पाख एक प्रयास है भावों और शब्दों के मेल से सुसज्जित वाक्यों को आप तक पहुँचाने का। पाख एक मार्ग भी है पक्ष और विपक्ष के बीच की रेखा को धुंधलाने का, विचारों को समाहित करने का, तत्वों की संधि का। पाख के ज़रिये मैं, हर दो हफ्ते में , वे सब चीज़ें जो मेरे दिल के करीब हैं , व्यक्त करने की कोशिश करूँगा। पाख मेरे लिए एक यात्रा है, आत्मिक उत्थान की। आइये मेरे साथ इस यात्रा के सहभागी बनें।
सूरज को अस्त होते देख कुछ भाव उमड़े| बस फिर क्या था? इन्हीं भावों का मूल्यांकन करने बैठ गया| उसी मूल्यांकन का व्याख्यान है ये एपिसोड|