ज़िन्दगी हमें बहुत कुछ सिखाती कभी हम समझते है कभी नहीं पर फिर भी चलती रही है। बस जो सोचती हूँ वो सामने रखना चाहती ही कोई कोई शर्त नहीं कोई वक्त नई ।बातें छोटीहों या बड़ी सब करना चाहती हूँ।क्योंकि हो सकता है जो मेरे साथ हुआ वो आपके साथ भी हुआ हो या जो आपने करा वो मैंने भी करा हो।
एक फ़िल्मजो मैंनेदेखी उसकेबारे में कुछ बातें ।।मेरी ख़ामियों को माफ़ कीजिएगा ।
ये सिर्फ़ वो बातें है जो मेरे साथ हुई हैं और अगर अपने साथ हुई है तो बताएँ मुझे ।एक ज़िन्दगी कई और जिंदगियों से जुड़ी होती है जुड़ जाति है।