वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...ग़ाज़ा में हिंसक युद्ध के 600 दिन, फ़लस्तीनी आबादी सामूहिक विस्थापन व भरपेट भोजन नहीं मिल पाने की शिकार.यूक्रेनी शहरों पर रूसी सैन्य बलों के सिलसिलेवार हमलों से शान्ति उम्मीदों को लगा बड़ा झटका.हिमनदों से जुड़ा है मानवता का भविष्य, ग्लेशियर संरक्षण के लिए अहम सम्मेलन का आयोजन.यूएन शान्तिरक्षक दिवस के अवसर पर सुनिएगा दक्षिण सूडान में तैनात एक भारतीय शान्तिरक्षक का सन्देश.तम्बाकू के लुभावने स्वाद के जाल में फँसती जा रही है युवा पीढ़ी.आलू सिर्फ़ एक फ़सल नहीं, बल्कि एक इतिहास, एक संस्कृति और भविष्य की सुरक्षा का साधन भी.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...ग़ाज़ा की, जहाँ युद्ध और भुखमरी से त्रस्त लोगों की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र ने अपनी योजना को अपनाए जाने का इसराइल से किया आग्रह, उधर बीते सप्ताह इसराइली हमलों में 629 लोगों की मौत.कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया में मचाई थी भीषण उथल-पुथल, मगर क्या दुनिया फिर ऐसी किसी अन्य महामारी का मुक़ाबला करने के लिए तैयार है. इसी उद्देश्य से हुआ है एक महामारी तैयारी समझौता.शान्ति निर्माण और राजनैतिक प्रक्रिया में महिलाओं की भागेदारी से बढ़ती है शान्ति और स्थिरता, कुछ ऐसी ही प्रक्रिया, यूएन की मदद से चल रही है दक्षिण सूडान में.जैव विविधता हमारे जीवन और पृथ्वी के संरक्षण के लिए है बहुत ज़रूरी, मगर फिर भी मानवता को इसकी क़द्र और फ़िक्र नहीं.इन सबके अलावा सुनिएगा एक विशेष इंटरव्यू - भारत की एक शान्तिरक्षक मेजर लिश्मिथा बारिक अय्यप्पा के साथ, जो दक्षिण सूडान में शान्ति स्थापना में सक्रिय योगदान कर रही हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अन्तरराष्ट्रीय शान्ति रक्षक दिवस पर मिलिए भारत की एक शान्तिरक्षक मेजर लिश्मिथा बारिक अयप्पा से, जो दक्षिण सूडान में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में तैनात हैं. उन्होंने यूएन हिन्दी की पूजा यादव के साथ ख़ास बातचीत में ना केवल अपनी ज़िम्मेदारियों और अनुभवों के बारे में जानकारी साझा की, बल्कि यह भी बताया कि वो कैसे वहाँ की स्थानीय जनता और समुदायों की मदद कर रही हैं — जागरूकता फैलाकर, शिक्षा के ज़रिए बदलाव लाकर...
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...ग़ाज़ा में बीती रात, एक और इसराइली हमले में कम से कम 64 लोगों के मारे जाने की ख़बरें. साथ ही, मानवीय सहायता सामग्री के हमास की तरफ़ जाने के आरोपों का ज़ोरदार खंडन.यूएन शान्तिरक्षा अभियानों के लिए और अधिक समर्थन व धन सहायता का आग्रह.कोविड-19 के कारण सम्पन्न देशों में भी बच्चों की शिक्षा पर पड़ा गहरा असर, बहुत से बच्चों का स्वास्थ्य बिगड़ा.कोविड-19 के दौरान लोगों ने क्या सबक़ सीखे, और उन्हें भविष्य में इसी तरह की महामारियों से बचने के लिए किस तरह किया जा सकता है इस्तेमाल.भारत में विकलांगता समावेशन पर आयोजित हुआ एक फ़िल्मोत्सव, सुनिएगा भारत में WFP के संचार प्रमुख परमिन्दर सिंह के साथ एक विशेष इंटरव्यू.
दुनिया को कोविड-19 जैसी महामारियों का मुक़ाबला करने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से, हाल ही में देशों के बीच एक वैश्विक महामारी तैयारी समझौते के मसौदे को, अन्तिम रूप दिया गया था. इसे सोमवार 19 मई से आयोजित हो रही विश्व स्वास्थ्य सभा में पारित किए जाने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. भारत में संयुक्त राष्ट्र की स्वेच्छा सेवा संस्था UNV के UNDP में कार्यरत यूथ मोबिलाइज़र निखिल गुप्ता ने, कोविड -19 महामारी के दौरान एक स्वयंसेवक के रूप में व्यापक स्तर पर काम किया था. यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा ने उनसे कोविड - 19 के दौरान उनके कामकाज, उससे मिले सबक़ और विश्व स्वास्थ्य सभा से जुड़ी उम्मीदों पर बातचीत की...
फ़िल्में माध्यम होती हैं - कहानियाँ सुनाने का – ख़ुशी और ग़म, प्यार और दर्द, जीत और हार की कहानियाँ. भारत में संयुक्त राष्ट्र ने इस सप्ताह, यूनेस्को व ब्रदरहुड जैसे भागीदारों के साथ मिलकर, We Care फ़िल्मोत्सव का आयोजन किया. इस फ़िल्मोत्सव में, एक दृष्टिहीन व्यक्ति की कहानी पर बनी भारत की फ़िल्म ‘श्रीकान्त' से लेकर, विकलांगता के कई आयामों को छूती रूस, इसराइल व ईरान जैसे देशों की कई फ़िल्मों को पुरस्कार से नवाज़ा गया. कार्यक्रम में विकलांग समावेशन पर पैनल चर्चाएँ भी हुईं, जिनमें सिनेमा जगत में विकलांगजन के प्रतिनिधित्व वाली अधिक फ़िल्मों को प्रोत्साहन देने पर बल दिया गया, जिससे समाज में इन मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ सके. पैनल चर्चा के बाद यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा ने बात की, संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) में संचार प्रमुख परविन्दर सिंह के साथ जो ख़ुद एक विकलांग व्यक्ति होने के नाते, वर्षों से विकलांगजन के अधिकारों व समावेशन के क्षेत्र में काम करते रहे हैं...
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...भारत और पाकिस्तान से तनाव कम करने और सैन्य टकराव से बचने की पुरज़ोर अपील.यूएन मानवीय एजेंसियों ने, ग़ाज़ा में सहायता आपूर्ति पर नियंत्रण के लिए, इसराइल की योजना को किया रद्द.AI, लाखों-करोड़ों लोगों की भलाई के लिए साबित हो सकती है एक शक्तिशाली उपाय.मानव विकास के सूचकांक में, भारत की स्थिति हुई कुछ बेहतर, UNDP-भारत में एक वरिष्ठ अर्थशास्त्री अमी मिश्रा के साथ विशेष इंटरव्यू.भारत में पाँच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में आई ऐतिहासिक गिरावट.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की मानव विकास रिपोर्ट (HDR) में कहा गया है कि इस क्षेत्र में वैश्विक मन्दी बरक़रार है, जो वैश्विक प्रगति के लिए ख़तरा है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत मानव विकास सूचकाँक में 130वें स्थान पर, मध्यम विकास श्रेणी में बना हुआ है. भारत का एचडीआई मूल्य 1990 की तुलना में, 53% अधिक बढ़ गया है, जो वैश्विक और दक्षिण एशियाई औसत से ज़्यादा है. जीवन प्रत्याशा 1990 में 58.6 वर्ष से बढ़कर 2023 में 72 वर्ष हो गई है, जो सूचकाँक शुरू होने के बाद की सर्वाधिक वृद्धि है. मानव विकास रिपोर्ट में भारत के सन्दर्भ में जारी इन आँकड़ों के क्या मायने हैं, यह जानने के लिए यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा ने बात की, भारत में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की वरिष्ठ अर्थशास्त्री, अमी मिश्रा से.
इस साप्ताहिक समाचार बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...यूएन प्रमुख, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के मद्देनज़र, जल्द ही कर सकते हैं दीगर बातचीत.ग़ाज़ा पट्टी में सहायता सामग्री के प्रवेश पर दो महीने से लगी इसराइली पाबन्दी से, भुखमरी की आशंका.दुनिया भर में, सहायता धनराशि में कटौती से, लाखों लोगों की जान को ख़तरा, कहा OCHA प्रमुख टॉम फ़्लैचर ने.हाल ही में यूएन मुख्यालय में हुए युवा ECOSOC मंच, में शिरकत करने वाले कुछ युवाओं से बातचीत की झलकियाँ.भारत के मध्य प्रदेश में, रीवा ज़िले में कुछ महिलाओं ने, नवीन तकनीक के प्रयोग पर मिली चुनौतियों को कैसे किया ग़लत साबित.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...जम्मू - कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की, सुरक्षा परिषद द्वारा तीखी निन्दा.यूएन प्रमुख ने, पहलगाम में आतंकी हमले के बाद, भारत-पाकिस्तान से अधिकतम संयम बरते जाने की अपील भी की.इसराइल द्वारा ग़ाज़ा में सहायता सामग्री के प्रवेश पर कई सप्ताहों की पाबन्दी से हालात हुए भीषण.यूक्रेन में रूस के हालिया हमलों में अनेक शहर आए चपेट में, अनेक लोग हताहत भी.डिजिटल सार्वजनिक ढाँचा (DPI) तैयार करने में, भारत के अग्रणी प्रयासों की सराहना.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...म्याँमार में घातक भूकम्प के कई सप्ताहों बाद भी लोग, आपदा हालात में जीने को मजबूर.ग़ाज़ा में भीषण युद्ध के साथ-साथ, दुस्सूचना का युद्ध भी है जारी, कहना है UNRWA के प्रमुख का.दक्षिण सूडान में यूएन मिशन कमांडर लैफ़्टिनेंट जनरल मोहन सुब्रमण्यन की चेतावनी – देश में गृह युद्ध फिर भड़कने के हालात.कोविड-19 जैसी महामारी से निपटने की तैयारी के लिए एक समझौते के मसौदे पर सहमतियूएन मुख्यालय में युवा फ़ोरम में शिरकत करने वाली सोनल गुप्ता के साथ ख़ास बातचीत.यूनीसेफ़ ने, बिहार के विद्यालयों में लड़कियों के लिए माहवारी के दिनों में देखभाल व आराम के लिए स्थापित किए सहेली कक्ष.
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में, बीते सप्ताह 'यूथ ECOSOC फ़ोरम' आयोजित हुआ जिसमें दुनियाभर से युवा भागीदारों ने शिरकत करके, वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार और समाधान पेश किए. इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम में भारत से भी अनेक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिनमें सोनल गुप्ता भी शामिल थीं.सोनल गुप्ता ने, यूएन न्यूज़ हिन्दी की पूजा यादव के साथ विशेष बातचीत में बताया कि आज की युवा पीढ़ी साइबर सुरक्षा और डिजिटल अधिकारों जैसे महत्वपूर्ण विषयों को किस तरह से समझती है और उनके समाधान में सक्रिय भूमिका निभा रही है...
इस सप्ताह के बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...म्याँमार में भूकम्प से प्रभावित समुदायों तक मदद पहुँचाने के लिए 24 करोड़ डॉलर की सहायता अपीलग़ाज़ा में इसराइली बमबारी और जगह छोड़ कर जाने के आदेशों के बीच, भोजन व दवाओं की क़िल्लत से जूझ रही है फ़लस्तीनी आबादीसूडान में गृहयुद्ध का ख़ामियाज़ा भुगत रही हैं 60 लाख विस्थापित महिलाएँ व लड़कियाँ, यौन हिंसा मामलों पर गहरी चिन्तायुद्धग्रस्त यूक्रेन में आम नागरिकों के लिए घातक साबित हुआ मार्च का महीनागर्भावस्था व प्रसव के दौरान मातृत्व मौतों की रोकथाम में प्रगति की सुस्त रफ़्तार, वित्तीय समर्थन में कटौती से बढ़ा जोखिम
इस सप्ताह के बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...म्याँमार में भूकम्प से हुई बर्बादी के बाद, ज़रूरतमन्द आबादी के लिए राहत अभियान में जुटी यूएन एजेंसियाँ, बेरोकटोक मानवीय सहायता मार्ग मुहैया कराने की मांगग़ाज़ा में युद्धविराम टूटने के बाद से अब तक एक हज़ार से अधिक फ़लस्तीनियों के मारे जाने की निन्दा, सहायताकर्मियों की सुरक्षा की पुकारअगले कुछ सालों में, एआई बन सकता है हज़ारों अरब डॉलर का बाज़ार, मगर डिजिटल दरारें गहरी होने का जोखिम भीलड़ाई ख़त्म होने के बाद भी, दुनिया भर में करोड़ों लोगों पर बारूदी सुरंगों की चपेट में आने का जोखिमऑटिज़्म की अवस्था में जीवन गुज़ार रहे लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की अपील
इस सप्ताह के बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...शक्तिशाली भूकम्प से दहला म्याँमार, थाईलैंड भी चपेट में, बड़े पैमाने पर जान-माल के नुक़सान की आशंका, राहत कार्य में जुटी यूएन सहायता एजेंसियाँग़ाज़ा पट्टी में बमबारी के बीच खाद्य सामग्री समेत ज़रूरी सामान की क़िल्लत, मगर सहायता क़ाफ़िलों के प्रवेश पर इसराइली पाबन्दी बरक़रारगम्भीर राजनैतिक, आर्थिक व मानवीय संकट से जूझ रहे दक्षिण सूडान के लिए, यूएन महासचिव ने लगाई समर्थन की पुकारफ़ैशन की होड़ में, दुनिया भर में बढ़ रहा है कचरे का संकटट्रांस-अटलांटिक दास व्यापार व दासता के लिए ज़िम्मेदार नस्लवादी विचारधाराओं को ख़ारिज करने का आग्रह
इस सप्ताह के बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...ग़ाज़ा पट्टी में इसराइल के नए सिरे से सैन्य हमलों और मानवीय सहायता पर पाबन्दी जारी रहने से, हालात और भी बदतर.यूएन प्रमुख ने यूक्रेन में युद्धविराम और न्यायसंगत शान्ति स्थापना की ज़रूरत पर दिया ज़ोर.हिमनदों का, बहुत तेज़ रफ़्तार से पिघलना, गम्भीर चिन्ता की बात, मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी.महिलाओं की स्थिति पर आयोग का 69वाँ सत्र वैश्विक चर्चाओं के साथ सम्पन्न.संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि राजदूत पी हरीश के साथ, महिला सशक्तिकरण और यूएन सुधारों के बारे में एक विशेष इंटरव्यू.
विश्व भर में हिमनद (ग्लेशियर) की अहमियत पर जागरुकता प्रसार और बचाव उपायों के उद्देश्य से 21 मार्च को पहली बार ‘विश्व हिमनद दिवस' का आयोजन हो रहा है और 2025 को ग्लेशियर संरक्षण का वर्ष घोषित किया गया है.बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन के कारण, हिमनद के पिघलने की रफ़्तार में अभूतपूर्व तेज़ी आ रही है, और यदि उनका पिघलना इसी दर से जारी रहा तो अगले कुछ दशकों में कई क्षेत्रों में, इन महत्वपूर्ण जल स्रोतों के लिए ख़तरा पैदा हो जाएगा और प्रभावित आबादी विस्थापित होने के लिए मजबूर हो सकती है. यूएन मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की वैज्ञानिक अधिकारी डॉक्टर सुलग्ना मिश्रा ने यूएन न्यूज़ हिन्दी के साथ एक बातचीत में बताया कि ग्लेशियर का पिघलना समुद्री जलस्तर में वृद्धि और मौसमी बदलावों की भी एक बड़ी वजह है, और निचले क्षेत्रों में रहने वाले करोड़ों लोगों के लिए, इसके विनाशकारी परिणाम होने की आशंका है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि राजदूत पी हरीश ने, बदलते वैश्विक वातावरण के मद्देनज़र, संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधारों की पुरज़ोर हिमायत की है. उन्होंने यूएन न्यूज़ हिन्दी के महबूब ख़ान के साथ विशेष बातचीत में, महिला सशक्तिकरण के लिए हो रहे प्रयासों के साथ-साथ, मानवाधिकारों में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने में भारत की डॉक्टर हंसा मेहता के अहम योगदान की तरफ़ भी ध्यान आकर्षित किया है. राजदूत पी हरीश ने शान्तिरक्षा अभियानों में भारत के सक्रिय योगदान का ब्यौरा भी दिया है.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश, अपनी वार्षिक रमदान एकजुटता यात्रा में, इस वर्ष पहुँचे बांग्लादेश, रोहिंज्या शरणार्थियों के लिए जताया समर्थन.क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र में इसराइली बलों द्वारा यौन व लिंग आधारित हिंसा को, युद्ध के एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किए जाने के आरोप.इस साल यूएन हो रहा है 80 वर्ष का, इस विश्व संगठन में सुधारों की मुहिम.सहायता धनराशि में भारी कटौती से अनेक स्थानों पर जीवनरक्षक अभियानों में कटौती.न्यूयॉर्क मुख्यालय में, महिला सशक्तिकरण व लैंगिक समानता की पुकारें.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर, लैंगिक मज़बूती की पुरज़ोर पुकारें.युद्ध से तबाह ग़ाज़ा में, मानवीय सहायता प्रवेश पर इसराइली रोक पर गहरी चिन्ताएँ.सिंथेटिक ड्रग्स के बढ़ते उत्पादन और व्यापार से स्वास्थ्य संकट बढ़ने का जोखिम.अफ़ग़ानिस्तान में क़रीब 1.5 करोड़ लोगों के उच्च खाद्य असुरक्षा से पीड़ित होने की आशंका.और भारत की मानवाधिकार पैरोकार डॉक्टर हंसा मेहता की याद में, यूएन मुख्यालय में व्याख्यान.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा, मानवीय सहायता व विकास कार्यों के लिए वित्तीय समर्थन में कटौती की घोषणा, पर यूएन महासचिव की गहरी चिन्ता.ग़ाज़ा पट्टी में नाज़ुक युद्धविराम को जारी रखने और संकट के समाधान के लिए एकजुट रुख़ अपनाने की अपील.यूक्रेन में रूसी सैन्य बलों के आक्रमण के तीन वर्ष, पुनर्निर्माण कार्यों के लिए 524 अरब डॉलर की दरकार.2050 तक दुनिया भर में स्तन कैंसर के मामलों में 40 फ़ीसदी की वृद्धि का अनुमान.महिला शान्तिरक्षकों के लिए पहली बार सम्मेलन, नई दिल्ली में आयोजित, एक विशेष रिपोर्ट.
भारत की राजधानी नई दिल्ली में, 24 और 25 फ़रवरी को महिला शान्तिरक्षक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें 'वैश्विक दक्षिण' क्षेत्र के देशों के 35 सैनिक योगदानकर्ता देशों की महिला शान्तिरक्षकों ने भाग लिया. संयुक्त राष्ट्र की पहली महिला पुलिस सलाहकार, भारत की डॉक्टर किरण बेदी ने भी इस सम्मेलन में शिरकत की. यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा ने, किरण बेदी से, एक शान्तिरक्षक के तौर पर संयुक्त राष्ट्र में उनके सफ़र के बारे में विस्तार से बातचीत की और पूछा कि शान्तिरक्षा के लिए उनका चुनाव किस तरह हुआ व उनके लिए यह अनुभव कैसा रहा? किरण बेदी ने बताया कि वर्ष 2000 में, जब सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1325 के तहत, सभी शान्ति और सुरक्षा प्रयासों में, महिलाओं की भागेदारी बढ़ाने का प्रावधान किया गया, तब भारत के विदेश मंत्रालय से आए एक फ़ोन ने उनके करियर की दिशा ही बदल दी.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...यूक्रेन पर रूस के पूर्ण स्तर के आक्रमण के तीन साल, देश के लोग हमलों, विस्थापन, कठिनाइयों और मनोवैज्ञानिक आतंक से त्रस्त.युद्ध से बुरी तरह तबाह हुए ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में, पुनर्निर्माण लागत 53 अरब डॉलर से अधिक होने के अनुमान.भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमताओं और कार्बन उत्सर्जन में कटौती के प्रयासों की सराहना.DRC में, युद्ध से उत्पन्न संकट पर सुरक्षा परिषद में चर्चा, क़रीब 35 हज़ार लोग बुरूंडी में भागने को मजबूर.बाल विवाह पर प्रतिबन्ध होने के बावजूद, प्रगति में बाधक यह प्रथा धड़ल्ले से है जारी.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...एआई की क्षमता चंद देशों और कम्पनियों में सीमित होना चिन्ताजनक, टैक्नॉलॉजी का लाभ हर एक व्यक्ति तक पहुँचाने की पुकारबांग्लादेश में पिछले वर्ष हुए विरोध प्रदर्शनों के क्रूर दमन में शीर्ष नेताओं की कथित भूमिका पर, यूएन मानवाधिकार कार्यालय की नई रिपोर्टग़ाज़ा पट्टी में लड़ाई पर विराम के बीच, ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनी आबादी तक सहायता पहुँचाने के प्रयासकाँगो लोकतांत्रिक गणराज्य के पूर्वी हिस्से में विद्रोहियों और सरकारी सुरक्षा बलों के बीच हिंसक टकराव से गहराया विस्थापन संकटबढ़ती वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए विज्ञान जगत में महिलाओं की भागेदारी बढ़ाने पर ज़ोर
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...यूएन प्रमुख की, ग़ाज़ा में नस्लीय सफ़ाए से बचने की पुकार के साथ, स्थाई युद्धविराम का भी आहवान.डॉनल्ड ट्रम्प सरकार द्वारा अनेक यूएन एजेंसियों के साथ सहयोग और धन सहायता रोकने के आदेशों से व्यापक असर की आशंका.काँगो में तत्काल युद्धविराम की पुकार, मानवाधिकार उल्लंघन पर भी गम्भीर चिन्ता.महिला ख़तना पर रोक लगाने के लिए, कार्रवाई और प्रयास बढ़ाने का आहवान.प्रौद्योगिकी में तेज़ विकास की बदौलत, हवाई यातायात बढ़ने और सफ़र साफ़ व आसान होने के अनुमान.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य के पूर्वी हिस्से में सरकारी सुरक्षा बलों और विद्रोही गुटों में भीषण लड़ाई, आम नागरिकों के लिए गम्भीर संकट की स्थितिग़ाज़ा में युद्धविराम के बाद अपने घर लौट रहे फ़लस्तीनियों को सहायता देने में जुटी यूएन एजेंसियाँ, बड़े पैमाने पर हुई बर्बादी की वास्तविकता से मायूस हैं आम लोगयूएन महासचिव ने म्याँमार में सैन्य तख़्तापलट के चार साल पूरे होने पर, लोकतंत्र व नागरिक शासन की वापसी की पुकार लगाईएचआईवी, एड्स के उपचार के लिए समर्थन जारी रखने के अमेरिकी सरकार के निर्णय का स्वागतसशस्त्र टकरावों के दौरान आम नागरिकों को निशाना बनाया जाना और युद्ध नियमों की अवहेलना गहरी चिन्ता की वजह, भारतीय सेना में पूर्व लैफ़्टिनेंट जनरल जेएस लिद्दर के साथ एक ख़ास बातचीत
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में आम लोगों पर इसराइल के हमलों की निन्दा, ग़ाज़ा युद्ध में भारी मुसीबत उठाने वाले बच्चों का साथ देने की पुकार भी.दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक, यूएन प्रमुख ने दुनिया के सामने गिनाईं दो प्रमुख चुनौतियाँ.अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान की दो बड़ी हस्तियों के विरुद्ध, ICC में गिरफ़्तारी वॉरंट के लिए अर्ज़ियाँ.WHO और पेरिस जलवायु सम्मेलन से, अमेरिका के हाथ खींचने पर खेद व पुनर्विचार करने की पुकारें.निरस्त्रीकरण पर उच्च प्रतिनिधि इज़ूमी नाकामित्सू के साथ बातचीत आधारित पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट.अन्तरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर, शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की महत्ता पर विशेष ज़ोर.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...दुनिया के सामने दरपेश हैं अभूतपूर्व चुनौतियाँ, मगर 2025 में, आशा बनाए रखने के कारण भी मौजूद, कहना है यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश का.ग़ाज़ा में युद्धविराम से हालात बेहतर होने की उम्मीद, मानवीय सहायता तेज़ करने की योजनाएँ भी.भू-राजनैतिक तनाव, जलवायु परिवर्तन की बढ़ती क़ीमत, अनसुलझे क़र्ज़ मुद्दे जैसे कारणों से श्रम बाज़ारों पर भारी दबाव, आर्थिक पुनर्बहाली की रफ़्तार धीमी.WHO ने दुनिया भर में स्वास्थ्य आपदाओं से निपटने के लिए जारी की 1.5 अरब डॉलर की अपील.भारत के ओडीशा प्रदेश में यूनीसेफ़ की मदद से बाल विवाह को रोकने में मिली ख़ास कामयाबी.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...युद्ध से बेहाल ग़ाज़ा पट्टी में सहायता सामग्री की भीषण क़िल्लत, ठंड के मौसम में बच्चे गँवा रहे हैं जानयूक्रेन युद्ध के तीन साल पूरे होने को, मगर शान्तिपूर्ण हल निपटारे की दिशा में प्रगति धुंधली, टकराव में ख़तरनाक तेज़ी2024 ने बनाया अब तक का सबसे गर्म साल साबित होने का रिकॉर्डविश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा, चीन में नए वायरस का फैलाव कोई बड़ा ख़तरा नहीं2025 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि की रफ़्तार 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध के क़हर से ढह रही हैं स्वास्थ्य सेवाएँ, सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में हालात पर चर्चायूएन स्वास्थ्य एजेंसी की चेतावनी, रणभूमि में तब्दील हो चुके हैं अस्पतालरूसी सैन्य बलों के आक्रमण के क़रीब तीन वर्ष बाद भी, यूक्रेन में मानवाधिकारों की चिन्ताजनक स्थितिसंयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नए पाँच अस्थाई सदस्य देशों का कार्यकाल हुआ शुरूअफ़ग़ानिस्तान में ग़ैर-सरकारी संगठनों में अफ़ग़ान महिलाओं पर पाबन्दी को वापिस लिए जाने की मांगअमेरिका के न्यू ऑरलीन्स शहर में आतंकी हमले की यूएन महासचिव ने की निन्दा
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP), दुनिया भर में खाद्य सामग्री व भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने और भुखमरी व कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए निरन्तर प्रयासरत है. भारत में यूएन खाद्य एजेंसी का सफ़र वर्ष 1963 में खाद्य सहायता व वितरण प्रयासों से शुरू हुआ, जोकि अब इन प्रणालियों को मज़बूती देने पर केन्द्रित तकनीकी सहायता प्रदान किए जाने के पड़ाव तक पहुँचा है. साल 2024 अपने समापन की ओर अग्रसर है और इसी सिलसिले में, यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा ने भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम के संचार व मीडिया प्रमुख, परविन्दर सिंह के साथ बात की. उन्होंने बताया कि 2024 में भारत सरकार के साथ सहयोग से अनेक पहल शुरू की गई, जिनके अनुभव का लाभ अन्य देशों में खाद्य असुरक्षा व कुपोषण पर पार पाने में किया जा सकता है.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...यमन और इसराइल के बीच बढ़ता टकराव, यूएन महासचिव ने जताई चिन्तासना हवाई अड्डे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख की मौजूदगी के दौरान इसराइली बमबारी, यूएन टीम सुरक्षितग़ाज़ा में भोजन व सहायता सामग्री की क़िल्लत, भीषण सर्दी में नवजात शिशुओं की मौतों पर क्षोभअफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तानी सैन्य बलों के हवाई हमले में बड़ी संख्या में लोगों की गई जान, यूएन मिशन ने जाँच की मांग कीवैश्विक महामारी के जोखिम से निपटने के लिए, दुनिया फ़िलहाल तैयार नहीं, यूएन महासचिव की चेतावनी 2024 में, यूएन खाद्य कार्यक्रम ने भारत सरकार के साथ मिलकर अनेक क्षेत्रों में किए साझा प्रयास
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...ग़ाज़ा में इसराइल की लगातार भीषण बमबारी और सर्दियों की बारिश से हालात भीषण, लोग हर रोज़ धकेले जा रहे हैं मौत के मुँह में.सीरिया में नए सत्ता ढाँचे में मानवाधिकारों की गारंटी सुनिश्चित किए जाने की पुकार.कृत्रिम बुद्धिमत्ता – AI प्रौद्योगिकी की निगरानी व संचालन पर मानव नियंत्रण की हिमायत.WHO ने भारत में शुरू की, कमज़ोर नज़र वाले लोगों को मुफ़्त चश्मे मुहैया कराने की पहल.और संयुक्त राष्ट्र के नए पर्यावरण चैम्पियन्स में शामिल भारत के माधव गाडगिल के साथ सुनिएगा एक ख़ास बातचीत.
भारत के पारिस्थितिकी तंत्र विज्ञानी माधव गाडगिल को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अपने अहम योगदान के लिए, संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान, 'पृथ्वी चैम्पियन' पुरस्कार प्रदान किया गया है. माधव गाडगिल ने दशकों तक विज्ञान की मदद से, भारत की कुछ सबसे गम्भीर पर्यावरणीय चुनौतियों के लिए स्थाई समाधान प्रस्तुत किए हैं. उन्होंने सामुदायिक ज्ञान और अपने प्रयासों के ज़रिये, पर्यावरण संरक्षण कार्रवाई को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया. यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा ने माधव गाडगिल से एक विशेष बातचीत में उनकी उपलब्धियों, उनके समाधानों और पर्यावरण की देखरेख के लिए समर्पित उनके जीवन पर विस्तार से चर्चा की.
इस सप्ताह के बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...सीरिया में नाटकीय घटनाक्रम के बाद, शान्ति व स्थिरता पर ज़ोर. इसराइल से सीरिया में हमले बन्द करने और गोलान इलाक़ों से वापिस लौटने का आग्रह.ग़ाज़ा में इसराइली हमलों में आम लोगों की मौतें जारी, सहायता क़ाफ़िले भी हमलों की ज़द में.अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान के कड़े फ़ैसलों के बावजूद, उनके साथ बातचीत जारी रखने का सुझाव.कोविड-19 के दौरान मानव तस्करी में कमी के बाद, अब फिर से इसमें उछाल पर चिन्ता.दुनिया भर में पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के लिए बढ़ रहे हैं ख़तरे, इस वर्ष 68 पत्रकारों की मौत.सरकारों द्वारा स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर धन ख़र्च घटाने से स्वास्थ्य कवरेज के प्रयासों को झटका.
दुनिया भर में तीन अरब लोग भूमि की ख़राब गुणवत्ता, बंजर होती ज़मीन जैसी समस्याओं और उसके प्रभावों से जूझ रहे हैं. मरुस्थलीकरण, सूखा पड़ने और भूमि क्षरण का ख़तरा निरन्तर बढ़ता जा रहा है, जिसका खाद्य सुरक्षा और लोगों की आजीविकाओं पर गहरा असर हो सकता है. मरूस्थलीकरण की चुनौती से निपटने के लिए सऊदी अरब की राजधानी रियाद में दिसम्बर में (2024) संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन आयोजित किया गया. इसी सिलसिले में, यूएन ने विश्व भर से 35 वर्ष से कम आयु के 10 भूमि नायकों का चयन किया है, जो अपने समुदायों में भूमि की बेहतर देखभाल के लिए समाधान तलाश कर रहे हैं. इनमें भारत के महाराष्ट्र प्रदेश के केन्दूर गाँव के किसान और ऐग्रो रेंजर्स नामक संस्था के प्रमुख सिद्धेश साकोरे भी हैं जो भूमि की गुणवत्ता में आ रही गिरावट को रोकने के लिए प्रयासों में जुटे हैं.रियाद में यूएन न्यूज़ के हमारे सहयोगी डैनियल डिकिन्सन ने सिद्धेश साकोरे से बात की, और सबसे पहले उनकी संस्था, उनके काम के बारे में पूछा...
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...सीरिया में लड़ाई में अचानक आई तेज़ी, सरकारी नियंत्रण वाले इलाक़ों पर हथियारबन्द गुटों के हमले, सुरक्षित आश्रय की तलाश में ढाई लाख से अधिक लोग विस्थापितहिंसक टकराव, युद्ध से जूझ रहे देशों में जलवायु संकट की मार से हालात हुए गम्भीर, 2025 में ज़रूरतमन्दों का आँकड़ा साढ़े 30 करोड़ तक पहुँचने का अनुमानअफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, और बांग्लादेश समेत दक्षिण एशियाई देशों में साढ़े चार करोड़ बच्चों को मानवीय सहायता की आवश्यकता होने की सम्भावनाअफ़ग़ानिस्तान के निजी चिकित्सा संस्थानों में महिलाओं द्वारा प्रशिक्षण हासिल करने पर थोपी गई पाबन्दी को वापिस लेने की मांगसूखे व बंजर भूमि की समस्या से निपटने में जुटे एक भारतीय किसान सिद्देश साकोरे को मिला सम्मान
हर वर्ष 3 दिसम्बर को अन्तरराष्ट्रीय विकलांग जन दिवस मनाया जाता है. युद्ध या टकराव के हालात हों, प्राकृतिक आपदाएँ या फिर दैनिक जीवनयापन की परिस्थितियाँ, विकलांगजन इन सभी स्थितियों में सबसे अधिक प्रभावित होते हैं और अक्सर हाशिए पर धकेले जाते हैं. खाद्य सुरक्षा, पोषक आहार एक ऐसा ही क्षेत्र है, जिसमें विकलांग जन का समावेशन बहुत ज़रूरी है ताकि न केवल पोषण की कमी से उनकी विकलांगता की पीड़ा को और अधिक बढ़ने से रोका जाए बल्कि कई मामलों में पोषण आहार का अभाव उन्हें विकलांगता के अन्धकार में धकेल देता है. भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के संचार और मीडिया प्रमुख परविन्दर सिंह ने यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा के साथ एक बातचीत में बताया कि WFP किस तरह, पोषण व खाद्य सुरक्षा में विकलांगजन का समावेशन सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार के स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम कर रही है...
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...ग़ाज़ा में विनाश और मौतों का सिलसिला बिना रुके जारी, उधर लेबनान में युद्धविराम की घोषणा के बाद, विस्थापित लोगों की वापसी शुरू.टकराव से सम्बन्धित यौन हिंसा के मामलों में 50 प्रतिशत की चौंकाने वाली वृद्धि, 95 प्रतिशत मामले महिलाओं से सम्बन्धित.म्याँमार के कमांडर-इन-चीफ़ जनरल मिन आंग हलाइंग के ख़िलाफ़, रोहिंग्या अत्याचारों के आरोपों में गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने के लिए ICC में आवेदन दायर.अफ़ग़ानिस्तान में प्रैस को जूझना पर रहा है, व्यापक प्रतिबन्धों से, मीडिया कर्मियों की जान को भी ख़तरा, इस बीच अफ़ीम की उपज में बढ़ोत्तरी.दो-तिहाई देशों में वेतन व पारिश्रमिकों में विषमता में कुछ कमी दर्ज, मगर मेहनताने में उच्चस्तर की असमानता अब भी बरक़रार.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...लेबनान और ग़ाज़ा में युद्ध लगातार जारी, इसराइल की घातक बमबारी से बड़ी संख्या में लोग हताहत और विस्थापित.जलवायु परिवर्तन के अग्रिम मोर्चे पर चुनौतियों से जूझ रहे देशों के लिए, कॉप-29 में वित्त पोषण पर महत्वाकांक्षी समझौते की ज़रूरत पर ज़ोर.म्याँमार में मानवीय संकट एक बेहद गम्भीर पड़ाव पर, हिंसक टकराव में आई तेज़ी के अलावा, जलवायु प्रभावों से बच्चों और उनके परिवारों के लिए, एक अभूतपूर्व जोखिम दरपेश.मानवीय सहायताकर्मियों के लिए ये साल, अब तक का सबसे अधिक जानलेवा साबित.संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने, शुक्रवार को मनाया हिन्दी दिवस.
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...ग़ाज़ा के उत्तरी हिस्से में फँसे हज़ारों फ़लस्तीनियों को बर्बादी, कुपोषण के साए में, मानवीय सहायता का इन्तज़ारयूक्रेन में रूसी सैन्य बलों के आक्रमण के 1,000 दिन, सर्दी के मौसम में ज़रूरतमन्द आबादी तक सहायता पहुँचाने के प्रयासअफ़ग़ानिस्तान में सार्वजनिक रूप से मौत की सज़ा दिए जाने, मानवाधिकारों के उल्लंघन मामलों की निन्दाअज़रबैजान के बाकू में यूएन का वार्षिक जलवायु सम्मेलन, ग्रीनहाउस गैस में कटौती करने, जलवायु संकट से निपटने के लिए वित्तीय संसाधन मुहैया कराने की पुकारदवाओं को बेअसर कर देता है एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस, इस विशाल चुनौती से निपटने के लिए सऊदी अरब में सम्मेलन, होगी एक विशेष बातचीत
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance) पर की विशाल चुनौती से निपटने उपायों पर चर्चा के लिए सउदी अरब के जेद्दाह शहर में एक मंत्रिस्तरीय सम्मेलन आयोजित हो रहा है. यूएन न्यूज़ हिन्दी की अंशु शर्मा ने संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के भारत कार्यालय में एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध विशेषज्ञ, डॉक्टर ज्योति मिसरी से AMR समस्या की गम्भीरता व जेद्दाह सम्मेलन से अपेक्षाओं पर बात की.