Teri Meri Baat

Follow Teri Meri Baat
Share on
Copy link to clipboard

बातें कोरी बातें नहीं होती। उससे जुड़े होते हैं कई एहसास। तेरी मेरी बात में लाइव हिंदुस्तान की चीफ़ कंटेंट क्रिएटर और आपकी होस्ट पूनम जैन करेंगीं खूब सारी बातें, उन आदतों और बेचैनियों की, जो हमें अटकाती हैं, आगे बढ़ने से रोकती हैं। आप सुन रहे हैं एच टी स्मार्टकास्ट और ये है लाइव हिंदुस्तान प्रोडक्शन।

livehindustan - HT Smartcast


    • Sep 18, 2021 LATEST EPISODE
    • monthly NEW EPISODES
    • 6m AVG DURATION
    • 61 EPISODES


    Search for episodes from Teri Meri Baat with a specific topic:

    Latest episodes from Teri Meri Baat

    बदलाव प्रकृति का नियम है

    Play Episode Listen Later Sep 18, 2021 6:44


    बदलाव ही ऐसी चीज़ है जो हमेशा हमारे साथ रहती है | ऐसे में हमे खुदको हर बदलाव के लिए तैयार रखना चाहिए | बदलाव होने पर हमें गुस्सा आता है, क्योंकि हम चाहते हैं कि चीजें हमारे मनमुताबिक हों। हम चीजों को किसी और तरह से होते हुए देखना चाहते थे। बदलावों के बीच अपना फोकस बनाए रखने का एक तरीका है माइंडफुलनेस का अभ्यास। आज तेरी मेरी बात पर इसी पर बात |

    अपने काम से खुश रहना सीखें

    Play Episode Listen Later Aug 7, 2021 7:12


    अपने काम से नाखुश बने रहना, हमें कहीं नहीं ले जाता। काम हो या फिर काम का माहौल, अगर पसंद नहीं है, तो उसे बदलने की कोशिश कीजिए। और, जब तक नहीं बदल पा रहे, तब तक जो भी काम है, उसे खुशी से ही कीजिए। यह सच है कि कामकाजी दुनिया में कई तरह की उठा-पटक होती हैं, पर दिक्कतें तो हर जगह होती हैं। इसलिए नाखुश हैं, तो अपने काम से जुड़ी कुछ बातो ंपर भी काम करिए। अपने काम से खुश रहना है तो क्या करें, तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात

    ना मन छोटा करें ना दिल खोटा

    Play Episode Listen Later Aug 2, 2021 6:06


    हम सब इस समय एक साझे दुख से जुड़े हुए हैं। किसी को अपनी चिंता है तो किसी को अपनों र्की। हर घर की अलग कहानी है। किसी का दुख छोटा या झूठ नहीं है। पर, हर समय दुखी रहकर जो है, उसे तो खोया नहीं जा सकता। बहुत कुछ है, जो हमारे हाथ में है। हमारा दुख एक है तो सुख भी। डर सच है तो हमारी हिम्मत भी। अपनी सोच से कहीं ज्यादा, हम अपनी और दूसरो की मदद कर सकते हैं, कैसे तेरी मेरी बात में इसी पर बात |

    मन जब कर रहा हो बहुत ज्यादा तंग

    Play Episode Listen Later Jul 23, 2021 7:10


    मन जब बहुत दौड़ता है तो हमें दौड़ाने लगता है। कई दफा इतना दौड़ा देता है कि कुछ और करने की ऊर्जा ही नहीं बचती। बिना किसी सिर पैर के किसी भी तरफ भागने लगता है। ना कोई काबू, ना कुछ सही-गलत, हम बस बेकार की ऊट-पटांग बातें सोचते रहते हैं। सब तो टोकते ही हैं, हमें भी लगता है कि दिमाग को थोड़ा रिलैक्स करने की जरूरत है। मन को शांत करने के लिए हम क्या कर सकते हैं, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात

    दिन को थोड़ा आसान बनाएं

    Play Episode Listen Later Jul 16, 2021 7:31


    कई बार तन और मन इतने थक जाते हैं कि हम सीधे-सादे से एक आसान दिन की चाह से भर उठते हैं। रोज की उठा-पटक और हर समय काम ही काम पर हम चौबीस घंटे दौड़ तो नहीं सकते। हमें अपने तनाव को कम करना आना ही चाहिए। और यह नामुमकिन भी नहीं है। कुछ बातों को अमल में लाकर हम वाकई अपनी जिंदगी को आसान बना सकते हैं। तेरी मेरी बात में इसी पर बात

    आइए खुद को फिर से रीइेंवेंट करते हैं

    Play Episode Listen Later Jul 13, 2021 6:36


    आए दिन हम किसी न किसी समस्या से जूझ रहे होते हैं- इतनी भागदौड़, मेहनत और स्ट्रेस का सामना करके हम खुद को फंसा हुआ महसूस करते हैं। क्या यह सोचने की बात नहीं है कि कहीं हमें खुद को बदलने की जरूरत तो नहीं? कई बार खुद में छोटे-छोटे बदलाव जिंदगी को बदल देते हैं और जब सब कुछ बदलता है तो प्रकृति की छोटी से छोटी रचना भी अपना रूप बदलती है, तो हम एक से क्यूं रहें! खुद को कैसे रीइेंवेंट करें, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात

    अपना ध्यान तो रखना ही होगा

    Play Episode Listen Later Jul 2, 2021 7:17


    दिमाग को रिलैक्स करने का सबसे सही समय वही होता है, जब वह स्ट्रेस्ड होता है, अशांत होता है। हमें अपना ध्यान भी उसी समय सबसे ज्यादा रखने की जरूरत होती है, जब हमें लगता है जिंदगी में सुकून के लिए समय कहां है? तनाव के कई कारण हो सकते हैं, पर तनाव बढ़ जाता है, जब हम अपनी देखभाल करना छोड़ देते हैं। कौन-सी बातें करेंगी आपके तनाव को कम, आइए जानें

    जब पीड़ा की हो कई परतें

    Play Episode Listen Later Jun 25, 2021 6:52


    बात जब अपनी या अपनों की हो, तो हम कोई कसर नहीं छोड़ते। पर कई बार हम चाहकर भी सब कुछ नहीं कर पाते। कभी चीजें बूते से बाहर होती हैं, तो कई बार सब कुछ होने पर भी हाथ खाली रह जाते हैं। आप दुखी होते हैं, दूसरों को कोसते हैं। खुद को दोष देते रहतेे हैं, पर इससे दुख तो कम नहीं होता! मन को समझा लेना ही काफी नहीं होता, उसे ठीक से समझाना पड़ता है। अपने इमोशनल स्ट्रेस को कैसे डील करें, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात।

    तनाव को खुशी में बदलिए

    Play Episode Listen Later Apr 16, 2021 7:13


    तनाव, स्ट्रेस तन-मन दोनों को थका देता है। खून की तरह तनाव भी हमारी रग-रग में दौड़ता है। तनाव के कारण ही चेहरा तना-तना सा रहता है कुछ भी करने का जोश ठंडा पड़ने लगता है। एक से काम और एक-सी चिंताओं में हमारे चेहरे की हंसी गायब हो जाती है। अगर तनाव झेलते हुए लंबा समय हो गया है, तो जानिने , तनाव दूर करने वाले कुछ आसान उपायतेरी मेरी बात में इसी पर बात।

    जिएं जिंदगी का हर रंग

    Play Episode Listen Later Mar 26, 2021 6:50


    सुख के हजार रंग हैं तो दुख भी कई रंग हैं। रंग पक्के भी होते हैं और कच्चे भी। हर रंग सब पर एक सा नहीं खिलता, ना ही देर तक टिकता ही है। अंधेरे में जो तस्वीर दिखती है, असल में कुछ और ही होती है। हमारी उम्मीदें, हर रंग को बदल देती हैं। असली रंग प्यार और भरोसे की रोशनी में चमकते हैं। होली के मौके पर जिं़दगी में खुशियों के रंग कैसे लाएं, तेरी मेरी बात में इसी पर बात

    51: इतना खराब भी नहीं है गुस्सा

    Play Episode Listen Later Mar 12, 2021 6:22


    50: कैसे बनाएं माइंड को फ्लैक्सिबल

    Play Episode Listen Later Mar 12, 2021 6:36


    49: आगे बढ़ने से लगता है डर!

    Play Episode Listen Later Feb 26, 2021 5:52


    तरक्की की ओर कदम बढ़ाना हर एक के लिए आसान नहीं होता। कई बार सब कुछ परफेक्ट होता है। पर आगे कदम बढ़ने के लिए जो हिम्मत चाहिए, हम नहीं जुटा पाते। पर, हम जहां हैं, वहां भी हमेशा बने नहीं रह सकते! हम या तो आगे बढ़ सकते हैं या फिर पीछे छूट जाते हैं। आगे बढ़ने पर डर लगता है तो क्या करना चाहिए, इसी पर आज की  तेरी-मेरी बात।  

    48: आप भी हैं बड़े दिलवाले

    Play Episode Listen Later Feb 19, 2021 6:17


    हम दूसरों के बारे में सब कुछ नहीं जानते। कोई किस चिंता से जूझ रहा है, हमें नहीं मालूम। दूसरों से किसी तरह की सख्ती करते समय हमें उन्हें थोड़ी छूट जरूर देनी चाहिए। उनकी कोई मजबूरी हो सकती है... बेनिफिट ऑफ डाउट देना चाहिए। हमारी छोटी सी मुस्कान, अपनेपन का स्पर्श, मदद के हाथ, दूसरों की सुन लेने वाले कान, कई छोटी-छोटी बातें हैं, जो हमें बड़े दिलवाला बना देती हैं। तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात

    47: जब हर कोई हो बहुत बिजी

    Play Episode Listen Later Feb 12, 2021 6:45


    कभी-कभार यह बात परेशान कर देती है कि हर कोई बिजी है। हम बोलना चाहते हैं, तो दूसरों के पास समय नहीं। कभी दूसरे मिलना चाहते हैं तो हम मना कर देते हैं। पर हम लगातार दौड़ तो नहीं सकते? थोड़ी देर के लिए ही, पर अपने सुकून की छोटी-छोटी कोशिशें तो हम कर ही सकते हैं। तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात |

    46: समझौता करना बुरा नहीं

    Play Episode Listen Later Feb 5, 2021 6:11


    समझौता यानी मजबूरी का नाम। हममें से ज्यादातर  यही सोचते हैं। कंप्रोमाइज करने के लिए हम आसानी से तैयार नहीं होते। मन में गुस्सा और कड़वाहट रहती है। हम बुरा महसूस करते हैं। पर क्या समझौतों के बगैर जिंदगी संभव है? कहीं ऐसा तो नहीं कि खुद के साथ या फिर दूसरों से तालमेल बिठाने की हर जरूरी कोशिश को हम समझौते के चश्मे से देखने लगे हैं। समझौता करना हमेशा बुरा नहीं होता इसी पर आज की तेरी-मेरी बात|

    45: लोग क्या कहेंगे!

    Play Episode Listen Later Jan 29, 2021 6:00


    लोग क्या कहेंगे, बड़ा दम है इस बात में। जैसे ही मन में यह बात आती है, हमारे चलते हाथ रुक जाते हैं और बढ़े हुए कदम ठहर जाते हैं। पर, कुछ लोग दूसरों के कहे कि ज्यादा ही परवाह करते हैं। इतनी कि वे अपने मन की कर ही नहीं पाते। दूसरे क्या कहेंगे, इस आदत से कैसे छुटकारा पाएं, इसी पर तेरी-मेरी बात |

    44: काम करने का हाइकु तरीका (हाइकु प्रोडक्टिविटी)

    Play Episode Listen Later Jan 22, 2021 7:43


    दुनिया में देखने-समझने और करने के लिए बहुत कुछ है। हम चाहकर भी सब कुछ नहीं कर सकते। हम सबकी लिमिट्स होती हैं। पर, लिमिट्स हमेशा रोकती नहीं हैं। समस्या सीमाएं होने से नहीं, उन्हें न जानने से होती हैं। हाइकु कविता की तरह लिमिट्स में हम बहुत कुछ बढि़या रच सकते हैं। तेरी-मेरी बात में आज करेंगे हाइकु प्रोडक्टिविटी पर बात |

    43: इन जरूरतों में भी कीजिए कमी

    Play Episode Listen Later Jan 15, 2021 6:22


    कम का मतलब हमेशा मज़बूरी या समझौता नहीं होता। बहुत सारी ज़रूरतें ऐसी हैं, जिन्हें हमने बेकार ही जोड़ा हुआ है। फालतू की ये चीजे़ं हमें उलझाती ही ज़्यादा हैं। कई बार कम होना ही ज़्यादा होना है। छोड़ना ही पाना है। किन ज़रूरतों में करें कमी, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात 

    42: धुंध भी हटेगी और धूप भी खिलेगी

    Play Episode Listen Later Jan 8, 2021 7:06


    ज्यादातर के लिए नया साल पुराना हो चुका है। हर साल एक दूसरे को न्यू ईयर विश करने की रस्म होती है, जो निभाई जा चुकी है। बाकी क्या बदला? हम पुराना ही खोजते रहे। पुराने पर अटके रहे। पुराने होते गए। पर बीते सालों की धुंध हटेगी तो नए साल की धूप का स्वागत कर पाएंगे! नयापन महसूस हो तो कैसे? इसी पर आज की तेरी-मेरी बात।

    41: आप भी हो जाएं 20 से 21

    Play Episode Listen Later Jan 1, 2021 5:34


    यूं बीस-इक्कीस का फर्क बहुत मायने नहीं रखता। पर अंतर तो होता है। मन में थोड़ी टीस भी रह ही जाती है। फिर जब सारी दुनिया 2021 में आ गई है तो आप 20 में ही क्यों अटके रहें। आप भी इक्कीस क्यों न बनें। तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात।

    40: ये दिन भी जाएंगे गुज़र

    Play Episode Listen Later Dec 25, 2020 5:51


    यह साल लोगों के लिए हैरान-परेशान करने वाला रहा। सब यही चाह रहे हैं कि बस, अब जल्द सब पहले की तरह हो जाए। साल के बचे दिन शांति से गुज़र जाएं। पर चाहने और होने में अंतर होता है। हमें अभी अपना और अपनों का ध्यान आगे भी रखना है। कमजोर हो चुके भरोसे को फिर से मजबूत करना है। कैसे बढ़ाएं नए साल की ओर कदम, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात।

    39: जल्दी समझ लें ये बात

    Play Episode Listen Later Dec 18, 2020 5:43


    जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हम भले ही हर हालात पर काबू नहीं पा सकते, पर अपनी सोच जरूर बदल सकते हैं। हमारा नजरिया ही है, जो हमारी जीवन यात्रा को आसान बनाता है। कुछ बातें हैं, जिन्हें अपनाने से,  कठिन हालात में खड़े होने का हौसला मिलता है। ऐसी बातें जो जब समझ आ जाएं, तब अच्छा, तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात

    38: अपनी सुबह को दें ध्यान की ताजगी

    Play Episode Listen Later Dec 11, 2020 6:13


    रात के बाद सुबह आती ही है और सुबह उजली ही अच्छी लगती है। दुख और तनाव के क्षण कई बार इतने लंबे हो जाते हैं कि यही पता नहीं चल पाता कि अब सुबह हो गई है। सुबह की ओर लौटना खुद की ओर लौटना भी होता हैै। कई छोटे-छोटे तरीके हैंं, जो आपकी सुबह को ध्यान और ताजगी भरा बना सकते हैं। अपनी सुबह को कैसे उजली बनाएं तेरी मेरी बात में इसी पर बात

    37: मन की भी सफाई करते रहिए

    Play Episode Listen Later Dec 4, 2020 6:17


    शरीर के डीटॉक्सिफिकेशन की बात हम खूब करते हैं, पर मन को भी डिटॉक्सिफाई करना जरूरी है। घर-बाहर को चमकाना ही काफी नहीं होता। मन को मांजना भी जरूरी होता है। मन पर जो टॉक्सिक विचारों की परतें चढ़ जाती हैं, उन्हें भी तो उतारना चाहिए। मन की सफाई कैसे करें, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात।

    36: दिल से मनाएं दिवाली

    Play Episode Listen Later Nov 13, 2020 8:11


    दीवाली  खुशहाली का त्योहार है। इस दिन हम धन, धान और ध्यान तीनों को ही पूजते हैं। हमारे धर्म और दर्शन धन को बुरा नहीं मानते, पर उसे सब कुछ भी नहीं मानते। हमारी जेब भले हल्की हो, पर यह भरोसा होना चाहिए कि हमारी मेहनत की कमाई खूब बरकत देगी। हमारा खर्च किया धन जिसके पास जाएगा, उसके चेहरे की खुशी बनकर चमकेगा। और उस रोशनी से बढ़कर क्या होगा, जिसमें सबकी खुशी शामिल हो। आप भी कम धनवान नहीं, तेरी मेरी बात में इसी पर  बात

    35: इतनी रद्दी ! ना बाबा ना

    Play Episode Listen Later Nov 6, 2020 6:00


    त्योहार के दिन पास हैं। साफ-सफाई और ख़रीदारी का ढेर सारा काम भी करना है। इसी से जुड़ी एक बात है। हम नया सामान जोड़ते रहते हैं और पुराने का ढेर लगता रहता है। हम सामान ना खुद इस्तेेमाल करते हैं और ना उसे दूसरों के लायक छोड़ते हैं। बहुत सारी रद्दी यानी सामान की बर्बादी और हमारी सोच की गरीबी। फिर, सामान तो सामान होता है, रद्दी उसे हम बना देते हैं। चीजों को रद्दी करती हमारी सोच पर ही आज की तेरी-मेरी बात

    34: त्योहार पास, ना रखें मन उदास

    Play Episode Listen Later Oct 30, 2020 7:13


    कोविड-19 से थम गई जिंदगी की रफ्तार फिर से चलने लगी है। अब तो त्योहार भी शुरू हो गए हैं। धीरे-धीरे ही सही, सब वापस अपनी दुनिया में लौटने की कोशिश कर रहे हैं। पर, कई लोग हैं जो अभी भी अटके हुए हैं।  क्यों आप हर समय बुझे हुए रहते हैं? थोड़ा अपने मन को ठीक करिए ना। त्योहार पास, ना रखें मन उदास,  तेरी मेरी बात में इसी पर बात

    33: शक्ति तेरे हाथ अनेक। Optimism । Self-introspection

    Play Episode Listen Later Oct 23, 2020 6:31


    जन्म से हमें दो हाथ मिले हैं। पर हम जितना ख़ुद को ‘इवॉल्व' करते हैं, सुख-समृद्धि के कई हाथ उठ खड़े होते हैं। हम तन के साथ मन से जुड़ते हैं। भीतर की शक्ति की उंगली थामे हम धीरे-धीरे अपूर्ण से पूर्ण होने लगते हैं। माँ दुर्गा की तरह हमारी शक्ति के भी कई हाथ होते हैं। हमें अपने और हाथों को भी विकसित करना चाहिए। तेरी मेरी बात में इसी पर बात

    32: कामयाबी क़रीब है। Uplifting । Motivation

    Play Episode Listen Later Oct 16, 2020 8:11


    सफलता के मायने सबके लिए एक नहीं होते। किसी के पास काम नहीं है, यदि काम है तो वह उससे ख़ुश नहीं है। किसी को हमेशा काम छूटने का डर सताता रहता है। कोविड-19 ने इन संकटों को और बढ़ा दिया है। हम हर कार्य को सफलता की मंज़िल तक पहुँचा सकते हैं, शर्त ये कि काम के प्रति हम अपनी सोच बदलने में कामयाब हो जाएँ। करियर में कैसे पाएंँ सफलता, तेरी मेरी बात में इसी पर बात।

    31: थोड़ा काम तो खुद पर भी करिए | Independent | Self-improvement

    Play Episode Listen Later Oct 10, 2020 7:23


    झटका लगा नहीं कि अटक गए। कभी हालात के तो कभी दूसरों की गलत मंशा के झटके तो लगते ही  रहते हैं। पर कई दफा हम इसलिए रुके रह जाते हैं कि आगे के रास्ते की तैयारी नहीं करते। हमें आगे बढ़ना है तो लगातार खुद पर काम भी करना होगा। और बेहतरी के लिए बदलाव का ये काम किसी हड़बड़ी में नहीं, हर दिन धीरे-धीरे करना होगा। थोड़ा काम हम खुद पर भी करें, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात

    30: कल्पनाएं कीजिए तो सही | Mindset | Positivity

    Play Episode Listen Later Sep 26, 2020 6:44


    बाहर की दुनिया की सीमाएं हैं, पर भीतर की नहीं।  तर्क यानी लॉजिक्स हमें तय दूरी तक ले जाते हैं, पर कल्पनाएं कहीं भी ले जाती हैं। हमारे सपने, हमारी सोच की उंगली पकड़कर ही सच की सांसें ले पाते हैं। हम सब कल्पनाएं करते हैं, कल्पनाओं के घोड़े सबके दौड़ते हैं, पर उन्हें देर तक सब नहीं दौड़ा पाते। सोच के रास्ते में स्पीड ब्रेकर भी तो होते हैं। कल्पनाओं के रास्ते में रुकावटों के किलों को हटाएं, इसी पर तेरी-मेरी बात

    29: ज्यादा न सोचिए, कुछ करिए

    Play Episode Listen Later Sep 18, 2020 6:07


    हम सब चीजों को अपने काबू में करना चाहते हैं और, सब चीजें हमारे काबू में कभी नहीं होतीं। हमें चुनौतियों से पार पाने की कोशिश करनी चाहिए। पर, चुनौतियां आएं ही नहीं या नतीजे मन मुताबिक ही हों, यह जिद और बेचैनी हमें बीमार कर देती है। हमें कुछ नहीं करने देती। एक ही चिंता में अटकाए रखती है। सोचें नहीं तो कया करें, तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात |

    28: प्रकृति के चहेते बनिए | Positivity | Mind-set | Life Lesson

    Play Episode Listen Later Sep 11, 2020 6:05


    शांति, प्रेम, सहयोग, संघर्ष और बदलाव के जितने रंग हमारे जीवन में हैं, उसे कहीं अधिक रंग हमारे इस प्रकृति में हैं। प्रकृति अपने चहेतों को बहुत कुछ दे देती है। कुछ होने या न होने के किसी भी गुमान को प्रकृति से बेहतर कोई समझ और समझा नहीं सकता। कैसे जिएं प्रकृति को, तेरी-मेरी बात में इसी पर बात | आज की बात में हम सीधा प्रकृति के पास ही  चलते हैं अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए|

    27: इतने भी कमजोर नहीं आप?

    Play Episode Listen Later Sep 4, 2020 5:22


    समस्या देखते ही हम घबरा उठते हैं। हमें लगता है कि हम मजबूती से इसका सामना नहीं कर पाएंगे। हम सोच ही नहीं पाते कि कभी अपने दुख से बाहर भी आ सकेंगे। हम अतियों में जीते हैं। छोटी सी बात पर बहुत खुश तो कभी बहुत दुखी। कभी खुद को ज्यादा ही मजबूत मान लेते हैं, तो कभी थोड़ा सा भी भरोसा नहीं रख पाते। कमजोर नहीं हैं आप, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात

    26: खूबसूरती से पकड़ें संजीदगी से छोड़ें |Mindset| Life Lesson | Self-Reflection |

    Play Episode Listen Later Aug 28, 2020 6:06


    हममें और कुदरत में एक अंतर है। हम पकड़ तो लेते हैं, पर उसी सहजता से छोड़ नहीं पाते।  घर-ऑफिस के रिश्ते हों, पद -प्रतिष्ठा हो, वस्तुएं या विचार हों, अपने कदमों को पीछे करना मुश्किल ही होता है। एक बार चीज आकार लेती है, तो उससे अलग होने का काउंटडाउन भी शुरू हो जाता है। जीवन में पकड़ना और छोड़ना दोनों ही सुंदर होने चाहिए, तेरी मेरी बात में इसी पर बात | 

    25: कहें अपना सच | Life Lesson | Self-Reflection | Understanding

    Play Episode Listen Later Aug 21, 2020 7:51


    हम सबके भीतर कई सच छिपे बैठे हैं। हमारे अपने छोटे-बड़े सच, जिन्हें हम बाहर निकलने से रोक देते हैं। हमारी सच्चाइयों के बारे में बात करना ज़रूरी है, हमारा अपने भीतर दुबका हुआ सच खलबली मचाने लगता है। इस विषय पर आज की चर्चा, खुद के बारे में यह सच्चाई वहां खुले में क्यों होनी चाहिए |

    24: अपनी अपनी आजादी | Life Lessons | Mindset | Positivity

    Play Episode Listen Later Aug 14, 2020 6:54


    मेरी मर्जी, मेरी आजादी,.. . यही कहते हैं ना। क्या मतलब होता है इसका। मैं चाहे ये करूं, मै चाहे वो करूं।  नहीं, मेरी आजादी का मतलब दादागीरी कतई नहीं है। मेरी आजादी का मतलब दूसरे की आजादी में दखल देना नहीं हैं। किसी के आगे अड़ जाना या किसी को मजबूर कर देना,  ये तो आजादी नहीं हुई. . . तेरी मेरी बात में आज इसी पर बात

    23: बैठे ना रह जाएं | Life Lessons | Health

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2020 7:23


    हम यूं ही बैठे रहते हैं। बैठना भी एक लत है। पहले मामूली कामों के लिए खड़े नहीं होते। फिर जरूरी कामों के लिए भी बैठे रह जाते हैं। हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने की यह आदत शरीर ही नहीं, सोच को भी बिठा देती है। कहीं आपको तो ये लत नहीं! इस कड़ी में, हम सक्रिय रहने के महत्व पर चर्चा करते हैं

    22: वाह क्या बात है! या फिर खुलकर तारीफ करिए | Life Lesson | Mindset | Positivity

    Play Episode Listen Later Jul 31, 2020 6:45


    हमें दुसरो की प्रशंसा क्यों करनी चाहिए? आज के इस एपिसोड में होस्ट, पूनम जैन बताएंगी की क्यों हमें दुसरो की ख़ुशी में खुश होना चाहिए, क्यों दुसरो की प्रशंसा करना बहुत महत्वपूर्ण है।  

    21: क्या मस्त रहने के लिए व्यस्त रहना ज़रूरी है ? Life Lesson I Understanding

    Play Episode Listen Later Jul 24, 2020 7:23


    क्या मस्त रहने के लिए व्यस्त रहना ज़रूरी है ? आज के इस एपिसोड में होस्ट, पूनम जैन, बताएंगी कि हर समय व्यस्त रहना ही मस्ती नहीं होती और व्यस्तता का सफलता से मेल ज़रूरी नहीं है।

    20: सोच भी बढ़ाती है हमारी इम्युनिटी I Life Lesson I Understanding I Health

    Play Episode Listen Later Jul 17, 2020 8:00


    सोच भी बढ़ाती है हमारी इम्युनिटी I आज के इस एपिसोड में होस्ट, पूनम जैन , विज्ञान की मदद से हमें बताएंगी की कैसे एक इंसान की इम्युनिटी बेहतर करने में दिमाग का भी भोत बड़ा हाथ होता है। यह जानकारी भोत ही महत्वपूर्ण है क्युकी इस महामारी से लड़ने का तरीका एक मजबूत इम्युनिटी ही है । 

    19: कहीं आप उल्टा तो नहीं सोचते? Life Lessons | Self-reflection | Perspective

    Play Episode Listen Later Jul 11, 2020 7:01


    कहीं हम उल्टा तो नहीं सोच रहे? मजे की बात तो ये है कि हमें दूसरों की सोच तो नेगेटिव नजर आती है, पर अपनी नहीं। इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, नेगेटिव थिंकिंग से बचने के तरीके बतातीं हैं।

    18: क्या आपके हार्मोन्स खुश रहते हैं? | Moods | Relaxation | Hormones

    Play Episode Listen Later Jul 3, 2020 8:22


    क्या आपके हार्मोन्स खुश रहते हैं? क्या कई बार आपके साथ होता है कि कारण कुछ नहीं होता, बस आप उदास होते है? इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, हार्मोन्स पर बात करेंगी।

    17: सबके लिए करुणा | Understanding | Equality | Selective Empathy

    Play Episode Listen Later Jun 26, 2020 6:17


    मनुष्य एक दुसरे का दुःख-दर्द समझ सकते हैं, पर सिर्फ कुछ ही लोगों का | दया और करुणा सबके लिए होना चहिये | इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, इस विषय पर बात करेंगी।

    16: आओ योग करें | International Day of Yoga | Health and Fitness

    Play Episode Listen Later Jun 19, 2020 7:55


    योग क्या है? योग का सही समय क्या हो? भोजन के तुरंत बाद योग क्यों नहीं करना चाहिए?पानी पिएं या नहीं? पीरियड्स में योग करें या नहीं? इस बार योग दिवस से पहले, तेरी-मेरी बात में आज इसी पर बात 

    15: निंदिया आ जा री आ जा... | Sleep problems | Simple Solutions | Meditation

    Play Episode Listen Later Jun 12, 2020 7:26


    मन की कितनी ही उधेडबुन  एक अच्छी नींद के बाद मामूली सी नजर आती हैं। कितने ही सवाल, नींद से गले मिल कर अपने जवाब ढू़ंढ़ लेते हैं। पर दिक्कत तो यही है कि अच्छी नींद आए तो कैसे?  इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, इस विषय पर बात करेंगी। 

    14: जिओ अपनी प्रकृति | Nature | Personality | Self-love

    Play Episode Listen Later Jun 5, 2020 6:57


    दूसरे के बहाव में कौन कितनी दूर तक बह सकता है? दूसरों की चाल चलते-चलते हम अपनी चाल भूल जाते हैं। हमें अपनी प्रकृति को जीना चाहिए। तेरी मेरी बात में इसी पर बात करेंगी आपकी होस्ट पूनम जैन। 

    13: इस जागने से क्या हासिल? Lifestyle | Mindset | Positivity

    Play Episode Listen Later May 29, 2020 7:25


    एक रात ढंग से नींद पूरी न हो तो पूरे दिन की वॉट लग जाती है। हम ढंग से जगे रह सकें, इसके लिए सोना ज़रूरी है। पर, जगे रहकर भी सोते रहें, तब क्या? इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, इस विषय पर बात करेंगी। 

    12: मन को कैसे रखें शांत? | Mood management | Meditation | Relaxation

    Play Episode Listen Later May 22, 2020 8:07


    मन शांत हो तो काम करने का तरीका बदल जाता है। काम करने में मजा आता है। गलतियां कम होती हैं। पर समस्या तो यही है कि मन को शांत रखें कैसे?इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, इस विषय पर बात करेंगी। 

    11: मदद मांगने का सही सलीका | Confidence | Asking for help | Acceptance

    Play Episode Listen Later May 15, 2020 6:53


    क्या आपको भी मदद मांगने में हिचक होती है, कि पता नहीं लोग क्या सोचेंगे? इस एपिसोड में होस्ट पूनम जैन, इन्ही सब विचारो पर बात करेंगी।

    Claim Teri Meri Baat

    In order to claim this podcast we'll send an email to with a verification link. Simply click the link and you will be able to edit tags, request a refresh, and other features to take control of your podcast page!

    Claim Cancel