Beautiful and Mesmerising Stories from All over the world ,soothing stories specially chosen from all walks of life. Start your day with them or make ur children listen at night as bedtime stories... Surely these stories will help you make u Better person...
A story to break the shackles of comfort zone and live the life to the fullest.
अपने व्यवहार से ही मिलता सवाल का जबाब एक दार्शनिक समस्याओं के अत्यंत सटीक समाधान बताते थे। एक बार उनके पास एक सेनापति पहुंचा और स्वर्ग-नरक के विषय में जानकारी चाही। दार्शनिक ने उसका पूर्ण परिचय पूछा तो उसने अपने वीरतापूर्ण कार्यों के बारे में सविस्तार बताया। उसकी बातें सुनकर दार्शनिक ने कहा - शक्ल सूरत से तो आप सेनापति नहीं भिखारी लगते हैं। मुझे विश्वास नहीं होता कि आप में हथियार उठाने की क्षमता भी होगी। दार्शनिक की अपमानजनक बातें सुनकर सेनापति को गुस्सा आ गया। उसने म्यान से तलवार निकाला ली। यह देखकर दार्शनिक ठहाका लगाते हुए बोले - अच्छा तो आप तलवार भी रखते हैं। यह शायद काठ की होगी। लोहे की होती तो अब तक आपके हाथ से छूटकर गिर गई होती। अब तो सेनापति आप से बाहर हो गया। उसकी आँखे क्रोध से लाल हो गई और वह दार्शनिक पर हमला करने को उद्यत हो गया। तभी दार्शनिक ने गंभीर होकर कहा - बस यही नरक है। क्रोध में उन्मत होकर आपने अपना विवेक खो दिया और मेरी हत्या करने को तत्पर हो गए। दार्शनिक की बात सुनकर सेनापति ने शांत होकर तलवार म्यान में वापस रख ली। तब दार्शनिक ने कहा - विवेक जाग्रत होने पर व्यक्ति को अपनी भूलों का अहसास होने लगता है। मन शांत होने से स्थिरता आती है और दिव्य आनंद की अनुभूति होती है। यही यह है कि आत्म - नियंत्रण से विवेक उपजता है जिसके कारण अनुचित कर्म या व्यवहार पर रोक लगती है और जीवन में शांति व संतोष की अनुभूति होती है।
*पद की कीमत* प्राचीन चीन राज्य में एक दर्शनिक थे। नाम था... *'चुआंग जू'*। वे बहुत विद्वान और सूझबूझ वाले माने जाते थे। एक बार चीनी प्रधानमंत्री का पद रिक्त हो गया तो सभासदों और अन्य मंत्रीगणों के सुझाव पर राजा ने *'चुआंग जू'* को प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय किया। तय किया गया कि सरकारी सिपाही जाकर भावी मंत्री को उनके गाँव से आदर समेत ले आएँगे फिर उन्हें पदभार सौंपा जाएगा। राजा के सिपाही पहुँचे *'चुआंग जू'* के गाँव में लोगों से पता चला कि वे इस वक्त नदी किनारे बँसी से मछली पकड रहे हैं। सिपाही वहीं पहुँचे, देखा वे सिपाहियों की ओर पीठ किये बैठे हैं। सिपाहियों ने उन्हें पुकारा तो उन्होंने उसी तरह बैठे-बैठे सिपाहियों से वहाँ आने का कारण पूछा। सिपाहियों ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री के पद के लिए चुना गया है सो वे उनके साथ चलें और अपना पद भार ग्रहण करें। 'चुआंग जू' उसी तरह बैठे-बैठे बोले- *“एक बात बताओ?”* सिपाही- *“जी, पूछिये।“* 'चुआंग जू'- *“मैने सुना है, राजा के महल में एक राजमंदिर है। जिसमें सोने की वेदी पर एक कछुवा रखा है... वह तीन सौ साल पहले मर गया था। कहते हैं तब से ही उसके शव को पवित्र मान कर उसे सोने की वेदी पर सजा कर उसकी पूजा होती आ रही है। क्या तुम बता सकते हो वह कछुवा क्या पसंद करता? मर कर सोने की वेदी पर पूजा जाना या जीवित रह कर कीचड में दुम हिलाना?”* सिपाही तपाक से बोला- *“बेशक, जीवित रह कर कीचड में दुम हिलाना।"* ये सुनते ही 'चुआंग जू' महोदय दहाडे- *“तो दफा हो जाओ यहाँ से... मुझे भी जीवित रह कर कीचड में दुम हिलाना पसंद है।"* मित्रों! इस कहानी का सार यह है कि *पद कितना भी उँचा हो, दौलत-शोहरत कितनी भी ज्यादा हो वास्तव में ये सब व्यक्ति के सहज-सरल व्यक्तित्व और जीवन की समानता नहीं कर सकते। सो इन्हें इतनी ही तवज्जो दीजिए जितने से ये आपके स्वाभाविक जीवन को नष्ट ही न कर दें। अगर आपको लगता है कि ये आपके लिए ना होकर आप इनके लिए हो कर रह गए हैं तो इन्हें ‘ना' कहने की हिम्मत भी रखें। कहने का अर्थ ये कि दौलत-शोहरत-पद इतने कीमती नहीं है कि इन्हें पाने के लिए जीवन को ही दांव पर लगा दिया जाए* .
सम्मान का अधिकारी को सा पर्वत बना।चलिए सुनते हैं एक कहानी
कौन होता है हमारा सबसे बड़ा दुश्मन? आयिए जानते हैं।
हम अपना जीवन दूसरों की सोच के आधार पर बिता देते हैं,नहीं जानते कि हम क्या है और किस काबिल है।
शेर और लोमड़ी की कहानी । दिमाग का इस्तेमाल कर कैसे लोमड़ी ने विपरीत परिस्थिति को अपने वश में किया।
The human potential is infinite.....Live ur life to the best.
अब्राहम लिंकन के जीवन का एक प्रेरक प्रसंग।चुनाव जीतने के बाद वह गाय का दूध निकाल रहे थे यह देखकर बहुत लोग उनका मज़ाक उड़ाने लगे,आयिए सुनते है उन्होंने क्या जवाब दिया।
साहस और निर्भीकता की कहानी,दिविज जैसे बुद्धिमान व्यक्ति कुछ भी बुरा होते देख नहीं सकते और डट कर साहस और निर्भकतापूर्वक , बुराइयों का मुकाबला करते हैं।
नमस्कार दोस्तों मैं वंदना, एक सवाल जो हम अक्सर अपने आप से पूछते हैं मेरा मूल्य क्या है ? किसे जरूरत है मेरी मैं तो कुछ भी नहीं। कहानियों की नगर से एक कहानी आपके लिए ले करके आई हूं चलिए सुनते हैं। एक शहर में बहुत ही ज्ञानी प्रतापी साधु महाराज आये हुए थे, बहुत से दीन दुखी, परेशान लोग उनके पास उनकी कृपा दृष्टि पाने के लिएआने लगे. ऐसा ही एक निराश व्यक्ति 'प्रभुगुण' उनके पास आया और साधु महाराज से बोला ‘ महाराज में बहुत ही निराश हूँ, मेरे ऊपर कर्जा भी है, मैं बहुत ही परेशान हूँ। मुझ पर कुछ उपकार करें'. साधु महाराज ने उसको एक चमकीला नीले रंग का पत्थर दिया, और कहा ‘कि यह कीमती पत्थर है, जाओ जितनी कीमत लगवा सको लगवा लो। सुनते ' की कहानी।
दोस्तों हम अपने शरीर का बहुत ध्यान रखते हैं अच्छा खाना खाते हैं खूब पानी पीते हैं। और उसे स्वस्थ रखते हैं ।क्या कभी हम सड़ा गला जला हुआ खाना खाते ।नहीं ना क्योंकि इससे हमारा शरीर खराब होता है हम अपने शरीर का इतना ध्यान रखते हैं तो अपने मन का ध्यान क्यों नहीं रखते। हमारे मन को भी तो भोजन की आवश्यकता होती है हमारा मन का भोजन होता है हमारे विचार और हमारी भावनाएं । दोस्तों बहुत सी ऐसी भावनाएं हैं जो हमारे मन को बीमार कर देती हैं उनमें से एक भावना के बारे में मैं आज बात करूंगी जो है ईर्ष्या , जलन। ईर्ष्या आपके मन पर अनावश्यक बोझ डालती है, हमेशा मन में एक बात गाँठ बांध लो यदि ‘तुम किसी से प्रेम नहीं कर सकते, प्यार नहीं बाँट सकते तो नफरत या ईर्ष्या भी मत करना। यही वो सबसे बड़ा कारण है जिससे आपका मन हमेशा खुश, स्वेच्छ और हल्का होगा। ईर्ष्या करने से जलन से, इस तरह की बुरी भावनाएं रखने से हम दूसरे का भला ही करते हैं क्योंकि उसे तो कोई फर्क नहीं पड़ता वह तो और मजबूत हो जाता है पर निर्बल कौन होता है हम, इसका हमारे शरीर पर भी बहुत असर होता है, तो क्यों ना निर्बलता को छोड़कर ऐसी भावनाएं छोड़कर क्यों न अच्छी भावनाओं के द्वारा बलवान और खूबसूरत बने। तो आज से ही शुरु करते है। मैं जानती हूं आप बहुत बलवान मजबूत और खूबसूरत हैं। सुनने के लिए आपका धन्यवाद आती रहूंगी मैं आपकी वंदना।
भावनायें हमारे मन और शरीर पर गहरा प्रभाव डालती हैं।
जीवन का सूत्र जो हर घड़ी में काम आए,चाहे सुख हो या दुख , जीत हो या हार, जीवन हो या मृत्यु।
We all are born with limitless potential,wise decisions and timely actions paves way for our success.
We all start and do our work ... sometimes it so happens that we did our 99%Efforts and think we are failed .....it the final attempt that last 1%...change our life....DONT STOP KEEP TRYING......
An episode from MAHABHARAT to refrain from Procastination.Its harmful n leads you nowhere.
A beautiful story from Jatak tale...Hans kiska....?
A beautiful story from the Bible about the Good Samaritan and how it is important to be a good Samaritan in these times.
A beautiful story from ROME, Egypt. A painter gives an important teaching of life.
Prerna k stotra.....Guru Nanak Dev ji ka prerak prasang...
A beautiful story of Guru Nanak Dev Ji
On the occasion of Buddha Poornima ...I m presenting a sweet beautiful story with a deep msg ...,.Vandana
Beautiful mesmerising story.....from Kahaniyon ke Nagar se.....
How important are small efforts....These are making difference to the world....
Ek kahani Dil ko sukoon dene waali....mere kahaniyon k Nagar se. Asha karti hun pasand aayegi