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Hello friends, all of you are welcome. You will get different types of original audio podcast on this channel which will be the most isolated and this channel will not put original audio podcast on any one topic but audio podcast on every subject, we hope

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    • Oct 10, 2021 LATEST EPISODE
    • infrequent NEW EPISODES
    • 3m AVG DURATION
    • 90 EPISODES


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    Forge your future ( Audio book summary )

    Play Episode Listen Later Oct 10, 2021 2:10


    अपनी विशिष्टता का आनंद लें और दूसरों के काम आएं हममें से प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में अलग है, विशिष्ट है। मैं जो भी हूं सिर्फ अपने जीवन की परिस्थितियों और अपने उन प्रयासों के कारण हूं जो मैंने ऐसा बनने की प्रक्रिया में किए हैं। आपको अपनी इस विशिष्टता का आनन्द लेना चाहिए, उसके लिए खुशी मनानी चाहिए। आपको कभी भी वैसा दिखने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जो आप नहीं हैं या आपको किसी अन्य व्यक्ति की तरह होने का दिखावा नहीं करना चाहिए। आप औरों से भिन्न होने के लिए ही पैदा हुए हैं। आप केवल 'आप' बनने के लिए ही हैं। समूची दुनिया में कहीं भी और कभी भी ही विचार नहीं आ रहे होंगे, जैसे अभी आपको आ रहे हैं और न ही किसी व्यक्ति की स्थितियां वैसी होंगी, जैसी आपके जीवन की हैं। कोई भी व्यक्ति वैसा हंसमुख, प्रसन्नचित्त और खुशी नहीं हो सकता, जैसे कि आप हैं। इसलिए अपनी विशिष्टताएं दूसरों के साथ साझा करें। यदि आपका अस्तित्व समाप्त हो जाता है, तो इस सृष्टि में एक छिद्र रह जाएगा, इतिहास में एक खालीपन रह जाएगा, मानव जाति की उत्पत्ति के लिए बनाई गई योजना में किसी चीज का अभाव रह जाएगा। इसलिए, अपनी विशिष्टता को संजो कर रखें। यह एक ऐसा उपहार है जो प्रकृति ने केवल आपको दिया है। दूसरों के काम आएं। अपने जीवन को जितना विस्तार दे सकें, दे डालें।

    Isn't vaccination the true meaning of India's independence at this time?

    Play Episode Listen Later Sep 16, 2021 5:12


    Hello all of you are welcome once again in the original light, today we have been coming in front of you once again with a great audio article, we hope you will like this audio article and it will also make you think, so let's hear this best and to your article . People from all over the world know very well that at this time if the whole world is in the midst of a problem, then it is 'Corona Pandemic' and there is only one way to get out of this problem, that is "Vaccination" India became completely free from the slavery of the British on 15 August 1947 and today on 15 August 2021, India is going to make its 75th Independence Day, which is a matter of honor for the citizens of India but the citizens of India for the last 2 years. They have been slaves to an epidemic for a long time and that epidemic is 'Corona' which has made their freedom to live like a captive. There is also a way for India to get out of this problem or get freedom from it, by adopting which other countries of the world are trying to get out of this problem or epidemic and that way is "Vaccination". But India's vaccination campaign or vaccination festival seems to be weakening or it is more correct to say that it was weak from the beginning. There are many reasons for India's vaccination campaign being weak or weak since the inception of the government, such as the lack of awareness of the people about the vaccination, due to the lack of vaccines, this vaccination campaign has been continuously weakening. In view of all these circumstances, it can definitely be said that it will take more time for India to make Independence Day of freedom from Corona virus and this time has been vaccinated on the vaccination of the people. Until all the people of India or 75% of the population of India are not vaccinated, it is difficult to get freedom from Corona. If we look at the statistics, so far only 9% of the population of India has been vaccinated with both doses or full vaccination and only 31% people have been vaccinated with one dose. This is a matter of concern for a country with a large population like India, because if vaccination could not be done properly or at the right time, then it must be considered that right now the citizens of India's fight for freedom from the corona epidemic is going to go on for a long time. And getting rid of Corona will not be possible. According to scientific estimates, it has also been completely decided that the third wave of corona epidemic will come in India in October or November, but in view of the negligence of the people and the shortcomings in the vaccination campaign, it seems that there is a possibility of corona epidemic in India. The effect of the third wave can be seen soon. On studying India's vaccination festival or vaccination campaign carefully, you see some shortcomings in this whole campaign, which is something like this. (1) Red-tapism for the purchase and sale of vaccines by governments . (2) Changes in the number of vaccines or in the figures of vaccines . (3) Lack of awareness about vaccines among people (4) Arrangements to ensure that the vaccines do not reach the vaccine centers properly. (5) Governments less attention to vaccination and more attention to event betting . All these shortcomings have been in India's vaccination and this is the biggest reason why India's vaccination campaign is struggling and seems to be weakening. This is not a good thing for India because India will make its Independence Day on 15th August but along with that we have to pay attention to vaccination to deal with Corona and to get free from it so that the people of India will be free from Corona Pandemic "Corona Mukti" Independence Day can be celebrated. And we have full faith that the people of India will be aware of vaccination as soon as possible and get themselves vaccinated and at the same time the state governments and central government will overcome their vaccination deficiencies.

    खुशमिजाज लोग आनंद व उद्देश्य में संतुलन रखते हैं । ( Power of Positivity series )

    Play Episode Listen Later Sep 3, 2021 2:37


    खुशमिजाज लोग आनंद व उद्देश्य में संतुलन रखते हैं जीवन के सबसे बड़े विरोधाभासों में से एक यह है कि इंसान को संतुष्टि मिलती है, जब वह जोखिमों से भरा, असहज और कभी-कभी बुरा लगने वाले काम भी सफलतापूर्वक कर लेता है। 48 देशों के दस हजार से ज्यादा लोगों से बात करने के बाद मनोविशेषज्ञ इड डायनर और उरबाना इस नतीजे पर पहुंचे कि दुनिया के किसी भी कोने में लोगों को सबसे ज्यादा किसी एक चीज की तलाश है, तो वो है खुशी... मतलब जीवन में आनंद, उद्देश्य और संतुष्टि। शोध-अध्ययनों से निष्कर्ष निकला कि आनंद से भरे हुए लोग उम्मीदों से विपरीत ऐसी आदतों को जीवन में अपनाते हैं, जो हमें दूर से देखने पर कठिन या दुखदायी लगती हैं। पहला है जोखिमलेना। सफल लोगों को लगता है कि खुशी सिर्फ मनपसंद काम करने में नहीं है, बल्कि अपना कंफर्ट जोन छोड़कर कुछ पाने में है। 2007 के एक अध्ययन में 21 दिन कुछ लोगों पर नजर रखी गई। जो लोग निरंतर जोखिम लेते हुए कुछ नया सीख रहे थे, वे अपेक्षाकृत रूप से ज्यादा खुश थे। किसी चीज को न जानने वाली स्थिति खीझ उत्पन्न कर सकती है, लेकिन जब आप सीखने का मन बना लेते हैं, तो ये खुशी की वजह भी बन जाती है। इसके लिए उत्सुकता बेहद जरूरी है। हमेशा मुस्कराते रहने वाले. खुशमिजाज लोगों के बारे में आम राय होती है कि ऐसे लोग धरातल पर नहीं जीते। पर असल में ऐसे लोग जीवन उलटफेर पर बहुत ज्यादा चिंतित नहीं होते। उनके लिए हर फीलिंग एक सौ होती है। किसी में बहुत ज्यादा खुसी या बहुत ज्यादा दुख नहीं होता। ऐसे लोग हर भावना के लिए बराबर समय निकालते हैं। खुश लोग अपने जीवन में आनंद और उद्देश्यका संतुलन बनाए रखते हैं।

    ऊर्जा का स्त्रोत बनना चाहते हैं तो ये उपाय आजमाकर देखिए ( Power of Positivity series )

    Play Episode Listen Later Sep 1, 2021 5:04


    ऊर्जा का स्त्रोत बनना चाहते हैं तो ये उपाय आजमाकर देखिए आपके इर्द-गिर्द अगर कोई लगातार नकारात्मक बातें कर रहा है, ऐसे में पॉजिटिव बने रहना मुश्किल हो जाता है। दूसरों को भी नकारात्मकता से भर देने वाले इंसान के साथ कोई वक्त नहीं बिताना चाहता आप कैसा इंसान बनना चाहते हैं? दूसरों को ऊर्जा से भरने वाले या अपनी बातों से उनकी ऊर्जा खत्म करने वाले ऊर्जा का संचार करने वाले व्यक्ति बनना चाहते हैं, तो अपने अंदर अतिरिक्त रूप से सकारात्मक नजरिया विकसित करना होगा। इसके लिए चंद उपाय आजमाने होंगे। 1. अपने दिमाग में न्यूरॉन्स को प्रभावित करके तत्काल सकारात्मक हो जाना मुमकिन नहीं है। 'आउटस्मार्ट योर स्मार्टफोन' किताब की लेखिका डाव्ल्स विभिन्न अध्ययनों व साक्षात्कारों के आधार पर कहती हैं कि सकारात्मकता समय मांगती है, लेकिन इच्छाशक्ति व निरंतरता से यह आसान है। दिमाग को सकारात्मक सूचनाएं देते रहिए, सकारात्मक शब्दावली प्रयोग करिए। जब एटीट्यूड पॉजिटिव होगा, तो विचार, स्मृतियां व भावनाएं भी उसी दिशा में काम करने लगेंगी। 2. सकारात्मकता के लिए जद्दोजहद करने वाले लोग किसी भी हालात, व्यक्ति या वस्तु में नकारात्मकता खोज ही लेते हैं। अगली बार अगर आप ऐसे किसी भी हालात में फंसें तो खुद से चंद सवाल पूछें कि इस परिस्थिति में कुछ अवसर है? इससे क्या कुछ सीखा जा सकता है? इस तरह आप अपना ध्यान बांटकर ऊर्जा बचा सकते हैं। 3. अगर आप अपने काम में विनम्रता रखेंगे, तो ये व्यक्तित्व में भी झलकेगी। विनम्रता साथ चंद प्रशंसा के लफ्ज अपनों को कहते रहें। ये आपकी परवाह दर्शाते हैं। 4, पॉजिटिव एटीट्यूड, सकारात्मक सोचने और काम करने से कहीं ज्यादा है। सही मायनों में सकारात्मकता मतलब जोवन का आनंद लेना है। जिंदगी में हर क्षण का लुत्फ उठाते रहिए। इस तरह आप दूसरों के लिए, ऊर्जा पुंज का काम करेंगे।

    12 Rules of life ( Hindi Audibook summary )

    Play Episode Listen Later Aug 31, 2021 3:24


    खुद को प्रेरित करने के लिए अपनी शारीरिक मुद्रा पर ध्यान दें समुद्री जीव वाकई गौर करने लायक होते हैं। इनका नर्वस सिस्टम अपेक्षाकृत सरल होता है और इनके मस्तिष्क की जादुई कोशिकाएं यानी न्यूरॉन्स बड़े आकार के होते हैं, जिनका निरीक्षण करना काफी आसान होता है। यही कारण सर्किट का सही- सही नक्शा बनाने में सफलता हासिल की है। इंसान और केकड़ों में हमारी उम्मीद से अधिक समानताएं होती हैं (खासकर तब, जब आप केकड़ों की तरह चिड़चिड़ा महसूस करते हैं।) जॉर्डन यी पीटरसन है कि वैज्ञानिकों ने मनोविशेषज्ञ व लेखक केकड़ों के न्यूरल अगर दो केकड़े एक ही समय में समुद्र तल के एक ही क्षेत्र को अपने अधिकार में ले लें और दोनों ही उस अधिकार क्षेत्र में रहना चाहते हों, तब क्या ? दोनों में युद्ध होगा। एक पराजित केकड़े के मस्तिष्क की रासायनिक गतिविधियां निश्चित ही एक विजयी केकड़े से बिलकुल अलग होगी। इसकी झलक उसकी शारीरिक मुद्रा में साफ देखी जा सकती है। आत्मविश्वास या डर उसके शरीर में मौजूद सेरोटोनिन व ऑक्टोपमाइन नामक दो रसायनों पर निर्भर होता है। जब कोई केकड़ा जीत हासिल करता है तो उसके शरीर में सेरोटोनिन की मात्रा ऑक्टोपमाइन की मात्रा से ज्यादा हो जाती है। परिस्थितियां कैसी भी हों, आप कंधे ताने रखें। कंधे तानकर सीधे खड़े होने का अर्थ है, जीवन की कठिन जिम्मेदारी को रोमांच के साथ स्वीकार करना। इसका अर्थ है, अपनी अव्यवस्थित क्षमताओं को एक जीवन जीने योग्य संसार की वास्तविकताओं में रूपांतरित करना। इसका अर्थ है आत्म चेतन अतिसंवेदनशीलता और कमजोरी के बोझ को स्वेच्छा से स्वीकार करना और बचपन के अचेतन स्वर्ग के अंत को स्वीकार करना। स्वयं को प्रेरित करने के लिए आप विजेता केकड़ों पर विचार कर सकते हैं, जिनका अस्तित्व और व्यावहारिक प्रज्ञा 35 करोड़ साल पुरानी है। तो आगे से आप अपने कंधे तान कर सीधे खड़े होंगे। अपनी शारीरिक मुद्रा पर ध्यान दें। कंधे झुककर चलना और पराजित दिखना बंद करें। अपने मन की बात स्पष्ट शब्दों में कहें। अपनी इच्छाओं को महत्व दें, मानों उन्हें पूरा करना आपका हक हो, कम से कम उतना हक, जितना हर किसी को होता है। गरदन सीधी करके चलें और अपनी नजरों को बिलकुल स्पष्ट रखें। अपने शरीर के तंत्रिका पथों में सेरोटोनिन के मुक्त प्रवाह को प्रोत्साहित करें, जो अपना शांतिपूर्ण प्रभाव दिखाने के लिए बेताय है।

    Success Books (1) Science of effective communication (2) Think and grow Rich (3) Tools of toys (4)

    Play Episode Listen Later Aug 29, 2021 4:52


    साइंस ऑफ इफेक्टिव कम्युनिकेशन शब्द नहीं लहजा ही मूलभूत संदेश देता है। समस्त मानवीय भाव लगने से व्यक्त होते हैं। शब्द नहीं बल्कि टोन ही मूलभूत संदेश होती है। टोन को अवसर नजरअंदाज कर दिया जाता। है। बच्चों को यह तो सिखाया जाता है कि शब्दों को सही बोलना चाहिए परंतु उन्हें यह नहीं सिखाया जाता कि शब्दों को उत्साहपूर्वक सही टोन में बोलना चाहिए। विंक एंड जो रिच बचत और मेहनत से मिलेंगे कमाई मौके अपनी कमाई के दायरे में रहकर जीना और बचत के लिए अपने आपको अनुशासित करने की आपकी काबिलियत ही आपको जिंदगी में कामयाबी दिलाता है। अगर आप मोहनत और बचत के जरिए पूंजी एकत्रित करेंगे तो ये आपकी जिंदगी में और ज्यादा कमाने और ज्यादा बचाने के मौके लाएगी। टूल्स ऑफ टायटन्स जो पद चाहते हैं पोषाक उसके अनुरूप ही पहनिए शोध बताते हैं कि अच्छे कपड़े पहनेंगे तो लोग आपको सुनेंगे। आप कैसे दिखते हैं और कैसा काम करते हैं के बीच तालमेल होने से आपको सफलता मिल सकती है। पोषाक पहले 90 सेकंड में बड़ी भूमिका निभाती है। पोषाक का इस्तेमाल अपने व्यक्तित्व को स्टाइल के साथ पेश करने के लिए करना चाहिए। सफलता चाहते हैं, तो निराशा हावी ना हो फर्क इस बात से नहीं पड़ता कि आप कितनी जोर से गिरते है, क इससे पड़ता है कि कितनी जल्दी और ताकत से उठ खड़े होते हैं। आपकी जिंदगी और काम में कामयाबी का पूर्व संकेत इससे मिलता है कि आप निराशा का कैसे सामना करते हैं। क्या उसे हावी होने देगे या दूसरों पर आरोप लगाकर गुरुवारी है।

    जागरूक रहकर दूसरों के प्रभाव में आने से बच सकते हैं । ( Power of Positivity )

    Play Episode Listen Later Aug 28, 2021 2:21


    जागरूक रहकर दूसरों के प्रभाव में आने से बच सकते हैं चाहे आनंद हो या गुस्सा, हम ऐसे हैं कि दूसरों की भावनाओं से प्रभावित हुए बिना रह ही नहीं पाते। इसे इमोशनल कंटेजियन यानी भावनात्मक संक्रमण कह सकते हैं। पर अगर थोड़ी-सी जागरूकता रखी जाए तो दूसरों के नकारात्मक विचारों से खुद को बचाकर रख सकते हैं। अमेरिकी पत्रकार एरियल लीव ने अपने जीवन की घटनाओं पर एक किताब लिखी है। उसमें वह बताती हैं कि 1970 के दशक में वह मैनहट्टन में एक अपार्टमेंट में अपनी चिड़चिड़ी मां के साथ रहती थीं। वहां लोग पार्टी करते और वह उन पर चिल्लाती रहतीं। उनका मूड बहुत जल्दी-जल्दी बदलता और वह हमेशा सतर्क रहतीं। ऐसे में वह रिलैक्स ही नहीं कर पाती लीव लिखती हैं कि इसका परिणाम ये हुआ कि वयस्क होने के बाद वह दूसरों की मनोदशा और उनकी ऊर्जा से बहुत ज्यादा प्रभावित होने लगी। इसका मुख्य कारण लीव की उतार- चढ़ाव भरी परवरिश रही। लेखिका इलेन हैटफील्ड इमोशनल कंटेजियन को दूसरों के हावभाव, आवाज, हरकते आदि को देखकर अपना व्यवहार बदल देने के रूप में परिभाषित करती हैं। कई अध्ययन बताते हैं कि तीव्र नकारात्मक भावनाएं अधिक सशक्त रूप से अभिव्यक्त होती है, वे अधिक संक्रामक होती हैं। बार-बार नकारात्मक रूप से प्रभावित होने के कारण हम इसकी वजह नहीं देख पाते। इसके बजाय सोचते हैं कि हम बुरे हालातों में हैं। इससे बचने के लिए क्या करें ? सबसे पहले अपने दूसरों के बुरे मूड के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील न हों। पर्याप्त नींद लें, अच्छा खाएं, व्यायाम करें और जीवन में उद्देश्य लाएं। आपको अपना मूड खराब करने का पूरा अधिकार है, लेकिन दूसरों का मूड बिगाड़ने का नहीं, उनके बारे में भी सोचें और किसी से बात करते समय अपना मूड सामान्य बनाए रखें। अपने जीवनसाथी से अपने बारे में फीडमैक लेते रहे।

    Sri Sri Ravi Shankar Indian guru ( Motivational speech )

    Play Episode Listen Later Aug 27, 2021 3:35


    खोए हुए आत्मसम्मान को फिर से वापस पाने के चंद तरीके अपने उपन्यास 'द ब्लूएस्ट आई में, टोनी मोरिसन ने एक लड़की के बारे में लिखा था जो अपने रूप से खुश नहीं थी। उसे नीली आँखें चाहिए थीं पर उसकी आंखें काली थीं। वह चाहती थी कि उसके पास एक सुखद परिवार होता, श्रीश्री रविशंकर लेकिन उसका परिवार आध्यात्मिक गुरु खुश नहीं था। उसका कमजोर आत्मसम्मान उसके परिवार के लोगों में तालमेल के अभाव के कारण केवल और कमजोर ही हुआ। हममें से कुछ के घर पर, स्कूल में साथियों और परिवार के बीच इसी प्रकार के नाखुश पल रहे होंगे। हमने झूठ पर विश्वास किया कि हम उतने अच्छे नहीं हैं। हो सकता है हममें से कुछ लोगों की शुरुआत अच्छी रही हो परंतु बाद में असफलताओं ने हमारे आत्मसम्मान को क्षतिग्रस्त कर दिया हो। अभी भी, हममें से कुछ के जीवन में सब कुछ हमारे पक्ष में जा रहा होगा लेकिन हमारा निरंतर अपने आप से नकारात्मक बात करना हानिकारक हो सकता है। खैर कारण जो भी हो, पर कुछ उपायों से आत्मसम्मान में कमी दूर की जा सकती है। पहला, जितना आप सोचते हैं कि आप प्रतिकूल परिस्थितियों और लोगों के शिकार हुए हैं, खुद को उतना ही कमजोर महसूस करते हैं। अपने अतीत को सपने जैसे देखें और भविष्य का सामना मजबूत और निडर होकर करें। दूसरा अपने मन का बोझ हटाएं। जिन पलों मैं आपने खुद को कम महसूस किया ऐसे असफलता के उदाहरण आपको हानिकारक भावनात्मक बोझ देते हैं। आत्मविश्वास के पोषण के लिए उन्हें छोड़ना ही बेहतर है। इसके लिए ध्यान का सहारा लें। ध्यान करने से आत्म सम्मान को बढ़ाना एक वास्तविकता है। जब आप अपने आप साथ सहज होते हैं, आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। तीसरा है नकारात्मक सोच से दूर रहें। अपनी कमियों पर असंतोष के बजाय उन्हें सुधारने का संकल्प लें। आंतरिक नकारात्मक संवाद में लिप्त होने के बजाय, उनका निरीक्षण त तक करें, जब तक वे विलुप्त न हो जाएं। चौथा है दूसरों से प्रतिस्पर्धा की प्रवृत्ति, इससे बचें। ये एक ऐसी प्रवृत्ति है जो न तो हमें उपयोगी बनाती है और न ही खुश रहने देती है। जबकि अगर आप खुद के साथ मुकाबला करते हैं, तो आप न केवल और अधिक उपयोगी होते हैं परंतु मजबूत आत्म सम्मान के स्वामी होते हैं।

    Power of Positivity ( क्या अपने मूड को सहज रूप से नियंत्रित किया जा सकता है? )

    Play Episode Listen Later Aug 26, 2021 2:50


    क्या अपने मूड को सहज रूप से नियंत्रित किया जा सकता है? 'मूड खराब है आपको अपने आसपास किसी न किसी से ये सुनने मिल ही जाता होगा। आखिर में गृह है? जीवन में लोगों का मूड भी होगा। ऐसी स्थिति में करते होंगे? दरअसल हमारा मूड कला (आटे) की तरह होता है जब आप उसे आंखों से देखते या महसूस करते हैं, तभी उसके बारे में पता चल पाता है, पहले से नहीं विज्ञान भी हमारे मूड के बारे में कुछ ठीकठाक नहीं बना पाता कि यह कैसे काम करता है। मूड भावनाओं से जुड़ी हुई हमारे दिमाग की अवस्था है, लेकिन अपेक्षाकृत रूप से ज्यादा स्थायी ज्यादा स्थिर भावनाओं की तरह ही मूड भी दिमाग के एमिग्डला वाले हिस्से में पैदा होता है, जहाँ विचारों को भावनात्मक रूप से समझा जाता है। मूड को बॉडी बलॉक बहुत गहराई से प्रभावित करती है, सोने-उठने में गड़बड़ी से भी यह खराब हो जाता है। इसका असर सेहत पर भी पड़ता है तो सेहत भी मूड पर असर डालती है। मेटाबॉलिज्म भी मूड से जुड़ा होता है, यह शारीरिक-मानसिक ऊर्जा पर असर डालता है। कई लोगों को लगता है कि मूड औसतन रूप से हमारी भावनाओं का ही बेच है। पर विज्ञान के हिसाब से मूड बिल्कुल अलग है। इस बात के प्रमाण है कि कुछ लोग आमतौर पर यह चुनकर कि आगे किस गतिविधि में शामिल होना है, अपने मूढ को सहया रूप से नियंत्रित करते हैं। लो फील करते हैं, तो खुद को उन चीजों में शामिल कर लेते हैं, जिससे उन्हें खु मिलती है, जैसे फिल्म देखना, घूमना आदि। और जब मूड ठीक हो जाता है, जोखि भरा काम करते हैं। ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने पाया है ज्यादा डिप्रेशन के मरीजों में मूड को करने वाली प्रक्रिया होता है। अभी तक मूड बदलने के लिए परंपरागत उपाय ही रही है, जहां दवाएं दिमाग की केमिस्ट्री पर असर डालकर मूड सुधारती है। लेकिन लोग अब इस तरह दिमाग पर असर बना मूड बदलने के उपायों को और ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। शोध अध्ययन कहते हैं। खानपान मूड को बहुत ज्यादा प्रभावित कर है। सकारात्मक सोच के साथ पर ध्यान से मूड ठीक रखा जाता है।

    You Must Read 1 . Time Management 2 . you can hill your life 3 . the how of happiness 4 . the mag

    Play Episode Listen Later Aug 23, 2021 4:12


    × टाइम मैनेजमेंट समय का धन की तरह ही निवेश करें आपकी जिंदगी का स्तर इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने समय का इस्तेमाल कैसे करते हैं। आपकी जिंदगी का हर हिस्सा आपके द्वारा किए गए समय के इस्तेमाल के परिणाम को दर्शाता है। समय ही धन है। या तो इसे खर्च किया जा सकता है या निवेश किया जा सकता है। निवेश के लिए समय बचाएं। × द हाउ ऑफ हैपीनेस आपकी मुस्कान क्यों महत्त्वपूर्ण है आपकी मुस्कुराहट आपकी गुडविल है। कोई इतना अमीर नहीं कि इसके बिना जी सके और कोई इतना गरीब नहीं कि इसका लाभ ना उठा सके। यह थके हुओं के लिए आराम है, निराश लोगों के लिए आशा की किरण है। इसका तब तक कोई मोल नहीं जब तक इसे दूसरों को ना दिया जाए। मुस्कान बाटते रहिए। × यू कैन हील यॉर लाइफ माफ करने से मन को सुकून मिलता है। माफ करना बहुत ही स्वार्थी काम है। इसका वास्ता आपके अपने मानसिक संतुलन, मन की शांति से है। किसी के प्रति मन में देश ना रखें। जब आप ऐसा करते हैं। तब वो जीवन का आनंद ले रहे होते हैं। माफ करना ज्यादा आसान है। जब भी उस व्यक्ति के बारे में सोचें तो अच्छा ही सोचें। इससे नफरत पैदा नहीं होगी। × द मैजिक ऑफ थिंकिंग बिग खुद को पसंद करेंगे तो निरंतर आगे बढ़ेंगे खुद को जितना ज्यादा पसंद करेंगे, अपने लिए उतने ही ऊंचे मापदंड रखेंगे, उतने ही बड़े लक्ष्य निर्धारित करेंगे और उन्हें हासिल करने के लिए ज्यादा प्रयास करेंगे। खुद के बारे में ऊंची सोच रखने वालों को रोकना नामुमकिन होता. है। दूसरों की नजरों में भी वो ऊपर उठ जाते हैं, जो अपने बारे में अच्छी राय रखते हैं।

    Power of Positivity

    Play Episode Listen Later Aug 21, 2021 3:15


    खुद की आलोचना न करें, ये सुधार में बाधक है उस बात पर हमेशा गौर करें जिसके लिए आप खुद को सबसे ज्यादा दोष देते हैं। फिर चाहे वह देरी हो, ओवर ईंटिंग हो या कुछ और। क्षण 'भर के लिए उस भाषा पर विचार करें, जिसका उपयोग आप उस समय खुद को दोष देने के लिए करते हैं। क्या आप खुद को बहुत बुरा-भला कहते हैं। आलसी, बेवकूफ जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं तो इसे बंद कर दीजिए। विशेषज्ञ खुद के बारे में इस तरह के शब्दों का प्रयोग करने या खुद के लिए जजमेंट करने से मना करते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इस तरह की आलोचना आपको समस्याओं के वास्तविक कारणों तक नहीं पहुंचने देती, जिससे आप समस्या के समाधान तक नहीं पहुंच पाते। मनोवैज्ञानिक आमतौर पर जोर देते हैं कि विचारों, भावनाओं और व्यवहार के लिए एक उचित स्पष्टीकरण होता है। इसे 'सहानुभूति' कहा जाता है। इसका उपयोग लोगों में बदलाव लाने के लिए किया जाता है। दरअसल जब हम जजमेंट करते हैं तो हम मानसिक रूप से दुनिया को 'अच्छे' और 'बुरे' की श्रेणी में विभाजित करते हैं। हम जटिल चीजों को 'बेवकूफ', 'बदसूरत', 'स्मार्ट', या फिर 'पागल' जैसे आसान लेबल देकर शॉर्टकट बनाते हैं। बुद्धिमानी के साथ मानसिक शॉर्टकट बनाने की यह क्षमता जीवित रहने के लिए महत्वपूर्ण भी है। क्योंकि दुनिया में इतनी अधिक सूचनाएं हैं कि सब कुछ विस्तार से नहीं जाना जा सकता। तो क्या करें: खुद की आलोचना करते समय रुकें और पूछें, 'इससे मेरा क्या मतलब है?' बुरी आदतों में तर्क खोजें। दरअसल आपका दिमाग बता रहा होता है कि गतिविधि अप्रिय होने वाली है। अप्रिय क्या हो सकता है इसके बारे में विचार करें।

    The Power of Now/ Powerful Present ( Audio book summary )

    Play Episode Listen Later Aug 20, 2021 3:00


    मन में दुख की स्क्रिप्ट न लिखें, अभिव्यक्त कर दें दें जब भी कोई आपदा या विपत्ति आ पड़े या कुछ बहुत बुरा हो जाए, जैसे बीमारी, आदि तब आश्वस्त रहिए कि इसका दूसरा पहलू भी है, कि आप एक अविश्वसनीय एकहार्ट टॉल्ल चीज से बस विख्यात लेखक एक कदम दूर हैं। और वह है उस पीड़ा व दुख-तकलीफ रूपी घटिया धातु को सोने जैसी कीमती धातु में बदलने का समय और एक कदम को समर्पण कहते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आप ऐसी स्थिति में सुखी हो जाएंगे, खुश हो जाएंगे। लेकिन ऐसा अवश्य है कि आपका भय और दुख, शांति में, सुकून में बदल जाएगा। यह ईश्वरीय शांति है जो किसी भी बोध शक्ति से पार और परे है। उसकी तुलना में सुख तो एक बहुत ही उथली चीज है। जो कुछ बाहर है अगर उसे आप स्वीकार नहीं कर सकते हैं तो जो भीतर है उसे स्वीकार कीजिए। इसका अर्थ है दुःख का प्रतिरोध न करें। उसे वहीं रहने दें। वह दुख जिस भी रूप में हो- शोक, विषाद, हताशा, निराशा, भय, चिंता, अकेलापन उसके प्रति समर्पण करें। मानसिक रूप से कोई ठप्पा लगाए बिना उसे साक्षी की तरह देखें। तब देखिए कि समर्पण का चमत्कार उस गहरे दुख को किस तरह एक गहरी शांति में बदल देता है। जब बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं होता है तो भी उससे पार पाने का कोई तो रास्ता होता ही है। इसलिए दुख-दर्द से बच कर मत भागिए। उसका सामना कीजिए। उसे महसूस कीजिए- पर उसके बारे में सोचिए मत। हो सके तो उसे अभिव्यक्त कीजिए, लेकिन उसके बारे में अपने मन में कोई स्क्रिप्ट न रचते रहिए। उस एहसास को पूरी तवज्जो दीजिए, न कि उस व्यक्ति, उस घटना या उस स्थिति को जो कि उस एहसास के पैदा होने का कारण लग रहा हो । मुश्किलों से अच्छी तरह लडने का यही तरीका है ।

    The 5 am club ( Audiobook summary )

    Play Episode Listen Later Aug 20, 2021 3:48


    दिन की शुरुआत आपका आगे का दिन तय करती है जागने के बाद के पहले 30 मिनट को मैं प्लैटिनम-30 बुलाता हूँ। क्योंकि वे वास्तव में आपके दिन के सबसे महत्वपूर्ण क्षण होते हैं और आगे आने वाले पलों को श्रेष्ठता पर अत्यंत महन प्रभाव डालते हैं। अगर आपके पास यह करने का विवेक और ज्ञान है तो इस प्रमुख समय में आप सिर्फ पवित्र विचारों को मन में लाएं और सर्वोत्तम कार्य करें। आप महसूस करेंगे कि आपका दिन एक शानदार शुरुआत के साथ अनेक सर्वश्रेष्ठ दिशाओं को लेकर आएगा। जिस तरह से आप अपने दिन की शुरुआत करते हैं वह यह निर्धारित करता है कि आपका दिन कैसा बीतेगा। मैं अपने दो छोटे बच्चों को सनसनीखेज आइमैक्स फिल्म 'एवरेस्ट' दिखाने ले गया। सांस रोक देने वाले दृश्यों के अलावा एक और बात जो मेरे ध्यान में रह गई वह यह है कि पर्वत की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए एक अच्छे येस कैप की आवश्यकता होती है। अगर धरातल के कैंप में विराम, विश्रांत और शरण न मिलती तो उनका चोटी तक पहुंचना असंभव था। जब वे दूसरे कैप पहुंचे फिर ये कुछ हफ्तों के लिए अपनीत करते हैं जो मेरे लिए मात लाने के लिए बेस कैंप में वापस आ गए। जैसे ही वे तीसरे कैंप पर पहुंचे वे जल्द ही चौधे कैंप पर पहुंचने की तैयारी करने बेस कैंप में वापस आ गए। और जब वे पांच कैंप पर पहुंचे तब वे फिर से पर्वत के नीचे अपने शरणालय में आ गए, जिससे वे अपने आपको पर्वत के शिखर तक पहुंचने के लिए तैयार कर सके। उसी तरह हम सबको व्यक्तिगत ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए और अपनी दैनिक चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने के लिए इस 'प्लैटिनक 30' के समय में अपने बेस कैंप जाने की कोशिश करनी चाहिए। हमें वापस उस जगह पर जाने की आवश्यकता होती है जहां हम फिर से अपने जीवन के ध्येय के साथ संबंधित हो जाते हैं। अपने स्वयं के जीवन में मैंने एक बहुत ही असरदायक प्रातःकालीन पद्धति का विकास किया है जो मेरे दिन की एक शांत और प्रसन्नता से भरी हुई शुरुआत करती है। मैं अपने निजी शरणालय में बैठकर बिना किसी विघ्न के उन नवीनीकरण के उपायों का अभ्यास करता हूँ। इसके बाद में पंद्रह मिनट का समय मौन मनन में व्यतीत करता हूँ। अपने जीवन की सबसे अच्छी बातों पर ध्यान केंद्रित करके यह सोचता हूँ कि अपने वाला दिन क्या लेकर आने वाला है। इसके बारे में ज्ञानवर्धक साहित्य से कोई पुस्तक उठाता हूँ। इन पुस्तकों के पाठ मुझे उन चीजों पर में जरूरी है। अपने दिन की अच्छी शुरुआत कीजिए। आप जल्द ही एक बदले हुए व्यक्तित्व के स्वामी होंगे।

    विवेक वचनावली ( Audiobook summary )

    Play Episode Listen Later Aug 18, 2021 2:53


    आपकी स्वाधीनता से किसी का रत्तीभर बुरा न हो उन्नति के लिए आजादी सहायक है। मनुष्य के लिए जिस प्रकार सोचने और सोचकर प्रकट करने की स्वाधीनता होनी आवश्यक है उसी तरह उसे खाने पीने, पहनने, ओढने लेने-देने और विवाह आदि कर्मों की आजादी होनी चाहिए। उसकी स्वाधीनता से किसी का रत्तीभर बुरा न हो। सब बातों की स्वाधीनता के मायने हैं मुक्ति की ओर बढ़ना और यही पुरुषार्थ है। उस काम में सहायता करना परम पुरुषार्थ है जिससे और लोग शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक स्वाधीनता की ओर बढ़ें। इस स्वाधीनता की स्फूर्ति में जिन सामाजिक नियमों के द्वारा बाधा पड़ती है वे अकल्याणकर हैं, बुरे हैं। इसलिए ऐसे नियमों को शीघ्र नष्ट करने का प्रयत्न करना चाहिए। व्यक्ति को बलवान बनने की कोशिश करनी चाहिए। कमजोर दिमाग कुछ भी नहीं कर सकता। सैकड़ों प्रलोभनों पर विजय प्राप्त करके, कमजोरियों को दबाकर, यदि तुम सत्य की सेवा कर सको तो सचमुच तमुमे एक ऐसा दिव्य तेज भर जाएगा कि उसके सामने, तुम्हें जो कुछ असत्य जंचता है उसका उल्लेख करने की हिम्मत औरों को नहीं होगी। जिसकी सहायता से इच्छाशक्ति का वेग और स्फूर्ति अपने वश में हो जाए और जो मनोरथ सफल हो सके वहीं शिक्षा है। मस्तिष्क में अनेक तरह का ज्ञान भर लेना, उससे कुछ काम न लेना और जन्म भर वाद विवाद करते रहने का नाम शिक्षा नहीं है। अच्छे आदर्श और अच्छे भावों को काम में लाकर लाभ उठाना चाहिए, जिससे वास्तविक मनुष्यत्व, चरित्र और जीवन बन सके। कुछ इम्तिहान पास करना अथवा धुंआधार व्याख्यान देने की शक्ति प्राप्त कर लेना शिक्षित हो जाना नहीं कहलाता। जिस विद्या के बल से जनता को जीवन संग्राम के लिए समर्थ नहीं किया जा सकता, जिसकी सहायता से मनुष्य का चरित्र बल परोपकार में तत्पर और सिंह का सा साहसी नहीं किया जा सकता, उसे शिक्षा नहीं कहा जा सकता। शिक्षा तो वही है जो मनुष्य को अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाती है। भगवान ने कृष्णावतार में कहा है कि सभी प्रकार के दुखों कार कारण अविद्या है। निष्काम करने से चित्त शुद्ध होता है। जबकि कर्म वही है जिसके द्वारा आत्मभाव का विकास हो, और जिसके द्वारा अनात्मभाव का विकास हो वह अकर्म है।

    You Must Read

    Play Episode Listen Later Aug 16, 2021 2:57


    द आर्ट ऑफ थिंकिंग क्लियर्ली विचारों की शक्ति को अहमियत देनी चाहिए। चिंता करने और विचार करने में बहुत ज्यादा अंतर होता है। लेकिन बहुत कम लोगों को ही इन दोनों में फर्क समझ आता है। चिंता करने से काम तो होता है, लेकिन कामयाबी हासिल नहीं होती। वहीं सोचने से हम आगे बढ़ते हैं और नए आयाम खोजते हैं। विचारों की शक्ति का कोई दायरा नहीं, यह तो असीमित है। मैनेजिंग वनसेल्फ अपने साथ होने वाली हर बात की जिम्मेदारी लें आप तभी तक खुद के बारे में अच्छा सोचते हैं जब तक खुद के नियंत्रण में होते हैं। अगर किसी दूसरे को जिम्मेदार बनाते हैं तो उन्हें अपना नियंत्रण सौंपते हैं। आप अब भी खुद के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन नियंत्रण दूसरे को सौंपने से मानसिक शांति खो देते हैं। अपने साथ होने वाली हर चीज का श्रेय और दोष खुद लें। रोड टू स्वसेस सफल होने के लिए अफलता की जरूरत है जब असफलता का डर बढ़ जाता है। तो यह आपकी सफलता और खुशी की राह में बाधा बन सकता है। सफल होना चाहते हैं तो अपनी असफलता की दर दोगुनी कर दें। सफलता, असफलता के दूसरे सिरे पर मौजूद होती है। असफलता, सबक सीखने का एक तरीका है। इसकी जरूरत सफल होने के लिए पड़ती है। मेहनत और त्याग हासिल होगी सफलता लोग जीवन में सफल होना चाहते हैं लेकिन उसके लिए मेहनत और त्याग नहीं करना चाहते। बहुत आसानी से घर मान लेते हैं। सफलता का रास्ता असफलता से होकर ही निकलता है। जो हवा के रुख की परवाह न करते हुए विरुद्ध जाकर भी काम करने के लिए तैयार रहते हैं, वही लोग सफलता हासिल कर पाते हैं।

    Communication skills series

    Play Episode Listen Later Aug 14, 2021 3:00


    ( कभी भी किसी को भी Criticize ना करे ) लेखक लिखते है कि मानो आज के वक्त हर कोई तैयार बैठा है किसी ना किसी को Criticize करने के लिए कयोंकि शायद हमारी एक - दूसरे को Criticize करने कि आदत सी बन गई है पर यह हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकती है अगर आप मे यह आदत है तो आप लोगो को उनके हमेशा उनके दुश्मन कि तरहा नजर आने लगते हो । लेखक कहते है कि सफल लोग कभी भी किसी को Criticize नही करते है और यदि उनको किसी को Criticize करना भी पडे तो वह इसके लिए सेन्डविच मैथड का उपयोग करते है । इस नियम में आप सैंडविच कि तरह लोगो को Criticize करें , जिस प्रकार सैंडविच में ऊपर और नीचे कि तरफ़ Bread लगी होती है और बीच में cheese लगी होती है उसी तरह आप भी जब किसी कि आलोचना करें तो ऊपर नीचे प्रशंसा कि Bread लगा लें और बीच में आलोचना की cheese लगा दे ताकि सामने वाले को बूरा भी ना लगे और वह आप कि बात को भी समझ सके ।

    Power Of Positivity

    Play Episode Listen Later Aug 13, 2021 2:29


    अमेरिकी लेखिका ग्रेचेन रुविन हैप्पीनेस प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। रुबिन 'सेल्फ इनसाइट... नाम की किताब का हवाला देते हुए कहती हैं कि लोग किसी भी बात पर बहस कर सकते हैं। अगर उन्हें कहा जाए कि 'ए' सही है, तो उसके समर्थन में तर्क दे सकते हैं। अगर कहा जाए कि 'ए' का विरोधी सही है, तो वे उसी सफाई से उस पर भी बहस करने बैठ जाएंगे। हैप्पीनेस प्रोजेक्ट के शोध में सामने आया कि लोग सुबूतों पर जोर देते हैं और ये परिकल्पना, उसके बिल्कुल उलट है कि लोग जानकारियों के ऊपर रायशुमारी को प्राथमिकता देते हैं। उदाहरण के लिए अगर किसी से पूछें कि क्या वह कभी बाहर घूमने वाला व्यक्ति रहा है तो वह बैठकर उस समय की कल्पना करने लगेगा, जब वह मिलनसार हुआ करता था। अगर उसी व्यक्ति से पूछा जाए कि क्या वो शर्मीला था, तो वह उसके बारे में भी सोचने लगेगा। आप अपनी जिंदगी में इस थ्योरी को लागू कर सकते हैं। जैसे जब ख्याल आए कि जीवनसाथी में बिल्कुल दिमाग नहीं है, तब दिमाग भी उसके समर्थन में तर्क देने लगता है। आप बस करें इतना कि उसी समय उल्टा सोचना शुरू कर दें। जैसा मेरा जीवनसाथी बुद्धिमान है। तब दिमाग में इसके समर्थन में विचार आने लगेंगे। इससे आप वाकई में अपनी राय में बदलाव महसूस कर सकते हैं। ये थ्योरी बताती है कि कैसे खुशमिजाज लोग खुशनुमा माहौल में रहते हैं या उसे बना देते हैं। हमें अक्सर लोगों से वैसी प्रतिक्रिया मिलती है, जो हमारे दिमाग में पहले से बनी उनकी छवि को और मजबूत करती है। लेकिन ऐसा क्यों है? अगर आप हर वक्त बुरा बताँव करेंगे तो मुमकिन है कि लोग आपकी मदद न करें, जिसका परिणाम ये होगा कि आपका रवैया और बुरा होता जाएगा। इसके उलट अगर आप माहौल खुशनुमा बनाएंगे तो लोग भी मदद करने को तैयार रहेंगे।

    Communication skills serise

    Play Episode Listen Later Aug 11, 2021 1:48


    जी हाँ , आप अगर इस अवस्था मे खडे होते है तो सामने वाले को हमेशा यह लगेगा कि आप बहुत ज्यादा आत्मविश्वासी और एक मजबूत व्यक्ति हैं और इसके साथ - साथ आप भी अपने आप को आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस कर पायेंगे अगर आप इस अवस्था मे खडे नही होगे तो लोग आप को हमेशा ही एक हारे हुए वयक्ति के रूप देखेंगे तो आज आप अपने खडे होने का अदाज थोड़ा बदल दीजिए ।

    ' आनंद लहर , चाहो और पा लो ' ( Audio book summary )

    Play Episode Listen Later Aug 10, 2021 3:18


    आपके आनंद की जिम्मेदारी लेने वाला कौन है? घट रहा है। इस तरह जब सब कुछ आपके यदि आपको आनंदपूर्वक रहना है तो उसकी जिम्मेदारी लेने वाला कौन है? आपके पिता, अंदर ही घटित हो रहा है, केवल आपको पत्नि, संतान या मित्र ? आप जिन चीजों की कामना करते हैं, उन्हें पाने का मार्ग क्या है? इन बातों पर एक-एक करके विचार करें। है। पर्वत शिखर पर तैर रहे बादल चोटियों से टकरा रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में सूरज पीले रंग में भीग कर डूब रहा है। आप इस रमणीय दृश्य को देख रहे हैं। बताइए, दृश्य कहां है? उस पहाड़ पर ? आसमान में? इत्मीनान से घटित हो रहा है? आपकी आंखों के पर्दे पर है? आपके भीतर ही न ? सद्गुरु, संस्थापक, शाम की सुरम्य वेला ईसा फाउंडेशन इच्छा साकार होने से क्यों इनकार कर रही है। प्रसन्न रहने के लिए आप सौ-सौ शर्ते लगा रहे हैं। पत्नी ऐसी होनी चाहिए। मेरा बच्चा वैसा होना चाहिए। इस प्रकार की सैकड़ों शर्ते लगाते जाएंगे तो आपका आनंद किसी दूसरे के नियंत्रण में चला जाएगा। अगर आप आनंद में रहेंगे और प्रेमपूर्वक बरतेंगे तो अपने आसपास के लोगों को प्रसन्न रख सकेंगे। यदि आप दुख में, मायूसी में डूबे रहेंगे तो अपने इर्द-गिर्द रहने वालों की खुशियों को भी बिगाड़ देंगे। ध्यान दीजिए, आपकी इच्छा दरअसल कहाँ अपनी जड़ जमाए हुए हैं? आपने सोचा था, शादी हो जाए तो खुशी मिलेगी। शादी हुई। फिर ख्याल आया बच्चे सोचकर बताइए। इस दृश्य का अनुभव कहां होने पर ही जीवन पूर्ण होगा, खुशी उसी में है। खुशी से जीना है, यही लालसा तो आपको उसका बिंब गिरता है और दिमाग को सूचना सभी इच्छाओं के मूल में छिपी हुई है। आपने भेजता है। आपके अनुभव में अब पहाड़ कहां जो मांगा, वह तो मिल गया। लेकिन संतोष के बिना आगे.... और आगे... वो इच्छा एक से दूसरी चीज की ओर लपकती जा रही है। ऐस क्यों? गलती कहां हुई? क्या यह आपकी त्रुटि है या इच्छा को ?

    Thought for day

    Play Episode Listen Later Aug 9, 2021 3:46


    (21) सबसे बेहतर नशा प्रेम का है । (22) समाज के निमय दौलत पर निर्भर करते है । (23) " स्त्री " भगवान है । (24) आपका जीवन एक फिल्म की तरह होता है जिसमें आप अकेले ही अलग - अलग तरह के किरदार निभाते चले जाते है । (25) भूतकाल ( Past ) ही भविष्य काल ( Future ) की भविष्यवाणी करता है । (26) मेरा मानना है " एक Married couple को तब तक बच्चे पैदा करने का विचार नहीं करना चाहिए , जबतक वह उसे एक बेहतर जीवन देने कि परिस्थिति ना हो " (27) भीड़ बच्चों की नही , संस्कारों की होनी चाहिए । (28) आपके साथ अच्छा हो या बुरा अगर आप को ऐसा होने का कारण जानना है तो अपने भूतकाल को टटोलिये । (29) विकास कभी भी " पूर्ण " नहीं हो सकता , यह हमेशा विकासशील ही रहेगा । (30) इतिहास अच्छा हो या बुरा उस पर सवाल उठाने की जगह , उससे सीखा जाना चाहिए । (31) सफलता की कोई तय परिभाषा नही है यह तो समय और जगह के हिसाब से बदलती रहती है । (32) मेरे अनुसार इंसान की बहुत सारी गलतियों मे से एक बड़ी गलती " धर्म " है । (33) मेरा मानना है " जो व्यक्ति दूरगामी नहीं होता है वह अपने आप को केवल धोखा दे रहा है कयोंकि आपके जीवन का हर दिन एक दांव की तरह है जो खुद दूरगामी परिणामों पर निर्भर है " (34) राजनीति मे धर्म का कोई काम नहीं और धर्म मे राजनीति का... (35) जब आपका मन किसी के लिये लिए डरना शुरू कर दे , तो यह मान लिया जाना चाहिए की आपको उससे प्रेम हो गया है । (36) अभी भी बहुत कुछ खोजा जाना बाकी है । (37) मेरा मानना है... " हर व्यक्ति सबसे बड़ी वह सबसे पहली प्राथमिकता , एक अच्छा इंसान बनने की होनी चाहिए " (38) यह दुनिया कितनी भी बदल कयों न जाये पर प्रेम की प्ररीक्षा हर युग मे होगी । (39) " अधिकता " पतन का कारण है । (40) आप माने या ना माने पर आपकी सफलता आपके सफर के महत्व को कम कर देती है । (41) बुद्धि के विकास का एक ही तरीका है - " पढ़ना " (42) " मैंने इसांन की ऐसी लाचारी कभी ना देखी जो चीज सबसे ज्यादा थी उसके लिये घुट - घुट कर मरता रहा " (43) मेरा मानना है... " इसांन कभी भी स्वतंत्र नही रह सकता " (44) जहाँ डर वहाँ अंधविश्वास है और जहाँ अंधविश्वास वहाँ तो निश्चित ही डर होगा । (45) मेरे अनुसार " जब कोई इंसान अपने से अधिक सफल इंसान को देखता है तो उसका दुःख बढता है और जब वह अपने से कम सफल या असफल इंसान को देखता है तो वह खुश होता है पर जो इंसान इन दोनों अवस्था मे स्थिर होता है वह मन से संत है " (46) जहाँ ज्ञान है , वहाँ स्थिरता है । (47) " लिखा गलत हो सकता है पर मिट नहीं सकता " (48) लिखना , सुकून देता है ।

    You Must Read

    Play Episode Listen Later Aug 8, 2021 2:52


    • पावर ऑफ पॉजिटिव थिंकिंग साहस से ही मजबूत इरादे बन सकते हैं अपनी योग्यता पर विश्वास करना ही साहस है। आपका अपने आप में विश्वास ही आपके सपनों को हकीकत में बदलता है। साहस विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला करना सिखाता है। भय से मुकाबला ही साहस है। साहस से ही पता चलता है कि अब एक मजबूत इरादा बनाना है। • इन्फ्लूएंस एक की प्रशंसा से कई प्रोत्साहित होंगे दूसरों की प्रशंसा पाने में खुशी मिलती है। यदि आप लोगों के कार्य की प्रशंसा करते हैं तो आप उन्हें ज्यादा काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। विशिष्ट कार्यों की प्रशंसा करें। लोगों को बताएं कि उन्होंने जो काम किया वो क्यों अच्छा था। एक की प्रशंसा करने से कई लोग प्रोत्साहित होंगे। • विनिंग बॉडी लैंग्वेज शारीरिक हाव-भाव भावनाएं दिखाते हैं जिस तरह एक तस्वीर में हजारों शब्द छिपे होते हैं उसी तरह आपके शारीरिक हाव-भाव बहुत कुछ कहते हैं। कई बार आप हाव-भाव के जरिए मन में छिपी सच्ची भावनाएं भी दिखा देते हैं। आप जिस तरह बात करते हैं या चलते हैं, दुनिया को अपने बारे में बहुत सारी जानकारियां देते हैं। • यू कैन हील यॉरसेल्फ माफ करने से मन को शांति मिलती है लोगों को लगता है कि माफ करके वो व्यक्ति के उस गलत व्यवहार को मान्यता देते हैं, जो उनकी नाराजगी का कारण था। वो सोचते हैं माफ करके उसे समर्थन दे रहे हैं। दरअसल माफ करना तो बहुत ही स्वार्थी काम है। इसका वास्ता आपके अपने मानसिक संतुलन और मन की शांति से होता है ।

    No Excuses!: The Power of Self-Discipline ( Audiobook summary )

    Play Episode Listen Later Aug 6, 2021 3:03


    आपका आत्मसम्मान आत्मछवि से तय होता है है एक नजरिए से देखा जाए तो हमें 85 फीसदी आनंद दूसरे लोगों के साथ सुखद संबंधों से मिलता है। दुर्भाग्य से, 85% दुख भी दूसरे लोगों से ही मिलते हैं। ब्रायन ट्रेसी बेस्ट सेलिंग ऑथर लोक व्यवहार उत्कृष्ट बनना जरूरी है। अच्छी बात ये है कि यह योग्यता सीखी जा सकती है। शर्त सिर्फ इतनी है कि आपको भी वैसा ही व्यवहार करना होगा, जैसा दूसरे लोकप्रिय लोग करते हैं। मनोवैज्ञानिक हमें बताते हैं कि हम जो भी कार्य करते हैं, वह या तो अपने आत्म-सम्मान को बढ़ाने के लिए करते हैं या दूसरों से इसकी रक्षा करने के लिए करते हैं। हर व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत महत्ता के एहसास के बारे में बहुत संवेदनशील होता है। आत्म- सम्मान का अर्थ यह है कि आप अपने बारे में कैसा महसूस करते हैं, खुद को कितना पसंद करते हैं। आत्म-सम्मान काफी हद तक आपकी आत्म-छवि से तय होता है। आपके आत्मसम्मान के तीन हिस्से हैं, जो एक-दूसरे को स्पर्श करते हैं। 1. आत्म-छवि का पहला हिस्सा यह है कि आप खुद को कैसे देखते हैं। इससे काफी हद तक चलने, बोलने, व्यवहार करने व दूसरों के साथ करने का तरीका तय होता है। 2. आत्म छवि का दूसरा हिस्सा यह है कि आपके हिसाब से दूसरे लोग आपको किस तरह देखते हैं। यदि आप सोचते हैं कि दूसरे लोग आपको पसंद करते हैं, तो आप खुद को सकारात्मक अंदाज में देखते हैं। 3. आत्म-छवि का तीसरा हिस्सा यह है कि लोग वास्तव में आपको किस तरह देखते हैं और व्यवहार करते हैं। यदि आप स्वयं को आम आदमी मानते हैं और कुछ लोग आपसे मिलने पर ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे आप मूल्यवान और महत्वपूर्ण हों, तो इसका आपकी आत्म-छवि पर सकारात्मक प्रभाव होता है। आप खुद को पहले से ज्यादा यादा पसंद करने और महत्व देने लगते हैं।

    Oprah Winfrey (Motivational speech in hindi )

    Play Episode Listen Later Aug 4, 2021 3:32


    जीवन में भावनाएं आपका सच्चा जीपीएस होती हैं सीखने के लिए इस दुनिया में बहुत सारे सबक हैं। मैं इस दुनिया को स्कूल मानती हूं और अपने जीवन को क्लासरूम कॉलेज पूरा करने के एक साल बाद मुझे बाल्तिमोर में शाम के 6 बजे का न्यूज शो एक और एंकर के साथ मिलकर होस्ट करने के लिए कहा गया। मेरे प्रोड्यूसर्स ने मुझे अपना नाम बदलने के लिए कहा। अपना लुक्स बदलने के लिए भी कहा गया। लेकिन सबसे ज्यादा बुरा ये था कि मुझे दूसरों के दुखों को न्यूज के रूप में पढ़ने में तकलीफ होती थी। मैं स्क्रिप्ट से बंधी नहीं रह पाती थी। आठ महीने में ही मुझसे वह काम वापस ले लिया गया, लेकिन चूंकि अनुबंध था, तो उन्होंने मुझे नौकरी से निकालने के बजाय एक टॉक शो दे दिया। मुझे जब वह शो मिला, तो लगा कि घर आ गई हूं। जब आप वह काम करने लगते हैं, जो वाकई करना चाहते हैं, तब सबकुछ सही लगने लगता है। पैसे की परवाह न करते हुए हर दिन बोनस की तरह होता है। भावनाएं वाकई जीवन में आपको राह दिखाने वाला सच्चा जीपीएस होती हैं। आप कब और क्या करना चाहते हैं और क्या नहीं, आपको भावनात्मक रूप से गाइड करने वाला सिस्टम बता देगा तरीका ये है कि अपना इंगो दूर रखें और मन की बात सुनना शुरू कर दें। मेरे जीवन का हर सही फैसला मेरे अंदर से आया है। दिल से निकला है और हर गलत निर्णय अपने दिल की आवाज अनसुनी करने के कारण हुआ है।। अगर कुछ सही नहीं लगता, तो नि करें। सिर्फ यही एक सबक आपको जिंदगी में कई तकलीफों से बचाएगा। यहां तक कि किसी चीज पर संदेह भी है, तो उसे न कहें। जब आप अपने अंतर्मन की आवाज को जीवन का पथप्रदर्शक बनाएंगे तब न सिर्फ आपकी निजी जिंदगी बेहतर होंगी, बल्कि कामकाजी दुनिया की प्रतिस्पर्धा में भी आगे होंगे। डैनियल पिंक नाम के बेस्ट सेलर लेखक अपनी किताब ए होल न्यू माइंड में लिखते हैं कि हम नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं। वह कहते हैं कि वह समय दूर नहीं जब सिर्फ तर्कपूर्ण, नियम-कायदे पर आधारित सोच ही मायने नहीं रखेगी। समानुभूति, खुशी, उद्देश्य और आंतरिक विशेषताएं उत्कृष्ट मूल्य साबित होंगे। ये विशेषताएं तब और निखरकर सामने आएंगी जब आप जिस काम को चाहते हैं, वही करना शुरू कर दें, अपने काम में सबकुछ झाँक दें- अपनी विशेषज्ञता के साथ इमोशन भी। अगर वाकई उड़ना चाहते तो अपनी ताकत अपने जुनून के पीछे लगाएं। अपनी अंतर्मन की आवाज की कद्र करें। आप जिंदगी के आखिर में पैसों के साथ जीवन का अर्थ भी तो चाहते हैं। यही आपके जीवन को समृद्धशाली बनाता है। आप अपने चारों ओर ऐसे लोगों से घिरे रहना चाहते हैं, जिन पर आप भरोसा करें, जो आपकी कद्र करें। ऐसा तभी होगा जब आप अंदरूनी तौर पर 'अमीर' हो।

    Oprah Winfrey ( Motivational speech in English )

    Play Episode Listen Later Aug 4, 2021 2:38


    Hello all of you are welcome once again in the original podcast, today we are once again present in front of you with a motivational speech in the best, so let's hear the motivational speech in this best . Emotions are your true GPS in life in this world to learn There are many lessons. I consider this world a school and a year after completing my life in classroom college, I was asked to host a 6 pm news show in Baltimore with another anchor. My producers asked me to change my name. He was also asked to change his looks. But the worst part was that I found it difficult to read the sufferings of others in the form of news. I could not stick to the script. I was taken back in eight months, but since there was a contract, they gave me a talk show instead of being fired. When I got that show, I felt that I have come home. When you start doing what you really want to do, then everything seems right. Every day is like a bonus regardless of the money. Emotions are indeed the true GPS guiding you in life. Your emotionally guiding system will tell you when and what you want to do and what not to do. The way is to put your ego away and start listening to your mind. Every right decision in my life has come from within me. It has originated from the heart and every wrong decision has been made because of not listening to the voice of our heart. If something doesn't feel right, don't do it. Only this one lesson will save you from many troubles in life. Even if you doubt something, don't say it. When you make your inner voice a guide in life, not only will your personal life be better, but you will also be ahead of the competition in the working world. Daniel Pink, the best-seller, writes in his book A Whole New Mind that we are entering a new era. He says that the time is not far when only logical, rule-based thinking will not matter. Empathy, happiness, purpose, and intrinsic characteristics will prove to be excellent values. These qualities will come to the fore when you start doing what you want to do, peeking into everything in your work – your expertise as well as emotion. If you really want to fly, put your strength behind your passion. Honor your inner voice. You want the meaning of life along with money at the end of life. This is what makes your life prosperous. You want to be surrounded by people who you trust, who appreciate you. This will happen only if you are 'rich' inside.

    Power of Positivity

    Play Episode Listen Later Aug 3, 2021 2:25


    हालातों का सबसे बेहतर उपयोग ही खुशी की वजह बनती है खुशी और सकारात्मकता की तलाश हम सदियों से कर रहे हैं। आज के समय में खुशी के लिए लोग प्रेरक वक्ताओं और सेल्फ-हेल्प किताबों की ओर देखते हैं। लेकिन पहले के समय में दार्शनिक इन सवालों का जवाब देते थे। लेखिका एडिथ हॉल अपनी किताब में लिखती हैं कि कैसे प्राचीन दार्शनिक खासतौर पर अरस्तू खुशी के बारे में बताते थे। अरस्तू कहते थे कि अगर आप खुद को खुश और अच्छा बनाने का प्रशिक्षण देते रहते हैं, अपने सद्गुणों और कमियों पर काम करते हैं, तब आपको अहसास होगा कि खुशी दिमाग की ही एक अवस्था है। आप तभी आनंद में रह सकते हैं, जब अच्छा बने रहने के लिए लगातार कोशिश करेंगे। श्रिंक एंड सागा नामक किताब की लेखिका एंटोनियो मैकारो लिखती हैं कि हम अपने लिए खुद ही चुनाव करते हैं। ऐसे में खुशी या दुख का विकल्प आपके पास होता है। अक्सर ये भी सवाल पूछा जाता है कि दुख में खुशी की बात करना कितना सही है? इस पर लेखक विक्टर ई फ्रैंकल लिखते हैं कि किसी भी परिस्थिति का सबसे बेहतर उपयोग ही सबसे अधिक मायने रखता है। यानी हालात से सर्वोत्तम पाने की कोशिश। इसके लिए हमें तीन चीजें ध्यान रखनी चाहिए। पहला समस्याओं को सफलता और उपलब्धि में बदलना। अपराध बोध से सबक सीखकर खुद को बेहतर बनाने के लिए बदलना और जीवन की नश्वरता को जानते हुए अपने कामों के प्रति जिम्मेदारी का अहसास रखना। आशावाद किसी पर थोपा नहीं जा सकता न हो किसी को आशावादी बने रहने का आदेश दिया जा सकता है। पर खुशी के पीछे भागने से वह हासिल नहीं होती। यह स्वतः हो आपके जीवन में आती है। इसके लिए कोशिशें करते रहें।

    Thought for day

    Play Episode Listen Later Aug 2, 2021 3:21


    (1) जब किसी देश कि जनता अपनी मूलभूत जरूरतों को छोड़कर सरकार कि जरूरतों के अनुसार सोचना शुरू कर दे तो यह मान लिया जाना चाहिए कि अब देश का पतन शुरू हो गया है । (2) सफलता कुछ भी नहीं है केवल और केवल जीवन के साथ किया गया एक सफल प्रयोग है । (3) कोई भी चीज कभी भी 100% सही और 100% गलत नहीं हो सकती । (4) जीवन के सबसे बेहतरीन अनुभव केवल प्रकृति कि गोद मे ही लिये जा सकते है । (5) मेरे अनुसार इस दुनिया कि सबसे खूबसूरत और बदसूरत चीज अगर कोई है तो वह केवल और केवल " शब्द " है । (6) प्रेम वह ताकत है जो इसांन को इसांन बनाये रखती है । (7) " समाज " वह है , जिसमें आप - अपने - आप को हमेशा टूटा हुआ पाते है । (8) कोई भी चीज छोटी या बडी नही होती है बस यह तो हमारे देखने भर का नतीजा है । (9) इस Universe मे वह सब है जो कभी मनुष्य कि कल्पना मे था , कल्पनाओं मे है और भविष्य मे मनुष्य कि कल्पनाओं मे होने वाला है । (10) वह दिन दूर नहीं है जब इसांन , इसांन के लिये भगवान होगा । (11) इस दुनिया मे तब तक शान्ति नहीं हो सकती जब तक इसांन , इसांन का दुश्मन है । (12) यह Universe , भगवान का एक खेल है जिसे इसांन का दिमाग शायद कभी नहीं समझ सकती है । (13) मानव एक विकसित हो रही प्रजाति है और इस Universe मे मानव की तरह ही अल्पविकसित और अतिविकसित प्रजातियां भी है और यह Sequence ऐसे ही हमेशा चलता रहेगा । (14) वह चीज जिसे इसांन हमेशा टूटने से बचाता है वह है उसकी " विचारधारा " (15) मेरा मानना है " इस दुनिया का सबसे बेहतरीन वक्त पढने मे गुजरता है " (16) मेरा मानना है " अच्छी किताबें पढने से आप के अंदर विश्वास का निर्माण होता है , विश्वास के निर्माण से आप का निर्माण होता है और आप के निर्माण से , कायों का निर्माण होता है और इन्ही कायों के निर्माण से आपकी सफलता का निर्माण होता है " (17) आप कि जीत तब तक नही हो सकती जब तक आप हारने वाले से कुछ सीख ना ले । (18) जिस घर मे बुजुर्गों कि इज्ज़त नही , उस घर कि भी कही इज्ज़त नही । (19) बुजुर्ग , जडों कि तरह होते है जिनकी मजबूती के सहारे परिवार का पेड़ खिलता है । (20) नशा कोई खराब चीज नही है बस यह तो कारकों पर निर्भर करता है ।

    How to be worry free ( Audiobook summary )

    Play Episode Listen Later Jul 31, 2021 2:25


    चिंताजनक हालातों से बाहर निकलना आसान है! अगर आप चिंता में डूबे रहेंगे, तो किसी भी काम में एकाग्रता हासिल नहीं कर पाएंगे। और एकाग्रता भंग होगी तो अंततः आपके जीवन में खुशी का अभाव रहेगा और तनाव व अवसाद बढ़ता जाएगा। सवाल है कि चिंता दूर करने किया जाए? इसे दूर करने की तीन अवस्थाएं हैं। पहला तो हर परिस्थिति का निर्भयता और ईमानदारी से विश्लेषण करना चाहिए और इस निर्णय पर पहुंचना चाहिए कि असफलता के कारण क्या अधिकतम अनिष्ट हो सकता है। दूसरा चरण है कि बुरे से बुरे का आकलन करने के बाद आप उसे आवश्यकतानुसार स्वीकार करने का दृष्टिकोण अपना सकते हैं। इसके फलस्वरूप एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण परिवर्तन होगा और तुरंत ही कान और एक तरह की शांति का अहसास होगा। और तीसरी अवस्था में आप शांत भाव से उस संभावित अनिष्ट का हल निकालने में जुट जाएंगे। इन मनोवैज्ञानिक विधियों का विश्लेषण करके आपको चिंता से निकलने का रास्ता मिलेगा। चिंता करने से सबसे ज्यादा निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है। व्यावहारिक मनोविज्ञान के जन्मदाता प्रो. विलियम्स जेम्स का कथन था कि अपनी स्थिति को जैसी है वैसी ही स्वेच्छा से स्वीकार कर लो। स्वीकार करना दुर्भाग्य के किसी परिणाम पर विजय पाने का पहला कदम है। चीनी दार्शनिक लिन युटांग ने कहा था कि स्वीकार करने से मन को एक असीम शांति मिलती है। स्वीकारने के बाद खोने को कुछ नहीं रह जाता। इसके बाद निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर हो जाती है।

    V.V.S Laxman ( 281 And Byound ) Audio book Summary

    Play Episode Listen Later Jul 27, 2021 3:00


    - वीवीएस लक्ष्मण, पूर्व क्रिकेटर अपना कंफर्ट जोन तोड़कर बाहर आना उतना भी मुश्किल नहीं है भारत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला होने वाली थी। हम इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की टीम से बुरी तरह हारे थे। जख्म हरे थे। हमारा चेन्नई में ट्रेनिंग कैंप था। गैरी कर्स्टन के साथ मेंटल हेल्थ कोच पैडी अपटन आए थे। कोच का ध्यान हम सबकी अपनी-अपनी भूमिकाएं तय करने की और था। स्किल्स निखारने पर बहुत ज्यादा जोर नहीं था। हमें पुराने ग्रुप से हटाकर अलग-अलग समूहों में बांट दिया गया। और अगले एक साल का विजन लिखने के लिए कहा गया। सवालों की एक सूची सौंपी गई। उनमें आम से प्रश्न थे कि आलोचना पर कैसे प्रतिक्रिया करेंगे। कोई प्रशंसा करेगा, तो कैसा महसूस होगा। क्या आप खेल के बीच आउट होने पर दबाव महसूस करते हैं। जाहिर तौर पर ये प्रश्नोत्तर अहसास कराने के लिए थे कि हम खुद को मोटिवेट कर सकते हैं या नहीं? या किसी बाहरी प्रेरणा की जरूरत है... हममें से अधिकांश लोगों को बाहर से किसी पुशअप की जरूरत होती है। अगर कोई पीठ ठोक दें, तो हम अच्छा प्रदर्शन करते हैं। हमें सिखाया गया कि अंदर से मोटिवेशन कैसे हासिल किया जाए। कैंप में एक दिन हम आउटिंग के लिए रिजॉर्ट गए। वहाँ सभी खिलाड़ियों को तीन बैच में बांट दिया गया। हर टीम को 12 मिनट की एक असली फिल्म बनानी थी। वहां सबकुछ अपलब्ध था- कैमरामैन, मेकअप आर्टिस्ट, तकनीकी लोग हमारे ग्रुप में राहुल, सहवाग, भज्जी, वेंकटेश प्रसाद और मुनाफ पटेल थे। एक प में सचिन, धोनी और दूसरे साथी थी। स्क्रिप्ट लिखने, शूट करने, एडिट करने के लिए तीन घंटे का वक्त था। हमने फिल्म बनाई- सिंग इज किंग सचिन की टीम ने शोले और एक टीम ने रॉक ऑन बनाई। आखिर में अवॉर्ड फंक्शन भी हुआ। एक दृष्टि से देखें तो ये फन था! लेकिन दरअसल यह हमें अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकालने और अपनी विचार प्रक्रिया बदलने की कवायद थी। आप जब कोई काम कर गुजरे, उसके बाद अहसास होता है कि कंफर्ट जोन से बाहर आना उतना कठिन नहीं था, जितना आप उसे मानकर चलते हैं। अच्छे क्रिकेटर के साथ बेहतर इंसान बनने के लिए मैं हमेशा कोशिश करता रहता है। इस दिशा में जो भी प्रयास हो सके, करता हूँ। 1999 में मेरी मानसिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उस स्थिति से बाहर आने के लिए एनएलपी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। काफी ज्यादा प्रेरक किताबें पढ़ी और अंततः उस स्थिति से बाहर आया। मैं हर खिलाड़ी को टोनी रॉबिन्सन की किताब 'अवेकन द जाइंट विदइन पढ़ने के लिए कहता हूं। चीजों को विजुलाइज करते देखता हूं। इससे मुझे ताकत मिलती है।

    Zakir Hussain ( Musician Instruments Tabla )

    Play Episode Listen Later Jul 26, 2021 2:56


    Birth name Zakir Hussain Born 9 March 1951 (age 70) Mumbai, Maharashtra, India Genres Hindustani classical music, jazz fusion, world music Occupation(s) Musician Instruments Tabla Years active 1963–present Labels HMV Associated acts Remember Shakti

    Sadhguru

    Play Episode Listen Later Jul 24, 2021 3:13


    अक्सर व पूछा जाता है कि क्या गुरु की सहायता के बिना आध्यात्मिक विकास संभव है? अगर मैं आपको एक जलती हुई टॉर्च दे दूं, तब भी शायद आप अपना घर न खोज पाएं। टॉर्च आपको गड्ढे में गिरने से बचाती है, पर आप इसका उपयोग कैसे करते हैं, यह पूरी तरह से आप पर है। तो, प्रकाश का सबसे अच्छा स्रोत क्या है? जीवन में गुरु का होना हमेशा बहुत जरूरी बताया जाता है, क्योंकि गुरु के बिना खुद को बदलना बहुत मुश्किल है। क्योंकि जो चीजें आप जानते हैं उन्हें पाने के लिए काम करना संभव है, पर आप खुद को किसी ऐसी चीज में कैसे बदल सकते हैं, जिसे आप जानते ही नहीं हैं? मैं इस संभावना को पूरी तरह से खारिज नहीं कर रहा हूं। बात सिर्फ यह है कि ज्यादातर लोगों के लिए, यह एक बहुत छोटी संभावना है। गुरु कोई व्यक्ति नहीं है, बल्कि एक संभावना है। शायद सभी की उस व्यक्ति तक पहुंच न हो, पर जो वाकई इच्छुक है, उसकी इस ऊर्जा तक पहुंच हमेशा बनी रहती है। मैं जिन लोग से मिल चुका हूं, उनसे ज्यादा मैंने ऐसे लोगों को दीक्षा दी है, जिनसे मैं कभी नहीं मिला। जब भी किसी का दिल सत्य को जानने के लिए रोता है, तो मैं हमेशा उसकी मदद के लिए मौजूद रहता हूं। गुरु के साथ रहना कभी भी आसान नहीं होता, क्योंकि वह आपकी विचारधाराओं को तोड़ता रहता है। इस संभावना तक पहुंच केवल उस इच्छा के कारण होती है, जो शायद किसी के अंदर हो। गौतम बुद्ध ने इसे बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है। जीवनभर गौतम बुद्ध के साथ लगातार रहने वाले आनंदतीर्थ अंत में भी अज्ञानी रहे। जब लोगों ने पूछा, 'यह आदमी हर समय आपके साथ रहता है। इसे ज्ञान क्यों नहीं मिला?' जवाब में, गौतम ने कहा, 'क्या एक चम्मच सूप का स्वाद ले सकता है?' यही सब कुछ है।

    The Act of life ( Audiobook summary )

    Play Episode Listen Later Jul 22, 2021 3:43


    खुद से ईमानदार हैं तो शोहरत आपको धोखा नहीं देगी .

    Power of Positivity

    Play Episode Listen Later Jul 21, 2021 2:23


    Power of Positivity series ( Power Of Positivity A Way To Take Life From Better To Better )

    Harsha Bhogle ( Indian commentator ) Motivational Speech

    Play Episode Listen Later Jul 20, 2021 3:30


    जीवन में 'रन' बनाते रहें, शोहरत पीछे-पीछे आएगी। बॉर्डर ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर रहे हैं। उन्होंने मुझे एक बात कही ये बात वो हर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को कहते कि 'जीवन में सिर्फ रनों की परवाह करना और डॉलर्स यानी रुपए-पैसे खुद तुम्हारे पीछे आएंगे। हमारे जीवन में एक्सीलेंस का रास्ता अपने कर्मों से होकर जाता है। मैंने कई युवा क्रिकेटर्स को देखा है, जो पैसों के पीछे भागे और अपने मूल काम थानी रन बनाने से भटक गए। रूपक के तौर पर कहें तो न बनाते रहें, अपने काम प्रदर्शन पर ध्यान देते रहें। शोहरत खुद-ब-खुद मिल एलन हमें नहीं पता होता है कि कौन हमारे काम को देख रहा है, कौन हमें सुन रहा है, क्या पढ़ रहा है। अपना 100 फीसदी देने का यह सच्चा आनंद है। क्या पता अगला बड़ा अवसर आपके दरवाजे पर दस्तक दे रहा हो। एक बार में कमेंट्री में सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर की तुलना कर रहा था। मैंने कहा जैसे भारत की अर्थव्यवस्था बदल रही है। तेंदलकर नई अर्थव्यवस्था के उत्पाद हैं और गावस्कर लाइसेंस राज के उत्पाद गावस्कर ऐसे बैटिंग करते थे जैसे उनके पास बैंक डिपॉजिट हो और तेंदुलकर शेयर बाजार की तरह बैटिंग करते। मेरी इस टिप्पणी के बाद अचानक लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि मुझमें क्रिकेट के अलावा भी बहुत कुछ है। मैं यही कहना चाहता हूं कि जब आप 100% देते हैं, तो लोगों आपको नोटिस करते ही हैं। क्या आप एक लीटर की बोतल में दो लीटर कोल्ड ड्रिंक भर सकते हैं? ऐसे ही किसी भी काम में आप अपना 100% से ज्यादा नहीं दे सकते। पर हो आप अपना 100% हर क्षण दे सकते हैं। हमेशा ऐसे लोगों की सोहबत में रहे, जो ज्ञान के मामले आपसे बेहतर हो। निर क्षण आप ऐसे लोगों का साथ चुन लेते हैं, जो आपके समकक्ष या ज्ञान में कमतर हों, आपका सीखना रुक जाता है। ये सुनने में स्वार्थ प्रतीत होता है, लेकिन ये करना कमेंट्री की शुरुआत की, तो मेरे पास कोई था जिसे देखकर प्रेरित हो सके। कोई हीरो नहीं समझ आता था। तब मैंने मैदान पर कैमरामैन को देखना शुरू किया। मिडविकेट कैमरामैन ने बताया कि वह अपने जीवन में कभी भी स्टंपिंग को रिकॉर्ड करने से नहीं चूके मेरे लिए यह व्यक्ति हिरो बन गया। अपने नायक जी शुरुआती दिनों के दौरान में माथी कमेंटेटर के साथ प्रतिस्पर्धा करता था। वे मुझसे पूछठ कि मैंने कितना क्रिकेट खेला है। तब मैंने अपना अहम् (इंगो) बगल में रखा। मैं सिर्फ साबित करना चाहता था कि खेल को कितने अच्छी तरीके से समझता है। अगर आप आम और गुस्सा भरा होगा, तो विरोधी की जरूरत हो होगी। खुद को ही अपना विरोधी बना लेंगे। अपने इस आम को अपना शत्रु मत बनाइए ।

    Difference

    Play Episode Listen Later Jul 19, 2021 1:31


    Hello all of you are welcome once again in the original podcast, today we are once again present with a great Motivational Podcast. So let's listen to this great podcast . A question that always kept quivering in some corner of my mind that "what is it that we all have the same childhood but youth or life are so different" In this youth or life, someone becomes very successful and someone becomes unsuccessful." But from this question it is very clear that there is definitely something that creates a difference between youth and this childhood. And the answer to this question is "Education". It is not the New Normal Education that all of us normally take to run our lives, by this education it means that "the education of that thing that we have to become" i.e. if you want to become a doctor, then you are the only and only doctor. If you want to become a businessman, then you should read only and only business books, If you want to become anything in life, then only and only you should do your education, leave everything else and I promise you "You will be known in the whole world as an influential person in that field". And this is the only thing that makes the youth of all of us different, so from today friends choose one area of ​​yours and start reading about it only and only. If you like this audio podcast of ours, then please do share & comment on it.

    Gratitude

    Play Episode Listen Later Jul 16, 2021 1:54


    अच्छी सेहत के लिए कृतज्ञता को जिंदगी का हिस्सा बनाएं

    Comparison

    Play Episode Listen Later Jul 15, 2021 3:28


    Don't Comparison

    Bryan Dyson ( Motivational speech )

    Play Episode Listen Later Jul 13, 2021 2:42


    The five juggling ball

    YOU MUST READ

    Play Episode Listen Later Jul 11, 2021 2:27


    जानिए उन्नति की राह दृढ़ निश्चय के समक्ष हर बाधा छोटी होती • जीतना है तो ज़िद करो सफलता की पहली शर्तः दृढ़ निश्चय अधिकांश लोगों की असफलता का सबसे कारण दृढ निश्चय का अभाव है। दूध निश्चय, सफलता की प्रथम है। साथ में साहस और आत्मविश्वास भी होना चाहिए। सफलता की राह में बाधाएं आती है, लेकिन ये दृढ़ निश्चय के समक्ष बौनी होती हैं। • पावर ऑफ पॉजिटिव एटिट्यूड सही सवाल पूछना इसलिए जरूरी है अच्छे सवाल की शक्ति इस बात में है कि यह अच्छा जवाब खोजता है। अगर हम सही सवाल पूछें, हमें अच्छे जवाब मिलेंगे। गलत सवाल गलत जवाब लेकर आते हैं। हम अच्छी सूचना चाहते हैं। हमारे निर्णय उतने ही अच्छे होंगे जितनी अच्छी हमारी सूचनाएं है। इसलिए जीवन में सबसे जरूरी सही सवाल पूछना है। नॉलेज नंबर्स • टाइम मैनेजमेंट लक्ष्य प्राप्ति में 'मूड' बाधा ना बने कोई काम शुरू करते समय अपने मूड से सलाह न लें। विश्व विख्यात नाटककार जॉर्ज बनाई शों का कई बार लिखने का मूड नहीं होता था, लेकिन ख थे। उन्होंने लक्ष्य को कभी नजरों से ओझल नहीं होने दिया। उन्होंने तय किया कि वे हर दिन लिखेंगे, चाहे मूड कैसा भी हो। • पिंक एंड ग्रो रिच अस्थायी हार को विफलता न मान लें आपकी कोई योजना असफल होती है तो वह अस्थायी हार है, स्थायी विफलता नहीं है। इसका मतलब है आपकी योजना सही नहीं थी। फिर से आरंभ कीजिए। बिजली का बल्ब बनाने से पहले थॉमस एडिसन दस हजार बार असफल हुए थे। यही वो अस्थायी हार है, जो उन्हें दस हजार बार मिली।

    Rule of success

    Play Episode Listen Later Jul 9, 2021 3:06


    Before anything has a physical formation, its mantle is formed.

    Way to success

    Play Episode Listen Later Jul 7, 2021 2:40


    One factor in the path to success, focus on what you are doing, not what you can do.

    Power of Positivity ( Part - 8 )

    Play Episode Listen Later Jul 6, 2021 2:21


    पावर ऑफ पॉजिटिविटी सकारात्मक लोगों की जिंदगी जल्द पटरी पर आ जाती है अमेरिका में 9/11 के आतंकी हमले के बाद किए गए राष्ट्रीय सर्वेक्षण में सामने आया था कि कई दिनों तक हर अमेरिकी डर, गुस्से और में तनाव में था। इस हमले से चंद महीनों पहले शोध अध्ययन के लिए कुछ छात्रों का रेजिलियंस लेवल मापा गया। मतलब विपरीत परिस्थितियों से उबरने की उनकी क्षमता देखी गई। इस हमले के बाद दोबारा उन्हीं छात्रों का ये स्तर मापा गया। कुछ ने बताया कि उन्हें हवाई यात्रा करने से डर लग रहा है, तो किसी ने खुलकर तनाव को स्वीकार किया। इस शोध में सामने आया कि हमले के बाद तो सभी में तनाव का स्तर लगभग एक-सा था, लेकिन जिनको रेजिलियंस लेकल ज्यादा था, उनकी जिंदगी जल्दी पटरी पर आ गई। इन लोगों में मुख्य अंतर सकारात्मकता का था। यही उनकी सफलता का राज था। ऐसा नहीं है कि अंदर से खुशमिजाज लोगों को तनाव या दुख की अनुभूति नहीं होती। लेकिन वे जल्दी उबर जाते हैं। वहीं कुछ लोग तनाव या कफी सकारात्मकता भूल जाते हैं। सवाल है कि क्या तकलीफ से दी उबरने की इस क्षमता को बढ़ाया जा सकता है? रेजिलियंस एक प्रक्रिया है और ये समय के साथ बढ़ती है। हमारी सकारात्मक सोच इसे बढ़ाने में मदद करती है। इसे पाने के लिए चंद उपाय करने होंगे। दिन में कुछ मिनट अपने आसपास की सकारात्मकता पर केंद्रित करें। शोध कहते हैं. कि इस तरह की आदत से तीन सप्ताह में दिमाग कमात्मकता खोजने का एक पैटर्न विकसित कर लेता है। अपने अंदर कुछ अच्छी आदते विकसित करें। इसकी तौर पर अभ्यास करके बढ़ाया जा सकता है।

    Raise Voice Against Rape ( Hindi Poetry )

    Play Episode Listen Later Jul 5, 2021 3:16


    No Description and credit by this great hindi poetry. - sach_inwrites

    स्टीफन के विवेकपूर्ण विचार ( Audio book summary )

    Play Episode Listen Later Jul 3, 2021 2:30


    शांति के सूत्र किसी चीज में शामिल हुए बिना सुधार नामुमकिन है प्रबंधन का सिद्धांत अपनी जिम्मेदारियों और सौंपे गए कार्य पर ध्यान केंद्रित करने पर आधारित है, चाहे वे जो भी हों। आप अपने स्टीफन आर कवी कर्तव्य पर इस विख्यात लेखक तरह केंद्रित रहें कि उसका दायरा व्यापक हो जाए- अर्थात् आपसे जितनी आशा की जाती है उससे अधिक काम करें। उदाहरण के तौर पर, एक पति होने के नाते आप अपनी पत्नी के लिए एक उदार व समझदार साथी बनने, बच्चों के लिए आदर्श पिता बनने की जिम्मेदारी पर स्वयं को केंद्रित करें। किसी परिस्थिति को बेहतर बनाने के लिए पहले आपको बेहतर बनना होगा। सामने वाले का दृष्टिकोण बदलने के लिए आपको अपना दृष्किोण बदलना होगा। अधिक आजादी पाने के लिए आपको ज्यादा जिम्मेदार और अनुशासित बनना होगा। बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए अभिभावकों के रूप में आपको कुछ नियमों सिद्धांतों का पालन करना होगा। टूटे हुए रिश्तों को जोड़ने के लिए पहले हमें अपने हृदय में झांककर अपनी जिम्मेदारियों व गलतियों को खोजना होगा। एक ओर खड़े होकर दूसरों की कमजोरियों की तरफ इशारा करना आसान होता है। ऐसा करके हम सिर्फ अपने अहंकार की पूर्ति करते हैं और स्वयं को सही ठहराते हैं। हम हमारी भावनाएं नहीं हैं। हम हमारी मनोदशा नहीं हैं। हम हमारे विचार भी नहीं हैं... आत्म-बोध के द्वारा हम यह परीक्षण भी कर सकते हैं कि हम स्वय को कैसे 'देखते हैं किसी चीज में शामिल हुए बिना समर्पण की भावना नहीं आती है। इस बात को याद कर लें, इसे लिख लें, इस पर निशान लगा लें. इसके नीचे रेखा खींच लें शामिल नहीं होंगे तो समर्पण नहीं आएगा।

    CCC SUCCESS FORMULA

    Play Episode Listen Later Jul 2, 2021 7:18


    CCC IS THE FORMULA OF SUCCESS

    Life Targets

    Play Episode Listen Later Jul 1, 2021 4:32


    Please Make your life tagets

    POWER OF POSITIVITY ( PART - 7 )

    Play Episode Listen Later Jun 30, 2021 2:33


    दिमाग में बाद के लिए कुछ न रखें, उम्मीद भरे सिग्नल देते रहें प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक विलियम जेम्स का कहना था, किसी भी शंका भरे काम की शुरुआत में हमारा विश्वास वह चीज है, जो उस काम में हमें सफलता दिलाती है। विश्वास करना सीखना सबसे महत्वपूर्ण है। यही किसी भी काम में सफलता हासिल करने के लिए मूलभूत तत्व है। जब आप सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करते हैं तो अपने मस्तिष्क में एक चुंबकीय शक्ति उत्पन्न करते हैं, जो आकर्षण के नियम के अनुसार सर्वश्रेष्ठ को आपकी ओर आकर्षित करती है। सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करने का मतलब है कि आप अपने पूरे दिल से किसी चीज को हासिल करने की कोशिश करते हैं। लोग जीवन में इसलिए असफल नहीं होते क्योंकि वे पूरे दिल से काम नहीं करते। उन्हें पूरे दिल से सफलता की उम्मीद नहीं होती। दूसरे शब्दों में कहें तो आप जो भी कर रहे हों, उसमें समर्पण भाव से अपने आपको झोंक दें। कुछ भी बचाकर न रखें। एक प्रसिद्ध कनाडायी एथलेटिक कोच एस पर्सावल कहते हैं कि ज्यादातर लोग चाहे वे एथलीट हों या ना हों, वे कुछ न कुछ रिजर्व में रखते हैं। वे समय आने पर अपना शत-प्रतिशत नहीं देते। इसके चलते ही सफलता से वंचित रह जाते हैं। शोध से पता चलता है कि विचार भी हमारे क्रियाकलापों की ही तरह दिमाग को निर्देश देते हैं। फिर ये मानसिक छवियों मस्तिष्क में कई प्रक्रियाओं जैसे ध्यान, धारणा, योजना और स्मृति आदि को प्रभावित करती हैं। मतलब अगर सकारात्मक रहकर विश्वास से कल्पनाएं की जाएं, तो दिमाग को उस तरह के निर्देश मिलना शुरू हो जाते हैं। सकारात्मक सोच की शक्ति किताब से

    Power of Postivity ( Part - 6 )

    Play Episode Listen Later Jun 26, 2021 3:00


    अच्छे विचारों में अपनी ऊर्जा खर्च करें सकारात्मक सोच से सफलता का संबंध एनर्जी यानी ऊर्जा से है। भौतिकी के अनुसार संसार में केवल दो ही तत्व हैं: एक है ऊर्जा और दूसरा है पदार्थ इन्हीं की अंतःक्रिया से यह संसार बना है। जिस तरह फेंगशुई के सिद्धांतों पर चलकर घर से नकारात्मक ऊर्जा हटाते हैं, सकारात्मक सोच भी उसी फेंगशुई की तरह है। पॉजिटिव एनर्जी ज्यादा होगी, तो शरीर में लाभदायक रसायनों का स्राव होगा, जिससे शरीर की इम्यूनिटी भी मजबूत होगी। मस्तिष्क सबसे ज्यादा ऊर्जा का उपयोग करता है। ये ऊर्जा को विचारों या संवेगों में बदलता है। दिमाग में हर दिन लगभग 60 हजार विचार आते हैं, इसलिए विचारों में हमारी बहुत सारी ऊर्जा खर्च होती है। गौर करने वाली है कि अगर विचार सकारात्मक हैं, तो ऊर्जा सकारात्मक रूप धारण कर लेती है और नहीं तो नकारात्मक। फिर हमारा ऊर्जावान विचार अपनी समतुल्य वस्तु आकर्षित करता है। जैसा नेपोलियन हिल ने कहा था, 'विचार वस्तु बन जाता है।' अधिकांश लोगों को पता भी नहीं होता कि उनकी ज्यादातर मुसीबतों का कारण वे खुद है। गुलाब के पौधे को बड़ा करने के लिए देखभाल करनी होती है, जबकि खरपतवार बिना किसी मेहनत के बड़ी हो जाती है। इसी तरह नकारात्मक सोच के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ी, वहीं सकारात्मकता के लिए हर दिन कोशिश करनी पड़ती है।

    Vijay ka Marg Kaise Paye ( Audio book summary )

    Play Episode Listen Later Jun 25, 2021 2:30


    अपना विश्लेषण करना ही जीत का रास्ता है विजय के मनोविज्ञान को प्रयोग करना सीखें। कुछ लोग सुझाते हैं, 'हार की बात कभी मत करो। सबसे पहले अपनी और उसके कारणों परमहंस योगानंद का विश् आध्यात्मिक गुरु करो, उस अनुभव से लाभ उठाओ, और फिर उसके सम्पूर्ण विचार को मन से निकाल दो। जो कोशिश करता रहता है, और अंतर में अपराजित है, वही अनेक बार हार कर भी विजयी है। संसार चाहे उसे असफल मान भी ले, परन्तु उसने अपने मन में यदि हार नहीं मानी है, तो आज नहीं तो कल वो लक्ष्य जरूर पा लेगा। लाखों लोग कभी खुद का विश्लेषण नहीं करते। मानसिक रूप से वे अपने वातावरण की फैक्ट्री के मैकेनिकल प्रोडक्ट होते हैं, नाश्ता, दोपहर का खाना, रात का खाना, काम करना और सोना, मनोरंजन के लिए इधर-उधर जाना, बस इन्ही चीजों में उलझे हुए होते हैं। वे नहीं जानते कि ये क्या और क्यों तलाश रहे हैं, न ये जानते हैं कि क्यों उन्हें कभी पूर्ण प्रसन्नता और स्थायी संतुष्टि का एहसास नहीं होता। आत्म-विश्लेषण से बचकर, लोग वातावरण के मुताबिक रोबोट बने रहते हैं। सच्चा आत्म-विश्लेषण प्रगति की सबसे बड़ी कला है। आपकी अंतरात्मा ही आपका न्यायाधीश होती है। अपने विचारों की पंच बनने दें और स्वयं प्रतिवादी बनें। प्रतिदिन अपने आप की यह परीक्षा लें और आप देखेंगे कि जितनी बार आप अपनी अंतरात्मा से दंडित होते हैं, जितनी बार स्वयं को अच्छा बनने की, अपने दिव्य स्वरूप के अनुसार व्यवहार करने की आज्ञा देते हैं और उसका पाल करते हैं। उतनी ही बार आप विजयी होते हैं। विजय का मार्ग कैसे पाएँ किताब से साभार

    Power of Positivity ( Part - 5 )

    Play Episode Listen Later Jun 24, 2021 2:22


    सकारात्मक रहकर तेजी से बदलती हैं शरीर की कोशिकाएं हम लगातार बदलते रहते हैं। ना सिर्फ बाहरी नौर पर, बल्कि अंदरुनी तौर पर भी आप जस 'मैं' को जानते हैं, वह भीतरी तौर पर ल-प्रतिपल बदलती खरबों कोशिकाओं का तला है। इन सेल्स में से कुछ सप्ताह भर जीवित रहती हैं, तो कुछ महीनों नई सेल्स का निर्माण शरीर के अंग पर निर्भर करता है। स्ट बड्स तो कुछ घंटों तक ही रहती हैं। इट ब्लड सेल्स दस दिन रहती हैं। यहां तक के हड्डियां भी बार-बार नए सिरे से बनती "। जब तक आप जीवित रहते हैं, ये चक्र चलता रहता है। वैज्ञानिकों के अनुसार हम अपनी एक कीसदी कोशिकाएं रोज बदलते हैं, मतलब हीने में 30 फीसदी। सेल्स को इस तरह से खें तो लगभग तीन महीने बाद आप बिल्कुल ए होते हैं। ये भी इत्तेफाक है कि किसी नई बादत को अपनाने या लाइफस्टाइल बदलने तीन महीने का समय लगता है। पहले ज्ञानिक मानते थे कि दिमाग की सेल्स नहीं दलती। लेकिन दिमाग की सेल्स भी बदलती हैं, ये निर्भर करता है कि आप क्या काम कर रहे हैं और कितने सकारात्मक हैं। आरामदायक जीवनशैली सेल्स की खराब होने की गति को बढ़ा देती है तो सक्रिय जीवनशैली सेल्स को तेजी से बदलती है। सायकोलॉजी बुलेटिन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक हमारी भावनाएं सेल्स के लिए संकेतक का काम करती हैं। जहां नकारात्मकता सेल्स खराब करने का संकेत देती है, तो सकारात्मकता सेल्स की ग्रोथ अच्छी रखने का इशारा करती है। इस तरह सकारात्मक रहकर आप स्वस्थ जीवन बिता सकते हैं।

    सदुपदेश ( Audiobook summary ) Part - 2

    Play Episode Listen Later Jun 23, 2021 2:53


    किताबें पढ़ने का लाभ तभी है, जब उनका सार समझा जाए एक अनंत जल स्रोत की कल्पना करिए। उसमें हर जगह पानी है। इस पानी में पानी में भरा हुआ एक बर्तन रख दें। अब बर्तन के अंदर पानी है और बाहर भी पानी है। बर्तन की वजह से लगता है पानी दो भागों में बंट गया है। इंसान बर्तन की महान संत व विचारक वजह से एक अंदर और बाहर का अनुभव करने लगते हैं। इंसान के अंदर जब तक 'मैं का भाव रहेगा, ऐसा ही अनुभव होता रहेगा, जब 'मैं गायब हो जाता है तो पानी एक महसूस होने लगता है। ये बर्तन ही में या अहम रामकृष्ण परमहंस किताबें या ग्रंथ पढ़ना कई बार लाभ से ज्यादा नुकसान करते हैं। जरूरी बात है उनके सार को जानना, समझना। उसके बाद फिर किताबों की जरूरत नहीं रह जाती है। ये जरूरी है कि ग्रंथों का सार समझकर में या अहम मिट जाए। उन्हें सिर्फ दिखाने के लिए यांचना हितकर नहीं होता। उनके गर्म को समझना बेहद जरूरी है। जब तक मधुमक्खी फूल की पंड़ियों से बाहर है और उसने पराग के मोठेपन को नहीं चखा है, वो फूल के चारों ओर करती हुई मंडराती रहती। के अंदर आ जाती है, तो शांत बैठकर पराम पीने का आनंद लेती है। इसी प्रकार जब तक इंसान मत और सिद्धांतों को लेकर बहस और झगड़ा करता रहता है, उसने सच्चे विश्वास के अमृत को नहीं चखा है। जब उसे ईश्वरीय आनंद अमृत का स्वाद मिल जाता है, वो चुप और शांति से भरपूर हो जाता है। कम्पस की चुंबकीय सुई हमेशा उत्तर दिशा की ओर इशारा करती है और इसकी वजह से, पानी का जहाज आगे बढ़ते हुए अपनी दिशा से नहीं भटकता। इसी प्रकार जब तक व्यक्ति का हृदय ईश्वर में लगा रहता है, जो सामारिक माया के समुद्र में भटकने से बच

    Make your bed ( Audiobook Summary )

    Play Episode Listen Later Jun 21, 2021 2:31


    Make Your Bed Start your day with a task completed. You can't go at it alone. Only the size of your heart matters. Life's not fair—drive on! Failure can make you stronger. You must dare greatly. Stand up to the bullies. Rise to the occasion.

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