Kids stories help to develop a child’s imagination by introducing new ideas into their world, encouraging them and making them realise that they can, and should imagine anything they want. Join footri stories by Santhosh Joseph and delve into fascinating world of kids stories where happiness comes along with learnings.
Story of 15 soldiers and their commanding officers, how a cup of tea changed their view towards life. --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
Story of an old snake, how he makes up a story and fools a pond full of frogs and eats them at ease. Youtube : https://www.youtube.com/channel/UCQo6BYqucUE-z3ro0YIhOiA | Voice messages : https://www.speakpipe.com/footristories | Reviews : https://www.podchaser.com/users/footristories --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
Blue Jackal Story - how a jackal fell into a tub full of indigo and he got the idea and fooled all animals and finally was caught and killed by the same animals who he was fooling for so long. Youtube : https://www.youtube.com/channel/UCQo6BYqucUE-z3ro0YIhOiA | Voice messages : https://www.speakpipe.com/footristories | Reviews : https://www.podchaser.com/users/footristories --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
गौरैया और बंदर की कहानी | Monkey And Bird Story In Hindi एक बार की बात है, एक जंगल के किसी घने पेड़ पर एक गौरैया का जोड़ा रहता था। वो उस पेड़ पर अपना घोंसला बनाकर गुजर-बसर करते थे। दोनों खुशी-खुशी अपना जीवन बीता रहे थे। फिर आया सर्दियों का मौसम, इस बार बहुत ही कड़ाके की ठंड पड़ने लगी। ठंड से बचने के लिए एक दिन कुछ बंदर उस पेड़ के नीचे ठिठुरते हुए पहुंचे। तेज ठंडी हवाओं से सभी बंदर कांप रहे थे और बहुत ही परेशान थे। पेड़ के नीचे बैठने के बाद वो आपस में बात करने लगे कि काश कहीं से आग सेंकने को मिल जाती तो ठंड दूर हो जाती। उसी बीच एक बंदर की नजर पास पड़ी सूखी पत्तियों पर पड़ी। उसने दूसरे बंदरों से कहा, “चलो इन सूखी पत्तियों को इकट्ठा करके जलाते हैं।” उन बंदरों ने पत्तियों को एक जगह इकट्ठा किया और उन्हें जलाने का उपाय करने लगे। ये सब पेड़ पर बैठी गौरैया देख रही थी। ये सब देखकर उससे रहा नहीं गया और वो बंदरों से बोल पड़ी, “तुम लोग कौन हो?, देखने में तो तुम आदमियों की तरह लग रहे हो, हाथ-पैर भी हैं, तुम अपना घर बनाकर क्यों नहीं रहते?” गौरेया की बात सुनकर ठंड से कांप रहे बंदर चिढ़ गए और बोले, “तुम अपना काम करो, हमारे काम में पड़ने की जरूरत नहीं है।” इतना कहने के बाद वो फिर आग जलाने के बारे में सोचने लगे और अलग-अलग तरीके अपनाने लगे। इतने में बंदरों की नजर एक जुगनू पर पड़ी। वो चिल्लाने लगा, “देखो ऊपर हवा में चिंगारी है, इसे पकड़कर आग जलाते हैं।” यह सुनते ही सारे बंदर उसे पकड़ने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाने लगे। ये देख चिड़िया फिर बोल पड़ी, “यह जुगनू है, इससे आग नहीं सुलगेगी।” तुम लोग दो पत्थरों को घिसकर आग जला सकते हो।” बंदरों ने चिड़िया की बात को अनसुना कर दिया। कई कोशिश के बाद उन्होंने जुगनू को पकड़ लिया और फिर उससे आग जलाने की कोशिश करने लगे, पर वो इस काम में कामयाब नहीं हो पाए और जुगनू उड़ गया। इससे बंदर निराश हो गए। इतने में फिर से गौरेया बोल उठी, “आप लोग मेरी बात मानिए, पत्थर रगड़कर आप आग जला सकते हैं।” इतने में एक गुस्साए हुए बंदर से रहा न गया और उसने पेड़ पर चढ़कर गौरेया के घोसले को तोड़ दिया। यह देख चिड़िया दुखी हो गई और डर कर रोने लगी। इसके बाद वो उस पेड़ से उड़कर कहीं और चली गई। कहानी से सीख जरूरी नहीं कि हर किसी को ज्ञान या उपदेश दिया जाए। उपदेश उसी को दिया जाना चाहिए जो समझदार हो और बातों को समझे। बेवकूफ को उपदेश देने से खुद का ही बुरा हो सकता है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
Bagula Aur Kekda Ki Kahani | बगुला और केकड़ा यह कहानी है एक जंगल की जहां एक आलसी बगुला रहा करता था। वह इतना आलसी था कि कोई काम करना तो दूर, उससे अपने लिए खाना ढूंढने में भी आलस आता था। अपने इस आलस के कारण बगुले को कई बार पूरा-पूरा दिन भूखा रहना पड़ता था। नदी के किनारे अपनी एक टांग पर खड़े-खड़े दिन भर बगुला बिना मेहनत किए खाना पाने की युक्तियां सोचा करता था। एक बार की बात है, जब बगुला ऐसी ही कोई योजना बना रहा था और उसे एक आइडिया सूझा। तुरंत ही वह उस योजना को सफल बनाने में जुट गया। वह नदी के किनारे एक कोने में जाकर खड़ा हो गया और मोटे-मोटे आंसू टपकाने लगा। उसे इस प्रकार रोता देख केंकड़ा उसके पास आया और उससे पूछा, “अरे बगुला भैया, क्या बात है? रो क्यों रहे हो?” उसकी बात सुनकर बगुला रोते-रोते बोला, “क्या बताऊं केंकड़े भाई, मुझे अपने किए पर बहुत पछतावा हो रहा है। अपनी भूख मिटाने के लिए मैंने आज तक न जाने कितनी मछलियों को मारा है। मैं कितना स्वार्थी था, लेकिन आज मुझे इस बात का एहसास हो गया है और मैंने यह वचन लिया है कि अब मैं एक भी मछली का शिकार नहीं करूंगा।” बगुले की बात सुन कर केंकड़े ने कहा, “अरे ऐसा करने से तो तुम भूखे मर जाओगे।” इस पर बगुले ने जवाब दिया, “किसी और की जान लेकर अपना पेट भरने से तो भूखे पेट मर जाना ही अच्छा है, भाई। वैसे भी मुझे बाबा मिले थे और उन्होंने मुझसे कहा कि कुछ ही समय में 12 साल के लिए सूखा पड़ने वाला है, जिस कारण सब मर जाएंगे।” केंकड़े ने जाकर यह बात तालाब के सभी जीवों को बता दी। “अच्छा,” तालाब में रहने वाले कछुए ने चौंक कर पूछा, “तो फिर इसका क्या हल है?” इस पर बगुले भगत ने कहा, “यहां से कुछ कोस दूर एक तालाब है। हम सभी उस तालाब में जाकर रह सकते हैं। वहां का पानी कभी नहीं सूखता। मैं एक-एक को अपनी पीठ पर बैठा कर वहां छोड़कर आ सकता हूं।” उसकी यह बात सुनकर सारे जानवर खुश हो गए। अगले दिन से बगुले ने अपनी पीठ पर एक-एक जीव को ले जाना शुरू कर दिया। वह उन्हें नदी से कुछ दूर ले जाता और एक चट्टान पर ले जाकर मार डालता। कई बार वह एक बार में दो जीवों को ले जाता और भर पेट भोजन करता। उस चट्टान पर उस जीवों की हड्डियों का ढेर लगने लगा था। बगुला अपने मन में सोचा करता था कि दुनिया भी कैसे मूर्ख है। इतनी आसानी से मेरी बातों में आ गए। ऐसा कई दिनों तक चलता रहा। एक दिन केंकड़े ने बगुले से कहा, “बगुला भैया, तूम हर रोज किसी न किसी को ले जाते हो। मेरा नंबर कब आएगा?” तो बगुले ने कहा, “ठीक है, आज तुम्हें ले चलता हूं।” यह कहकर उसने केंकड़े को अपनी पीठ पर बिठाया और उड़ चला। जब वो दोनों उस चट्टान के पास पहुंचे, तो केंकड़े ने वहां अन्य जीवों की हड्डियां देखी और उसका दिमाग दौड़ पड़ा। उसने तुरंत बगुले से पूछा कि ये हड्डियां किसकी हैं और जलाशय कितना दूर है? उसकी बात सुनकर बगुला जोर जोर से हंसने लगा और बोला, “कोई जलाशय नहीं है और ये सारी तुम्हारे साथियों की हड्डियां हैं, जिन्हें मैं खा गया। इन सभी हड्डियों में अब तुम्हारी हड्डियां भी शामिल होने वाली हैं।” उसकी यह बात सुनते ही केंकड़े ने बगुले की गर्दन अपने पंजों से पकड़ ली। कुछ ही देर में बगुले के प्राण निकल गए। इसके बाद, केंकड़ा लौट कर नदी के पास गया और अपने बाकी साथियों को सारी बात बताई। उन सभी ने केंकड़े को धन्यवाद दिया और उसकी जय जयकार की। कहानी से सीख इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें आंख बंद करके किसी पर विश्वास नहीं करना चाहिए। मुसीबत के समय भी संयम और बुद्धिमानी से काम करना चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
एक बार की बात है किसी नगर में एक ब्राह्मण रहता था। उसके पास काफी खेत थे, लेकिन उनमें ज्यादा पैदावार नहीं होती थी। एक दिन ब्राह्मण अपने खेत में एक पेड़ के नीचे सोया हुआ था। जैसे ही ब्राह्मण की आंख खुली उसने देखा कि एक सांप अपना फन फैलाए बैठा हुआ है। ब्राह्मण को अहसास हुआ कि यह कोई साधारण सांप नहीं है, बल्कि कोई देवता है। ब्राह्मण ने निर्णय लिया कि वह आज से इस देवता की पूजा करेगा। ब्राह्मण उठा और जाकर दूध ले आया और उसने एक मिटटी के बर्तन में दूध दाल कर सांप को दूध पिलाया। दूध पिलाते समय ब्राह्मण ने सांप से क्षमा मांगते हुए कहा कि हे देव! मैंने आपको साधारण सांप समझा, इसके लिए आप मुझे माफ कर दीजिए। अपनी कृपा दृष्टि से मुझे बहुत सारा धन-धान्य प्रदान करें प्रभु। ऐसा कहकर ब्राह्मण अपने घर वापस आ गया। अगले दिन जब वह अपने खेत पहुंचा, तो उसने देखा कि जिस बर्तन में उसने सांप को दूध पिलाया था, उसमें एक सोने का सिक्का पड़ा हुआ है। अब ब्राह्मण रोज सांप की पूजा करने लगा और सांप रोज उसे एक सोने का सिक्का देने लगा। कुछ दिन बाद ब्राह्मण को किसी जरुरी काम से दूर किसी देश जाना पड़ा, तो उसने अपने बेटे से कहा कि तुम खेत में जाकर सांप देवता को दूध पिला आना। अपने पिता की आज्ञा से ब्राह्मण का बेटा खेत में गया और सांप के बर्तन में दूध रख आया। अगली सुबह जब वह सांप को दूध पिलाने गया, तो उसने देखा कि वहां सोने का सिक्का रखा हुआ है। ब्राह्मण के बेटे ने वो सोने का सिक्का उठा लिया और मन ही मन सोचने लगा कि जरूर इस सांप के बिल में सोने का भंडार है। उसने सांप के बिल को खोदने का फैसला किया, लेकिन उसे सांप का बहुत डर था। ब्राह्मण के बेटे ने योजना बनाई कि जैसे ही सांप दूध पीने आएगा, तो वह उसके सिर पर लाठी से वार करेगा, जिससे सांप मर जाएगा। सांप के मरने के बाद मैं तसल्ली से बिल खोदूंगा और उसमें से सोना निकाल कर अमीर आदमी बन जाऊंगा। लड़के ने अगले दिन ऐसा ही किया, लेकिन जैसे ही उसने सांप के सिर पर लाठी मारी, तो सांप मरा नहीं बल्कि गुस्से से भर उठा। सांप ने क्रोध में लड़के के पैर में अपने विष भरे दांतों से काटा और लड़के की उसी समय मौत हो गई। ब्राह्मण जब वापस लौटा, तो उसे यह जानकर बहुत दुःख हुआ। कहानी से सीख - लालच का फल हमेशा बुरा होता है, इसीलिए कहते है कि कभी लालच नहीं करना चाहिए। हमारे पास जो भी हमें उसी से संतोष करना चाहिए और हमेशा परिश्रम करते रहना चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख : संसाधनों के अभाव में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है। इसलिए, जो भी संसाधन आपके पास हों, उसका ध्यान रखना चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख : एकता में बड़ी ताकत होती है। हमें हमेशा आपस में मिलकर रहना चाहिए और दूसरों की बातों में नहीं आना चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। लालच करने से हमारा ही नुकसान होता है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख - हमें अपनी ताकत पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए। अपनी ताकत के जोर पर दूसरों को परेशान करने की जगह उनकी मदद करनी चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख - हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि किसी को छोटा समझकर उनका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। सभी का सम्मान करना चाहिए। किसी को नीचा दिखाने से एक दिन खुद भी अपमान का सामना करना पड़ता है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें न तो दूसरों की चीजों के साथ छेड़छाड़ करनी चाहिए और न ही उनके काम में दखलंदाजी करनी चाहिए। ऐसा करने से हमें ही नुकसान होता है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख: हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। साथ ही दूसरों की लड़ाई में नहीं कूदना चाहिए, इससे हमारा ही नुकसान होता है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख - दूसरों का अच्छा चाहने वालों के साथ कभी बुरा नहीं होता। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख - इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि संकट के समय हमें घबराना नहीं चाहिए। मुसीबत के समय अपनी बुद्धि का उपयोग कर उसे दूर करने का उपाय सोचना चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख : हमें कभी भी भाग्य के भरोसे नहीं रहना चाहिए। संकट आने के पहले ही उसे दूर करने का उपाय सोचकर रखना चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख - किसी का भी अपमान करना अच्छी बात नहीं है। हम जैसा दूसरो के सात करते है, वैसा हमारे सात भी होता है 6aRbE8rKaUSGLIK0Az8q --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी किसी की बातों में नहीं आना चाहिए। साथ ही ऐसे लोगों से बचना चाहिए, जो आपकी झूठी प्रशंसा करते हैं। ऐसे लोग सिर्फ अपना काम निकलवाने के लिए ऐसा व्यवहार करते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें बिना सोचे किसी की बातों में नहीं आना चाहिए। साथ ही चालाक व धूर्त लोगों की मीठी-मीठी बातों पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें मुसीबत में फंसे व्यक्ति की मदद जरूर करनी चाहिए। इससे हमें भविष्य में इसके अच्छे परिणाम जरूर मिलते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि कभी भी निर्बल का फायदा नहीं उठाना चाहिए। साथ ही मुसीबत में समझदारी से काम लेना चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि किसी भी काम को करते वक्त मन में लोभ नहीं आना चाहिए। लोभ का फल कभी भी मीठा नहीं होता है। साथ ही सिर्फ सपने देखने से सफलता नहीं मिलती, इसके लिए मेहनत करना भी जरूरी है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख - हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। जो कुछ भी हमारे पास है, हमें उससे ही संतोष करना चाहिए और आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए। लालच करने से जो हमारे पास है, उससे भी हाथ धोना पड़ सकता है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख बच्चों, आलसी गधे की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अपने कर्त्तव्य का पालन करने में कभी भी आलस नहीं दिखाना चाहिए। साथ ही, व्यापारी की तरह सही समझ और सूझबूझ से किसी भी काम को आसानी से किया जा सकता है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख : झगड़े से कभी किसी समस्या का हल नहीं निकलता, उल्टा इससे सभी का नुकसान होता है। इसलिए, ऐसी अवस्था में शांत दिमाग से काम लेना चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख हमें कभी आलस नहीं करना चाहिए। आलस करने से हम मुसीबत में फंस सकते हैं। इसलिए, हमें आलस छोड़कर अपना काम खुद ही करना चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख : हमें कभी भी किसी बात पर घमंड नहीं करना चाहिए और अपने सच्चे दोस्त को नीचा नहीं दिखाना चाहिए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख : किसी भी झूठ को अगर कई बार बोला जाए, तो वो सच लगने लगता है, इसलिए हमेशा अपने दिमाग का उपयोग करें और सोच-विचार कर ही किसी पर विश्वास करें। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
कहानी से सीख : मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में भी बुद्धि से काम लिया जाए, तो उसका हल निकल सकता है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/footristories/message
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