मेरी आवाज़ में एक प्रयास आपको कुछ मेरे लिखे और कुछ अन्य व्यक्तियों की कलम से निकले हुए कुछ शब्दों को अपनी आवाज़ देने का।
मैं बोलूंगा तो तुम्हारा राज़ खुल जाएगा सबको पता चल जाएगा गलियों में फिर चर्चे होंगे बेतरतीब तब खर्चे होंगे चुप हूं तो चुप ही रहने दो खुश हूं तो खुश ही रहने दो
Tumhara bhi kal aayega. ~ तुम्हारा भी कल आएगा। . . . #beach #voice #beachlife #voiceover #sunset #sunsetphotography #love #inspiration #motivation #sunoo #puri #travel #traveldiaries #traveler #podcast #podcasting #dil #varunkiawaaz
Some lines from "Musafir Cafe" page 143. I liked these lines, hope you'll also.
Read this on Shruti's Instagram status. Thought to give my voice. Recorded through normal phone recorder and in noisy room.
आज फिर वही कमरा और तुम्हारे ख़त। इन ख़तों के साथ मुझे हो गई मोहब्बत तुमसे।
किसी के लबों से निकले तमाम ये लफ्ज़ थे। हमने अपने लबों पर सजाए तो किस्से बन गए।
Please use headphone for better experience. This is about the letters we wrote to each other.
~"हाँ मैं दिल्ली हूँ!"~ दिलवालों की थी कभी, आज बेदिलों को अपने में समेटे हूँ, हाँ मैं दिल्ली हूँ! सड़को पर फैले हुए इस शोर में मैं जिंदा हूँ, हाँ मैं दिल्ली हूँ! रोशनी की चमक में नहाई, फुटपाथ पर सोई ज़िन्दगी हूँ, हाँ मैं दिल्ली हूँ! कभी किन्ही सपनो में बसती, आज उलझनों में मैं उलझी हूँ, हाँ मैं दिल्ली हूँ! धुंए के गुबार में उखड़ती हुई एक साँस हूँ, हाँ मैं दिल्ली हूँ! ख़ुद में खोई हुई अनजान एक मंज़िल हूँ, हाँ मैं दिल्ली हूँ! धोखे में भी किसी के भरोसे की चाह हूँ, हाँ मैं दिल्ली हूँ! वफ़ा की खोज में एक बेवफ़ा की मैं आह हूँ, हाँ मैं दिल्ली हूँ! लोगों की भीड़ में आज कितनी अनजान हूँ, हाँ मैं दिल्ली हूँ! बेफ़िक्री में भी किसी की फ़िक्र हूँ, हाँ मैं दिल्ली हूँ! अमीर की थाली के बर्बाद हुए खाने की मैं भूख हूँ, हाँ मैं दिल्ली हूँ! "हाँ मैं दिल्ली हूँ!" क्योंकि आज मेरे अपनों की याद में हर रात मैं जगती हूँ। "हाँ मैं दिल्ली हूँ!" #श्रेष्ठ
नमस्कार, मेरा नाम वरुण कौशिक है। यहाँ कोशिश कर रहा हूँ आपको कुछ अपनी आवाज़ में सुनाने कि। कुछ जो मैं यहां बोलूंगा वो मेरे लिखे हैं और कुछ मैंने अन्य व्यक्तियों की कलम से लिए हैं। उम्मीद है आपको विषय और मेरी आवाज़ पसंद आएगी। धन्यवाद