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कविता। किस्से। कहानी। इतिहास। प्रसंग। गीत। संवाद। विवेचना।रुचि। यात्रा वृतांत और साक्षात्कार का अनूठा संग्रह। कविराज पॉडकास्ट में आपका स्वागत है। यह पॉडकास्ट जीवन और अनुभवों के बारे में है, जिसे कविता, मज़ेदार तथ्य, कहानी और साक्षात्कार के माध्यम से सुनाया जाता है। मैं हूं आपका मेजबान हरीश बेंजवाल। मुझे आशा है कि आप इस पहल की सराहना करेंगे। कृपया मेरे साथ बने रहें। साथ चलें। स्वागत है! अस्वीकरण: कविराज चैनल में व्यक्त की गई राय वक्ताओं और प्रतिभागियों की व्यक्तिगत रायों में से एक है। जरूरी नहीं है कि वे कविराज पॉडकास्ट चैनल या एंकर की राय या विचारों को दर्शाते हों।

Harish Benjwal


    • Jun 1, 2021 LATEST EPISODE
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    अंदाज़ अपना अपना

    Play Episode Listen Later Jun 1, 2021 28:19


    बढ़ती उम्र में काम के चलते हम कई बार उस इंसान के लिए वक़्त नहीं निकाल पाते जो आप हैं। अपने पसंद के गीत, कविता, फ़िल्म, कहानी या किससे ज़रूर देखें, पढ़ें और सुने क्यूँकि आप बेमिसाल हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    संकल्प इक्कीस

    Play Episode Listen Later Jan 14, 2021 7:53


    कविराज को सुनने वाले सभी श्रोताओं को नव वर्ष 2021 की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ. पिछला वर्ष हम सभी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा. लेकिन समय और मौसम सदा एक सा नहीं रहता वो बदलता है. आप ही की तरह मैंने भी नए साल का संकल्प या कहें ‘न्यू ईयर रेज़लूशन' लिया है अमल कितना कर पाता हूँ ये देखने लायक रहेगा. ये पॉड्कैस्ट मैं सोते हुए बना रहा हूँ क्यूँकि ठंड अभी गई नहीं।

    ओखला पक्षी अभयारण्य (O.B.S.)

    Play Episode Listen Later Jan 3, 2021 17:11


    ओखला पक्षी अभयारण्य (O.B.S.) का आकार लगभग 4 वर्ग किलोमीटर है और यह उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में NOIDA के प्रवेश द्वार पर स्थित है। यह एक ऐसे बिंदु पर स्थित है जहां यमुना नदी उत्तर प्रदेश राज्य में प्रवेश करती है और दिल्ली के क्षेत्र को छोड़ती है। यह राज्य के 15 पक्षी अभयारण्यों में से एक है। अभयारण्य में कांटेदार झाड़ी, घास के मैदान और आर्द्रभूमि की पक्षी प्रजातियों को देखा जाता है क्योंकि यह अद्वितीय स्थिति है। ओखला बैराज के निर्माण के कारण इस आर्द्रभूमि का गठन किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे वर्ष 1990 में अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया। यह अब भारत में 466 IBA (महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्रों) में से एक है। बिना किसी पूर्व योजना के हाल ही में मुझे यहां जाने का अवसर मिला. यह एपिसोड उसी का एक यात्रा वृतांत है. --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    टिड्डी

    Play Episode Listen Later Oct 31, 2020 6:09


    सर्दियां लगभग आ चुकी हैं. शारीर कुछ अलसाया सा महसूस करने लगा है. देखी जाएगी वाले रवैय्ये से बचें।नींद लाने के लिए एक छोटी कहानी. पेश है टिड्डी। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    वर्षगाँठ

    Play Episode Listen Later Oct 7, 2020 15:42


    आज मेरा जन्मदिन है। वर्षगाँठ, जन्मदिन, सालगिरह, बर्थ्डे। इस सफ़र में बहुत कुछ पाया है। बहुत कुछ करना अभी बाकी है। मन में जिज्ञासा उमड़ी तो पता चला औपचारिक रूप से जन्मदिन मनाना प्रचलन १ सेंचरी ए. डी. से आरम्भ हुआ। और हैपी बर्थ्डे वाला गीत १८५९ में लिखा गया और ये कॉपीरायट प्रोटेक्टेड था। जीवन में एक बार गोल्डन बर्थ्डे भी आता है. सबसे ज्यादा जन्मदिन अगस्त माह में आते हैं. व्यक्तिगत जीवन में जन्मदिन एक सामान्य दिन की तरह रहा। और क्या मायने हैं वर्षगाँठ के मेरे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में. चलिए सुनते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    हिंदी Medium

    Play Episode Listen Later Sep 16, 2020 21:05


    अपनी है। स्वदेशी है। लिपि भी है। भाव भी है। व्याकरण भी है। छोटा बड़ा कोई अक्षर नहीं। आधे शब्दों को भी जोड़कर रखती है हिंदी। तो फिर ग्लानि क्यूँ? शंका क्यूँ? कुंठा क्यूँ? बैर क्यूँ? हिंदी हैं हम वतन हैं हिन्दोस्ताँ हमारा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    ३३१०

    Play Episode Listen Later Sep 11, 2020 18:55


    ‘Basics' या मूल ज़रूरतें को पूरा करते हुए वक़्त के साथ चलना और बदलना ज़रूरी है। बशर्ते उसमें सुकून की अनुभूति हो। संवाद के कई माध्यमों से रूबरू होने का जीवन में अनुभव मिला। पिता और दोस्तों को अंतर्देशीय पत्र से लेकर लोकल पी सी ओ बूथ पर पल्स रेट के दर पर बात करना और आख़िर में घर में मोबाइल फ़ोन का आना। चरणबद्ध सफ़र में हर चीज की अहमियत का पता चलता गया। नोकिया ३३१० ने परिवार की दूरी मिटा दी। भटकाव कम थे। टेक्नॉलजी वरदान का कथन सार्थक लगा। समय का ना तो अभाव था और ना शिकवा। इस वर्ष फ़िनलैंड की कम्पनी नोकिया के ३३१० मॉडल को फ़ोन को २० साल हो गए। आपका पहला मोबाइल फ़ोन कौन सा था? आपकी क्या स्मृतियाँ हैं? क्या आपको वह उपहार स्वरूप मिला? ज़रूर साझा करें। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    शिक्षार्थ आइए-सेवार्थ जाइए !

    Play Episode Listen Later Jul 31, 2020 24:18


    यह पंक्ति प्रत्येक विद्यालय व कॉलेज के बाहरी द्वार पर लिखी होती है। इसे लिखने का उद्देश्य विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा का प्रयोग देश की सेवा के लिए करने हेतु प्रेरित करना है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० इस संदर्भ में एक तर्कसंगत प्रयास है। दुर्भाग्य से ये कदम बहुत पहले उठा लेने चाहिए थे। शिक्षा को किसी भी रूप में थोपा जाना सही नहीं बल्कि छात्र की रुचि, बौधिक और शारीरिक क्षमता के अनुरूप होनी चाहिए। खेल के प्रति उत्साह रखने वाले को उस खेल से विमुख नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार गीत, संगीत, नृत्य या अन्य कौशल में रुचि रखने वाले का सही मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन होना चाहिए। तभी देश में प्रतिभाएँ बिना किसी कुंठा के उभर पाएँगी। ये अनवांछित पढ़ाई का दबाव कई सपने उभरने नहीं देता है । #podcast #hindipoems#podcastersofinstagram #anchorfm#googlepodcasts #podcastlife#spotifyindia #hindi #indianpodcast#indianpodcaster #history #kaviraj#indianpodcaster #languages#indianhistory #hindipodcast #stories#hindipodcast #podcaster#podcastersofinstagram #unesco#culture #oraltradition #education#nationaleducationpolicy2020#shiksha #nep2020 --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    मत्तूर ग्राम

    Play Episode Listen Later Jul 6, 2020 24:02


    मत्तूर ग्राम भारत का आख़िरी संस्कृत बोलने वाला ग्राम। एक ओर देश की एक फीसदी से कम आबादी का संस्कृत बोलना और दूसरी ओर गांव के सभी लोगों का संस्कृत बोलने के अलावा हर घर में एक इंजीनियर होनाभले ही आश्चर्य लगे, लेकिन यह सौ फीसदी सच है। मैं बात कर रहा हूं शिवमोग्गा जिले के मट्टूर गांव की। जिसे "संस्कृत गांव" के नाम भी जाना जाता है। इस गांव के हर घर में एक आईटी इंजीनियर है। विशेषज्ञों की मानें तो संस्कृत सीखने से गणित और तर्कशास्त्र का ज्ञान बढ़ता है और दोनों विषय बड़ी आसानी से समझ आ जातेहैं। यही कारण है कि गांव का युवाओं का रुझाने धीरे-धीरे आईटी इंजीनियरिंग की ओर हो गया और आज यहां घर-घर में इंजीनियर है। जानकारों का मानना है कि जप और वेदों के ज्ञान से स्मरण शक्ति बढ़ती है और ध्यान लगाने में मदद मिलती है। गांव के कई युवा एमबीबीएस या इंजीनियरिंग के लिए विदेश भी जाते हैं। यहां युवाओं का रुझान आईटी सेक्टर की ओर इस कदर है कि हर घर से एक आईटी इंजीनियर है। यहां के कई युवा इंजीनियर विदेशों में कार्यरतहैं। तुंगा नदी के किनारे बसे इस छोटे से गांव के लोग आम जीवन में संस्कृत का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि इच्छुक व्यक्ति को संस्कृत सिखाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। वर्ष 2016 को मुझे इस गाँव में जाने का सौभाग्य मिला. #podcast #hindipoems#podcastersofinstagram #anchorfm#googlepodcasts #podcastlife#spotifyindia #hindi #indianpodcast#indianpodcaster #history#indianhistory #kaviraj#modernindianhistory#indianpodcaster #languages#indianhistory #hindipodcast #stories #hindipodcast #podcaster#podcastersofinstagram #unesco#culture #oraltradition #travelogue #sanskrit  --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    भारतीय सिनेमा में रेल

    Play Episode Listen Later Jul 3, 2020 46:15


    अपने १८७ साल के गौरवपूर्ण इतिहास में भारतीय रेल भारत के हर नागरिक को कभी ना कभी अपनी सवारी ज़रूर करायी है। भारत के संदर्भ में रेलवे का आग़ाज़ बहुत शानदार रहा है। और लगभग हर छोटे बड़े, गरीब अमीर ने इसके माध्यम से ज़िंदगी का सफ़र तय किया है। रूपहले पर्दे यानी सिनेमा ने भी भारतीय रेल के साथ सफ़र किया है और किसी ना किसी फ़िल्म का हिस्सा भारतीय रेल ज़रूर होती है। रोमैन्स, रोमांच, ट्रैजेडी, मस्ती के बहुत सारे वो दृश्य आज भी रूपहले पर्दे के अहम हिस्सा हैं। आइये एक झलक़ भर देख लें सिनेमा मेँ भारतीय रेल को। स्वागत है! Gratitude: Ms. Sarla Chaudhary (Voice over artist and the familiar, popular female voice behind Indian Railways public announcement at Platforms across India) Music/Background Score credit:  Sholay theme music, Sholay Media and Entertainment Pvt. Ltd.  Sadma background music, Shemaroo Video Pvt. Ltd.  Mujhe apna yaar bana lo, Boyfriend, Naresh Saigal Films  Mere Sapnon ki Raani, Aradhana,  United Producers,  Shakti Films --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    क्या ग़म है जो छुपा रहे हो?

    Play Episode Listen Later Jun 23, 2020 32:31


    नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर घंटे एक छात्र आत्महत्या करता है, जिसमें हर दिन लगभग 28 आत्महत्याएं होती हैं। NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 में 10,159 छात्रों की आत्महत्या हुई, 2017 में 9,905 और 2016 में 9,478 छात्रों की वृद्धि हुई। इनमे बहुत बड़ा कारण डिप्रेशन या कहें अवसाद का रहा। डिप्रेशन से भागे नहीं ना ही डिप्रेस लोगों से दूरी बनाए बल्कि उनकी मदद करें। एक आम धारणा ये भी है की बच्चों को डिप्रेशन नहीं होता है जो एक मिथ्या है। इसी बात पर और प्रकाश डाल रही हैं डॉ. कृति व्यास जो दिल्ली स्थित एक बाल मनोविज्ञान विशेषज्ञ हैं।  डॉ. व्यास से आप निम्नलिखित माध्यमों से  संपर्क कर सकते हैं: Email: innocentsteps1212@gmail.com   Instagram Page: https://www.instagram.com/innocent.steps1212/ साभार: कवि गोपाल दास नीरज जी की कविता - 'जीवन नहीं मरा करता है' बहुत प्रासंगिक और प्रेरणादायक है जिसको मैंने इस एपिसोड में शामिल किया है। मैं रिकॉर्डिंग में उनका नाम लेना भूल गया जिसके लिए मुझे खेद है। Please do participate in following small Survey: Dear All We hope you are doing well. We are a group of researchers trying to understand the lifestyle changes in the light of the Corona Virus Pandemic. We would like to request you to take out a few minutes to fill the questionnaire. Kindly click on the link below to participate in the study.  https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeOdYQWNEk-to41zAF0NlnUTWF_gvpcuGEr3VeOdL6jgAfSDQ/viewform?usp=sf_link   Personal information provided would remain strictly confidential and anonymous. Participation is entirely voluntary, and at any point in the research, you can withdraw your participation. We are very grateful for your time and participation and would request you to forward this form to others you may know. For any further queries, please do not hesitate to contact us. Thank you!    Best Regards Dr. Kriti Vyas kritivyas8288@gmail.com --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    प्लासी

    Play Episode Listen Later Jun 23, 2020 17:34


    २३ जून  हर साल आता है ये गर्मी को वो महीना है जिसमें हम आम का लुफ़्त उठाते हैं। सफ़ेदा, दसशेरी और बंगाल का माल्दा क़िस्म मुँह में पानी ला देती है। २३ जून को माल्दा आम खाते वक्त 263 वर्ष पहले लढ़ा गया प्लासी का युद्ध बरबस याद आ गया। तो सोचा स्मृति को और मज़बूत कर दूँ। आख़िर क्यूँ हुआ प्लासी का युद्ध इस धारा में बह कर समझते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    बोल दो

    Play Episode Listen Later Jun 18, 2020 31:29


    बड़ी बड़ी उलझनों की वजह हमेशा ही बहुत छोटी होती है। लॉकडाउन में हम लोगों का बाहर आना जाना लग भग बंद सा हो गया। ये एक अभूतपूर्व स्थिति है। घुटन में कभी ना रहें कभी नहीं। जो भी रहबर है आपका उससे ज़रूर बोलें। अवसाद को नज़रंदाज़ ना करें। मैंने अपने बचपन के दोस्त डॉ. मोनु शर्मा से बात करी जो वर्तमान में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, दिल्ली में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। वो जामिया में मनोविज्ञान विषय पढ़ाते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    दास्ताँ ए हिंदुस्तान

    Play Episode Listen Later Jun 15, 2020 2:58


    भारत के इतिहास को बदल कर रख देने वाली घटनाएँ बहुत जल्द --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    आज़ादी

    Play Episode Listen Later Jun 12, 2020 31:19


    एक दौर था जब भारत का एकमात्र उद्देश्य अंग्रेजों से आज़ादी पाना था। एक विदेशी हुकूमत के अधीन खुद को ग़ुलाम मानना भारत की जनता को गवारा ना था। आज़ादी एक व्यक्ति विशेष के कारण नहीं मिली बल्कि इस यज्ञ में कई आहुतियाँ पड़ी। पंडित राम प्रसाद ‘बिसमिल' उनमें से एक ऐसे महान कवि, शायर और क्रांतिकारी थे जो आज़ादी के लिए फाँसी झूल गए। उनके द्वारा गाया गया गीत - ‘सरफ़रोशी की तमन्ना' आज भी सुनने मात्र से सिहरन पैदा करता है। आज़ादी के मायने कई प्रकार से बदल गए हैं। अब शत्रु और व्याधियाँ स्पष्ट ना हो कर जटिल हैं। कुछ इसी प्रकार की कुण्ठा मानसिक और वैचारिक तौर पर भी मौजूद हैं जिनका निवारण ज़रूरी है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    H.M.T.

    Play Episode Listen Later Jun 9, 2020 26:23


    एचएमटी (हिंदुस्तान मशीन टूल्स) घड़ियों को 70, 80 और 90 के दशक में स्टाइल और स्टेटस सिंबल माना जाता था। वह उस वक्त के सामज़ की कलाई में बंधी हुई दिखती थीं। घड़ी की सुंदरता और उपयोगिता इसी बात से सिद्ध हो जाति थी कि यह भारत के स्वदेशी उत्पादों या मेड इन इंडिया उत्पाद में से एक था जिससे पहनने वाला गर्व की अनुभूति महसूस करता था। एचएमटी घड़ी ने भावनाओं को प्रतिध्वनित किया और विकास की दिशा में भारत की यात्रा को बढ़ाया। जनता, पायलट, रजत जैसे एचएमटी के मॉडल इतने लोकप्रिय थे कि मांग को पूरा करना मुश्किल होता था। लेकिन वर्तमान में इस घड़ी का उत्पादन में 2016  से बंद है और जल्द ही आने वाली पीढ़ी की स्मृति से गायब हो जाएगी। बस यही वह मौक़ा है जब देश के प्रधानमंत्री के आवाहन पर वोकल फ़ोर लोकल‘ पर ज़ोर दिया जा रहा है। भारत के पास साज़ों समान पड़ा हुआ है बस ज़रूरत है कुछ एस्थेटिक्स और रीसर्च एंड डिवेलप्मेंट की और फ़िर से एक नए कलेवर में एचएमटी को लॉंच करने की। रोज़गार के कई आयाम खुलेंगे ऐसा मेरा विश्वास है।  https://youtu.be/o5tz8FpXy2A --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    हिसाब

    Play Episode Listen Later Jun 4, 2020 15:56


    इंसान का प्रकृति के साथ ये छीना झपटी उसको ही नुक़सान पहुँचा रही है और पहुँचाएगी। वो उस डाल को काट रहा है जिसमें स्वयं बैठा है। विज्ञान में शोध और कामयाबी से उसने अपने आप को सुरक्षित कर लिया ऐसा उसका मानना है। उसने संसार पर विजय प्राप्त कर लिया ऐसा उसका दावा है। उसके हिस्से का निवाला कोई और छीन ना ले उसने उसके लिए खेतों में बाड़ लगा दी। उसने ज़ाल बिछा दिए। उसने अपनी भूख़ के लिए अन्य जीवों का निवाला भी बड़ी मुस्तैदी के साथ छीन लिया। केरल में एक गर्भवती हथिनी के साथ जो मानवी कुकृत्य हुआ वह उस कड़ी का एक हिस्सा है। ब्रह्मा ने सृष्टि बनाते समय ये कल्पना शायद नहीं करी। संवेदना का साक्षरता से कोई वास्ता नहीं है यह वो आंतरिक मूल्य है जो इंसान अपने परिवेश में सीखता है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    काला रंग

    Play Episode Listen Later Jun 2, 2020 31:08


    रंगभेद, नस्ल, गोरा बनाम काला ना केवल अमेरिका जैसे देश में विद्यमान रहा है बल्कि भारत जैसे विकासशील देश का अभिन्न अंग रहा है। भारत में उत्तर भारत बनाम दक्षिण भारत बनाम उत्तर पूर्व हमेशा से रहा। काला, नाटा, चिंक़ी, बिहारी, मद्रासी, चायनीज़ ये भेदभाव भीतर तक घर कर गया है। घर (मन) की सफ़ाई की सख़्त ज़रूरत है जिससे पहले हम ट्विटर पर विश्व चिंतक बनें।  Apartheid, Racism, Colourism, White vs Black and other inhuman discrimination have not only been historically  present in a country like America but has been an integral part of several developing countries inclusive of India. Within our backyards we  always had this North India vs South India vs North East and vice versa. Terms like Kaala, Naata, Chinki, Bihari, Madrasi, Chinese is an integral part of our local vocabulary; this discrimination has gone deep inside unnoticed. There is a dire need for housekeeping (mind) before we become universal thinkers on Twitter. --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    मंथन

    Play Episode Listen Later May 28, 2020 32:38


    भारत विश्व का सबसे युवा देशों में से एक है। भारत की लगभग 35% जनसंख्या युवा है जो एक गर्व की बात है। भारत प्रतिभा के मामले में किसी भी देश से पीछे नहीं और विश्व की सबसे प्रतिष्ठित कंपनियों में भारतीय मूल्य के व्यक्तियों का दबदबा है। लेकिन इसी जनसंख्या में एक वर्ग ग़लत दिशा में चल पड़ा और हो-हल्ला में बढ़ता चला जा रहा है। ये वो खोखला युवा है जो सही ग़लत में फ़र्क़ नहीं समझ पा रहा और मिथ्या, सहजता और कोरी कल्पनाओं में अपनी ऊर्ज़ा, समय व्यर्थ कर रहा है। अगर सही समय में उन्हें मार्गदर्शन नहीं मिला तो भविष्य में समाज के लिए उनका ख़तरनाक होने में कोई दो राय नहीं। पॉडकास्ट में व्यक्त बातें मेरे व्यक्तिगत अनुभव से संबंधित हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    बिजूका

    Play Episode Listen Later May 25, 2020 23:43


    बिजूका या अंग्रेज़ी में स्केर-क्रो विश्व की संस्कृतियों में कई नामों से जाना जाता है। अभी इस लॉक्डाउन के दौरान फ़ोन पर बातचीत में पिताजी जो अभी गाँव में हैं उन्होंने गढ़वाल, उत्तराखंड में जंगली भालुओं, लंगूरों से फल, सब्ज़ी, अनाज़ बचाने के लिए डरौंण्या ( गढ़वाली में बिजूका का नाम) बनाया। इतिहास में भी बिजूका रोचक है उदाहरण के लिए जापानी किसानों ने अपने चावल के खेतों की रक्षा के लिए बिजूका बनाया। उन्होंने काकेशी नामक बिजूका बनाया, जिसका आकार लोगों की तरह था। उन्होंने एक रेनकोट और एक गोल पुआल टोपी में काकेशियों को कपड़े पहने और अक्सर धनुष और तीर जोड़े ताकि उन्हें अधिक खतरा दिखाई दे। वापस भारत में कर्नाटक के एक गाँव ने कुछ अनोखा किया। क्या किया चलिए सुनते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    छल्ला

    Play Episode Listen Later May 21, 2020 31:50


    धुएँ का छल्ला बनाते हुए कोई ना कोई और कहीं ना कहीं दिख जाता है। इस तलब में लाचारी कम और “मेरे फ़ेफ़्ड़े- मेरी ज़िंदगी” वाला तंज मज़बूती के साथ दिखता है। भारत में सिगरेट पीने की शुरुआती उम्र 17 साल से 15 साल हो गयी। यानी लत ये ग़लत लग गयी। Song Courtesy: Rama Re Movie: Kaante Year: 2002 Copyright Owner: T-Series  --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    कैमरा

    Play Episode Listen Later May 19, 2020 13:47


    कैमरा बहुत कुछ कहना चाहता था। लेकिन उसकी बात किसी ने नहीं सुनी। नाम उसका इस्तेमाल करने वाले का हुआ। वह तो बस मरोड़ा गया, लटकाया गया। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    अनधिकार चेष्टा

    Play Episode Listen Later May 17, 2020 20:20


    वक़्त तो बिना लेबल के चलता रहता है। बदलता अगर कुछ है तो वह है रवैया। ज़रूरत इस बात की है की रवैया सटीक हो। और ये सटीकता आत्ममंथन से आती है। घर से बाहर और भ्रम की इस दुनिया में प्रभावित होने के लिए बहुत कुछ है। जितनी सरलता और सुगमता से वह प्रभाव उपलब्ध होगा आप उसमें बहते चले जाएँगे। हर्ष भी कुछ इसी प्रभाव की गिरफ्त में आ गया। अस्वीकरण: सभी पात्रों का नाम काल्पनिक है और किसी भी प्रकार की समानता मात्र एक संयोग होगा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    सात की कहानी

    Play Episode Listen Later May 15, 2020 17:36


    अंक सात मुझे लुभाता है। अपनी बनावट के लिए और अपनी आभा के लिए। मेरी जन्म तिथि भी सात है और जेम्ज़ बॉंड का नम्बर भी सात ही था। और कहाँ है सात का साथ चलिए सुनते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    थोड़ी धूप है सबका हिस्सा

    Play Episode Listen Later May 14, 2020 10:29


    दो शब्द किसी के प्रशंसा में बोलने से हमारी ना तो ज़ीभ घिसती है ना आयु कम होती है। व्यक्ति, समय, पद/औहदा और अवस्था कोई भी हो इस कला को सीखें और ईमानदारी से इसका प्रयोग प्रख़र और मौखिक़ हो कर करें क्यूँकि दुनिया में निन्दकों की तादाद बेतहाशा है और थोड़ी धूप है सबका हिस्सा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    मेडोज़ का भूत!

    Play Episode Listen Later May 12, 2020 56:52


    भूत होने का आभास एक ऐसी कल्पना है जिस पर विश्वास करना और ना कर पाना दोनों ही जो कुछ करे ना करे पर एक सिरहन ज़रूर पैदा कर देती है। और जब ऐसी घटना स्वयं के साथ हो तो क्या कहना! अस्वीकरण: सभी पात्रों का नाम काल्पनिक है और किसी भी प्रकार की समानता मात्र एक संयोग होगा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    खुशी का पिटारा

    Play Episode Listen Later May 12, 2020 31:25


    जीवन में ख़ुश रहना उतना मुश्किल नहीं जितने तरीके दुनिया ने बता दिया है। स्वयं के व्यवहार में थोड़ा बहुत बदलाव ख़ुशी पाने के लिए मददगार साबित होती है। पेश हैं दस ऐसे टिप्स जो मैंने अपने अनुभव से सीखें हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    वास्ता

    Play Episode Listen Later May 11, 2020 21:35


    जिस संस्कृति में भाषा के साथ लिपि होती है उस संस्कृति का सुदृढ रहना चिरकाल तक संभव है। और जिस संस्कृति में भाषा के साथ लिपि नहीं है वहां लोगों का उस परंपरा से लगाव रहना लंबे समय तक रहना मेरे हिसाब से एक चुनौती है। रचनात्मक कार्यों के लिए एक भाषा लिखित रूप होना आवश्यक है। ये उस कड़ी का हिस्सा है जो एक दौर से दूसरे दौर तक जाती है। जब इंसान का वास्ता काम होता जाता है तब वह हर मूल्यों को ताक पर रखता जाता है और उसके भीतर वो संजीदगी शनै-शनै समाप्त होती जाती है। मेरे हिसाब से वर्तमान में अशांति का एक कारण यह भी है या अन्य शब्दों में कहें तो मूल्यों का पतन जिसकी एक वजह भाषा और लिपि का अभाव है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    चावल का दाना

    Play Episode Listen Later May 11, 2020 28:02


    भूख के मायने व्यक्ति, स्थान और समय के अनुरूप बदलते हैं। कुछ लोग दिन भर चरने के बाद भी भूखे महसूस करते हैं। कुछ खाने के लिए जीते हैं और कुछ रिंकू की तरह होते हैं जिनकी कल्पनाओं में भूख कई दर्जे ऊपर बैठी रहती है जिसको बस आंखों से संतुष्ट किया जाता है। क्या मायने हैं अक्षय पात्र का रिंकू के लिए ये कहानी उसे बयां करती है।अस्वीकरण: कविराज चैनल में व्यक्त की गई राय वक्ताओं और प्रतिभागियों की व्यक्तिगत रायों में से एक है। जरूरी नहीं है कि वे कविराज पॉडकास्ट चैनल या एंकर की राय या विचारों को दर्शाते हों। सभी पात्रों का नाम काल्पनिक है और किसी भी प्रकार की समानता मात्र एक संयोग होगा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    स्क्रैच कॉर्ड

    Play Episode Listen Later May 7, 2020 18:19


    दिल्ली आए हुए उसे छह महीने हो गए। यहाँ वो सुरंग बना रहा था। गाँव में माँ बीमार थी।कुछ नहीं बना तो दिल्ली आ गया। दुकानदार के कहने पार उसने मोबाइल रीचार्ज करवाया फ़्रीडम प्लान वाला। दुकानदार ने उसे एक स्क्रैच कॉर्ड दिया लेकिन बाद में उसे फिर एक स्क्रैच कॉर्ड मिनी फ़्रीडम लेना पड़ा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    My Rode Cast

    Play Episode Listen Later May 5, 2020 1:20


    My Podcast ‘Kaviraj' is a personal journal of mine which talks about about daily life experiences; shared through poetry, songs, meaningful conversations. It is a personal touch of being self in a public domain.  Welcome! My entry to My Rode Cast Competition organised by Anchor and Rodes microphone. --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    बिकता सब है

    Play Episode Listen Later May 4, 2020 11:19


    बिकता सब है हुनर, सेवा, सनसनी, ज्ञान, तमाशा। वक़्त अब बाजारवाद का है। मुफ़्त में अब कुछ नहीं मिलता। चायपत्ती के पैकेट के साथ बिस्कुट मुफ़्त पाने के लिए चायपत्ती भी खरीदनी ही पड़ती है। घर से बाहर आपका सुनिश्चित दाम है अब चाहे ध्याड़ी कहें या सैलरी। यही हाल खबरों और मीडिया का भी है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    सपना

    Play Episode Listen Later May 2, 2020 11:33


    सपना उस बुलबुले की तरह है जो जब तक हवा में तैरता रहे तब तक वो हक़ीक़त जान पड़ता है। और जब वह फूटता है एक पल में सब धराशायी। दीनू भी आख़िर इंसान ही था उसने भी सपना देखा। साभार: कहानी का नाम : सपना  कहानी के लेखक : मनमोहन कौशिक https://hindi.pratilipi.com/read/सपना-लघुकथा-सपना-djsajbwvcful-1803p6152865z20 --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    फूलदेयि

    Play Episode Listen Later May 2, 2020 21:40


    फूलदेयि उत्तराखंड राज्य में फसल त्योहार के रूप में जाना जाता है, फूलदेयि एक शुभ लोक त्योहार है जो राज्य में वसंत के मौसम का स्वागत करता है। यह त्योहार हिंदू महीने के पहले दिन, चैत्र में मनाया जाता है। त्योहार में भाग लेने के लिए नन्हें बच्चे सबसे अधिक उत्साहित होते हैं। फूलदेयि सभी फूलों और वसंत ऋतु के बारे में है। कुछ स्थानों पर, त्योहार को कार्निवल के रूप में मनाया जाता है और उत्सव एक महीने तक चलता है। ‘देयि 'शब्द हलवा को संदर्भित करता है जो इस त्योहार का प्रमुख भोजन है जो गुड़ से बनाया जाता है। सफेद आटा और दही भी सभी को दिया जाता है। नन्हें बच्चे फूलदेयि छमा देयी जैसे पारम्परिक गीत गा कर माहौल को और सजीव कर देते हैं। कविराज के इस एपिसोड में अपने अनुभव साझा कर रही हैं मेरी माँ।  गीत साभार : UK Music India,  https://youtu.be/W9P2wzyGRRw  फ़ोटो आभार:  bemisaalgarhwal.in --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    1 मई 1886

    Play Episode Listen Later May 1, 2020 19:01


    इतिहास गवाह है कि विश्व के विकास में श्रमिकों का योगदान अभूतपूर्व है। पर उनका स्वयं का जीवन का स्तर कुछ और ही तस्वीर बयां करता है। भारत में इन श्रमिकों की कहानियां और भी दयनीय है। विषय और अधिकारों के चल रहे घमासान में मजदूर दूर दूर तक नज़र नहीं आता। वक्त है चिंतन और मंथन के विषय और नज़रिए में हम उस मजदूर को भी शामिल करें। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    दिल्ली दरवाज़ा

    Play Episode Listen Later Apr 30, 2020 13:17


    ज्यादातर लोग दिल्ली गेट मतलब फिरोजशाह कोटला या मौलाना आजाद मेडिकल के पास स्थित उस दरवाजे को समझते हैं जो सड़क के बीचों बीच बना है।बहुत कम लोग ये जानते हैं कि दिल्ली देहात का प्रवेश द्वार कहलाने वाले नजफगढ़ में भी दिल्ली गेट है। नजफगढ़ किले के सभी दिशाओं में 4 द्वार थे लेकिन वर्तमान में केवल एक ही बचा है। यह द्वार है दिल्ली गेट जिसे 1790 ईस्वी में बनाया गया था। दिल्ली गेट पुराने शहर का मुख्य प्रवेश द्वार है जो अब इस क्षेत्र का मुख्य बाजार है और सैकड़ों वर्ष पुराना है। ऐतिहासिक रूप से नजफगढ़ दिल्ली में शाहजहाबाद (पुरानी दिल्ली, चांदनी चौक क्षेत्र), महरौली आदि के साथ सबसे पुराना शहर है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    इरफ़ान

    Play Episode Listen Later Apr 29, 2020 9:28


    इरफ़ान ख़ान से मैं कभी मिला नहीं। पर उस इंसान की आंखें मुझे बताती की वो ज़िन्दगी जी रहा है। हर किरदार को पूरी ईमानदारी और सहजता से करना। ज़िन्दगी में उनसे मिलने की तमन्ना थी वो पूरी नहीं हो पाई। उनका अभिनय भूलते नहीं भूलता। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    धुआं नहीं

    Play Episode Listen Later Apr 29, 2020 22:03


    जीरो इमिशन या शून्य उत्सर्जन कॉन्सेप्ट भारत जैसे विकसशील देश में क्रियान्वित होने में विकसित देशों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा समय लगेगा। एक वजह संपन्न समाज का आडंबर में विश्वास रखना भी है। साईकिल चलाना ना केवल एक रुचि है अपितु पर्यावरण को दूषित करने से रोकने में बहुत हद्द तक कारगर भी है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    आख़िरी बार-पॉकेट मार

    Play Episode Listen Later Apr 26, 2020 8:00


    कुछ दोस्त चीज़ें और रिश्ते बड़े सहेज कर रखते हैं और कोशिश करते हैं इन पर कोई आंच ना आए। पर मेरा ये दोस्त कबाड़ के प्रति कुछ अत्यधिक लगाव रखता था। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    चंबल

    Play Episode Listen Later Apr 26, 2020 3:48


    उत्तरी-मध्य भारत के लोकगीतों में चंबल के बीहड़ों का विशेष स्थान है। फूलन देवी, पान सिंह तोमर, मान सिंह और निर्भय सिंह गुज्जर जैसे डकैतों की कहानियां अब भी इन क्षेत्रों में घरेलू किस्से हैं और अक्सर इनकी कहानी दादी नानी द्वारा सुनाई जाती है। मेरी कविता उसी अनुभव से रूबरू होने की कोशिश करती है। फ़ोटो क्रेडिट: बेंडिट क्वीन पोस्टर, 1994, शेखर कपूर --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    हॉर्मोनीयम हॉर्मनी

    Play Episode Listen Later Apr 26, 2020 12:13


    कला, कलाकार और साज़ का हमेशा सम्मान होना चाहिए, विधा कोई भी हो। हार्मोनीयम का अपना एक स्थान है। Harmonium Sound Credit : archive.org (HarmoniumSound_201410) --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    दिल जिसे कह ना सका

    Play Episode Listen Later Apr 25, 2020 5:40


    स्कूल से निकालने की बाद कॉलेज के शुरुआती कुछ महीनों तक एक मासूमियत बरक़रार थीं। वक़त गुजरने के बाद अब हंसी आती है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    अग्निपरीक्षा

    Play Episode Listen Later Apr 25, 2020 8:48


    असफल हो गए? कोई बात नहीं ज़िन्दगी अभी बाकी है। एक और प्रयास करें? और अग्निपरीक्षा तो होती ही रहेगी। जरूरत है हिम्मत बनाएं रखें। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    हनुमान दर्शन!

    Play Episode Listen Later Apr 19, 2020 13:27


    ज़िंदगी में भगवान के दर्शन किसी भी रूप में मिल सकते हैं। कॉलेज के दिनों में आस्था परिपक्व रूप में नहीं होती। मुझे भी दर्शन मिले और सीख भी! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    फुहार

    Play Episode Listen Later Apr 18, 2020 4:24


    कुछ बूंदें बारिश की गर्मियों में राहत देने के लिए काफ़ी हैं। प्रकृति करवट बदलती है क्यूँकि उसके कई दायित्वों में से एक है राहत देना। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    बाॅल्ड कॉन्फेशन

    Play Episode Listen Later Apr 18, 2020 10:39


    हर बसंत पतझड़ के बाद एक नयी बायार का आगाज़ करता है। प्रकृति फ़िर से नवोदित रूप में पेश आती है। लेकिन सर के बालों की कुछ और ही कहानी है। सामाजिक जीवन में बालों के ऊपर की बातें इसी बात को पुख़्ता करता है कि लाख दावों के बाद भी समाज अभी रंग रूप, कद-काठी से ऊपर नहीं पहुंच पाया। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    रेल मिलाप

    Play Episode Listen Later Apr 18, 2020 10:02


    रेल मिलाप जीवन का अभिन्न अंग है। एक रेल यात्रा आपको जीवन के हर वो रंग महज़ कुछ घंटों के सफ़र में दिखा सकती है जिसकी आप बस कल्पना कर सकते हैं। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    भीख़म का कुत्ता

    Play Episode Listen Later Apr 17, 2020 7:08


    भीख़म का कुत्ता - एक लघुकथा है जिसे लेखक मनमोहन कौशिक ने लिखी है। मनमोहन कौशिक पेशे से हिंदी विषय के अध्यापक हैं और कहानियाँ और कविताएँ लिखने में रुचि है। मनमोहन जी की अन्य कहानियाँ आप प्रतिलिपि पर पढ़ सकते हैं । https://hindi.pratilipi.com/user/मनमोहन-कौशिक-nwrmxdbevy --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    जननी

    Play Episode Listen Later Apr 12, 2020 6:45


    जननी का जीवन में योगदान नहीं ऋण होता है जो जन्म जन्मांतरों के बाद भी इंसान नहीं चुका पाता। उम्र या अन्य शारीरिक चुनौतियाँ भी उसके उस अथाह स्नेह और दुलार को नहीं नहीं मोटा सकती। और स्वर्ग की कल्पना अगर है तो वो माँ और उसका वो प्यार है। या कहें जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी । --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    बाराँ

    Play Episode Listen Later Apr 10, 2020 16:12


    ज़िन्दगी अनुभवों से बनती है। कुछ अनुभव हमें अपने ऊपर विश्वास रखने को सिखाते हैं। डर भी उन्हीं में से एक है। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

    काक चेष्टा बको ध्यानम

    Play Episode Listen Later Apr 10, 2020 11:08


    दैनिक जीवन में किसी भी कार्य के सफल होने के लिए एकाग्रता की अत्यंत आवश्यकता है। मनोज कुमार जी एक प्रेरक एवं कुशल वक्ता हैं और गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़ ज़िला, उत्तर प्रदेश के स्कूलों और अन्य संस्थाओं में छात्रों को पिछले दस सालों से प्रेरित करते आ रहे हैं।  मनोज जी के पिताजी स्वतन्त्रा संग्राम सेनानी थे और आज़ाद हिन्द फ़ौज (INA) के सिपाही रहे। उनकी बातें अमूल्य थीं जिनका प्रभाव मनोज जी पर पड़ा, ऐसा वो बताते हैं। आज़ाद हिन्द फौज से सेवानिवृत्त होने के बाद उनके पिता प्राइवेट सेक्टर में रहे और साथ ही साथ उनहोंने  अपने ग्राम में एक मार्केट बनायी जिसमें चार दुकानें थीं । ये बात लगभग 35 वर्ष पूर्व की है उस वक़्त कई लोगों ने उनसे कहा कि ये दुकानें आपको शहर में बनानी चाहिए थीं उस बात पर उनके पिता जी बोले की हमें गाँवों को शहर बनाना है।आज हम देखते हैं अगर गाँवों में रोजगार के साधन होते तो शहर में लोग मजदूरी करने नहीं जाते। कविराज में इस एपिसोड में वो अपना अनुभव साझा कर रहे हैं। अस्वीकरण: कविराज चैनल में व्यक्त की गई राय वक्ताओं और प्रतिभागियों की व्यक्तिगत रायों में से एक है। जरूरी नहीं है कि वे कविराज पॉडकास्ट चैनल या एंकर की राय या विचारों को दर्शाते हों। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/harish-benjwal/message

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