एक ऐसी राम कथा जो सामयिक,लौकिक और तर्कसंगत है।ये किसी अदभुत देश या काल की कहानी नही बल्कि इसी लोक और काल की कहानी है जो हमारे ही जीवन से जुड़ी समस्याओं पर आधारित है।इस कहानी में हमें अपने ही कई सवालों के जवाब मिल जाएंगे।
सुतीक्ष्ण मुनि के आश्रम में जाते समय राम की वहां के ग्रामीणों से भेंट हुई उन्होंने राम को अपने गांव में आमंत्रित किया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
विराध का अंत करके राम लक्ष्मण सीता और मुखर सुतीक्ष्ण मुनि के आश्रम को जाने लगे तभी रास्ते में उनका परिचय मुनि धर्मभृत्य से हुआ। किस्से उन्हें उस स्थान की पूरी जानकारी मिली। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
अत्रि ऋषि के आश्रम से दंडक वन की ओर निकलने के बाद रास्ते में राम ,सीता और लक्ष्मण का सामना राक्षस विराध से हुआ ।जिसने सीता को पकड़ लिया था पर राम के पराक्रम के आगे वो अधित देर तक टिक नहीं सका। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
ऋषि शरभंग ने राक्षसों से तंग आकर आत्मदाह कर लिया था वो अंतिम समय तक राम की राह देख रहे थे ।
राम ने आगे की योजना बनाते हुए ये तय किया कि वह ब्रह्मचारियो को प्रशिक्षित करके आगे दंडक वन की ओर बढ़ जाएंगे।अब पीड़ितों को स्वयं ही राक्ष्सों का सामना करना होगा। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
भारी मन से कुलपति कालकाचार्य विदा हो रहे थे।वे जानते थे वे गलत है पर वह अपना स्वभाव भी जानते थे। उन्होंने राम से ब्रह्मचारियो की रक्षा करने का आग्रह किया और विदा हो गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
कालकाचार्या के शिष्यों ने राक्षसों से डर कर भागने के स्थान पर राम के साथ रहकर राक्षसों का सामना करने का निर्णय लिया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
कुलपति कालकाचार्य ने ब्रह्मचारियों की दुर्दश देखकर ये फैसला लिया की वे सब राम से दूर अपना आश्रम बनाएंगे ताकि राक्षस उन्हें तंग न कर सकें पर ब्रह्मचारियों ने बदला लेने का फैसला किया --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम के जंगल में आ जाने से राक्षस बहुत कुपित थे। उन्होंने जंगल में आतंक मचाना शुरू कर दिया था। कई ऋषि मुनियों को जान से हाथ धोना पड़ा। इसी क्रम में जंगल में लकड़ी काट रहे ब्रह्मचारियों के एक समूह को राक्षसों ने बंदी बना लिया ओर अपने ठिकाने पर ले गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम के मित्र चेतन ने भरत के सेना और माताओं के साथ आश्रम आने का समाचार सुनाया जिसे सुनकर लक्ष्मण थोड़ा चिंतित भी हो गए । दूसरी तरफ एक आश्रमवासी अश्विनी जो कि लक्ष्मण से धनुष का प्रशिक्षण ले रहा था राक्षस का शिकार बन गया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
आश्रम में राम और लक्ष्मण को न पाकर इन्द्र पुत्र जयंत, सीता पर झपट पड़ा।सीता ने बहादुरी से उसका सामना किया।तक तक राम स्वय वहां पहुंच गए और उन्होंने जयंत की एक आँख बेंध दी।दर्द से कराहता वो आश्रम की सीमा से बाहर भाग गया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
विश्वामित्र के आश्रम में राक्षसो का आतंक फैल चुका था।विश्वमित्र के प्रिय शिष्य नक्षत्र और सुकंठ इन राक्षसो का ग्रास बन चुके थे।कुलपति अब आश्रम वासियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो उठे थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
इस पूरे घटनाक्रम से मुखर के अंदर दबी राक्षसों से बदले की भावना जाग उठी।लेकिन राम ने उसे उचित समय आने चोट करने की सलाह दी। उधर सीता और सुमेधा धीरे धीरे सामान्य जीवन की ओर अग्रसर हो गए थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
तुंभरण को बन्दी बनाकर उसे सीमा से बाहर कर दिया गया। राक्षसों का बुरा हाल देखकर गांव वालों में हिम्मत आ गई। वो सब झींगुर और सुमेधा के साथ राम के आश्रम में पहुंचे।राम को धन्यवाद दिया और आगे का मोर्चा स्वयं संभालने को तैयार हो गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राक्षसों ने रात में मौका पाकर राम के आश्रम के द्वार पर आग लगा दी पर राम अपने साथियों के साथ सचेत थे।सभी ने मिलकर राक्षसों पर तीर बरसाने शुरू कर दिए। तुंभरण को बंदी बना लिया गया।वो राम के सामने डर से घिघियाने लगा।राम ने तुंभरण को उदघोष के साथ द्वंद युद्ध करने के लिए ललकारा। पर तुंभरण उदघोष का साहस देखकर डर गया। राम ने उदघोष से तुंभरण को आश्रम की सीमा से खदेड़ने का आदेश दिया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राक्षसों को कुंभकार के गांव से भागने का समाचार मिल गया था।अब वो राम के आश्रम पर चढ़ाई की योजना बना रहे थे। इधर राम ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली थी। उन्होंने लक्ष्मण और उदघोष को रात में पहरे के लिए नियुक्त किया था।वे दोनों ही कवच धारण कर के अपने धनुष बाण लेकर पेड़ पर पहरा देने लगे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
सुमेधा के चले जाने से उदघोष बहुत विचलित था, पर राम ने उदघोष को ढांढस बंधाया और उसमे उत्साह का संचार किया। और उसकी शास्त्र शिक्षा शुरू कर दी।उसी शाम वाल्मीकि आश्रम से चेतन आया जो ऋषि भारद्वाज का संदेश लाया था। और इस तरह उसने राम को पिता दशरथ की मृत्यु का दुखद समाचार सुनाया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
उस रात भोजन के पश्चात उदघोष, सुमेधा और झींगुर आश्रम में ही रुके। पर दूसरे दिन सुबह झींगुर और सुमेधा आश्रम से गायब थे। पहले तो उदघोष को लगा कि राक्षस उन दोनों को बलात उठा कर ले गए पर अतिथिशाला में किसी भी तरह के विरोध के चिन्ह न दिखने के कारण उदघोष ने ये अनुमान लगाया कि दोनों अपनी इच्छा से आश्रम छोड़ कर गांव वापस भाग गए हैं। उदघोष बहुत दुखी और हताश था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
कुंभकार राम का शस्त्रागार देखकर चकित रह गया। राम ने उसे हिम्मत बंधाई। वो वापस लौटकर सुमेधा और उसके पिता झींगुर को साथ ले आया। और इस तरह कुंभकार अपने प्रति हो रहे अत्याचार के ख़िलाफ़ खड़ा हो गया और शास्त्र शिक्षा सीखने का निश्चय कर लिया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
मुखर ने बताया कि किस प्रकार राक्षसों ने उसके पूरे परिवार का अंत कर दिया। उसने राम से शस्त्राभ्यास सीखने की प्रार्थना की। जिसे राम ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इसी बीच सुमेधा द्वारा भेजा गया कुंभकार भी राम से मिला और अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के विषय में बताया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
सुमेधा नामक भील कन्या ने सीता को वन में चल रही दास प्रथा के बारे में बताया। और उधर राम ऋषि कालकाचार्य से मिले जो राक्षसों से भयभीत थे। इसी बीच वाल्मिकी आश्रम से मुखर राम से मिलने आए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम,लक्ष्मण और सीता मंदाकिनी नदी के पास ही अपने कुटीर में रहने लगे। इसी बीच सीता की भेंट सुमेधा नाम की एक भील कन्या से हुई।इधर राम भी आसपास की जगह में रहने वालों के विषय में जानने को उत्सुक थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
लक्ष्मण द्वारा तीन कुटीर बनकर तैयार हो गए। एक राम और सीता के लिए था, दूसरा लक्ष्मण के लिए, और तीसरा कुटीर इन दोनों कुटीरों के बीच में था जिसे शस्त्रागार बनाया गया था। राम सीता और लक्ष्मण ने अपने नए कुटीर में प्रवेश किया और इस तरह अपना वनवासी जीवन आरंभ किया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम ने चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे अपना आश्रम बनाने का निश्चय किया। लक्ष्मण को कुटिया तैयार करने का दायित्व सौंपा गया था।सब मिलकर जंगल से लकड़ी काटने में लग गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम भारद्वाज आश्रम से चलकर ,लक्ष्मण, सीता और ऋषि भारद्वाज के कुछ शिष्यों के साथ चित्रकूट पहुंचे जहां ऋषि वाल्मीकि ने उनका स्वागत किया। बातों बातों में राम द्वारा लाये गए शस्त्रों पर चर्चा शुरू हो गई। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
गंगा नदी पार करके राम सीता और लक्ष्मण सहित भारद्वाज ऋषि के आश्रम में पहुँचे।ऋषि ने राम से आगे की यात्रा के विषय में पूछा।राम ने बताया कि वे चित्रकूट जाने की तैयारी में है। ऋषि भारद्वाज ने उन्हें रावण के आतंक से परिचित कराया और रावण के विरोध में लगी टोलियों से परिचित कराया।
सबसे विदा लेकर राम, लक्ष्मण और सीता के साथ नाव पर सवार होकर गंगा नदी पार कर रहे थे। गंगा नदी के उस पार भारद्वाज ऋषि का आश्रम था। नाव में यात्रा के दौरान सीता को माता कौशल्या की चिंता जाग उठी।और राम भी माँ की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो उठे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम ,लक्ष्मण और सीता ने श्रृंगवेरपुर से गुह,सुमंत्र और बाकी परिजनों से विदा ली और नाव की मदद से गंगा नदी पार करते हुए भारद्वाज आश्रम की और बढ़ गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम की यात्रा1 अब आगे बढ़ रही थी। वे चलते चलते श्रृंगवेरपुर के पास गंगा नदी के तट पर पहुँच गए थे। वहाँ राम के मित्र निषादराज उनकी प्रतीक्षा1कर रहे थे। राम ने अपने मित्र गुह से भेंट की ।आगे की यात्रा उन्हें वुह की मदद से करनी थी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
सरयू नदी से बढ़कर सभी लोग तमसा नदी के तट पर पहुँचे। लक्ष्मण ने राम और सीता के सोने के लिए उचित व्यवस्था की।और पहरा देने के लिए कुछ दूर हटकर खड़े हो गए। तभी सुमंत्र उनके पास आये और उन्होंने राजा दशरथ की शोचनीय अवस्था की ओर अपनी चिंता व्यक्त की। लेकिन लक्ष्मण पिता दशरथ की तरफ से बहुत खिन्न थे. --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम,अयोध्या से विदा लेकर सीता और लक्ष्मण के साथ सरयू नदी के तट पर स्थित त्रिजट के आश्रम में पहुँचे। वहां पहुँचते ही आर्य सुमंत्र अयोध्या से राजा दशरथ का संदेश लेकर आये।वे एक रथ और सीता के लिए कुछ वस्त्राभूषण लाये थे। पर राम और सीता दोनों ने उसे स्वीकार करने से मना कर दिया। पर मंत्री चित्ररथ के समझाने पर सीता ने शवसुर दशरथ द्वारा भेजी गई भेंट स्वीकार कर ली। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
अयोध्या की देख रेख अपने मित्रों और हितैषियों को सौंपकर राम थोड़ा निश्चिंत हो गए। गुरु विश्वामित्र तथा अन्य महात्माओं से मिले दिव्यास्त्र लेकर वे वन जाने हेतु तैयार हो गए। पूरी अयोध्या उन्हें भावभीनी विदाई दी रही थी। अयोध्या वासियों में दुख के साथ साथ गुस्सा भी था।पर वे कुछ भी कर सकने की स्थिति में नही थे।राम,लक्षमण तथा सीता पिता दशरथ से विदा लेने उनके महल में पहुँचे जहाँ कैकयी ने उन्हें वल्कल देकर विदा किया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
लक्ष्मण को जब कैकयी के वचनों का पता चला तो वे गुस्से से आग बबूला हो गए।राम ने उन्हें समझाया कि उनका वन जाना कितना आवश्यक है, वे ऐसा करके असल में विश्वामित्र को दिए हुए वचन को पूरा करेंगे। ये सुनकर लक्ष्मण कुछ हद्द तक संतुष्ट हुए और भईया राम के साथ वन जाने को तैयार हो गए। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम ने सीता को वनवास जाने का समाचार दिया।सीता ने बहुत ही सहजता से राम का निर्णय स्वीकार कर लिया और स्वयं भी साथ वन जाने को तैयार हो गई।राम ने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि वो अयोध्या में रहकर भी अपना पत्नी धर्म निभा सकती हैं पर सीता नही मानी, वो हर परिस्थिति में राम के साथ रहना चाहती थीं।अंततः राम को सीता के हठ के आगे झुकना पड़ा। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम वन जाने को उद्दत हो गए पर अभी ये समाचार सभी प्रियजनों को सुनाना बाकी था।राम के लिए ये और भी कठिन परीक्षा की घड़ी थी।उन्होंने सबसे पहले राज्याभिषेक की तैयारियों में जुटीं माता कौशल्या को ये समाचार सुनाया। राम के चौदह वर्षों के लिए वनवास का समाचार सुनकर वो पछाड़ खाकर गिर पड़ी।माता सुमित्रा ने राम को रोकने का बहुत प्रयास किया पर राम कस निर्णय अटल था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
कैकयी ने राम को राजा दशरथ से माँगे गए दो वरदानों के बारे में बताया । पहला राम के स्थान पर भरत का युवराज्यभिषेक और दूसरा राम को तपस्वी वेश मे चौदह वर्ष के लिए वनवास।राम ने सहर्ष ही कैकेयी के कहे अनुसार चौदह वर्षों के लिए वन जाना स्वीकार कर लिया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम के युवराज्यभिषेक के ठीक पहले राम माता कैकयी के महल में गए।वहाँ पिता दशरथ असहाय अवस्था में पड़े थे।कैकयी दशरथ के प्रति अपना रोष प्रकट कर रहीं थीं ,और सम्राट द्वारा दिये गए दोनों वचन को मांगने की इच्छा प्रकट कर रहीं थीं। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
पूरा महल राम के राज्याभिषेक की तैयारियों में लगा था।लेकिन दशरथ चिंताग्रस्त थे कि किसी तरह बिना किसी विघ्न के राम का राज्याभिषेक हो जाये।राम पिता की इस चिंता से चिंतित थे। तमाम अटकलों के बाद वो दिन भी आ गया जब राम का अभिषेक होना था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
दशरथ ने राम को राज्याभिषेक कराने का आदेश दिया क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं इसमे कोई विघ्न आ जाये। राम राज्याभिषेक को लेकर चिंतित थे क्योंकि उन्होने भी विश्वामित्र को वचन दिया था कि वो जंगलों में जाकर मानव कल्याण के कार्यों में अपना योगदान देंगे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राजा दशरथ ने राम के राज्याभिषेक का निर्णय ले लिया था। उन्होंने गुरु वशिष्ठ द्वारा ये सूचना राम को भिजवाई।राम विस्मित थे कि इस राज्याभिषेक की पूरी गतिविधि को गोपनीय क्यों रखा जा रहा है। इसीलिए उन्होंने पिता दशरथ से मिलने के लिए उनके महल की तरफ प्रस्थान किया। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राजा दशरथ इन दिनों काफी उद्विग्न थे।वे राम के राज्याभिषेक की घोषणा करना चाहते थे और ये तभी संभव था जब भरत अयोध्या से बाहर हों। इसी अवसर की तैयारी में लगे थे राजा दशरथ। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
दशरथ राम के प्रति विशेष स्नेही थे इसके अलावा राम दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र थे इसलिए दशरथ चाहते थे कि राम को राजपद प्रदान कर दिया जाए पर वो कैकेय नरेश को वचन दे चुके थे कि कैकयी का पुत्र ही दशरथ के बाद राजसिंहासन का उत्तराधिकारी होगा। और यही दुश्चिंता उन्हें खाये जा रही थी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम सीता विवाह के पश्चात बारात अयोध्या की तरफ़ चल पड़ी।तभी वहां परशुराम का आगमन हुआ।वह शिव धनुष तोड़े जाने पर बहुत क्रोधित थे। लक्ष्मण ने उन्हें ललकारा तो वे क्रोधित होकर उन्हें मारने के लिए उधृत हो गए। फिर राम ने उन्हें शांत किया। परशुराम ने वैष्णवी धनुष के परिचालन की शर्त रखी । राम ने बड़ी ही सहजता से उसे भी खंडित कर दिया।परशुराम आश्वस्त होकर वापस लौट गए।और बारात फिर से अयोध्या की तरफ चल पड़ी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
शिव धनुष के खंडित होते ही जनक का प्रण पूरा हो गया और राम सीता से विवाह हेतु प्रस्तुत थे। जनक ने राम सीता के शुभ विवाह का समाचार राजा दशरथ को भिजवाया।और राजा दशरथ ने विस्मित होकर राम द्वारा किये गए महान कार्यो के बारे में जाना।वे बारात लेकर जनकपुर पहुँचे।वहाँ राम और सीता का विवाह सम्पन्न हुआ। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
विश्वामित्र की आज्ञा से राम ने शिव धनुष परिचालन आरम्भ किया।बल और कौशल के सही संतुलन का प्रयोग करके राम ने शिव धनुष को दो खंडो में बांट दिया। जनकपुर के राजप्रासाद में बैठे सभी लोग इस अभूतपूर्व प्रदर्शन के साक्षी थे। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राजा सीरध्वज जनक ने सीता की इच्छा जानने की कोशिश की। राम के विषय में सीता ने काफी कुछ सुन रखा था।राम एक आदर्श पुरुष थे।परंतु सीता राम को साक्षात देखे बिना कोई भी फैसला नही करना चाहती थी।विश्वामित्र के साथ राम और लक्ष्मण राजमहल में आये। सीता ने राम को देखा और जनक को अपनी मौन स्वीकृति दे दी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राजा सीरध्वज और शतानंद राम से मिलने वाटिका पहुँचे।राम को देखकर सीरध्वज के मन में लालसा उपजी कि ऐसा ही वर तो वो अपनी पुत्री के लिए खोज रहे थे। शतानंद राम के प्रति कृतज्ञ थे कि उन्होंने उनकी माँ अहिल्या को सामाजिक मान्यता और सम्मान दिलाया था। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
गुरु विश्वामित्र ने राम का सीता के साथ विवाह का फ़ैसला स्वयं राम पर ही डाल दिया था।राम ने बहुत सोच विचार कर सीता से विवाह करने का निर्णय ले लिया था पर अभी भी दो बातों पर उनका ध्यान अटका था पहली थी सीता की इच्छा और दूसरी शिव धनुष का परिचालन। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम द्वारा अहिल्या में जीवन फूंकने के बाद गुरु विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को लेकर जनकपुरी पहुँचे।राज्य सीमा के पास ही गुरु ने शिविर लगवाया।राम को जिज्ञासा थी कि आखिर गुरु उन्हें जनकपुरी क्यों लाये हैं तब गुरु ने राम को सीरध्वज की पुत्री सीता के विषय में बताया, कि किस तरह राम और सीता का विवाह अयोध्या और जनकपुरी दोनों राज्यों के साथ साथ पूरे आर्यावर्त के लिए श्रेयस्कर होगा। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम के अहिल्या की कुटिया में आने भर का मतलब था कि राम ने पूरे आर्यवर्त के बंधनों को तोड़ कर अहिल्या को सामाजिक मान्यता एवं सम्मान दिला दिया था। अहिल्या राम के आगमन से खुशी से फूली नही समा रही थी। उसका आत्मविश्वास और सम्मान अब उसे वापस मिल गया था।वो अपने पुत्र और पति से मिलने के लिए अब स्वतंत्र थी। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app
राम समझ गए थे कि गुरु विश्वामित्र द्वारा अहिल्या की कथा सुनाने का कोई मतलब ज़रूर है। अहिल्या के उस वीरान से आश्रम में विश्वामित्र के साथ दो राजसी युवकों को देखकर अहिल्या को उत्सुकता हुई कि आख़िर इतने वर्षों के बाद उसके कुटीर में कौन और क्यों आया है। --- This episode is sponsored by · Anchor: The easiest way to make a podcast. https://anchor.fm/app