श्री हेमांडपंत द्वारा रचित श्री साई सच्चरित् के लेखन का श्रवण हेतु पाठ।
(१)काकासाहेब दिक्षित (२) श्री टेंबे स्वामी तथा ( ३) बालाराम धुरंधर की कथाएं ।
इस अध्याय में :_। (१) हरि कानोबा (२) सोमदेव स्वामी तथा (३) नाना साहेब चांदोरकर की कथाएं ।
सतगुरु के लक्षण (१)श्री शेवड़े (२) श्री सपाटनेकर (३) श्रीमती सपटनेकर तथा (४) संतति दान ।।
पुनर्जन्म : वीरभद्रप्पा और चेनबस्सप्पा (सर्प व मेंढक) की वार्ता ।।
बाबा की गया यात्रा, बकरों के पूर्व जन्म की कथा।।
संदेह निवारण। काकासाहेब दीक्षित का सन्देह और आनंदराव का स्वपन, बाबा के शयन के लिए लकड़ी का तख्ता।
महा समाधि की ओर, पूर्व तैयारी- समाधि मंदिर, ईट का खंडन, 72 घंटे की समाधि, बापू साहेब जोग का सन्यास, बाबा के अमृततुल्य वचन ।।
महासमाधि की ओर(१) भविष्य की आगाही, रामचंद्र दादा पाटिल और तात्या कोते पाटील की मृत्यु टालना, लक्ष्मी बाई शिंदे को दान, अंतिम क्षण । बाबा ने किस प्रकार समाधि ली।।
चित्र की कथा चीदीयों की चोरी, और ज्ञानेश्वरी के पठन की कथा ।।
श्री साईं बाबा की कथाएं (१) श्री देव की माता के उद्यापन समारोह में सम्मिलित होना और (२) हेमांडपंत के सहभोज में चित्र के रूप में प्रगट होना ।।
बाबा का संस्कृत ज्ञान, गीता के 1 श्लोक की बाबा द्वारा टीका और समाधि मंदिर का निर्माण । ।
बाबा की हांडी, नाना साहेब द्वारा मूर्ति की उपेक्षा, नवेद वितरण और छाछ का प्रसाद।
आश्चर्यजनक कथाएं (१) गोवा के दो सज्जन (२) श्रीमती औरंगाबादकर ।
काका महाजनी के मित्र और सेठ, बिना बीज के अंगूर, बांद्रा के एक गृहस्थ की अनिद्रा, बालाजी पाटील निवासकर और बाबा का सर्प के रूप में प्रकट होना ।।
मोदी की महिमा,( भाग 2) डॉक्टर का भतीजा, डॉक्टर पिल्ले, श्यामा की भाभी, ईरानी कन्या, हरदा के महानुभाव और मुंबई की महिला की प्रसव पीड़ा ।।
उदी की महिमा (भाग 1), बिच्छू का डंक, प्लेग की गांठ, जामनेर का चमत्कार, नारायण राव, बाला बूबा सुतार, अप्पासाहेब कुलकर्णी और हरीभाऊ कर्णिक।
इस अध्याय में गुरु और ईश्वर की खोज उपवास अमान्य तथा बाबा के सरकार आदि की चर्चा की गई।।
इस अध्याय विशेष में हैं मुक्तिदान पर कथाएं सन्यासी विजयानंद की कथा एक, दूसरे बालाराम मानकर की कथा तीसरी नुलकर महोदय की कथा चौथी मेघा की कथा और पांचवी बाग की मुक्ति।।
शिर्डी को खींचे गए भक्त:- (१) वणी के काका वैद्य, (२) खुशाल चंद और (३) मुंबई के रामलाल पंजाबी।।
इस अध्याय में सुनेंगे १).मद्रासी भजनी मेला २). तेंदुलकर पिता व पुत्र. ३). डॉक्टर कैप्टन आटे और ४). वामन नरवेकर आदि की कथाएं।।
चिड़ियों का शिर्डी को खींचा आना जिसमें १.लक्ष्मीचंद, २. बुरहानपुर की महिला तथा ३.मेघा का निर्वाण, सुनेंगे।।
भागवत और विष्णु सहस्त्रनाम प्रदान कर अनुग्रहित करना, गीता रहस्य और दादासाहेब खापर्डे।
इस अध्याय में - भक्त पंत, हरिश्चंद्र पितले और गोपाल अंबेडकर की कथाएं।
इस अध्याय में दामू अन्ना - अहमदनगर के रुई और अनाज के सौदे और आम्र लीला तथा प्रार्थना ।
श्री बाबा का हास्य विनोद, चने की लीला, सुदामा की कथा, अन्ना चिंचड़ीकर और मौसीबाई की कथा, और बाबा की भक्त परायणता ।
इस अध्याय में वर्णन है -योग और प्याज, श्यामा की सर्पदंश से मुक्ति, हैजा निवारण नियमों का उल्लंघन और गुरु भक्ति की कठिन परीक्षा ।।
इस अध्याय में जानेंगे "सर्प विष से रक्षा" श्री बालासाहेब मिरकर, श्री बापूसाहेब ऊटी, श्री अमीर शक्कर, श्री हेमाडपंत और बाबा के विचार।।
इस अध्याय में वर्णन है श्री वी एस ठाकुर श्री अनंतराव पाटणकर और पंढरपुर के वकील की कथाएं।।
इस अध्याय में सुनेंगे विलक्षण समाधान।। श्री काकासाहेब की नौकरानी द्वारा श्री दासगणु की समस्या का विलक्षण समाधान। अद्वतीय शिक्षा पद्धति और इस उपनिषद की शिक्षा।।
श्री हेमंदपंत पर बाबा की कृपा कैसे हुई, श्री साठे और श्रीमती देशमुख की कथा, आनंद प्राप्ति के लिए उत्तम विचारों को प्रोत्साहन, उपदेश में नवीनता, निंदा संबंधी उपदेश और परिश्रम के लिए मजदूरी।।
शीघ्र ब्रह्मा ज्ञान की प्राप्ति, ब्रह्म ज्ञान की योग्यताएं, बाबा का उपदेश, बाबा का वैशिष्ट्य।।
ओम साईं नमो नमः, श्री साईं नमो नमः, जय-जय साई नमो नमः, सद्गुरु साई नमो नमः।
इस अध्याय में जानेंगे नारदीय कीर्तन पद्धति, श्री चोलकर की शक्कर रहित चाय और दो छिपकलियों की कथा।।
नांदेड के रतन जी वाडिया, संत मौला साहेब, दक्षिणा मीमांसा, गणपतराव बोड्स, श्रीमती तारखंड और दक्षिणा का मर्म।।
इस अध्याय में अन्य कई लीलाएं रोग- निवारण की। भीमा जी पाटिल, बाला गणपत दर्जी, बापूसाहेब बूटी, आलंदी स्वामी, काका महाजनी और हरदा के दत्तोपंत के रोग निवारण की लीलाएं।
काका महाजनी, धूमल वकील, श्रीमती निमोडकर, मुले शास्त्री, एक डॉक्टर के द्वारा बाबा की लीलाओं का अनुभव ।।
इस अध्याय में सुनेंगे सद्गुण ब्रह्मा श्री साईं बाबा, डॉ पंडित द्वारा पूजन, हाजी सिद्धकी फालके और तत्वों पर बाबा का नियंत्रण।।
श्री साईं बाबा का रहन सहन, शयन -पटिया, शिर्डी में निवास, उनके उपदेश, उनकी विनयशीलता और नानावली सुगम पथ ।।
विदा होते समय बाबा की आज्ञा का पालन और अवज्ञा करने का परिणाम, कुछ उदाहरण, भिक्षावृत्ति और उसकी आवश्यकता, भक्तों के अनुभव।।
मानव जन्म का महत्व, श्री साईं बाबा की भिक्षावृत्ति, बायजाबाई की सेवा, श्री साईं बाबा का शयनकक्ष और खुशहालचंद् पर प्रेम।
श्री साईं बाबा की प्रकृति, उनकी योगिक क्रियाएं, उनकी सर्व व्यापकता, कुष्ठ रोगी की सेवा, खापर्ड के पुत्र को प्लेग, पंढरपुर गमन और अद्भुत अवतार ।।
इस अध्याय में रामनवमी उत्सव व मस्जिद का जो जीर्णोद्धार, गुरु के कर स्पर्श की महिमा, चंदन समारोह, उर्स और रामनवमी का समन्वय और मस्जिद का जीर्णोद्धार।
चांद पाटिल की बारात के साथ श्री साईं बाबा का आगमन, अभिनंदन तथा श्री साईं बाबा शब्द से संबोधन, अन्य संतों से भेट, वेशभूषा व नित्य कार्यक्रम पादुकाओं की कथा, मोहिद्दीन के साथ कुश्ती, मोहिद्दीन का जीवन परिवर्तन, जल का तेल में रूपांतर और मिथ्या गुरु जौहर अली।
श्री साईं बाबा का शिरडी में प्रथम आगमन, संतों का अवतार कार्य, पवित्र तीर्थ शिर्डी, श्री साईं बाबा का व्यक्तित्व, गऊली महाराज का अनुभव, श्री विट्ठल का प्रकट होना, छीर सागर की कथा, दासगणु का प्रयाग -, श्री साईं बाबा का शिरडी में प्रथम आगमन और 3 वाडो का निर्माण।
ग्रंथ लेखन की जरूरत। द कार्यारंभ में असमर्थता और साहस। गरमागरम बहस। अर्थपूर्ण उपाधि हेमांडपंत । गुरु की आवश्यकता ।।