमें अपने सर भी कटवाने पड़े तो हम ख़ुशी ख़ुशी कटवा देंगे पर हमारे गौरव के प्रतिक हिमालय को नहीं झुकने देंगे अर्थात हिमालय पर दुश्मनों के कदम नहीं पड़ने देंगे

    Class 10 -Topi Shukla ( Rahi Masoom Raza)

    Play Episode Listen Later Dec 11, 2020 6:45


    इफ़्फ़न के बारे में कुछ जान लेना इसलिए ज़रूरी है कि इफ़्फ़न टोपी का पहला दोस्त था। इस इफ़्फ़न को टोपी ने सदा इफ्फन कहा। इफ़्फ़न ने इसका बुरा माना। परन्तु वह इफ्फन पुकारने पर बोलता रहा। इसी बोलते रहने में उसकी बड़ाई थी। यह नामों का चक्कर भी अजीब होता है। उर्दू और हिंदी एक ही भाषा, हिंदवी के दो नाम हैं। परन्तु आप खुद देख लीजिए कि नाम बदल जाने से कैसे-कैसे घपले हो रहे हैं। नाम कृष्ण हो तो उसे अवतार कहते हैं और मुहम्मद हो तो पैगम्बर। नामों के चक्कर में पड़कर लोग यह भूल गए कि दोनों ही दूध देने वाले जानवर चराया करते थे। दोनों ही पशुपति, गोवर्धन और ब्रजकुमार थे। इसलिए तो कहता हूँ कि टोपी के बिना इफ़्फ़न और इफ़्फ़न के बिना टोपी न केवल यह कि अधूरे हैं बल्कि बेमानी हैं। इसलिए इफ़्फ़न के घर चलना ज़रूरी है। यह देखना ज़रूरी है कि उसकी आत्मा के आँगन में कैसी हवाएँ चल रही है और परम्पराओं के पेड़ पर कैसे फल आ रहे हैं।

    Class 9-Hamid Khan

    Play Episode Listen Later Dec 11, 2020 7:36


    S.K Pottekaat ji dwara likhit kahani Hamid Khan

    Class 10, Kabeer Ki Sakhi

    Play Episode Listen Later Oct 12, 2020 6:29


    कवि - कबीरदास जन्म - (लहरतारा , काशी ) मृत्यु - ( मगहर , उत्तरपरदेश )eck out my latest episode! 'साखी ' शब्द ' साक्षी ' शब्द का ही (तद्भव ) बदला हुआ रूप है। साक्षी शब्द साक्ष्य से बना है। जिसका अर्थ होता है -प्रत्यक्ष ज्ञान अर्थात जो ज्ञान सबको स्पष्ट दिखाई दे। यह प्रत्यक्ष ज्ञान गुरु द्वारा शिष्य को प्रदान किया जाता है। संत ( सज्जन ) सम्प्रदाय (समाज ) मैं अनुभव ज्ञान (व्यवाहरिक ज्ञान ) का ही महत्व है -शास्त्रीय ज्ञान अर्थात वेद , पुराण इत्यादि का नहीं। कबीर का अनुभव क्षेत्र बहुत अधिक फैला हुआ था अर्थात कबीर जगह -जगह घूम कर प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त करते थे। इसलिए उनके द्वारा रचित साखियों मे अवधि , राजस्थानी , भोजपुरी और पंजाबी भाषाओँ के शब्दों का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है। इसी कारण उनकी भाषा को 'पचमेल खिंचड़ी ' अर्थात अनेक भाषाओँ का मिश्रण कहा जाता है। कबीर की भाषा को सधुक्क्ड़ी भी कहा जाता है। ' साखी ' वस्तुतः (एक तरह का ) दोहा छंद ही है जिसका लक्षण है 13 और 11 के विश्राम से 24 मात्रा अर्थात पहले व तीसरे चरण में 13 वर्ण व दूसरे व चौथे चरण में 11 वर्ण के मेल से 24 मात्राएँ। प्रस्तुत पाठ की साखियाँ प्रमाण हैं की सत्य को सामने रख कर ही गुरु शिष्य को जीवन के व्यावहारिक ज्ञान की शिक्षा देता है। यह शिक्षा जितनी अधिक प्रभावशाली होगी, उतनी ही अधिक याद रहेगी।

    Class 9 , Vyakaran- Shabd aur Pad

    Play Episode Listen Later Oct 12, 2020 1:38


    शब्द - एक या अनेक वर्णों से बने अर्थपूर्ण समूह को शब्द कहते है। जैसे – राम, आम, खा, इत्यादि। पद - जब इन सार्थक मतलब अर्थपूर्ण शब्द का प्रयोग वाक्य में किया जाता है, तो उस शब्द को पद कहते है। अब यह केवल शब्द नहीं रह जाता है बल्कि यह शब्द वाक्य में लिंग, वचन, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण, इत्यादि दर्शाता है।

    Class 10 Path- Jhen Ki Den

    Play Episode Listen Later Oct 12, 2020 5:46


    लेखक - रविंद्र केलेकर जन्म - 7 मार्च 1925 (कोंकण)Check out my latest episode! लेखक ने प्रस्तुत पाठ में जो प्रसंग प्रस्तुत किए हैं, उनमें पहले प्रसंग (गिन्नी का सोना) जीवन में अपने लिए सुख-साधन जुटाने वालों से नहीं बल्कि उन लोगो से परिचित करवाता है जो इस संसार को सब के लिए जीने और रहने योग्य बनाए हुए हैं। लेखक कहते हैं कि शुद्ध सोने में और सोने के सिक्के में बहुत अधिक फर्क होता है, सोने के सिक्के में थोड़ा-सा ताँबा मिलाया जाता है, जिस कारण अधिक चमक आ जाती है और यह अधिक मज़बूत भी होता है। औरतें अकसर उन्हीं सोने के सिक्कों के गहनें बनवाती हैं। लेखक कहते हैं कि किसी व्यक्ति का जो उच्च चरित्र होता है वह भी शुद्ध सोने की तरह होता है उसमें कोई मिलावट नहीं होती। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने चरित्र में ताँबा अर्थात मिलावटी व्यवहार मिला देते हैं, उन्ही लोगों को सभी लोग व्यावहारिक आदर्शवादी कह कर उनका गुणगान करते हैं। लेखक हम सभी को ये बताना चाहते हैं कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वर्णन कभी भी आदर्शों का नहीं होता, बल्कि आपके व्यवहार का होता है। कुछ लोग कहते हैं कि गाँधी जी भी व्यावहारिक आदर्शवादियों में से एक थे। यदि गाँधी जी अपने आदर्शो को महत्त्व नहीं देते तो पूरा देश उनके साथ हर समय कंधे-से-कन्धा मिला कर खड़ा न होता। जो लोग केवल अपने व्यवहार पर ही ध्यान देते हैं, केवल वैज्ञानिक ढंग से ही सोचते हैं, वे व्यवहारवादी लोग कहे जाते हैं और ये लोग हमेशा चौकाने रहते हैं कि कहीं इनसे कोई ऐसा काम न हो जाए जिसके कारण इनको हानि उठानी पड़े। सबसे महत्पूर्ण बात तो यह है कि खुद भी तरक्की करो और अपने साथ-साथ दूसरों को भी आगे ले चलो और ये काम हमेशा से ही आदर्शो को सबसे आगे रखने वाले लोगो ने किया है। हमारे समाज में अगर हमेशा रहने वाले कई मूल्य बचे हैं तो वो सिर्फ आदर्शवादी लोगो के कारण ही बच पाए हैं।

    Class 10,Path -Kartoos

    Play Episode Listen Later Oct 12, 2020 6:06


    लेखक - हबीब तनवीर जन्म - 1923 (छत्तीसगढ़, रायपुर) प्रस्तुत पाठ में भी एक ऐसे ही अपनी जान पर खेल जाने वाले शूरवीर के कारनामों का वर्णन किया गया है। जिसका केवल एक ही लक्ष्य था -अंग्रेजों को देश से बाहर निकालना। कंपनी के हुक्म चलाने वालों की उसने नींद हराम कर राखी थी। वह इतना निडर था कि मुसीबत को खुद बुलावा देते हुए न सिर्फ कंपनी के अफसरों के बीच पहुँचा बल्कि उनके कर्नल पर ऐसा रौब दिखाया कि कर्नल के मुँह से भी उसकी तारीफ़ में ऐसे शब्द निकले जैसे किसी दुश्मन के लिए नहीं निकल सकते।

    Class 10- Soochna Lekhan

    Play Episode Listen Later Aug 31, 2020 5:57


    हम प्रतिदिन तरह-तरह की जानकारियों से अवगत होना चाहते हैं इसलिए सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। इसी तरह सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएँ भी कुछ आवश्यक सूचनाएँ लोगों तक पहुँचाती हैं। जन साधारण के लिए वे समय-समय पर ज़ारी करती हैं। इन सूचनाओं को जनता तक लिखित रूप में पहुँचाना सूचना-लेखन कहलाता है।

    Class 10 -Padbandh

    Play Episode Listen Later Aug 31, 2020 8:25


    पारिभाषिक शब्दों में ‘पदों का समूह जब मिलकर वही कार्य करने लगता है जो एक अकेला पद कर रहा है तो उसे पदबंध कहते हैं।

    Class 9, Path - Dharm Ki aad

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 7:05


    Check out my latest episode!

    Class 10, Kavita- Manushyata

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 14:18


    कविता मनुष्यता के रचयिता हैं मैथिलीशरण गुप्त जी

    Class 9, Path- Tum Kab Jaoge Atithi

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 5:12


    तुम कब जाओगे अतिथि पाठ के लेखक हैं यशपाल

    Class 9, Pad ( Raidas)

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 4:45


    पद के रचयिता हैं रैदास जी

    Class 9, Kavita- Khushboo Rachte Hain Hath

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 4:41


    खुशबू रचते हैं हाथ कविता के रचयिता हैं अरूण कमल

    Class 9, Path- gillu

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 5:58


    गिल्लु पाठ की लेखिका हैं महादेवी वर्मा जी

    Class 9, Dohe ( Rahim)

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 11:03


    दोहों के रचयिता हैं रहीम जी

    Class 9, Kavita - Naye Ilake Me

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 4:53


    नए इलाके में कविता के रचयिता हैं अरूण कमल

    Class 9, Nazm- Adminama

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 4:29


    आदमीनामा नज़्म के रचयिता हैं नज़ीर अकबराबादी

    Class 9, Path- Smriti

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 3:37


    स्मृति पाठ के लेखक हैं श्रीराम शर्मा

    Class 9, Kavita - Ek Phool Ki Chah

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 12:27


    एक फूल की चाह कविता के लेखक हैं सियारामशरण गुप्त।

    Class 9, Path- Everest Meri Shikhar Yatra

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 7:49


    Bachendri Pal ka yatra vritant

    Class 9,Path- Dukh Ka Adhikar

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 5:20


    Cयशपाल का जन्म पिफरोज़्ापुर छावनी में सन् 1903 में हुआ। इन्होंने आरंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल में और उच्च शिक्षा लाहौर में पाई। प्रस्तुत कहानी देश में फैले अंधविश्वासों और उँफच-नीच वेफ भेद-भाव को बेनकाब करते हुए यह बताती है कि दुःख की अनुभूति सभी को समान रूप से होती है। कहानी धनी लोगों की अमानवीयता और गरीबों की मजबूरी को भी पूरी गहराई से उजागर करती है। यह सही है कि दुःख सभी को तोड़ता है, दुःख में मातम मनाना हर कोई चाहता है, दुःख के क्षण से सामना होने पर सब अवश हो जाते हैं, पर इस देश में ऐसे भी अभागे लोग हैं जिन्हें न तो दुःख मनाने का अधिकार है, न अवकाश!eck out my latest episode!

    Class 10, Path- hariharkaka

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 8:06


    हरिहर काका पाठ के लेखक मिथिलेेेश्वर जी हैं। इस कहानी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण पारिवारिक जीवन में ही नहीं हमारे आस्था प्रतीक धर्मस्थानों और धर्मध्वजा धारकों में जो स्वार्थलोलुपता घर करती जा रही है, उसे उजागर करना है।एक वृद्ध और निसंतान व्यक्ति का मानसिक शोषण किया जाता है उनकी ज़्ामीन हथियाने लिए महंत और उन भाई उनका अहित करने मंे मग्न रहते हैं। इस लिए वह छल और बल का भी प्रयोग करते हैं। पारिवारिक संबंधों में भाईचारे को बेदखल कर स्वार्थ को बढ़ावा देना तथा हिंसात्मक रूप लेना और सामाजिक वातावरण को बेनकाब करना ही कहानी का मुख्य उद्देश्य है।

    Class 10, path- Daiyri Ka Ek Panna

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 6:06


    डायरी का एक पन्ना के लेखक सीताराम सेकसरिया हैं।1892 मंे राजस्थान के नवलगढ़ मंे जन्मे सीताराम सेकसरिया का अधिकांश जीवन कलकत्ता में बीता। प्रस्तुत पाठ के लेखक सीताराम सेकसरिया आज़्ाादी की कामना करने वाले उन्हीं अनंत लोगों में से एक थे। वह दिन-प्रतिदिन जो भी देखते, सुनते और महसूस करते थे, उसे अपनी निजी डायरी में दर्श कर लेते थे। यह क्रम कई वर्षों तक चला। इस पाठ में उनकी डायरी का 26 जनवरी 1931 का लेखाजोखा है।

    Class 10, Dohe ( Bihari)

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 4:24


    बिहारी का जन्म 1595 में ग्वालियर में हुआ था। 1663 मंे इनका देहावसान हुआ। बिहारी मुख्य रूप से शृंगारपरक दोहों के लिए जाने जाते हैं, किंतु उन्होंने लोक-व्यवहार, नीति ज्ञान आदि विषयों पर भी लिखा है। संकलित दोहों में सभी प्रकार की छटाएँ हंै। बिहारी कम-से-कम शब्दों में अधिक-से-अधिक अर्थ भरने की कला में निपुण थे।

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