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काव्य तरंग सीजन 2 एपिसोड 2 विश्व कविता दिवस - अनुराग शर्मा - कथा गीत काव्य तरंग के आज के एपिसोड में विश्व कविता दिवस 2022 पर हमारे श्रोताओं को अनुराग शर्मा द्वारा लिखा और स्वर दिया गया एक गीत प्रस्तुत करते हैं, “कथा” शीर्षक से। एपिसोड आर्ट - पूजा अनिल
काव्य तरंग - सीजन 2 एपिसोड 1 - विश्व कविता दिवस 2022- पूजा अनिल विश्व कविता दिवस 2022 पर आप सभी कविता प्रेमियों को हमारी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं। आज के दिन विशेष को सम्मान देते हुए काव्य तरंग की तरफ से प्रस्तुत है दो कविताएं, ''नाव'' तथा ''छाँव हूँ'' शीर्षक से, इन्हें लिखा और स्वर दिया है पूजा अनिल ने। एपिसोड आर्ट - पूजा अनिल
शायर असलम राशिद की ग़ज़ल रीतेश खरे 'सब्र' की आवाज में | प्रस्तुतकर्ता : रेडियो प्लैबैक इंडिया |
कैसा हो यदि दुनिया की कमान औरतों के हाथों में ही सौंप दी जाए? बदलती दुनिया में औरतों की बढ़ती सार्थक भूमिका पर रोशनी डाल रहे हैं प्रसिद्ध अभिनेता अरुण कालरा| रचना बल्ली सिंह चीमा की है और प्रस्तुति "काव्य तरंग" के अंतर्गत रेडियो प्लैबैक इंडिया की |
क्या आपके घर में भी मियाँ-बीवी के झगड़े आम हैं? यदि हाँ, तो जनाब, खुशनसीब हैं आप| यदि ये न होंगे तो कैसी बेनूर होगी ज़िंदगी| पेश है रीतेश सब्र की आवाज में शायर सतीश बेदाग के जज़्बात | काव्य तरंग के अंतर्गत रेडियो प्लैबैक इंडिया की प्रस्तुति |
Immerse yourself in the scintillating coherent nostalgia of heart-melting shaayris, kalaams, poems and melodies in this one of its kind extravaganza of words, expressed at their best. This is Shaam-a-shaayri with Manuj Mehta, brought to you by Kaavy Tarang from Radio playback India - your radio partner.
प्रस्तुत है सतीश बेदाग जी की गजल रीतेश खरे 'सब्र' की आवाज में | काव्य तरंग के अंतर्गत रेडियो प्लैबैक इंडिया की प्रस्तुति |
जयशंकर प्रसाद | हिन्दी के महान कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबंध-लेखक | उनकी जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए रेडियो प्लैबैक इंडिया प्रस्तुत करता है दीपिका भाटिया की आवाज मे उनकी कविता "आह ! वेदना मिली विदाई |"
चुनाव | विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व | जो लोग मतदान के दिन भी घर से निकल अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करते, यह कविता उन्हें मतदान के लिए प्रेरित करने का प्रयास है | कविता व स्वर है शैलेश चंद्रप्रवीर का और प्रस्तुतकर्ता है रेडियो प्लैबैक इंडिया |
नए साल के स्वागत में प्रस्तुत है अनिल बख्शी की कविता रीतेश खरे की आवाज में | काव्य तरंग के अंतर्गत रेडियो प्लैबैक इंडिया की प्रस्तुति |
भारत रत्न, कविकुल श्रेष्ठ, पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपाई को उनकी जयंती पर काव्यसुमन अर्पित हैं | कविता है श्री गणपतलाल प्रजापति की और प्रस्तुतकर्ता हैं दीपिका भाटिया और मुकुल तिवारी | रेडियो प्लैबैक इंडिया की प्रस्तुति |
Tum... A poem by Jaya Jadwani in the voice of Nimisha Singhal... Do enjoy
A rare ghazal by mirza ghalib in the voice of manuj mehta
शब्दों के सुनहरी संसार की पाँचवीं महफ़िल का अंतिम भाग (भाग 4) जिसे अपने फन के अज़ीम और चर्चित कवियों और शायरों के साथ मिलकर सजाया है खास आपके लिए मनुज मेहता ने | "काव्य तरंग" कार्यक्रम के अंतर्गत रेडियो प्लैबैक इंडिया की प्रस्तुति |
शब्दों के सुनहरी संसार की पाँचवीं महफ़िल (भाग 3) जिसे अपने फन के अज़ीम और चर्चित कवियों और शायरों के साथ मिलकर सजाया है खास आपके लिए मनुज मेहता ने | "काव्य तरंग" कार्यक्रम के अंतर्गत रेडियो प्लैबैक इंडिया की प्रस्तुति |
शब्दों के सुनहरी संसार की पाँचवीं महफ़िल (भाग 2) जिसे अपने फन के अज़ीम और चर्चित कवियों और शायरों के साथ मिलकर सजाया है खास आपके लिए मनुज मेहता ने | "काव्य तरंग" कार्यक्रम के अंतर्गत रेडियो प्लैबैक इंडिया की प्रस्तुति |
शब्दों के सुनहरी संसार की पाँचवीं महफ़िल (भाग 1) जिसे अपने फन के अज़ीम और चर्चित कवियों और शायरों के साथ मिलकर सजाया है खास आपके लिए मनुज मेहता ने | "काव्य तरंग" कार्यक्रम के अंतर्गत रेडियो प्लैबैक इंडिया की प्रस्तुति |
सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्य तिथि पर सुनिए शैलेश चंद्रप्रवीर की कविता लोकेश गुप्ता की आवाज में।
Ab kya koi mujhe Nazar lagayega... listen to a poem by Rashmi Prabha
सुनिए सजीव सारथी की कविता स्पर्श की गर्मी, रीतेश खरे के स्वर में
प्रस्तुत है "शाम-ए-शायरी" के चौथे भाग की तीसरी और अंतिम कड़ी जहाँ गहराती रात में शायरी का सुरूर भी अपने पूरे शबाब पर है और उसे पूरी शिद्दत से आप तक पहुँचा रहे हैं अपने 'ख्याल' के लिए ख्यात मनुज मेहता | रेडियो प्लैबैक इंडिया की प्रस्तुति |
रेडियो प्लेबैक इंडिया व्दारा काव्य तरंग के अंतर्गत क्लब हाउस पर आयोजित पाक्षिक कार्यक्रम 'कवि और कविता with सुनीता' में आज मिलिये देश की मिट्टी की खुशबू अपने सुर और सोच में समेटी हुई स्वरकोकिला, सुप्रसिद्ध अवधि लोकगायिका श्रीमती कुसुम वर्मा से| उनसे साक्षात्काररत हैं डॉक्टर सुनीता यादव |
प्रतिभा कटियार की कविता सुनें दीपिका भाटिया की आवाज में ।
हिमोजी और अलबेली को रचने वाली aprajita Sharma को हम सबसे बिछड़े हुए करीब डेढ़ महीने से ऊपर का समय हो चुका है, पर आज भी उनकी याद पलकें भिगो देती हैं, कुछ ऐसे ही उदगार व्यक्त किए हैं प्रतिभा कटियार ने, जिसे आवाज दी है प्रज्ञा मिश्रा ने ।
रेडियो प्लैबैक इंडिया प्रस्तुत करते हैं क्लब हाउस पर शायरी और कविता की दिलकश महफ़िल, और , वो महफ़िल ही क्या जहाँ आप न हों | तो जलवा-अफ़रोज़ हों अदब और अदीब की इस खूबसूरत शाम को अपने दिल में जज़्ब करने और लुत्फ़ लेने कुछ बेहतरीन कवियों और शायरों की नायाब कविताओं और कलामों का | एपिसोड 4 भाग 2
रेडियो प्लैबैक इंडिया प्रस्तुत करते हैं क्लब हाउस पर शायरी और कविता की दिलकश महफ़िल, और , वो महफ़िल ही क्या जहाँ आप न हों | तो जलवा-अफ़रोज़ हों अदब और अदीब की इस खूबसूरत शाम को अपने दिल में जज़्ब करने |
सजीव सारथी की कविता की स्वर दिया है अनुराग यश ने, पार्श्व संगीत है कृष्णराज कुमार का
यायावर कवि संजय शेपार्ड की एक कविता को स्वर दे रहीं हैं दीपिका भाटिया, लिजिए सुनिए
सम्मोहक आवाज और दिलकश अंदाज के धनी मनुज मेहता के साथ एक और अदब की अज़ीम शाम - शाम-ए-शायरी | रेडियो प्लैबैक इंडिया की प्रस्तुति |
सजीव सारथी की एक गज़ल को गुनगुना रहीं है सुनीता यादव, आनंद लिजिए
आओ आगे बढ़ें । सुनिए रश्मि प्रभा की कविता उन्हीं की आवाज में ।
गुंजन नागर जिन्हें हम शायर बकर के नाम से जानते हैं, सुना रहे हैं उन्हीं का कलाम - हमसफर याद आया
रेडियो प्लेबैक इंडिया व्दारा काव्य तरंग के अंतर्गत क्लब हाउस पर आयोजित पाक्षिक कार्यक्रम 'कवि और कविता with सुनीता' में आज आगंतुक हैं हिंदी के जाने-पहचाने और चर्चित लेखक, पत्रकार, स्तम्भकार, संपादक, पटकथा लेखक और उपन्यासकार श्री रविंद्र प्रभात जी | उनकी साहित्यिक यात्रा पर आज उनसे चर्चारत हैं डॉक्टर सुनीता यादव और मनुज मेहता |
नयी हिंदी आंदोलन की सशक्ततम आवाज औरआधुनिक हिंदी साहित्य की अप्रतिम चेतना, स्वर्गीय आदरणीया मन्नू भंडारी जी (१९३१-२०२१) के सम्मान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उनके व्यक्तित्व-कृतित्व पर परिचर्चा के माध्यम से श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं ख्यात साहित्यकार-रचनाकार सूरज प्रकाश, गजानन रैना, शरद कोकस, गति उपाध्याय, अनुराग शर्मा, सुनीता यादव और अन्य अनेकों गणमान्य विद्वजन | सञ्चालन : प्रज्ञा मिश्र और मनुज मेहता व्दारा | रेडियो प्लेबैक इंडिया की प्रस्तुति
बज़्म-ए-महफ़िल में कदम ज़रा आहिस्ता रखना हो तो इंसान, मगर दिल में फ़रिश्ता रखना | रेडियो प्लेबैक इंडिया प्रस्तुत करते हैं शेरो-शायरी, ग़ज़ल-नज़्म और कविताओं से सजी एक अनोखी महफ़िल जिसे लेकर आ रहे हैं ख़ास आप के लिए अपनी आवाज़ और अंदाज़ के लिए मशहूर - मनुज मेहता |
रविवार सुबह की कॉफी, कुछ लफ़्ज़ कुछ जज़्बात । आज पेश है मीर का कलाम मनुज मेहता के स्वर में । काव्य तरंग रेडियो प्लेबैक इंडिया की प्रस्तुति
Poetry and recitation by Deepika Bhatia nahi sikhaaya maine A poem for New Generation Mothers
शामे शायरी की इस पहली महफ़िल हम याद कर रहे हैं फिराक गोरखपुरी साहब को, और अपनी ग़ज़लों और आशारों से शाम को दिलकश बना रहे हैं, शायर बकर, अली अफजल, सुधा, राजेश, शिव शंभू, अजीत पांडे, सुनीता यादव और सुहैल हाशमी साहब, सुनिए और डूब जाईए अदब और शायरी की इस महफ़िल में
रविवार सुबह की कॉफी, कुछ लफ़्ज़ कुछ जज़्बात । आज पेश है रीतेश खरे की गज़ल स्वयं उन्हीं के स्वर में। काव्य तरंग रेडियो प्लेबैक इंडिया की प्रस्तुति
A Prose written by Sanjay Sheperd Narrated By Manuj Mehta A kaavya Tarang Presentation
रेडियो प्लैबैक इंडिया अपने लोकप्रिय साप्ताहिक कार्यक्रम 'काव्य तरंग' में आज प्रस्तुत करता है 'कवि और कविता with #सुनीता'| आज मिलिये प्रख्यात लेखक, कवि और वृत्तचित्र निर्माता, राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त श्री संजय भारद्वाज जी से और आनंद लीजिए उनकी अनोखी काव्य-यात्रा और अद्भुत कविताओं का, सिर्फ रेडियो प्लेबैक इंडिया पर |
रविवार सुबह की कॉफी, कुछ लफ़्ज़ कुछ जज़्बात । आज पेश है जयशंकर प्रसाद की कविता, स्वर है शुभ्रा ठाकुर का । कासव्य तरंग रेडियो प्लेबैक इंडिया की प्रस्तुति
आमिर अमीर साहब का कलाम अभिव्यक्ति पांडे की आवाज में सुनिए
रविवार सुबह की कॉफी, कुछ लफ़्ज़ कुछ जज़्बात । आज पेश है ज़ौक का कलाम, स्वर है मनुज मेहता का । काव्य तरंग रेडियो प्लेबैक इंडिया की प्रस्तुति
Poem by Yatish Kumar, Recited by Mukul Tiwari, A Kaavya Tarang Presentation
‘'ब्लॉग जगत में आभासी रिश्तों के बारे में बहुत कुछ कहा गया ...मैने भी बनाए रिश्ते यहाँ...जो सहयोग मुझे मिला उसके लिए आभारी हूँ सभी की...मुझे लगता ही नहीं कि हम लोग मिले नहीं हैं..रिश्तों के बारे में बातें करते हुए…'' ये शब्द हैं ब्लॉगर एवं सबसे पुराने पॉडकास्टर में से एक आदरणीय अर्चना चावजी के, जिन्होंने आभासी हों या वास्तविक, हर तरह से रिश्ते निभाने को सदैव प्राथमिकता दी है। आइये आज काव्य तरंग में सुनते हैं उनकी गीत रूपी कविता उन्हीं के स्वर में। उम्मीद है आप भी हमारे साथ इस कविता का आनंद लेंगे, हमें अपने विचार लिखना न भूलियेगा। आप सभी को बहुत धन्यवाद। कविता एवं स्वर - अर्चना चावजी संयोजन, संकलन - पूजा अनिल
रविवार सुबह की कॉफी, कुछ लफ़्ज़ कुछ जज़्बात । आज पेश है ग़ालिब का कलाम, स्वर है मनुज मेहता का । काव्य तरंग रेडियो प्लेबैक इंडिया की प्रस्तुति
रविवार सुबह की कॉफी, कुछ लफ़्ज़ कुछ जज़्बात । आज पेश है मोमिन का कलाम, स्वर है मनुज मेहता का । काव्य तरंग रेडियो प्लेबैक इंडिया की प्रस्तुति
सत्य व्यास की कविता प्यारी लड़की सुनिए सिद्धांत की आवाज में। काव्य तरंग की प्रस्तुति