Listen to your inner voice which you had never expressed weekly on HubHopper.
Check out my latest episode!Written and vocals by - Adhiraj Singh ChandelMusic - Praveen Singh
उसके साथ ऐसा क्या हुआ होगा ? पर जो भी हो उसकी हालत देख के ये तो तय है जो भी हुआ होगा बोहोत बुरा हुआ होगा।मैं आज भी इस अफसोस में हूं के मै उसकी मादत नहीं कर पाया । वैसे जब मै वहां से गुजर रहा था तब तक कुछ लोग वहां आ चुके थे ।Note- Use headphones ? for amazing experience.Music - MixkitRecording - Praveen SinghPoster - Adhiraj Singh Chandel
कुछ मुलाातें सिर्फ इसलिए अधूरी रह जाती हैं क्यूंकि, शायद उनके पुरे होने से किसी को कुछ हासिल नहीं होता । हम अधूरी मुलाकात को पूरी तो कर सकते हैं , पर उसमे पहली मुलाकात वाली बात नहीं रहती। हम खुश हो कर भी ना खुश रहते हैं । MUSIC - Praveen singh
ना चाहते हुए जो काम करना पड़ता है उसमे तकलीफ तो होती है , पर भलाई उसी में है । ये बिलकुल उस सिग्रेट कि तरह है जिसे पीने की तलब भी है और उसके नुक़सान भी। Written by Rohit Mandal Music - Praveen Singh (Instagram - @myselfpraveen)
उस दिन मैं कहाँ जानता था कि ये हमारी आखिरी चाय होगी और अब से चाय केवल मैं ही पियूँगा .. हम नही ।
Written and Narrated by Pritish Raj A Pri_positive Originals! Your struggle is your power, hold on to it and even god will come knocking at your door.
अगर आपको भी अनजाने में कोई तोहफ़ा मिला होगा , तो आप इसे महसूस कर पाएंगे ।
सबसे कठिन क्या है ? ये बता पना उतना ही मुश्किल है , जितना ये समझ पाना ।
घर क्या है ? खिड़की या दरवाज़े , रिश्ते या रिवाजे। मेरे लिए घर है भी और नहीं भी।
सारा कुछ हमारे देखने के नज़रिए में है , मैं किसी की कहानी में हीरो हूं तो किसी की कहानी में खलनायक । एक ही व्यक्ति दोनों ही किरदार निभाता चला जाता है । मैने खुद को हीरो से खलनायक में बदलते देखा है बोहोत करीब से । आशा है इसे आप भी महसूस कर पाएंगे ।
किसी का किसी के साथ होना ना होना उनके द्वारा लिए गए फैसलों पर निर्भर करता है , अगर कोई चीज आज भी उसको मुझसे जोड़ कर रखती है तो उसका बार बार सामने आना ज़िन्दगी में मौसम के बदलाव की तरह होना चाहिए ।
हम किसी को करीब से जाने बिना उसके बारे में बात नहीं कर सकते । मेरी मां को सुशांत में मैं दिखता हूं , इसलिए मैं भी इस बहती गंगा में शामिल हो गया , ना चाहते हुए भी। अगर मेरी बातो से तुम सहमत नहीं हो तो तुम अपना भाव प्रकट कर सकते हो , मुझे बुरा नहीं लगेगा । मगर ध्यान रहे इससे किसी और को नुक़सान ना हो । वो था , वो है और वो रहेगा ... हमेशा ।
बुरा वक़्त कभी ख़त्म नहीं होता , उसे बरकरार रखने के लिए हम इस दुनिया में दीमक कि तरह हैं । जो कुछ भी हो रहा है और जो होगा , उसके ज़िम्मेदार और दोशी हम ख़ुद है।
रफ कॉपी हार किसी के लिए खास है , उसमे सपनों की उड़ान भी है तो ज़िंदगी के असल हालात भी | कुछ शरारते भी है तो कुछ हक़ीक़त भी | कही बहुत सारा प्यार है तो कही बहुत सारी तकरार | इसमे कही बात बचपन के उस स्वेटर की तरह ही है जो अब हमे फिट तो नहीं आता पर हमे प्यारा बहुत है | उम्मीद करता हूँ ये रफ़ कॉपी आपको अपनी उसी रफ़ कॉपी की याद दिलाएगी |
हो सकता है मै गलत हूं , पर सही भी हो सकता हूं । ये सिर्फ समझने वाले के ऊपर है , कौन इसको कैसे साझता है सही या ग़लत । आपकी राय में सही क्या है और गलत क्या मुझे ज़रूर बताएं , क्या पता आपके विचार मेरे अगले एपिसोड में हो ?
हर चीज़ की एक उम्र होती है , मेरी इस कहानी की भी उम्र है । आपको बता दूं मेरी ये काल्पनिक कहानी सच्ची कहानी के अधूरे हिस्से से बनी है । पर इसमें जो कुछ भी हुआ वो पूरा का पूरा काल्पनिक नहीं है । इसे सुनो पता चल जाएगा , और हां बताना ज़रूर कैसा लगा।
एक छोटी सी कविता , मैने इसमें अलविदा लिखने कि कोशिश की है । यकीन मानिए बोलने से कहीं आसान होता है लिखना। मेरा कायर होना ही इस कविता का कारण है , क्या करूं मै कभी किसी को अलविदा बोल ही नहीं पाया । शायद आपके के साथ भी ऐसा ही होता होगा। होता है क्या ?
मेरे कई रिश्ते है चांद के साथ , शायद तुम्हारा भी कोई रिश्ता हो। अगर है तो इसे महसूस ज़रूर करना , हो सके तो चांद को देखते हुए इसे सुनना।
इस बुरे वक़्त में हमे जानना होगा कि हमारी लड़ाई असल में किससे है। एक आवाज़ इंसानियत के नाम ।
बोहोत मुश्किल होती है । फ़िर से शुरू करना हो , या अंत करना हो। तुमसे बात करना मेरी मजबूरी नहीं है , बस अच्छा लगता है। मैने सोचा था इस बार मै कुछ और लिखूंगा पर प्रेम आज भी अधूरा था तो फिर से इसे लिख दिया।
क्या हम सच में खुशी के पलो को पाना चाहते ? या सिर्फ उसे पाने की चाहत पसंद है।
"Every thing you love will probably be lost, but at the end love will return in another way"
इसका नाम सुनकर जैसा आपने सोचा होगा शायद यह वैसा नहीं बना । अगर आपको इसे समझने मैं थोड़ी दिक्कत हो तो यूं समझ लेना कि यह आवाज आपकी ही है।
वो मै जिसे मै बोहोत पीछे छोड़ आया हूं , और वो मै जो मै अब हूं । ये कविता इन दोनों मै के बीच में कहीं है। वैसा जैसे कि हम किसी नोट बुक लिखते चलेजा रहे हो और बाद में हमें एहसास हो कि हमने पीछे कहीं बीच में दो पन्ने खाली छोड़ दिए हैं । उम्मीद है आपको समझ में आ गई होगी।
एक छोटी सी जान जिसे मैने बचाने की पूरी कोशिश की थी , पर नही बचा पाया । कब तक हम यूँही किसी की जान लेते रहेंगे ? एपिसोड सुनने के बाद , वक़्त निकाल कर ज़रा सोचना ज़रूर।
A poem that tells the ups and downs of life, but is this the extremity? written by - Pritish Raj Music - Udan theme
छोटी सी कविता , जो बयां करेंगी प्यार के एहसास को । उम्मीद है आप सबको पसंद आएगी । Written by - Shristi Roy
एपिसोड के नाम और पोस्टर से ही पता चल रहा होगा , के क्या होगा इसमें। थोड़ा समय उधर देकर ज़रूर सुनें।
एक कविता जो काली लकीर की है , लेकर आया ह फैसल ख़ान । POEMONDAY में कविता इस बार।
अगर आपने किसी की मदत न कि तो ज़्यादा से ज़्यादा क्या होगा ? जानिए सौरभ नागपुरकर जो एक बच्चे की मदत नही कर पाया तो उसके साथ क्या हुआ ? ये घटना सच्ची है या नही इससे कोई फर्क नही पड़ता , बस कभी इंसानियत ख़त्म नही होनी चाहिये।
कानपुर का एक छोटा सा किस्सा जिसमे विजय ने अपना सपना पूरा करने के लिए क्या किया । ये घटना काल्पनिक है या नही ये मायने नही रखता , क्या तुम्हारे लिए भी तुम्हारे सपने अपनो से ज्यादा बढ़ कर हैं?
Get to know your host, Rohit Mandal and the poetic flare he will providing to various topics in the episodes to come.