Delightful stories for children in Hindi
आपका सबसे पसंदीदा आम कौनसा है? दशहरी आम? बगडमपल्ली आम? हापुस आम? चौंसा आम? तोतापुरी आम? या फिर लंगड़ा आम? कौनसा आम है सबसे मीठा? पता करते हैं आज की कहानी से!
लीला एक छोटी सी बच्ची है। उसकी कक्षा के सभी दोस्तों के दाँत गिरने शुरू हो गए हैं। सभी के पास सुनाने के लिए अनेक कहानियाँ हैं।किसने अपने दूध की दाँत के साथ क्या किया? पता करते हैं आज की कहानी से!
इस दुनिया में तरह तरह के लोग हैं। सबकी पसंद और नापसंद एक नहीं हो सकती।हम सब खास हैं, अनोखे हैं। इस कहानी में गटिला गाय हमेशा दुःखी रहती है।उसे लगता है कि वह सुंदर नहीं है। पढिए गटिला कि इस समस्या का समाधान इस रंगीन, रहस्यमय और मजेदार कहानी से।
मंजू भी आप ही की तरह एक छोटी सी, उत्सुक लडकी है। उसे ताले और चाबीयों से बेहद लगाव है।चाबियॅंा अलग अलग प्रकार की होती हैं। आज हम एक अलग प्रकार की चाबी के बारे में जानेंगे। उसका नाम है - पासवर्ड। आजकल के आॅनलाइन दुनिया में पासवर्ड के बिना कुछ भी करना मुमकिन नही है!
क्या आपने “जुगाड़ से जादू” खेला है ? नहीं? तो चलो आज एक नया खेल सीखें। यह तो हम घर बैठे भी खेल सकते हैं। चलिए पता करते हैं दादू और लज्जो से की उन्होंने जुगाड़ से क्या क्या चीजें ढूँढी और फिर उससे क्या जादू किया?!
लेखक: फ़ौज़िया गिलानी विल्यम्ज़ अनुवाद: राजेश उत्साही चित्रांकन: प्रोईति राय तूलिका प्रकाशन केंद्र द्वारा प्रकाशित स्त्रोत: read.worldreader.org क्या आपने अपने नाप से बडे कपडे कभी खरीदे हैं? घर आकर उसकी तुरपाई करनी पडी होगी? इस्मत के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। इस्मत एक ख़ुशमिज़ाज इन्सान है। ईद के लिए वह अपने परिवार के लिए नए तोहफ़े ख़रीदता है। दुकानदार उसे खुद के लिए नई पतलून लेने के लिए राज़ी करता है। पर दुकान में केवल एक ही पतलून है और वो भी इस्मत के नाप से बड़ी! लम्बी पतलून छोटी करना तो आसान है, यह सोचकर वो पतलून घर ले जाता है। ईद आती है, साथ साथ इस्मत के लिए थोड़ा सा सदमा और थोड़ी सी ख़ुशी लिए। यह मज़ेदार कहानी जीवन का एक नज़रिया देती है। चलिए सुनते है!
एक भयंकर असुर अपनी जर्मसेना के साथ दक्षिणपुर के लोगों में रोग फैलाने के लिए तैयार है! जब गाँव से सारे साबुन ग़ायब हो जाते हैं तो गाँव वालों के पास ख़ुद का साबुन बनाने के अलावा कोई उपाय नहीं! किसकी होगी जीत? जर्मसेना की या फिर दक्षिणपुर के निवासियों की? पता करते हैं इस अनोखी कहानी से! साबुन बनाएँ घर पर, स्वच्छता रखें हर पल! कहानी के अंत में गतिविधि।
गर्मी बढ़ती जा रही है और हम कुछ ठंडा खाने या पीने के लिए बाहर भी नहीं निकल सकते। लेकिन हम घर पर कुछ ठंडा बनकर पी तो सकते हैं ना?! तो चलो शिकंजी बनाएँ! आठ दोस्त राजू चाचा ने दी हुई शिकंजी की विधि का प्रयोग करते हुए एक जग शिकंजी बनाने का निर्णय लेते हैं। लेकिन वह विधि की सामग्री को कैसे नापेंगे ? और वह किस प्रकार बराबर बराबर बाटेंगे ? चलिए इस कहानी से पता करते हैं।
चलो सुनते हैं बोंडापुर की अजीबो ग़रीब कहानी! एक था राजकुमार जिसको किसी भी प्रकार का खाना पसंद नहीं आता है।एक दिन रसोईया उसे कुछ अलग चीज़ खाने को देता है...एक गरमा गरम सुनहरा गोला, बाहर से कुरकुरा, अंदर से नरम नरम...एक बोंडा! इसके बाद ना तो राजकुमार को रोक पाना आसान है और न ही इस मस्त कहानी को जिसका अंत एक स्वादिष्ट बोंडे की तरह ही है। चलिए सुनते हैं इस रसीली, चटपटी और मज़ेदार कहानी, बातूनी किताब की ज़ुबानी!
ग़ुस्सा तो हम सभी को आता है। लेकिन जब ग़ुस्सा आए तो क्या करना चाहिए? एक लड़की है अक्कू और अक्कू को भी बहुत, बहुत ग़ुस्सा आता है। चलिए कहानी से पता करते हैं की अक्कू का ग़ुस्सा कैसे ठंडा हुआ और जब हमें ग़ुस्सा आए तो क्या करना चाहिए।
क्या आप बच्चे खाने में सारी चीजें नहीं खाते? या फिर खाना खाने में घंटों लगा देते हैं? खाना ज़बरदस्ती मूँह में ठूँस तो लेते हैं और उसके साथ खिलवाड़ करते हैं? शायद उमा भी आप ही के जैसी है। उमा अपने नाश्ते को कभी नहीं खाती।उल्टे, उसको अपने नाश्ते के साथ चूहल करने में बड़ा मज़ा आता है। चलिए पता करते हैं उसके साथ क्या होता है?!
Season 2: “देखभाल और करुणा” की पहली कहानी हमें सिखाती है अपनी चीज़ों की देखभाल करना। अगर हम अपनी चीज़ों की देख रेख कर सकें तभी तो दूसरों की देखभाल करना सीखेंगे!
जनवरी के महीने में सुनिए कहानियाँ जिनका विषय है - “देखभाल और करुणा। एक दूसरे के प्रति, दुनिया के अनेक सजीव प्राणियों के प्रति और अपनी चीजों की देखभाल करना बहुत ज़रूरी है। हम साथ मिलकर एक दूसरे में प्यार बाँटें और ख़ुशियाँ बढ़ाएँ!
बाशा और सैनबी अपने माँ के हाथ की बनी बिरयानी बहुत पसंद करते हैं। बाशा को खाना बनाना बहुत पसंद है। अम्मी बीमार है, और सायरा चाची ने अभी अभी बताया है कि वो २३ लोगों के साथ खाने पर आ रही हैं! भावी रसोईये बाशा का मानना है कि अम्मी की दम बिरयानी वो भी बना सकता है। लेकिन समस्या यह है कि उसे बिरयानी के मसालों का अंदाज सिर्फ ४ लोगों के हिसाब से ही पता है। क्या यह जोड़ी वाकई मजेदार दम-दमा-दम बिरयानी बनाने में सफल होती है? जानने के लिए पढ़ें इस कहानी को!
चलिए आज हम बैठे बिठाए पेरिस की सैर करते हैं।पता करते हैं क्या होता है जब एक शेर अपने सवाना को छोड़ कर पेरिस घूमने निकलता है!
तोहफ़े लेना तो सबको अच्छा लगता है। पर तोहफ़े देना? यह तो सबसे अच्छा प्यार बाँटने वाला रिवाज है! जब मल्ली के मामा का परिवार गाव आया था तो उसने बहुत सारी चीजें दी थी। अब वह शहर जा रही है। क्या वे भी उसे कुछ देंगे? कहानी सुनिए और इस छुट्टियों के मौसम में अपने भाई - बहनों के लिए अपने हाँथों से तोहफ़े बनाइए और प्यार बाँटिए!
क्या आपने कभी चिट्ठी लिखी है? चिट्ठी लिखना एक बहुत ही अच्छी आदत है। आज की कहानी दो दोस्तों की कहानी है जो एक दूसरे को चिट्ठियाँ लिखते थे। एक बार ऐजाज़ को विक्रम की एक जादुई चिट्ठी मिलती है। इसमें क्या जादू है, कहानी सुनिए और पता कीजिए! कहानी के अंत में बच्चों के लिए एक बहुत मज़ेदार क्रिया भी है!
क्या आपको बहुत हंसी आती है? क्या हँसना ग़लत है? किसी को हंसी आए तो कैसे रोक सकतें हैं? T हो जाइए हंसने के लिए तैयार! आज सुनते हैं टी. सुंदरी की कहानी - लड़की जो हंसती ही जाती! टी. सुंदरी, रोज़ ही मुसीबत में फँस जाती है, क्योंकि ज़्यादातर चीज़ें उसे हँसा देती हैं। वह अपना मुँह बंद ही नहीं रख पाती। टी. सुंदरी जानना चाहती है कि क्या यह कोई समस्या है या यूँ ही हर समय हँसना आम बात है।
सर्दी का मौसम मेरा सबसे पसंदीदा मौसम है। अदरक वाली चाई मैं ४-५ से ज़्यादा बार तो पी ही जाती हूँ। लेकिन क्या आपने कभी किसी गाय को चाए पीते हुए सुना है? या फिर सर्दियों में कम्बल या जैकेट पहने सुना है? तो सुनाती हूँ ऐसे गाय की कहानी जो किसी से ना डरती है ना दबती है। उसके पेट में एक अजीब सी ज़बरदस्त भूँक है। वो किताबें, कपडें, मास मच्छी सब खा जाती है। सुनते है इसे ख़ास दबंग गाय की कहानी जो अजीबोग़रीब बर्ताव करती है और मज़े लाती है।
एक बातूनी सैर पर चलते हैं और पता करते हैं भारत के अलग अलग शहरों में और संस्कृतियों में दिवाली कैसे मनाई जाती है। कश्मीर से लेकर कन्यकुमारी तक और अरुणाचल प्रदेश से लेकर गुजरात तक देखते हैं किसने क्या खाया और अपना घर कैसे सजाया?! आपके ख़तों का इंतेज़ार रहेगा
जब मधुमकि्खयों ने गौरी की बालकनी में एक बहुत बडी काॅलोनी - सी बना ली, तो उसकी माॅं ने एक मधुमक्खी - विशेषज्ञ, यानी एक मधुमक्खी मास्टर, रमैय्या जी को मदद के लिए बुलाया।रमिय्या जी ने गौरी और उसकी माँ को बताया कि मधुमक्खियों को मारने कि ज़रूरत नहीं है। ज़रूरत है उन्हें ऐसी जगह पहुँचाने की जो हमारे किए भी सुरक्षित हो और मधुमक्खियों के लिए भी। सभी प्राणियों को अपनी अपनी रहने की जगह प्यारी होती है। हमें इसकी कदर करनी चाहिए और सबकी सुरक्षा करनी चाहिए। चलिए सुनते हैं एक बेहतरीन कहानी।
फक्रुदि्दन हर छोटी-मोटी चीज के लिए फिक्र करता है। एक दिन जब उसका फ्रिज बंद पड जाता है, वह हमेशा की तरह फिक्र करने लगता है।इस तपती गर्मी का सामना बिना ठंडे पानी से भला वह कैसे कर पाएगा? क्या फक्रू कोई सरल उपाय सोच पाएगा या फिर फिक्र ही करता रहेगा? पता करते हैं इस हलकी-फुलकी कहानी से जो फक्रू के भोपाल के मोहल्ले के माहौल को खूब दर्शाती है। Little Fakruddin worries about everything and asks endless questions! One day, when his fridge stops working, Fakru is of course, frantic. How will he survive a hot summer without cold water? Ammi is fed up. Will Fakru find a simple solution or will he remain Frantic Fakru? A light-hearted story which brings alive the ambience of Fakru's neighbourhood in Bhopal.
कभी मुर्गों को सुर में गाते हुए सुना है? रूरू एक अनोखा मुर्गा है जो महान गायकों कि तरह अलग अलग सुरों में बाॅंग लगाता है। लेकिन कुकडु कूॅं वह बोल नही पाता! उसके दोस्त “कुकडू कूॅं बोलने के कई तरीके रूरू को बताते हैं पर सारे नाकाम हो जाते हैं। पता करते हैं इस मजेदार और हास्यजनक कहानी से रूरू के बाॅंग के अनोखे अंदाज के बारे में! Do roosters sing raagas? Ru Ru is a different kind of rooster who can give musical rooster calls just like great artists! The usual cock-a-doodle-doo is something he can’t do. His friends try a lot to teach him but nothing seems to work. Listen to this funny story full of animal sounds to know more about Ruru’s artistic rooster call!
A bird's nest? A cow with two horns? No, it's Minu's hair and she does NOT like it!Lets find out how she handles her hair!
Graa-aaa-aaa-ooo-oon! Every time Beni Ram tries to sell his camel, Bholu promptly trots back. “The villagers use vans now instead of camel-carts. Nobody wants to give your old man a job anymore,” says a gloomy Beni Ram. But fate has surprising plans for the out-of-luck Beni Ram and his beloved camel...