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ख़ास अन्दाज़ जब सुखन का ना हो शायरी, शायरी नहीं होती। वेद राही जी का ये शेर उतना ही ख़ूबसूरत हैं , जितना की सच। इसलिए हम लाए हैं तमाम दुनिया के शायरां और शायरों के ख़्वाब-ओ-ख़याल, सिर्फ़ रेडियो के बच्चन (@radiokabacchan) की आवाज़ में। रोज़ सुबह उठिए एक नए जज़्बे, एक नए ख़याल के साथ। आप सुन रहे हैं एच टी स्मार्टकास्ट और ये है रेडियो नशा प्रोडक्शन |

Radio Nasha - HT Smartcast


    • Nov 2, 2021 LATEST EPISODE
    • infrequent NEW EPISODES
    • 7m AVG DURATION
    • 87 EPISODES


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    Latest episodes from Khayal

    S2E27 | कौन मरता है ज़िंदगी के लिए - Sadat Nazeer

    Play Episode Listen Later Nov 2, 2021 4:38


    आज का ख्याल शायर सादात नज़ीर साहब की कलम से | शायर कहते है - कौन मरता है ज़िंदगी के लिए, जी रहा हूँ तिरी ख़ुशी के लिए | सादात नज़ीर जी एक जाने माने लेखक और शायर है। उन्होंने कई किताबे लिखी है।

    S2E26 | बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है - Irfan Siddiqi

    Play Episode Listen Later Oct 26, 2021 5:25


    आज का ख्याल शायर इरफ़ान सिद्दीकी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है'। इरफ़ान सिद्दीकी सबसे महत्वपूर्ण आधुनिक शायरों में शामिल थे और अपने नव-क्लासिकी लहजे के लिए विख्यात।

    S2E25 | खराबी का आग़ाज़ कहा से हुआ यह बताना है मुश्किल- Azam Bahzad

    Play Episode Listen Later Oct 19, 2021 5:11


    आज का ख्याल शायर आज़म बहज़ाद की कलम से । शायर कहते है -खराबी का कहा से हुआ यह बताना है मुश्किल, कहा ज़ख्म खाये कहा से हुए वार यह भी दिखाना है मुश्किल। आज़म बेहज़ाद ने 1972 में कविता लिखना शुरू किया और सबसे लोकप्रिय समकालीन कवियों रूप में उभरे। उन्हें आलोचकों और जनता द्वारा समान रूप से सराहा गया था। उनके उपन्यास और रूपकों के लिए उनकी बहुत सराहना की गई थी। इसके अलावा, उन्हें जनता द्वारा उनके 'तरन्नुम' के लिए भी पसंद किया जाता था और अक्सर मुशायरों में इसके लिए अनुरोध किया जाता था।

    S2E24 | तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है - Nida Fazli

    Play Episode Listen Later Oct 12, 2021 7:07


    आज का ख्याल शायर निदा फाजली साहब की कलम से। शायर कहते है - 'तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है, जहां भी जाऊं ये लगता है, तेरी महफ़िल है'। निदा फाजली हिंदी और उर्दू के मशहूर शायर, गीतकार थे। वे 1964 में मुंबई आए और धर्मयुग पत्रिका और ब्लिट्ज जैसे अखबार में काम किया। उनकी काव्य शैली ने फिल्म निर्माताओं और हिंदी और उर्दू साहित्य के लेखकों को आकर्षित किया।

    S2E23 | कुंज-ए-तन्हाई - Sabir Alvi

    Play Episode Listen Later Sep 24, 2021 4:06


    आज का ख्याल शायर साबिर अल्वी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'कुंज-ए-तन्हाई के अफगार में क्या रखा है'।

    S2E22 | आए हो तो ये हिजाब क्या है - Mushafi Ghulam Hamdani

    Play Episode Listen Later Sep 21, 2021 5:15


    आज का ख्याल शायर ग़ुलाम हमदानी मुसहफ़ी की कलम से। शायर कहते है - 'आए हो तो ये हिजाब क्या है'। ग़ुलाम हमदानी मुसहफ़ी उर्दू के बड़े शायर हुए। इनके समकालीन और प्रतिद्वंदी इंशा और जुरअत थे। ... यहाँ मीर, दर्द, सौदा और सोज़ जैसे शायर वृद्ध हो चले थे। इनका असर इनकी शाइरी पर पड़ा।

    SE21 | इतना मालूम है - Parveen Shakir

    Play Episode Listen Later Sep 14, 2021 7:05


    आज का ख्याल शायर परवीन शाकिर की कलम से। शायर कहते है - 'अपने बिस्तर पे बहुत देर से मैं नीम-दराज़, सोचती थी कि वो इस वक़्त कहाँ पर होगा'। सैयदा परवीन शाकिर, एक उर्दू कवयित्री, शिक्षक और पाकिस्तान की सरकार की सिविल सेवा में एक अधिकारी थीं। ... फ़हमीदा रियाज़ के अनुसार ये पाकिस्तान की उन कवयित्रियों में से एक हैं जिनके शेरों में लोकगीत की सादगी और लय भी है और क्लासिकी संगीत की नफ़ासत भी और नज़ाकत भी।

    S2E20 | उनसे बढ़ते फासले और मै = Tabish Mehdi

    Play Episode Listen Later Sep 11, 2021 6:05


    आज का ख्याल शायर तबिश मेहदी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'उनसे बढ़ते फासले और मै'। तबिश मेहदी का जन्म 3 जुलाई 1951 को प्रतापगढ़ में हुआ था। कविता संग्रह पर उनकी पुस्तकें "ताबीर" और "सलसबील" हैं, जो क्रमशः 1998 और 2000 में प्रकाशित हुई हैं। इस एपिसोड में हमारे साथ एक मेहमान शायर भी है और उनका ख्याल है - 'मरना आसान लगने लगा'।

    S2E19 | पीने की शराब और - Zaheer Dehlvi

    Play Episode Listen Later Sep 7, 2021 4:42


    आज का ख्याल शायर जहीर देहलवी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'पीने की शराब और जवानी की शराब और'। जहीरुद्दीन को जहीर देहलवी के नाम से जाना जाता था। उनके पिता, सैयद जलालुद्दीन हैदर, सुलेख में शाह ज़फ़र के गुरु थे। जहीर को बचपन से ही शायरी का शौक था। वह चौदह वर्ष की आयु में ज़ोक देल्हवी के शिष्य बन गए।

    S2E18 | वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा - Iqbal Sajid

    Play Episode Listen Later Sep 3, 2021 6:00


    आज का ख्याल शायर इक़बाल साजिद साहब की कलम से। शायर कहते है - 'वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा, किरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा'। मोहम्मद इकबाल का जन्म 1932 में सहारनपुर जिले के लंढूरा में हुआ था। विभाजन के बाद वे लाहौर चले गए। उसने दसवीं तक ही पढ़ाई की थी। उनकी गरीबी ने उन्हें अपनी कविता बेचने के लिए मजबूर किया लेकिन यह उनकी कविता की उपयोगिता साबित करता है।

    S2E17 | इस खुर्दुरी ग़ज़ल को - Muzaffar Hanfi

    Play Episode Listen Later Aug 31, 2021 7:26


    आज का ख्याल शायर मुज़फ़्फ़र हनफ़ी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'इस खुर्दुरी ग़ज़ल को, ना यूं मुंह बना के देख'। मुज़फ़्फ़र हनफ़ी साहब अदब में वह कादिर उल कलाम शायर के रूप में जाने जाते थे। उनकी पहचान एक ऐसे शायर की थी जिसे किसी भी खयाल को शेर में बांधने का हुनर आता था।

    S2E16 | और बेशक़ ज़माने ने उसे "औरत" कहा- Shaad Aarfi

    Play Episode Listen Later Aug 27, 2021 10:14


    आज का ख्याल शाद आरफ़ी की कलम से। शायर कहते है - 'देख कर शेर ने उसको नुक्ता-ए-हिकमत कहा,और बेशक़ ज़माने ने उसे "औरत" कहा' | शाद आरफ़ी की गिनती उर्दू के महत्वपूर्ण शायरों में होती है। उन्होंने ग़ज़ल-नज़्म दोनों ही विधाओं में रचना की। शाद एक संवेदनशील व्यक्ति थे, उनकी शायरी में पायी जाने वाली संवेदना ख़ुद उनकी ज़िंदगी के अनुभवों से भी आयी है |

    S2E15 | मेरे हमनफ़स, मेरे हमनवा - Shakeel Badayuni

    Play Episode Listen Later Aug 24, 2021 5:42


    आज का ख्याल शायर शकील बदायूनी की कलम से। शायर कहते है - 'मेरे हमनफ़स, मेरे हमनवा, मुझे दोस्त बनके दग़ा न दे'। शकील बदायूनी मसऊदी का जन्म स्थान उत्तर प्रदेश का शहर बदायूँ है। यह एक उर्दू के शायर और साहित्यकार थे। लेकिन इन्होंने बालीवुड में गीत रचनाकार के रूप में नाम कमाया।

    S2E14 | होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे - Mirza Ghalib

    Play Episode Listen Later Aug 20, 2021 6:37


    आज का ख्याल शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की कलम से। शायर कहते है - 'बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मेरे आगे, होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे'। मिर्ज़ा असदुल्लाह बेग ख़ान, जो अपने तख़ल्लुस ग़ालिब से जाने जाते हैं, उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के एक महान शायर थे। इनको उर्दू भाषा का सर्वकालिक महान शायर माना जाता है और फ़ारसी कविता के प्रवाह को हिन्दुस्तानी जबान में लोकप्रिय करवाने का श्रेय भी इनको दिया जाता है।

    S2E13 | ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में - Gulzar | Gulzar Sahab B'day Special

    Play Episode Listen Later Aug 17, 2021 5:27


    आज का ख्याल शायर गुलज़ार साहब की कलम से। शायर कहते है - 'ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में, एक पुराना ख़त खोला अनजाने में'। ये एक स्पेशल एपिसोड है गुलज़ार साहब की जन्मदिन के मौके पर। अगर आपको भी गुलज़ार साहब की कलम से मोहब्बत है तो आइये @htsmartcast के सोशल मीडिया हैंडल पर और साथ मनाइये गुलज़ार साहब का जन्मदिन।

    S2E12 | वो हमसफ़र था - Naseer Turabi

    Play Episode Listen Later Aug 13, 2021 7:54


    आज का ख्याल शायर नसीर तुराबी की कलम से। शायर कहते है - 'वो हम-सफ़र था मगर उस से हम-नवाई न थी'। नसीर तुराबी उर्दू के अजीम शायर हैं जिनका फन जगजाहिर है। नसीर साहब की पैदाइश निजाम के शहर हैदराबाद से थी। लेकिन भारत पाकिस्तान बंटवारे के वक्त उनके पिता परिवार सहित पाकिस्तान के कराची में जाकर बस गए।

    S2E11 | आए जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूं - Behzad Lucknavi

    Play Episode Listen Later Aug 10, 2021 7:17


    आज का ख्याल शायर बेहज़ाद लखनवी की कलम से। शायर कहते है - 'आए जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूं'। बेहज़ाद लखनवी एक पाकिस्तानी उर्दू कवि और गीतकार थे। उन्होंने मुख्य रूप से नात और ग़ज़लें लिखीं और कभी-कभी ऑल इंडिया रेडियो, दिल्ली के लिए और बाद में पाकिस्तान में प्रवास के बाद रेडियो पाकिस्तान के लिए रेडियो नाटक लिखे।

    S2E10 | कौन आयेगा यहाँ - Kaif Bhopali

    Play Episode Listen Later Aug 6, 2021 5:05


    आज का ख्याल शायर कैफ़ भोपाली की कलम से। शायर कहते है - 'कौन आयेगा यहाँ कोई न आया होगा'। कैफ़ भोपाली एक भारतीय उर्दू शायर और फ़िल्मी गीतकार थे। वे 1972 में बनी कमाल अमरोही की फिल्म पाक़ीज़ा में मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाये गीत "चलो दिलदार चलो..." से लोकप्रिय हुए।

    S2E9 | मैं तो दरिया हूं समुंदर में उतर जाऊंगा - Ahmad Nadeem Qasmi

    Play Episode Listen Later Aug 3, 2021 6:41


    आज का ख्याल शायर अहमद 'नदीम' क़ासमी की कलम से। शायर कहते है - 'मैं तो दरिया हूं समुंदर में उतर जाऊंगा'।अहमद 'नदीम' क़ासमी तरक़्क़ी-पसंद शायर के तौर पर पहचाने जाते हैं. इसके अलावा वह एक मशहूर अफ़साना निगार भी रहे। उन्होंने 'फ़नून' नाम से एक अदबी रिसाला भी जारी किया।

    S2E8 | बड़ा अँधेरा है - Saghar Siddiqui

    Play Episode Listen Later Jul 30, 2021 7:28


    आज का ख्याल शायर साग़र सिद्दीक़ी की कलम से। शायर कहते है - चराग़-ए-तूर जलाओ बड़ा अँधेरा है। साग़र सिद्दीक़ी 1928 में अंबाला में पैदा हुए। उनका ख़ानदानी नाम मुहम्मद अख़्तर था। साग़र के घर में बदतरीन ग़ुरबत थी। इस एपिसोड में आप में से एक मेहमान शायर भी है। शायर का नाम है - मनीष चंद्रा और उनका ख्याल है 'वक़्त की चीखें सुनाई नहीं देती हमको'।

    S2E7 | दे मोहब्बत तो मोहब्बत में असर पैदा कर - Bekhud Dehlvi

    Play Episode Listen Later Jul 27, 2021 11:15


    आज का ख्याल शायर बेख़ुद देहलवी की कलम से। शायर कहते है - दे मोहब्बत तो मोहब्बत में असर पैदा कर। खुद देहलवी जी का जन्म 21 मार्च 1863 में राजस्थान के भरतपुर जिले में हुआ था इनका पूरा नाम सईद वहीदुद्दीन अहमद था ये एक प्रसिद्ध उर्दू के शायर के नाम से प्रसिद्ध थे और इनकी मृत्यु 2 अक्टूबर 1955 में हुई |

    S2E6 | मुझसे पहली सी मुहब्बत - Faiz Ahmad Faiz | Tribute to Surekha Seekri

    Play Episode Listen Later Jul 23, 2021 6:44


    आज का ख्याल शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कलम से। शायर कहते है - मुझसे पहली सी मुहब्बत, मेरे मेहबूब ना माँग। इस एपिसोड में पीयूष ने याद किया है मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री सुरेखा सीकरी जी को, जिनका बीते दिन ही दिहांत हुआ।

    S2E5 | ग़म हर इक आँख को छलकाए - Fana Nizami Kanpuri

    Play Episode Listen Later Jul 20, 2021 6:20


    आज का ख्याल शायर फ़ना निज़ामी कानपुरी की कलम से। शायर कहते है - ग़म हर इक आँख को छलकाए जरूरी तो नहीं। फ़ना पारंपरिक ग़ज़ल-शायरी के रस-रंग, सुगंध, भाव और लय को अपने एक नए अन्दाज़ से पेश करने वाले प्रमुख शायर थे, जिन्होंने ज़बरदस्त लोकप्रियता हासिल की।

    S2E4 | ये मुलाक़ात मुलाक़ात नहीं होती है - Hafeez Jalandhari

    Play Episode Listen Later Jul 16, 2021 8:45


    आज का ख्याल शायर ख़्वाजा हफ़ीज़ जालंधरी की कलम से। शायर कहते है - ये मुलाक़ात मुलाक़ात नहीं होती है। हफ़ीज़ जालंधरी ने 11 वर्ष की उम्र से नियमित शायरी शुरू कर दी थी। हफ़ीज़ जालंधरी के क़लाम के 3 संकलन प्रकाशित हुए हैं।1-नग़्म-ए-ज़ार 2- सोज़ो-साज़ 3- तल्ख़ाबा शीरीं। इस एपिसोड में आप में से एक मेहमान शायर भी है। शायर का नाम है - लल्लन और उनका ख्याल है 'फिर रात तवे पर है'।

    S2E3 | ये आरज़ू थी - Haidar Ali Aatish

    Play Episode Listen Later Jul 13, 2021 7:35


    आज का ख्याल शायर ख़्वाजा हैदर अली 'आतिश' की कलम से। शायर कहते है - ये आरज़ू थी तुझे गुल के रूबरू करते, हम और बुलबुल-ए-बेताब गुफ़्तगू करते। आतिश बुनियादी तौर पर इश्क़-ओ-आशिक़ी के शायर थे। आतिश, मिर्ज़ा ग़ालिब के समकालीन, 19वीं सदी में उर्दू ग़ज़ल का चमकता सितारा थे।

    S2E2 | इक पल में इक सदी का मज़ा - Khumar Barabankvi

    Play Episode Listen Later Jul 9, 2021 7:28


    आज का ख्याल शायर ख़ुमार बाराबंकवी की कलम से। शायर कहते है - इक पल में इक सदी का मज़ा हम से पूछिए। 15 सितम्बर 1919 को जन्मे खुमार बाराबंकवी का मूल नाम मोहम्मद हैदर खान था। महान शायर और गीतकार मजरूह सुलतानपुरी उनके अज़ीज़ दोस्त थे।

    S2E1 | मगर ये ज़ख्म ये मरहम - Jaun Elia

    Play Episode Listen Later Jul 2, 2021 7:51


    आप सब से बेहद प्यार बटोरने के बाद, RJ पीयूष बापस आ गए है सीजन-2 के साथ। सीजन-2 का पहला ख्याल विख्यात शायर जॉन एलिया की कलम से। जॉन एलिया का जन्म 14 दिसंबर 1931 को अमरोहा में हुआ। यह अब के शायरों में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले शायरों में शुमार हैं। शायद, यानी, गुमान इनके प्रमुख संग्रह हैं। इनकी मृत्यु 8 नवंबर 2002 में हुई।

    60: आ के वाबसता हैं | Faiz Ahmed Faiz - The Season Finale

    Play Episode Listen Later May 14, 2020 10:24


    आज के ख्याल का ये आखिरी एपिसोड फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के नाम । फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ भारतीय उपमहाद्वीप के एक विख्यात पंजाबी शायर थे, जिन्हें अपनी क्रांतिकारी रचनाओं में रसिक भाव (इंक़लाबी और रूमानी) के मेल की वजह से जाना जाता है।। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    59: करोगे याद | Bashar Nawaz | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a Poet

    Play Episode Listen Later May 13, 2020 7:45


    आज का ख्याल बशर नवाज की तरफ से। बशर नवाज प्रख्यात उर्दू कवि एवं गीतकार थें। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    58: अँधा कबाड़ी | Noon Meem Rashid | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a Poet

    Play Episode Listen Later May 12, 2020 9:21


    आज का ख्याल नून मीम राशिद की तरफ से। इन्होने ४ ग़ज़ल और ६० नज़मे लिखी है और उतने में ही उन्होंने समः को बाँध दिया। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    57: न हारा है इश्क और न दुनिया थकी है | Khumar Baravankvi | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a Poet

    Play Episode Listen Later May 12, 2020 8:00


    आज का ख्याल ख़ुमार बाराबंकवी की तरफ से। ख़ुमार बाराबंकवी साह्ब असली नाम मोहम्मद हैदर खान है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    56: ये दिल ये पागल मेरा | Mohsin Naqvi | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a Poet

    Play Episode Listen Later May 12, 2020 9:24


    आज का ख्याल मोहसिन नकवी की तरफ से। उन्होंने प्यार-मुहब्बत व दर्शन पर बड़ी शानदार गज़ले लिखी है। उनका 42 बरस की उम्र में ही कत्ल कर दिया गया, लेकिन उनकी शायरी के मार्फ़त हमेशा अमर है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    55: आ के पत्थर | Shakeb Jalali | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a Poet

    Play Episode Listen Later May 7, 2020 9:29


    आज का ख़्याल जमील मज़हरी की तरफ से। जलाली साह्ब अपने ज़माने के बोहत मशहूर शायर थे, पकिस्तान में शायद ही एसे कोइ हो जो उनके बारे में ना जानते हो। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    54: मजदूर है हम, मजबूर है हम | Jameel Mazhari | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later May 7, 2020 12:36


    आज का ख़्याल जमील मज़हरी की तरफ से।जमील साहब ने उर्दू की शायरी में भले पुरानी हिंदोस्तानी ज़बान का इस्तेमाल किया, लेकिन उनमें अहसास के नए रंग भरे। उनकी खास किताबें हैं : नक्श-ए-जमील और फ़िक्र-ए-जमील। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    53: अब सो जाओ | Fahmida Riaz | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later May 5, 2020 8:03


    आज का ख़्याल फ़हमीदा रियाज की तरफ से। फ़हमीदा रियाज करीब सात सालों तक भारत में रहीं। दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय में रहकर हिंदी पढ़ना सीखा और फिर जब अपने देश पाकिस्तान वापस लौटीं तो बेनजीर भुट्टो की सरकार में सांस्कृतिक मंत्रालय से जुड़ गईं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    52: तेरे चेहरा | Kaifi Bhopali | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later May 4, 2020 9:50


    आज का ख़्याल कैफ़ भोपाली साहब की तरफ से। कैफ़ भोपाली एक भारतीय उर्दू शायर और फ़िल्मी गीतकार थे। वे 1972 में बनी कमाल अमरोही की फिल्म पाक़ीज़ा में मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाये गीत "चलो दिलदार चलो....." से लोकप्रिय हुए। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    51: कल चौदहवीं की रात थी | IBN E INSHA | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later May 1, 2020 11:49


    आज का ख़्याल इब्ने-इंशा साहब की तरफ से।  इब्ने-इंशा ने इस बस्ती के एक कूचे में, चाँद नगर, दुनिया गोल है, उर्दू की आख़िरी किताब जैसी कुछ प्रमुख कृतियाँ लिखी है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    50: तुम्हे भी याद आना है, आना तो है नहीं | Rehman Faris | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 30, 2020 7:56


    आज का खयाल रेहमान फारिस की तरफ से। पाकिस्तान के कई बेहतरीन शायर में से एक है। सुनते है उनका ये खयाल @radiokabachchan के साथ।

    49: दिल में खून आँखों में पानी बोहत | Shabnam Shakeel | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 29, 2020 10:24


    आज का खयाल शबनम शकील की तरफ से। पाकिस्तान की कई बेहतरीन शाइरा में से एक है शबनम शकील  जी, सुनते है उनका ये खयाल @radiokabachchan के साथ।

    48: वो जो हम में तुम में करार था | Momin Khan Momin | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 28, 2020 9:28


    आज का ख़्याल मोमिन खान मोमिन साहब की तरफ से।  मोमिन खान मोमिन साहब मुघ्लों के ज़माने के उर्दु शायर थे। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    47: मैं साइमन न्याय के कटघरे में खड़ा हूं | Ramashankar Yadav 'Vidrohi' | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 27, 2020 15:36


    आज का ख़याल - मैं साइमन न्याय के कटघरे में खड़ा हूं...'विद्रोही' को इस खयाल में बेबीलोनिया से लेकर मेसोपोटामिया तक प्राचीन सभ्यताओं के मुहाने पर एक औरत की जली हुई लाश और इंसानों की बिखरी हुई हड्डियां मिलती हैं, जिसका सिलसिला अंतत: सीरिया के चट्टानों से लेकर बंगाल के मैदानों तक चला जाता है।सुनिए उनका ये ख़याल @radiokabachchan के साथ।

    46: एक लड़की थी | Hafeez Jalandhari | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 22, 2020 9:40


    आज का ख़्याल हफ़ीज़ जालंधरी साहब की तरफ से। हफ़ीज़ जालंधरी‎ अविभाजित भारत में जन्मे उर्दु शायर थे जिन्होंने पाकिस्तान का क़ौमी तराना को लिखा।उन्हें "शाहनामा-ए-इस्लाम" की रचना करने के लिए भी जाना जाता है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    45: उस मोड़ पर | Makhdoom Mohiuddin | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 20, 2020 6:55


    आज का ख़्याल मखदूम मोहिउद्दीन साहब की तरफ से। मखदूम मोहिउद्दीन भारत से उर्दू के एक शायर और मार्क्सवादी राजनीतिक कार्यकर्ता थे। वे एक प्रतिष्ठित क्रांतिकारी उर्दू कवि थे। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    44: थकना भी लाज़मी था कुछ काम करते करते | Zafar Iqbal | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 17, 2020 8:23


    आज का ख़्याल ज़फ़र इक़बाल साहब की तरफ से। ज़फ़र इक़बाल प्रमुखतम आधुनिक शायरों में विख्यात/नई दिशा देने वाले शायर हैं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    43: ज़ुल्फ़ को अब्र का टुकड़ा | Anwar Jalalpuri | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 16, 2020 8:53


    आज का ख़्याल अनवर जलालपुरी साहब की तरफ से। अनवर जलालपुरी वही शख्स हैं, जिन्होंने श्रीमद भगवद् गीता का उर्दू में अनुवाद किया है। अनवर जलालपुरी शेरो-शायरी की दुनिया का जाना-माना नाम हैं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    42: एक और साल गिरह | Shahryar | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 15, 2020 8:41


    आज का ख़्याल शहरयार साहब की तरफ से। शहरयार मानते थे कि अगर फिल्मी दुनिया में काम करना है तो ज़मीर ताक पर रखना होगा. यह उन जैसे शख्स को गवारा नहीं था। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    41: सितारों तुम तो सो जाओ | Qateel Shifai | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 14, 2020 7:57


    आज का ख़्याल क़तील शिफ़ाई साहब की तरफ से। क़तील शिफ़ाई का मूल नाम औरंगज़ेब खान था। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    40: ये हम गुनाहगार औरतें हैं | Kishwar Naheed | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 13, 2020 8:21


    आज का ख़्याल किश्वर नाहिद की तरफ से। किश्वर नाहिद पाकिस्तान से एक नारीवादी उर्दू कवि है। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    39: आशिक़ | Ameer Minai | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 10, 2020 9:57


    आज का ख़्याल अमीर मीनाई साहब की तरफ से। अमीर मीनाई साहब दाग़ देहलवी के समकालीन थे । अपनी ग़ज़ल ' सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता ' के लिए प्रसिद्ध हैं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    38: अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है | Shahzad Ahmad | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 9, 2020 9:08


    आज का ख़्याल शहज़ाद अहमद की तरफ से। शहज़ाद अहमद साहब की शेरो-शायरी में कहीं न कहीं एक दोस्त ज़रूर मिल जाता हैं। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

    37: उठा | Fani Badayuni | Urdu Shayari | Famous Poetry | Life of a poet

    Play Episode Listen Later Apr 8, 2020 9:58


    आज का ख़्याल फ़ानी बदायुनी की तरफ से। फ़ानी बदायुनी अग्रणी पूर्व-आधुनिक शायरों में शामिल, शायरी के उदास रंग के लिए विख्यात। सुनिए उनकी रचना और उनके जीवन के बारे में @radiokabachchan के साथ।

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