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कविता, कहानी, लघुकथा: "अंदाज़-ए-बयां "

Madan Lal


    • Apr 12, 2022 LATEST EPISODE
    • every other week NEW EPISODES
    • 17m AVG DURATION
    • 57 EPISODES



    Latest episodes from Sahitya sangam Madhu

    कहानीकार रामकुमार आत्रेय :

    Play Episode Listen Later Apr 12, 2022 30:06


    कहानी : "डौल" --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    सुप्रसिद्ध लघुकथा : कसौटी

    Play Episode Listen Later Apr 7, 2022 4:12


    सुकेश साहनी विरचित लघुकथा : कसौटी --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    महान कथाकार यशपाल की लोकप्रिय कहानी: "करवा का व्रत"

    Play Episode Listen Later Apr 2, 2022 27:31


    "करवा का व्रत" --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    भीष्म साहनी विरचित कहानी "चीफ़ की दावत"

    Play Episode Listen Later Mar 30, 2022 28:11


    .....देसी अफसर और उनकी स्त्रियों ने इस सुझाव पर तालियाँ पीटीं। माँ कभी दीन दृष्टि से बेटे को देखती, कभी पास खड़ी बहू के चेहरे को। इतने में बेटे ने गंभीर आदेश भरे लहजे में कहा- माँ...... --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी : "प्रेम का उदय" (मुंशी प्रेमचंद)

    Play Episode Listen Later Mar 28, 2022 35:57


    कथाकार प्रेमचंद के स्पर्श से हिंदी संसार का न तो कोई साहित्यकर्मी अछूता रहा होगा और न कोई पाठक। वे एक बेहद प्रबुद्ध विचारक की भूमिका में भी हम पर समान रूप से असर डालते नजर आते हैं। उनके तमाम लेख, भाषण, टिप्पणियाँ, समीक्षाएं, पत्र इत्यादि मानवीय मूल्यों के सजग दस्तावेज हैं। 'प्रेम का उदय' एक ऐसा ही मानवीय मूल्यों का सजग दस्तावेज है...... --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    रामकुमार आत्रेय रचित कहानी : "मौत एक दोस्त की"

    Play Episode Listen Later Mar 26, 2022 25:03


    देश में पढ़-लिखकर विदेश में जा बसे एक युवक की कहानी.... --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    अंजु चौधरी 'अनु' विरचित कहानी : चैट बाॅक्स

    Play Episode Listen Later Mar 22, 2022 86:06


    ....आकर्षण कब बिस्तर तक पहुँच गया, ये मैं भी नहीं जान पाई, उस दोस्त के साथ हमबिस्तर हुई ! सहवास के नाम से कोसों दूर भागने वाली "मै" ना जाने कैसे उसके आगे समर्पण कर बैठी। मैंने उसे दिल की गहराइयों से प्यार किया था....पहले-पहल तो उसने मुझे इतना प्यार दिया जिसकी कल्पना मैंने अपने जीवन में तो नहीं की थी......लगातार पाँच घंटे के............ --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    युवा उपन्यासकार 'अजय सिंह राणा' विरचित चर्चित और लोकप्रिय कहानी "अंतहीन सफ़र"

    Play Episode Listen Later Mar 16, 2022 32:08


    अंतहीन सफ़र.............! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी : "कैसे-कैसे दर्द" (डाॅ सुषमा गुप्ता)

    Play Episode Listen Later Nov 14, 2021 33:31


    ........मैंने घबराकर आँखें खोल दी पर ऐसा करने से कभी कोई ज़हन से मिटे हैं भला ! इंसान के स्वभाव में एक बात कितनी अजीब है, हम जिस बारे में सबसे कम सोचना चाहें, अक्सर वही बात सबसे ज़्यादा दिल-दिमाग़ पर चोट करती रहती है, बार-बार, लगातार । सहसा पैर पर कुछ थिरकन हुई.......................... --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कविता : वह चिड़िया जो (केदारनाथ अग्रवाल) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Sep 7, 2021 4:25


    कवि ने भीतर की कल्पित चिड़िया के माध्यम से मनुष्य के महत्वपूर्ण गुणों की ओर संकेत किया है ....... --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    बाल-कहानी : गोलू का सपना (डाॅ राधेश्याम भारतीय) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Sep 7, 2021 9:30


    एक दिव्यांग लड़की 'शिवानी' की प्रेरक कहानी, जो स्वतंत्रता दिवस समारोह में गाँव की सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी और खेलों में चार-चार स्वर्ण-पदक प्राप्त कर चुकी थी । विद्यालय में व्हीलचेयर पर बैठकर बतौर मुख्य-अतिथि ध्वजारोहण हेतु पहुंची थी और विद्यार्थियों के लिए कौतुहल का विषय थी......! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा : 'माँ का मोल' स्वर : मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Aug 26, 2021 3:24


    ".....एक दिन भरपाई पूत तांई बोल्ली अक बेटा साच्ची बता इब तेरी नजरां म्ह मेरा के मोल सै ? छोरा बोल्या- दिखे माँ तू तो मनै सब्जी रोटी बरगी लागै है, अर बहू हलवे-पूरी बरगी लागै सै.....या सुणकै भरपाई नै खाट पकड़ ली......! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    जीवन-मूल्यों की लघुकथाएँ

    Play Episode Listen Later Aug 26, 2021 7:57


    "......तमतमाया जिलेसिंह मनदीप के कमरे में घुसा। बाहर की आवाजें वहाँ पहले ही पहुंच चुकी थी। पति को सामने देखकर मनदीप ने डबडबाई आँखें पोंछते हुए अपना मुँह अपराध-भाव से दूसरी ओर घुमा लिया ......! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: 'मुझे तुमसे मिलना है इसी वक्त' (हरभगवान चावला) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Aug 13, 2021 11:19


    "उसने उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी। दो दिन बाद उसकी 'रिक्वेस्ट कन्फर्म' कर दी गई। भारत भूषण ने इन्बाॅक्स में संदेश छोड़ा- क्या आप वही रमेश कपूर हैं, जिन्होंने 1985 में एम डी युनिवर्सिटी से अंग्रेज़ी में एम ए किया ? यदि हाँ तो मेरी तलाश सफल रही ।"........ --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी : खाली लौटते हुए (तारा पांचाल? स्वर : मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jul 26, 2021 32:47


    कहानीकार तारा पांचाल द्वारा रचित लोकप्रिय कहानी "खाली लौटते हुए" --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी : 'मोहिनी' (लेखिका-अंजली जोशी) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jul 4, 2021 19:03


    "............सलीके से पहने हुए सलवार कुर्ता, हाथ में घड़ी, माथे पर छोटी-सी बिंदी और कमर तक आती ढीली-सी चोटी....सब कुछ साधारण सा, कुछ अलग होता तो वो थे कान के झुमके। रोज़ बड़े सुन्दर सुन्दर झुमके पहना करती थी। कितना मोहित था मैं उस पर। फिर एक रोज़ वो घटना भी घटी जिसके बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं मोहित नहीं हूँ मोहिनी पर बल्कि प्रेम करने लगा हूँ उससे। उस दिन एक...........! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: 'अमर प्रेम' अंतिम भाग (सरिता शर्मा) स्वर-मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jul 1, 2021 18:02


    "....फेरे खत्म होते ही मंगलसूत्र और मांग भरते ही वह बेहोश हो गई, क्योंकि शादी संपूर्ण हो चुकी थी तो उसे सुधा और उसकी माँ अंदर ले गई। तभी एक वृद्धा जो कि नर्स का काम जानती थी, उसने उसकी नब्ज देखी और ठकुराइन से कहा कि ये पेट से है ! माँ ने सिर पकड़ लिया। उस नर्स को किसी को न बताने के एवज में खूब पैसे देकर गाँव छोड़ने को कहा..........." --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: 'अमर प्रेम' लेखिका : सरिता शर्मा (स्वर-मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jul 1, 2021 29:56


    " अरे सुनो कुमुद ! तुमने चंद्र शेखर को देखा है ? देखो न, आज वह आया ही नहीं और मुझे बहुत डर लग रहा है, कहीं वह किसी मुसीबत में तो नहीं ! मुझे बहुत आश्चर्य हुआ, माँ दो चुटिया करे बैठी थी और उन्होंने छोटी सी बिंदी लगाई हुई थी, अपने हाथों में संस्कृत महाकाव्य 'मेघदूतम' लेकर बैठी थी। मुझे देखकर बार-बार कुमुद कुमुद कह रही थी। मुझे समझ नहीं आया यह कुमुद कौन है और मेरी माँ के पास मेघदूतम कहाँ से आई ?......... --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: "मुझे बेटी चाहिए" (अज्ञात)

    Play Episode Listen Later Jun 27, 2021 26:04


    साहित्य समय अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में पुरस्कृत कहानी : 'मुझे बेटी चाहिए' (स्वर : मदन लाल 'मधु') --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: 'और उसी क्षण' (मृदुला सिन्हा)

    Play Episode Listen Later Jun 25, 2021 28:15


    मैं ऐसे चुप रहती, जैसे दाँतों के बीच जिह्वा ही न हो। उनका कहना बिल्कुल ठीक ही तो होता था। उन गठरियों में भरे सामानों में से अधिकांश का तो मैं उपयोग भी नहीं कर पाती थी। फिर क्यों उठा लाती थी ? माँ को तो मना कर सकती थी, 'माँ, तुम्हारी यह दो सेर मूंग, एक पाव सरसों, एक पाव धनिया, थोड़ी सी मिर्च, नींबू, एक-दो किया, एक कद्दू....मुझे नहीं चाहिए। आखिर मेरे अफसर पति की कमाई और खर्च के आगे ऊँट के मुँह में जीरा ही तो होगा यह सब। इतना सामान तो मेरा नौकर ही फेंक देता है।'........ --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: सिक्का बदल गया (कृष्णा सोबती) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 22, 2021 21:23


    देश विभाजन की त्रासदी की मार्मिक कथा.....! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा: 'तो क्या ! (कुमार शर्मा 'अनिल')

    Play Episode Listen Later Jun 20, 2021 7:04


    " तो क्या....! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: 'विसर्जन' (अपराजिता अनामिका) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 20, 2021 9:12


    विसर्जन .......! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा: सदा सुहागन (श्याम सुन्दर अग्रवाल)

    Play Episode Listen Later Jun 20, 2021 14:47


    'सदा सुहागन' (श्याम सुन्दर अग्रवाल) --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: 'घासवाली' (मुंशी प्रेमचंद) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 19, 2021 35:30


    ".........आज उसने कल का रास्ता छोड़ दिया और खेतों के मेड़ों से होती हुई चली। बार-बार सतर्क आँखों से इधर-उधर ताकती जाती थी। दोनों तरफ ऊख के खेत खड़े थे। ज़रा भी खड़खड़ाहट होती, उसका जी सन्न हो जाता....कहीं कोई ऊख में न छिपा बैठा हो। मगर कोई नई बात न हुई। ऊख के खेत निकल गए। आमों का बाग निकल गया; सींचे हुए खेत नज़र आने लगे। दूर कुएँ पर पूर चल रहा था। खेतों में मेड़ों पर हरी-हरी घास जमी हुई थी। मुलिया का जी ललचाया। यहाँ आध घंटे में जितनी घास छिल सकती है, सूखे मैदान में दोपहर तक न छिल सकेगी ! यहाँ देखता ही कौन है ? कोई चिल्लाएगा, तो मैं चली जाऊंगी। वह बैठकर घास छीलने लगी और एक घंटे में उसका झाबा आधे से ज्यादा भर गया। वह अपने काम में इतनी तन्मय थी कि उसे चैनसिंह के आने की खबर ही न हुई। एकाएक उसने आहट पाकर सिर उठाया, तो चैनसिंह को खड़ा देखा.........." --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा: 'बयान' (चित्रा मुद्गल)

    Play Episode Listen Later Jun 16, 2021 5:48


    चित्रा मुद्गल विरचित लघुकथा - बयान --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा: 'लौटा हुआ अतीत' (मधुदीप)

    Play Episode Listen Later Jun 16, 2021 3:36


    मधुदीप विरचित लघुकथा- लौटा हुआ अतीत --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा: 'बिना नाल का घोड़ा' (बलराम अग्रवाल)

    Play Episode Listen Later Jun 14, 2021 4:23


    बलराम अग्रवाल जी की प्रसिद्ध लघुकथा-बिना नाल का घोड़ा --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा: 'कथा नहीं' (पृथ्वीराज अरोड़ा) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 14, 2021 4:08


    पृथ्वीराज अरोड़ा विरचित लघुकथा- कथा नहीं --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा: 'दौड़' (मधुदीप) स्वर : मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 14, 2021 4:11


    मधुदीप विरचित लघुकथा- दौड़ --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: 'पत्थरों का दरवेश' भाग-3 (अपराजिता अनामिका) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 13, 2021 23:16


    ".....एक औरत से माँ बनने का हक छीनने जैसा घृणित काम......मैंने जब तफ्तीश की तो बड़ी बेशर्मी से कहा..."बच्चे पैदा करके बूढ़ी बनना है तुम्हें ? मैंने इसलिए शादी थोड़े न की है तुमसे कि बच्चे और उनके पालन के झंझट पालता फिरूं ..." "तो फिर ?" आँखें छलक उठीं इस बेशर्मी पर...मैं अपना स्थान समझ चुकी थी और अचानक ही घृणा आई मुझे खुद से...ये सोचकर कि मात्र शरीर हूँ मैं इस आदमी के लिए ....मात्र गोश्त जिसे जब जैसे नोचा...या एक चादर जिसे जब चाहे बिछाया और फेंका.....! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: 'पत्थरों का दरवेश' भाग-2 (अपराजिता अनामिका)

    Play Episode Listen Later Jun 12, 2021 34:41


    "....एक शाम आँखें बंद किए लेटा था कि तभी वही खुशबू महसूस हुई ....मैं आँखों को जोर से मीचे पड़ा रहा...जानता था कि आजकल मैं बौराया सा बस यही गंध महसूसता जी रहा हूँ, जो हकीकत नहीं बल्कि एक दिलकश फ़रेब सा है। "सर तो ठंडा है और नब्ज़ भी सामान्य " अपने सर पर एक अलग ही छुअन और कलाई पर नर्म अंगुलियों की दबिश महसूसता मैंने उस गंध को अपने बिल्कुल करीब पा कर आँखें खोल दी........" --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: 'पत्थरों का दरवेश' भाग-1 (अपराजिता अनामिका) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 11, 2021 33:56


    "....जंगल के बीच पहाड़ी नदी के किनारे लगभग दो एकड़ में फैले सघन पेड़ों पर बंधे मचान के ऊपर बने कमरे इन अय्याशियों का असल अड्डा थे । लगभग दस सालों में मैंने कपडों की तरह अपना ईमान बदलती औरतों को देखकर एक नफरत-सी पाल ली थी इस नस्ल के लिए। मुझे लगता कि कभी किसी भी औरत के लिए मेरे मन में कोई भाव प्रस्फूटित न होगा.....लड़कियाँ इसलिए नहीं कहा क्योंकि लड़कियाँ तो मुझे देखते ही दूर भागती....चाँदी के ऊपर फैला पिघले तांबे सा रंग और शुष्क रुखाई के साथ आँखों में धधकता-सा कुछ मुझे डरावना और आम इनसानी भीड़ से अलग करता...इतना अलग मानों मैं आदमखोर होऊं। " --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: ' काश! तुम मेरे होते' (सूरज सिंह 'सारथी') स्वर: मदन लाल 'मधु' !

    Play Episode Listen Later Jun 9, 2021 25:12


    '' मैं घर...अपने पति का घर छोड़ आई।" "जी..जी..आपका निर्णय " मैं अटकते हुए बोला। मेरी बाईं हथेलीअपनी दोनों हथेलियों के बीच रखकर सिसकते हुए फिर बोली, "मैंने ठीक किया न, रोहित" उसकी गर्म हथेली का स्पर्श अनुभव कर ही रहा था, तभी आंसू की गर्म बूंद मेरी बायीं कलाई पर गिरी और तभी मानो मेरी बहती हुई प्रेम लहरी उसके प्रति रुक सी गई .... --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: 'बुरी आदत' (देवेन्द्र कुमार मिश्रा) स्वर : मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 8, 2021 18:28


    "मेरी माँ को कभी अलग से लाड़ दिखाने की जरूरत नहीं पड़ी और न मुझे कभी माँ की ममता का यशोगान करने की। मेरे और माँ के मध्य यह क्रिया हमारे प्रेम को सार्थक कर देती। ऐसी बहुत सी बातें हैं, आदतें हैं, लेकिन उम्र बढने के साथ ही बहुत सी चीजें, बातें, क्रिया-कलाप छूट जाते हैं, उन्हें हम भूल जाते हैं लेकिन ये माँ के पल्लू वाली बात अब आदत में आ चुकी थी........" --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: 'पत्थर शहर' (डाॅ गायेल कृष्ण शर्मा 'मृदुल') स्वर : मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 8, 2021 18:20


    "मरीज का उपचार प्रारंभ हो गया। मरीज के गले में पड़ी सोने की जंजीर, कलाई में बँधी कीमती घड़ी और उँगली में पहनी हीरे की अँगूठी उतार कर नर्स ने जगेसर की ओर बढ़ाई तो उसने इन्हें लेने से इनकार करते हुए डाॅक्टर से कहा-"हुजूर ! मैं गरीब आदमी हूँ। सब्जी बेचने का धंधा करता हूँ। मेरे पास इस वक्त सौ-पचास रुपये से अधिक न होंगे। इस सामान को गिरवी रखकर आप घायल का इलाज कर दीजिए ।" --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    'डायन' भाग-3 (महेंद्र नैन सिंह) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 7, 2021 19:51


    "तू औरत नहीं है क्या ?" आवाज़ पर उसके हाथ रुके, उसने चौंक कर इधर-उधर देखा। "औरत मनहूस नहीं होती ...न ही वह डायन होती ...वह तो सृष्टि करती है ...सृजन करती है...प्रेम, ममता, मातृत्व, क्षमा, दया, संहार, सृजन, बलिदान, करुणा की प्रतीक नौ दुर्गाओं का रूप है उसके भीतर...कहता है ज़माना कि अबला होती है औरत, जिंदगी भर मर्द का सहारा चाहिए उसे, मगर असल में शक्ति है।" अगर औरत ही टूटेगी-बिखरेगी तो दुनिया नहीं चलने की, उसका तो हर पल, हर कदम इम्तिहानों से भरा होता है... --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    'डायन भाग-2 (महेंद्र नैन सिंह) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 7, 2021 23:50


    "तू देख रही है न सासू माँ अपने बेटे को...खूब बड़ा हो गया है ...पूरे पाँच हाथ का...तगड़ा ताकतवर ...लंबी बांहें ...चौड़ा सीना...एकदम बैल की सी चाल...पर तेरा बेटा मुझसे बात नहीं करता सासू माँ ...नहीं ...तू जो समझ रही है वो बात नहीं है...पर उसका घर में आते ही चुप-चुप रहना...शर्मीला सा रहना...नज़र उठाकर भी नहीं देखना...अच्छा नहीं लगता मुझे" --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: 'डायन' भाग-1 (महेंद्र नैन सिंह) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 7, 2021 67:01


    "तू क्या समझती है ...नहीं बताएगी तो पता नहीं लगेगा क्या?" कहते हुए मुस्कराई भरतो...,मैंने भी एक बेटी और दो बेटे जने हैं ...सब कुछ छिपाले औरत...पर यही न छिपता। भुलाना आसान तो नहीं जीजी...पर फिर भी जो हो गया भूल उसे...अब इसकी सोच...खुश रह...यही काम ढंग से निपटा दे...इसी काम के लिए तो बनाया है भगवान ने औरत जात को" --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    अरबी लघुकथा : 'मेंढक' (खलील ज़िब्रान) स्वर-मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 6, 2021 4:43


    अरबी लघुकथा: मेंढक (खलील ज़िब्रान) --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    रूसी लघुकथा: 'एकदम दादाजी जैसा' (एंटेन चेखव) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 6, 2021 12:41


    आनुवंशिक गुणों से बचना बड़ा मुश्किल है ! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा : 'कसौटी' (सुकेश साहनी) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 6, 2021 4:12


    सुप्रसिद्ध लघुकथा-कसौटी (सुकेश साहनी) --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा: 'यात्रा में लड़कियाँ' (बलराम अग्रवाल) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 5, 2021 5:12


    यात्रा में लड़कियाँ (बलराम अग्रवाल) --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा: 'फ़ुहार' (कमल चोपड़ा) स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 5, 2021 4:48


    बाल-हृदय निर्लेप, निर्द्वन्द्व और निश्छल होता है। वे किसी धर्म, जाति, वर्ग, रीति-नीति या उपासना पद्धति में भेदभाव नहीं करते ! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: "ब्याह उसकी गुड़िया का" (कमलेश कुमारी 'पद्मांजलि') स्वर: मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 4, 2021 19:08


    शारीरिक एवम् मानसिक परिपक्वता से पूर्व परिणय-बंधन में बांधकर माता-पिता अपने कर्तव्य की इतिश्री मानकर अपनी बच्चियों के साथ शायद न्याय नहीं कर पाते हैं! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी: इंतज़ार (अब्दुल रशीद पठान) स्वर : मदन लाल

    Play Episode Listen Later Jun 4, 2021 10:25


    कामयाबी के 'शिखर' पर तक पहुंच कर हमारी गर्दन इतनी भी ऊँची न हो, कि माँ का हाथ बेटे के सिर तक न पहुंच पाए ! ऐसा ही कुछ कहती है कहानी- इंतज़ार। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कहानी : 'पिलूरे' (रामकुमार आत्रेय) स्वर : मदन लाल 'मधु'

    Play Episode Listen Later Jun 3, 2021 19:05


    आर्थिक बदहाली के कारण 'देह-व्यापार' के धंधे को विवश लड़कियों की मार्मिक कथा, हम सबको सोचने को विवश करती हैं! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा: परित्यक्ता (अनघा जोगलेकर)

    Play Episode Listen Later Jun 3, 2021 3:08


    जीवन-मूल्यों की लघुकथाएं ...जीने का तरीका सिखाती हैं! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    लघुकथा: 'माँ का फ़र्ज' (अपराजिता अनामिका)

    Play Episode Listen Later Jun 2, 2021 6:45


    जीवन-मूल्यों की लघुकथाएं, मनोबल बढ़ाने का काम करती हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    गुरूदक्षिणा : (भारती पंडित)

    Play Episode Listen Later Jun 1, 2021 6:33


    कुछ मसले ऐसे होते हैं, जो समझौते के लायक नहीं होते ! उनकी गरिमा रहनी ही चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

    कविता: नींद में एक घरेलू स्त्री (रामकुमार आत्रेय)

    Play Episode Listen Later May 31, 2021 3:17


    वह घरेलू स्त्री नींद में है उसके दायीं ओर सोया हुआ है गहरी नींद किसी जंगली पशु की गुर्राहट जैसे खर्राटे भरता हुआ उसका पति जिसे वह स्त्री प्यार करती है पूरी नफरत के साथ उसके बाईं ओर सोया हुआ है उसका छोटा बच्चा जो थोड़ी देर पहले चीखने लगा था हाथ पाँवों को पटकता हुआ भूख के कारण स्त्री नींद में रहते हुए ही करवट बदलकर ठूंस दिया था उसके मुंह में अपना एक सूखा स्तन बच्चा जिसे अब तक चूसे जा रहा है ढेर सारा मीठा दूध पाने की आस में नींद में रहते हुए भी वह स्त्री बच्चे के पेशाब से गीले हुए गीले हुए बिस्तर पर खिसका लेती है अपनी देह चिपचिपी हो जाने के लिए और बच्चे को खिसका देती है सूखी साफ़ जगह पर थोड़ी देर पहले ही नींद में खूब रोई थी वह स्त्री आँखों से बहे आँसुओं की लकीरें अब भी मौजूद हैं उसके गालों पर पति ने सोने से पहले उसकी देह पर सवारी करते हुए झिड़का था उसे कि उसकी देह से बू आ रही है लहसुन-प्याज़ और हरे धनिये की, बच्चे की टट्टी और पेशाब की उससे तो ज़्यादा चुस्त-दुरुस्त और बन-ठन कर रहती हैं झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली स्त्रियाँ ऐसा कहते हुए पति के मुँह से निकल रहे थे शराब की बदबू से भरे भभके नींद में ही चिंता परेशान किए जा रही है उसे सुबह जल्दी उठकर पति के लिए नाश्ता तैयार करने की कपड़े धोने और बाजार से सामान खरीदकर लाने की बच्चे के लिए डाॅक्टर से दवा लाने की और लो नींद में ही ठोकर खाकर गिर पड़ी है स्त्री हाथ में थमी दवा की बोतल छिटक कर जा पड़ी है दूर फूट गई है छनाक से एक चीख़ के साथ खुल गई हैं उसकी आँखें सुनकर दहाड़ा है उसका पति कि रात में भी उसे चैन से नहीं सोने देती है वह हरामजादी नींद में होते हुए भी दो पल की चैन भरी नींद के लिए तरस कर रह गई है स्त्री ! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/madan-lal326/message

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