Qissagoi (Kissagoi) is a Hindi story podcast hosted by (Sacred Games fame) Dastango Himanshu Bajpai. Himanshu is well known for his storytelling craft and has performed worldwide. His first book 'Qissa Qissa Lucknowaa' was published in 2019 which brought a series of amazing and never-told-before stories from the city of Lucknow. Qissagoi is a compilation of amazing pieces of literature in the form of famous anecdotes, stories and fables from folklore and history. क़िस्से, हमें हमारे समाज के, समय के, लोगों के, दुनिया के और जीवन के क़रीब लाते हैं. और इसीलिए क़िस्से सुने और सुनाए जाने चाहिए. तो लखनऊ के नवाबी नहीं, अवामी क़िस्से सुनिए दास्तानगो और लेखक हिमांशु बाजपेई से, जो कहानी कहने के अपने सलीक़े के लिए मशहूर हैं. दास्तानगो हिमांशु बाजपेई के साथ सुनिए क़िस्सागोई, आज तक रेडियो पर.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा भारत के क्रांतिकारियों का. जिन मशहूर क्रांतिकारियों को हम कहानियों में पढ़ते सुनते आए हैं उनका मानवीय पक्ष भी था. आपस में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और आज़ाद भी हंसी मज़ाक किया करते थे. और मज़ाक-मज़ाक में आज़ाद ने एक बार ऐसी भविष्यवाणी की जो सच हो गई.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का. जब ऑल इंडिया रेडियो के कई जगह दफ़्तर बने तब ज्यादातर उर्दू के एंकर हुआ करते थे जिन्हें हिंदी की बिल्कुल समझ नहीं थी. ऐसे में हिंदी के लोगों ने ख़ासकर साहित्यकारों ने रेडियो में जाने से परहेज़ रखा था. लेकिन जब एक बार निराला गए तो क्या हुआ ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा मशहूर हास्य कवि बेढब बनारसी का. क़िस्से अपने आपमें जो कहना चाहते हैं वो हम शायद ही कभी सुन पाते हैं. इस क़िस्से में ऐसा बहुत कुछ है जिसे सुना और सुनाया जाना चाहिए. सुनना और गुनना भी बहुत ज़रूरी है. सीखने के लिए शायद सुनना इसीलिए बहुत ज़रूरी है. सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा महात्मा गांधी का. जब देश स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा था तब गांधी इस आन्दोलन की आर्थिक ज़रूरतें कैसे पूरी कर रहे थे? इसके लिए समाज पूरी तरह से गांधी के साथ खड़ा था. गांधी की एक पुकार पर लोग धन देने को तैयार रहते थे. लेकिन एक बार गांधी ने एक पैसे से भी ख़ूब धन बना लिया. कैसे ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा मशहूर विद्वान ग्रिफ़िथ साहब का. विदेशी होने के बाद भी भारत की सांस्कृतिक धरोहर के लिए उन्होंने जितना किया वो शायद ही कोई कर सका हो. ग्रिफ़िथ साहब ही थे जिनकी वजह से वेदों का शुरुआती तर्जुमा अंग्रेज़ी में हो सका. ग्रिफिथ साहब को मानस पूरी तरह कंठस्थ थी. उनके मानस प्रेम का एक मज़ेदार किस्सा सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मोहम्मद रफ़ी का. फ़िल्म इंडस्ट्री में जब उनके बारे में कहीं कोई बुराई नहीं सुनने में आती थी तब उनके बारे में एक प्यारी सी शिकायत आई. क्या थी वो शिकायत ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए फ़िराक गोरखपुरी साहब का. मशहूर शायर के ये दो क़िस्से बताते हैं कि क्यों उन्हें हर दिल पसंद माना जाता था. क्योंकि शायर होने के साथ ही फ़िराक साहब सोसायटी की नब्ज़ भी बखूबी समझते थे. इन किस्सों में ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए जिगर मुरादाबादी साहब का. जिगर साहब को एक दफ़े एक शख्स मिला. हम सब किसी परिचित के मिलने पर क्या करते हैं? ज़ाहिर है वैसा ही कुछ जिगर साहब ने भी किया. दुआ सलाम किया. उन्हें लगा कि वो उसे जानते हैं लेकिन ऐसा था नहीं. आगे क्या हुआ ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए सिद्दीकी साहब का. उर्दू के महान आलोचक और आलोचना में उनका कोई सानी ना हुआ. लेकिन सिद्दीकी साहब का कहना था कि आलोचना सलाह के तौर पर दी जानी चाहिए. ना कि अपने ज्ञान के दिखावे के लिए. और इसी के साथ किस्सा उस बच्चे का जिसके रिश्तेदार उसे लगातार ताना देते रहते थे. लेकिन फिर बच्चे ने क्या किया? ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए भारतीय क्रिकेटर सुधीर नायक का. ताबड़तोड़ क्रिकेट की शुरुआत करने वाले इस खिलाड़ी ने दूर देस में खरीदारी की, लेकिन दो जोड़ी मोज़े इस शख्स के भविष्य पर कालिख पोत गए. लाख समझाने के बाद भी लोग इस क्रिकेटर की बात नहीं समझे और तमाम आरोपों के बीच इस खिलाड़ी के जिस्म से खेल रिस गया. कैसे? खुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मशहूर शायर बशीर बद्र साहब का. उनकी जिंदादिली के क़िस्से बहुत मशहूर हैं. आज हम आपके लिए उनके तीन क़िस्से लेकर आए हैं जिससे बशीर बद्र साहब को समझने में बहुत आसानी होगी. उनका मिजाज़ और मयार कितना साफ़ और सुकून देने वाला था ये इन किस्सों में सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए लखनऊ के एक भांड का. नाम था उनका क़ायम भांड. अव्वल दर्जे के कलाकार क़ायम भांड के नाम का लखनऊ में डंका बजता था, लेकिन ऐसी क्या वजह हुई कि इन्हीं क़ायम भांड के आखिरी दिन भूखों गुज़रे. ऐसे कद्दावर कलाकार को भूख से मरने की नौबत क्यों आ गई ये खुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मशहूर क्रांतिकारी बटुकेश्वर दत्त का. आजादी के लिए इन्होंने भगत सिंह के साथ मिलकर बम फेंका. आजीवन काला पानी की सज़ा काटी. लेकिन जब आज़ादी मिल गई तब इन्हीं बटुकेश्वर दत्त को दर-दर की ठोंकरें खानी पडीं. ख़र्च चलाने के लिए सिगरेट तम्बाकू बेचनी पड़ी. उनकी बर्बादी का क़िस्सा ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए लखनऊ के एक भांड का. एक वकील साहब जो भांड की कला के बड़े शौकीन थे उन्हें जब पता चला कि भांड के पास आजकल कोई काम नहीं तो उन्होने कैसे उसकी मदद की. लेकिन भांड की खुद्दारी भी अपनी जगह सही थी. फिर क्या हुआ खुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए महाकवि निराला का. उनका असल नाम 'सूर्यकान्त त्रिपाठी' शायद ही लोगों के बीच मशहूर हुआ हो, लेकिन साहित्य के साधक उन्हें महाकवि निराला कहते हैं. एक व्यक्ति से महाकवि तक का सफ़र निराला ने अपनी उन खूबियों की वजह से किया जिनका ज़िक्र आप आज सुनेंगे इस किस्से में
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे, ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में क़िस्सा सुनिए सुभद्रा जोशी और बेग़म अनीस किदवई का. इन दोनों ने भारत के गदर में क्रांतिकारियों की ख़ूब सेवा की. घायल होने पर उन्हें किसी मदद की कमी नहीं होने दी. जो मारे गए उनकी लाशों का अंतिम संस्कार उनके धर्म के अनुसार किया.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए शहीदे आज़म भगत सिंह का. काकोरी केस में बंद क्रांतिकारियों को छुड़ाने के लिए भगत सिंह ने हर कोशिश की. लेकिन उनको क़ामयाबी नहीं मिल पाई. रास्तों तक की रेकी कर ली थी. सब देख भाल करने के बाद अचानक अंग्रेज़ों ने सुरक्षा बढ़ा दी. पूरा किस्सा ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए शमीम अहमद शमीम का. लेखक शमीम अहमद जब महंगाई पर लोकसभा में बोलने के लिए खड़े हुए तो लोगों ने कहा कि कोई किस्सा सुनाइए. शमीम साहब ने ऐसा किस्सा सुनाया कि प्रधानमंत्री के ख़ास लोग भी हंस पड़े. ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मशहूर लेखक कैफ़ी आज़मी और बेगम अख्तर का. ज़्यादातर नज़्म कहने वाले कैफ़ी ने आखिर क्यों ग़ज़ल कहना शुरु किया? और जब कैफ़ी ने इसके पीछे की वजह बताई तो मल्लिका-ए-तरन्नुम भी मुस्कुरा उठीं. क्या हुआ था ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए पहलवान का. इनके फ़र्जी भौकाल की वजह से बस यात्रियों पर क्या गुज़री. कैसे पहले तो इन्होंने अपने दम ख़म और पहलवानी का जज़्बा दिखाया, लेकिन डाकुओं के आते ही जो हाल हुआ कि किस्सा ही बन गया.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए गदर का. साल था 1857 और हो रहा था गदर. चारों तरफ क्रांतिकारियों और अंग्रेजों में रपट झपट चल रही थी. बस लखनऊ में क्रांति दल की फ़ौज ने अंग्रेज़ी फ़ौज को धूल चटा दी. कैसे? ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए थिरकवा साहब का. अपने ज़माने के अव्वल तबलानवाज़. तबले का इनसे बढ़कर कोई दूसरा कलाकार नहीं था इनके ज़माने में, इनके सिवा. नेहरू चाहते थे कि थिरकवा साहब संसद में जाएं. लेकिन क्या कहकर मना किया नेहरू को थिरकवा साहब ने, ख़ुद सुनिए.
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स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मशहूर कैरेक्टर मुल्ला नसरुद्दीन का. कैसे मुल्ला को एक शाम ख़याल आया कि गधे को भी कुदरती नज़ारे दिखाने चाहिए. लेकिन गधे ने मुल्ला को तीन सबक़ सिखाए. क्या थे वो सबक़ सुनिए -
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मशहूर संगीतकार उस्ताद हाफ़िज़ अली खां साहब का. जब इनसे राष्ट्रपति ने पूछा कि आपके लिए क्या कर सकता हूं? तब उस्ताद ने अपने लिए गाड़ी घर नहीं बल्कि ये अजीब चीज़ मांगी थी. सुनिए -
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मशहूर गायिका जद्दनबाई और तबला वादक थिरकवा साहब का. कैसे एक सनकी नवाब की महफ़िल से बिना ज़लील हुए वो लौट आए. और इसके पीछे दिमाग़ था थिरकवा साहब का. अक्ल का ठीक समय पर काम कर जाना किसे कहते हैं, ख़ुद सुन लीजिए.
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स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मशहूर लेखक साहिर लुधियानवी का. जब साहिर लुधियानवी और मजाज़ गए बम्बई लिखने फ़िल्मों के गाने. क्या हुआ वहां और क्यों लौट गए मजाज़ वापस लखनऊ? ये सुनिए आज इस मज़ेदार क़िस्से में.
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स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आज क़िस्सा सुनिए जो सुनाते थे मशहूर संगीतकार नौशाद. एक उस्ताद थे. जब उनकी खिद्मत में एक लड़का आया. उसे उस्ताद शागिर्दी में लेने पर राज़ी हो गए. पर एक शर्त के साथ, के शागिर्द उनसे गाना सीखेगा तो लेकिन जिन्दगी भर किसी सभा, समारोह या महफ़िल में नहीं गाएगा. पर एक बार कई लोगों के कहने पर वह गाया, लेकिन उस्ताद ने उसे पहले परमीशन दी और बाद में झिड़क दिया. ऐसा क्यों, सुनिए.
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स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मशहूर सम्पादक रामानंद चटर्जी का. गंगा में डूबते हुए जिसने जान बचाई, उसका इतना भी काम आख़िर क्यों नहीं कर सके चटर्जी साहब? ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए शायर सागर खय्यामी का. जब किसी ने उनसे पूछा था कि, 'आपको मुशायरे तो मिलते नहीं फिर आप रोज़ रियाज़ क्यों करते हैं?' इसके जवाब में सागर खय्यामी ने जो क़िस्सा सुनाया, उससे हो सकता है आपको भी इस दौर में मदद मिले.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए शुतुरमुर्ग का. कैसे जंगल में आग की तरह फ़ैली ये ख़बर कि भारी भरकम शुतुरमुर्ग उड़ान भरने वाला है. और इसके बाद जंगल की पूरी राजनीति समझ आ गई जंगल वालों को. शुतुरमुर्ग के दिमाग़ का लोहा आप भी मान जाएंगे.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मलीहाबाद के जोश मलीहाबादी का. जब उनकी भिड़ंत हो गई एक पाकिस्तानी शायर से. कैसे आम की तमाम किस्मों से उस शायर को चुप कराया जोश साहब ने ये इस किस्से में सुनिए.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मलीहाबाद के अब्दुल क़दीर खान का. कहते हैं कि तमाम उस्तादों के बीच ये 'आम खाने के उस्ताद' कहलाए जाते थे. और आम खाने का इनका पैमाना अजीब था. क्या था? ख़ुद सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए फ़कीर मोहम्मद गोया का. जिन्हें नवाब ने जब लखनऊ से निकल जाने का हुक्म दिया तो गोया साहब सीधे मलीहाबाद पहुंचे. और पहुंचकर नवाब के लिए एक तोहफ़ा भिजवाया. बदले में नवाब ने जो किया वो क़िस्सा आज भी पूरे लखनऊ में मशहूर है. सुनिए.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए एक ऐसे शख्स का जिसे भगवान बार-बार हिन्दोस्तान भेज दे रहे थे. जब नाराज़ होकर उसने ईश्वर से पूछा कि मुझे अमरीका लंदन की जगह हर बार हिन्दोस्तान क्यों भेज देते हैं प्रभु? तब ईश्वर ने बताया ये 'ख़ास' रहस्य.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज किस्सा सुनिए एक ऐसी राज़कुमारी का, जिसने क़सम खाई कि वो अपने बाप के क़ातिल से बदला लिए बग़ैर चैन से नहीं बैठेगी. तैयारी की उसने, पर आगे क्या हुआ सुनिए.क़िस्सागोई की स्टोरी द लल्लनटॉप पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज किस्सा सुनिए एक ऐसे कथावाचक की, जो अपने गुरु से ज्ञान को अर्जित कर लेता है. लेकिन उसका ज्ञान एक लालाच के कारण व्यर्थ हो जाता है. पर समय रहते उसके गुरु उसे सही मार्ग पर ले आते हैं.क़िस्सागोई की स्टोरी द लल्लनटॉप पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज किस्सा सुनिए एक ऐसे बूढ़े व्यक्ति की, जो विदेश जाने के पहले एक 16 साल के लड़के को अपनी सारी संपत्ती सौंप जाता है, सिर्फ निगरानी के लिए. पर अमानत में ख़यानत करने की वज़ह से उसे बड़ी सज़ा मिलती है.क़िस्सागोई की स्टोरी द लल्लनटॉप पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज किस्सागोई सुनिए दो राजाओं के अहंकार के टकराव की कहानी. एक थे वाराणसी के राजा ब्रह्मदत्त और दूसरे थे कोसल के राजा मल्लिक. एक बार दोनों अपने राज्य से बहुत दूर किसी स्थल पर थे. रास्ता बेहद तंग था. इसी को लेकर दोनों के सारथी में मतभेद हुआ कि पहले कौन जाएगा? काफी देर दोनों के सारथी में मतभेद भी हुआ. क्या बातचीत हुई, कौन पहले गया? जानने के लिए सुनिए ये क़िस्सा.क़िस्सागोई की स्टोरी द लल्लनटॉप पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज किस्सा है, उस किस्सागो का, जो कहानी सुनाने में तो माहिर था. पर लालची भी उतना ही था. एक नवाब को कहानी सुनाने के लिए उसे बुलाया गया. कहानी सुनाई और इसके बदले उसने दिया हुआ तोहफा लौटा दिया. पर क्यों, पूरी कहानी सुनिए.क़िस्सागोई की स्टोरी द लल्लनटॉप पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज किस्सा सुनिए उस किस्सागो का जिसे कला से नहीं बल्कि उसके पहनावे और रंग ढंग से मापा गया. लेकिन फिर जंगल और महल दोनों जगह ऐसी घटनाएं घटीं कि अपमान करने वाले राजा को सबक़ मिल गया. क़िस्सागोई की स्टोरी द लल्लनटॉप पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.