खिड़की, हिंदी साहित्य सभा, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, द्वारा प्रस्तुत किया गया, एक पॉडकास्ट है जो हमारे समाज के विभिन्न पहलुओं को समेटने जा रहा है जिन्हें हमने छोड़ दिया है। हम हिंदी और थोड़ी अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करेंगे। आज की पीढ़ी किसी भी प्रकार के विचा
यह कहानी उन दर्दनाक परिस्थितियों को उजागर करती है, जिनमें पूरे परिवार दहेज की वजह से उजड़ जाते हैं। लाडो, एक मासूम और खुशहाल लड़की, इस कहानी की नायिका है, जिसके सपने दहेज की काली छाया से धुँधले हो जाते हैं। लाडो का परिवार, जो कि एक छोटे से गाँव में रहता है, अपनी बेटी की शादी के लिए बड़ी उम्मीदों के साथ तैयारियाँ करता है। लेकिन जैसे-जैसे शादी की तारीख नज़दीक आती है, दहेज की माँगें उनके जीवन पर काले बादल की तरह मंडराने लगती हैं। यह कहानी हमारे समाज के सामने एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती है—क्या हम इस अन्याय को सहते रहेंगें, या इसके खिलाफ़ आवाज़ उठाएंगें?
समलैंगिक समुदाय : गौरवान्वित समुदाय खिड़की के इस एपिसोड के माध्यम से, यश साहू रिया और मोनिका बैरवा दुनिया को समलैंगिक समुदाय की कठिनाइयों से अवगत कराने का प्रयास करते हैं। वे समावेशिता और स्वीकृति के महत्व पर भी प्रकाश डालते हैं कि सभी व्यक्तियों को इस धरती को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए बढ़ावा देना चाहिए!
इस एपिसोड के माध्यम से स्नेहा और सिमरन ने यह बताने का प्रयास किया है कि आज हमारी पृथ्वी अनगिनत समस्याओं से जूझ रही है और मनुष्य भी उन सभी समस्याओं को अनगिनत तरीक़ों से नज़रंदाज़ कर रहा है। इस पॉडकास्ट में मिट्टी के महत्त्व व संरक्षण के बारे में चर्चा की गई है। हम आशा करते हैं कि आप सब भी कुछ क़दम उठाएँगे मिट्टी के संरक्षण के लिए क्योंकि 'मिट्टी से ही कल है'।
एक मानव की पहचान उसके भीतर बसी मानवता से होती है। लेकिन आज के कलयुगी समाज ने मानवता का अस्तित्व ही खतरे में डाल दिया है। इस एपिसोड के माध्यम से कल्पना, सुभांकर एवं तरनदीप ने इस समाज में दम तोड़ती मानवता की ओर ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया है। यह मानवता को बचाने की तरफ एक छोटा सा कदम है। तो आइए, मिलकर मानवता को बचाएँ।
खुशी सबसे अच्छी दवा है और हमारी सभी परेशानियों का समाधान है। अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस के इस शुभ अवसर पर, हिंदी साहित्य सभा के यश साहू आपके लिए लेकर आए हैं एक पॉडकास्ट, जिसमें वास्तविक खुशी क्या है, विभिन्न तथ्यों को बताते हुए और वास्तविक खुशी कैसे प्राप्त करें, इस पर एक खाके की पेशकश करने का प्रयास कर रहे हैं।
इस एपिसोड के माध्यम से महक, प्रियंका, समीक्षा और सुभांकर ने सभी श्रोताओं को होली से संबंधित विस्तृत जानकारी देने का प्रयास किया है। होली के अनेक रंगों, उनके सांस्कृतिक मूल्यों और अलग-अलग राज्यों में इस त्योहार को मनाने के तरीक़ों के बारे में विशेष रूप से बात की गई है। इसके अतिरिक्त, होली के कारण हो रहे प्रदूषण का भी उल्लेख किया गया है।
जिसके आँचल में केवल स्नेह है और मन में समर्पण,जिसके चेहरे पर भले ही थकान हो, पर आँखों में सुनहरी चमक, वह है एक गृहिणी।जो अपने परिवार के भविष्य के लिए ख़ुद का वर्तमान खो देती है, उनकी ख़ुशियों के लिए अपने दिन भर का आराम खो देती है फिर भी आज तक उसे वह सम्मान नहीं मिला जो वह पाना चाहती है।पता नहीं वह कैसे समाज की इस क्रूरता को सेह लेती है।तो चलो आज उस गृहिणी के जीवन के कुछ पन्नो को खोलते हैं,जानते हैं उसकी दुनिया को, और उसके मन के रहस्यों को ख़ुद से जोड़ते हैं। इस एपिसोड के माध्यम से सिमरन और उन्नति ने परिवार में एक गृहिणी की अहमियत दर्शाने का प्रयास किया है।
ख़्वाबों को ख़्वाहिश बनने में देर नहीं लगती, पर उन ख़्वाहिशों को पूरा करने में बहुत कुछ छूटता चला जाता है।सपने देखना आसान है, उन्हें पूरा करना मुश्किल। और इस सपनों के संसार तक पहुँचने के रास्ते में अक्सर सवाल आता है, क्या आगे कर पाएँगे? बाक़ी सब इतने आगे हैं हम क्यों नहीं कर पा रहे? जब ऐसा लगे कि कोई तो समझे, तब एक कोशिश करना, किसी और की बजाय ख़ुद से थोड़ी बात करना। समझदारों कि इस दुनिया में तुम भले ही नासमझ हो, पर अपने अंदर की दुनिया में तुम सबसे श्रेष्ठ हो। इस एपिसोड के माध्यम से आयुषी, रिया और अलीशा ने ख़ुद को समय देने की अहमियत के बारे में बताने की कोशिश की है।
बचपन से सुनते आए हैं - "मौत उसकी है, जिसका ज़माना करे अफ़सोस, यूँ तो दुनिया में सभी आए हैं मरने के लिए।" वास्तव में, जीवन एक रंगमंच है, जिसमें अपनी प्रतिभा व क्षमता दिखाने का अवसर बडे़ सुयोग से मिलता है। राह में कितनी भी बाधाएँ व चुनौतियाँ क्यों न आएँ, लगन कभी हार नहीं मानती। संघर्ष व परिश्रम करते हुए, अपने मूल्यों को धारण करते हुए, सफलता के अर्श पर पहुँचना कोई सहज कार्य नहीं था, लेकिन विनम्रता की प्रतिमूर्ति लता मंगेशकर ने एक आदर्श स्थापित किया कि प्रतिभा यदि प्रयासरत रहे तो एक अटल सितारा बनकर अवश्य चमकेंगे। अपनी पहचान बनाएँगे। खुशी, मोनिका, नंदिता व स्नेहा की ओर से आज का यह एपिसोड कोकिला कंठी लता दीदी को एक श्रद्धांजलि।
हर तरफ़ ख़ुशबू एकता की इस कदर फैलेगी,उमड़ेगा सैलाब खुशी के नगमों का,और हवा भी सुंदर गीत सुनाएगी, हर खुशी के दिन पर सभी जश्न मनाएँगे, हो कोई भी दिन लेकिन हर सुबह वंदे मातरम् ही गाएँगे, वंदे मातरम् ही गाएँगे।इस एपिसोड के माध्यम से वर्षा, तनिश और राहुल ने सदैव एकजुट और एकता से रहने के साथ–साथ उसका महत्व भी दर्शाया है। आशा है आपको हमारा यह एपिसोड पसंद आएगा।
ना जानें जीवन में कितनी अड़चनें आती हैं,ना जानें रास्ते में कितने पत्थर भी आते हैं,सब कुछ सही होता नज़र आएगा ,परंतु अंत में जाकर,सब कुछ बिखरता-सा भी दिखाई देगा।इस एपिसोड 'निराशा में आशा' के माध्यम से खुशी, मोनिका और स्नेहा ने, हमें ऐसी ही स्थितियों में आगे बढ़ने की हिम्मत को रखना सिखाया है। यह हमें हर बंद रास्ते में एक रास्ता दिखाएगा। एक ऐसा रास्ता जो हमें निरंतर निराशाओं के बाद भी आशाओं के सहारे, मंज़िल तक पहुँचाएगा।
मेरा अनुकरणीय गणतंत्र इस एपिसोड के माध्यम से यश, महक, शिरीन एवं अदिति ने सभी श्रोताओं को भारतीय गणतंत्र दिवस की महत्ता समझाने की चेष्टा की है। इसमें हमारे संविधान के मूल्यों, वीर जवानों के संघर्ष तथा भारत देश के क्रांतिकारी व्यक्तियों के बारे में मुख्य रूप से बात की गई है। इसके अतिरिक्त 26 जनवरी की परेड का भी उल्लेख किया गया है।
इस एपिसोड के माध्यम से दिव्या, रेविन, नमन, वरुण, और दिशा ने वर्तमान समय में जो रैलियों की वजह से देश में कोरोना विस्फोट हो सकता है उसको वाद-विवाद के रूप में प्रस्तुत किया है। राजनैतिक चर्चा के साथ-साथ, जनता की क्या ज़िम्मेदारी है, उस पर भी चर्चा की है। उम्मीद करते हैं सरकारें अपनी ज़िम्मेदारियों को समझेंगी और देशहित में निर्णय लेंगी।
इस एपिसोड के माध्यम से शिवांगी, अदिति, निकिता, आशना और सौरव ने केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं के विवाह की आयु 18 से 21 वर्ष बढ़ाने के बिल के बारे में बात की है। शादी की उम्र बढ़ाने के पीछे सरकार का क्या उद्देश्य है और इसका हमारे देश पर क्या प्रभाव पड़ेगा, एवं देश की जनसंख्या में कुछ सुधार होगा या नहीं, इन सभी मुद्दों पर चर्चा की गई है।
इस एपिसोड के माध्यम से वंशिका और चारू ने दोस्ती और सबकी ज़िंदगी में उसके अलग-अलग मायने बताए हैं। दोस्ती हम सबकी ज़िंदगी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है और हमारे दोस्त हमारे सुख-दुख के साथी। फ़िल्मों में दर्शाई जाने वाली दोस्ती को असल ज़िंदगी से जोड़ते हुए दोस्ती के अनोखेपन का वर्णन किया है।
इस एपिसोड के माध्यम से लोकप्रिया, खुशी और सौरव ने अस्वीकृति का हमारे जीवन से संबंध बताने का प्रयास किया है। जब हम अपने अपेक्षानुसार खड़े नहीं उतर पाते हैं, तब कभी-कभी हम खुद को ही अस्वीकारना शुरू कर देते हैं और यही हमारे जीवन में अस्थिरता का कारण बन जाता है। अस्वीकृति का सामना कैसे करना चाहिए, इसे जीवन में अपनाने के साथ-साथ इससे पार कैसे पाएँ तथा इसकी महत्ता पर चर्चा करने की हमारी यह एक छोटी सी कोशिश है।
इस एपिसोड के माध्यम से, अदिति और सौरव ने मनुष्य के मन में उठने वाली अपेक्षाओं के बारे में बात की है। अपेक्षाओं से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की है। ये अपेक्षाएँ मन को किस प्रकार विचलित कर देती हैं, और इनके मायाजाल को कैसे तोड़ा जाए, यह भी समझाया है।
"नई मंज़िल, नई राहें, नया है कारवाँ" इस एपिसोड के माध्यम से आँचल, अनिशा और तानिया ने जीवन की कठिनाइयों से लड़ कर, जीवन की एक नई शुरुआत को दर्शाया है। अपने जीवन को सकारात्मकता से भरने का संदेश दिया है।
एक बार फ़िर हाज़िर हैं हम खिड़की के नए अध्याय के साथ। आशा करते हैं आपका साथ मिलेगा।
सीजन 1 के अंतिम एपिसोड के माध्यम से समृद्धि और केतन, हिंदी साहित्य सभा से जुड़े उभरते कलाकारों की कुछ कविताएँ लेकर आए हैं, अपनी खिड़की की चौखट पे बैठे एक आखिरी बार। आशा करते है आप भी इस नए दौर के साहित्य से रूबरू हो कर अपनी मातृभाषा से फिर से एक रिश्ता कायम कर पायेंगे।
इस एपिसोड के माध्यम से केतन, श्रेया, नमन, हर्ष, चारु, वंशिका और देव ने संगीत के महत्व और अनजान किस्सों पर प्रकाश डाला है। उसके स्वर और सुर हमारी आम ज़िंदगी में क्या प्रभाव डालते हैं, संगीत और साहित्य, गीतों की पीछे छुपी कहानियाँ, और संगीत से जुड़ी कई और मुद्दों पर चर्चा हुई है। उम्मीद करते है आपको संगीत पर हमारा एपिसोड पसंद आएगा और आप भी धरती पर संगीत का अनुभव कर स्वर्ग की अनुभूति कर सकेंगे।
इस एपिसोड में वंशिका और नमन ने टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने जो उम्दा प्रदर्शन किया है उसकी सराहना की है, दिल से पूरी सभा की ओर से बधाई दी है। साथ ही कैसे अगली बार प्रदर्शन को और बेहतर किया जा सकता है इस पर भी चर्चा की है। आशा करते है भारत की नीतियों में कुछ सुधार आएगा और हम विश्व पटल पर ओर उम्दा प्रदर्शन करेंगे।
अनीशा, निकिता, वंशिका और तानिया ने खिड़की के इस एपिसोड के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस के बारे में बताया है। उन्होंने ये दर्शाने का प्रयास किया है कि ये 75 साल आज़ाद होने के बावजूद भी भारत ने किन किन मुसीबतों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पर जो भी हो भारत ने बहुत सी उपलब्धियाँ भी हासिल की हैं और वो हमारी असफलताओं पर हावी हैं।
लोकप्रिया, देव, तानिया और राहुल ने खिड़की के इस एपिसोड के माध्यम से यह बताने की कोशिश की है कि व्यक्ति को खुद को क्यों जानना चाहिए। प्रस्तुत एपिसोड में दर्शाया गया है की किस प्रकार हम अपने अंतर्मन को जान सकते हैं और इस जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
अनिशा, तानिया, देव और आशना ने खिड़की के इस एपिसोड के माध्यम से सपनों व उनकी ताकत को दर्शाने की कोशिश की है। उनका प्रयास है कि वह यह समझा सकें कि किसी मनुष्य के सपनों को हकीकत बनाने में कितने परिश्रम और धैर्य की आवश्यकता होती है।
यह एपिसोड कीर्ति द्वारा मानसिक रोगों से जुड़े भय को दूर करने का एक प्रयास है। इस विषय पर चर्चा करने के लिए हमारे साथ क्लिनिकल साइकॉलजी के छात्र शितिज़ पटनायक जुड़े हैं। आशा करते हैं कि हम इस बातचीत के माध्यम से आपको बेहतर महसूस करवा पायेंगे और साथ ही इस समस्या के निवारण में आपकी या आपके किसी परिवारजन की सहायता कर पाएंगे! - अगर आप श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के छात्र है जिसे professional help की जरूरत है तो आप कॉलेज द्वारा दिए गए YourDOST ( https://yourdost.com/! ) पर स्पेशल एक्सेस कोड डालकर निशुल्क चिकित्सा का लाभ उठा सकते हैं।
इस एपिसोड के माध्यम से अदिति, सोनिया और वरूण ने परिवर्तन का महत्त्व समझाया है। कैसे छोटे-छोटे बदलावों से जीवन का निर्माण होता है, और हर कठिनाई का सामना करने की क्षमता मिलती है। परिवर्तन जब सोच में आता है, तो दृष्टिकोण बदल देता है और जब जीवन मे आता है, तो मनुष्य के भाग्य ही बदल देता हैं।
इस एपिसोड के माध्यम से आशना, देव, लोकप्रिया, तानिया, सौरव और नमन ने बताया है कि कैसे बाल मजदूरी बच्चों के बचपन को बर्बाद कर देती है और कैसे ना चाहते हुए भी उन्हें दबाव में आकर अपना वर्तमान और भविष्य खराब करना पड़ता है। एक लघु नाटिका द्वारा ये भी समझने की कोशिश की है कि हम कैसे इस समस्या को हटाने के लिए प्रयास कर सकते हैं। आशा करते है हमारी यह कोशिश समाज की सोच को बदलने मे सहायक बनेगी।।
इस एपिसोड के माध्यम से हिमांशी, शिवांगी और वंशिका ने बचपन के कुछ हसीन पल और हमारी खट्टी मीठी यादों को ताज़ा करने की कोशिश की है।बचपन के उस जोश को अपने अंदर फिर लाने की कोशिश भी की है क्योंकि वैसा जोश हम बड़े होने पर भूल जाते है । हमें अपने बचपन का साथ कभी छोड़ना नहीं चाहिए, चाहे जो मर्ज़ी हो जाए और ऐसे ही हमारी जिंदगी का एक सुंदर ख्वाब बना रहे। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से विधि, अनिशा, हिमांशी और सौरव ने साझा की है कहानी, सोनू की और समाज में उसके lgbtq+ कम्यूनिटी से होने पर स्वीकृति मिलने के लिए संघर्ष की। यह कहानी एक संदेश है कि प्रेम की कोई भाषा नहीं होती। यह सिर्फ शरीर का मिलन नहीं अपितु आत्मा, हृदय और विचारों का मेल है जिसको समाज में पूर्ण रूप से मान्यता मिलनी चाहिए।इस बात से कोई फर्क नही पड़ता कि किसी का लिंग क्या है, बल्कि फर्क पड़ता है उसके विचारों, मानसिकता और व्यवहार से।--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
"एक हस्ती जो जान हैं मेरी, मेरे पापा जो पहचान हैं मेरी", कुछ ऐसे ही भाव लेकर हाजिर हैं एक और एपिसोड के साथ जिसमें एक पिता का छुपा हुआ संघर्ष, प्रेम, करुणा को बताने का प्रयास किया है। पिता के लिए प्रेम कभी जाहिर नहीं हो पाता, माँ को गले लगा लेते हैं, पिता को नहीं लगा पाते, उसी प्रेम को दिखाने का प्रयास किया गया हैं। आशा करते हैं आप खुद भी और अपने पापा को भी यह एपिसोड सुनाएंगे और उनका सम्मान करेंगे।--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से वंशिका, दिव्या, सौरव, नमन, ने वर्तमान समय में जो कोरोना से हाहाकार हुआ उसको वाद-विवाद के रूप में प्रस्तुत किया है। राजनीतिक चर्चा के साथ साथ, कोरोना व ब्लैक फंगस से कैसे बचा जाए, कैसे खुद को सकारात्मक रखना है उस पर भी चर्चा हुई है। उम्मीद करते हैं सरकारें अपनी जिम्मेदारियों को समझे और आने वाली विपदा पर पहले से ही तैयार रहे।--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
MHQC के साथ बातचीत के दूसरे भाग में हमने कुछ अन्य सवालों और उनकी निजी भावनाएं जानने का प्रयास किया है। उन्होंने खुलकर जनता को कुछ संदेश दिया है, कि अभी भी समय है जागरूक हो जाओ, कहीं देर न हो जाए, और तुम पीछे रह जाओ। वे अपने हक के लिए लड़ते रहेंगे और एक दिन सूरज की नई किरण के साथ संसार एक सुरक्षित जगह बन जायेगा, हर एक प्राणी के लिए। सुनिएगा जरूर और समझने की कोशिश कीजिएगा।--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से मायरा, नमन, तानिया और डिंपल ने एक साक्षात्कार द्वारा कुछ सवालों के उत्तरों की खोज की है, और इन सवालों का जवाब देने के लिए इनके साथ MHQC से एक सदस्य जुड़ी हैं और उन्होंने LGBTQIA+ कम्यूनिटी से संबंधित चर्चा की है। तो सुनिए इसका पहला भाग और आशा है कि आप भी समझेंगे और अपनाएंगे।--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से लोकप्रिया, आकांशा और दीपांशु ने बढ़ती नकारात्मकता के दौर में सबका ध्यान सक्रात्मकता की ओर ले जाने का प्रयत्न किया है। इस समय मानसिक तनाव हम सब पर है, परंतु ऐसे समय में हमें सकारात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। महामारी के इस काल में यह सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।सुनि--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से अनिशा, सौरव और हिमांशी ने समलैंगिकता का समर्थन किया है। उन्होंने पौराणिक कथाओं का वर्णन करते हुए भी तथ्यों को सिद्ध किया है। समान लिंग के लोगों का आपस में प्रेम करना गलत नहीं है। प्राचीन समय से ही समलैंगिकता को मान्यता दी गई है। इसको गलत बताना सही नहीं है। आशा करते हैं हमारे एपिसोड के माध्यम से समाज में एक नया और सकारात्मक बदलाव आएगा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
क्या आप दिन में एक बार खुद को देख कर मस्कुराते हैं या फिर खुद पर गर्व महसुस करते हैं? अगर नहीं तो करना शुरू कर दें जनाब। इसे प्यार कहे या एक खूबसूरत सफर पर जो भी हो खुद का साथ होना बहुत जरूरी है। खुद को अपनाना बहुत आवश्यक है। कभी ये न भूलें की खुदा से ही खुद का निर्माण होता है और अगर हम अपनी कदर ना कर सकें तो हमारा जीवन खुशहाल होने से बहुत दूर है और जरूरत है आपको थोड़ा सा वक्त खुद के साथ गुज़ारने की। आज खिडकी के एपिसोड में वंशिका आनंद, इशिता मारन और आंचल यादव आपको एक खूबसूरत से अंदाज़ में स्वयं को तराशने के बारे में बताया है।--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से दिव्या, हिमालय और नमन ने वर्तमान काल मे जो आतंकवाद की जो व्यथा है, वह बताने का प्रयास किया है। आतंकवाद समाज के लिए एक ञाप है, इसे कठोरता से खतम करना होगा। आशा करते है जनता और सरकार को इस एपिसोड से प्रेरणा मिले और दोनों अपना काम पूरी निष्ठा से करें।--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
कोरोना-भय है या अवसरइस एपिसोड के माध्यम से सौरभ और वंशिका ने यह बताने की कोशिश की है कि हमें कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, इससे हमें मुश्किल समय में मज़बूत और सकारात्मक रहना सीखना चाहिए, इसने हमें अपनों के साथ का महत्व बताया है और यह समय भी जल्द ही गुज़र जाएगा। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
सफलता क्या हैइस एपिसोड के माध्यम से शिवांगी, आदित्य और वंशिका, ने बताने की कोशिश की है। सफलता को नापने के सबके अलग-अलग पैमाने होते हैं, हम अपने पैमानों को किसी पर थोप नहीं सकते। सफलता तभी है, जब मनुष्य अपने काम से खुश हो और किसी को हानि न पहुँचा रहा हो।आशा करते हैं कि हमारे सफलता को नापने के पैमाने आपको अच्छे लगेंगे। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
यह एपिसोड एक कोशिश है निधि, अजय और वरुण की, उन वीर जवानों और उनकी वीरांगनाओं की वीरता और बलिदान को आवाज देने की, जो अपनी मात्रभूमि की रक्षा के लिए अपनी खुशियां, प्रेम,परिवार व अपना जीवन तक त्याग कर देते है। आशा करते है की हमारा यह प्रयास उन अनेक वीरों और वीरांगनाओं को स्नेह और सम्मान भरी प्रस्तुति देने मे सफल होगा।--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से इशिता, बेबी और अंकित ने व्यंग्य साधते हुए टोपीबाज ओर टोपीबाज़ी का वर्णन बड़े सरल और दिलचस्प तरीके से किया है। हर एक क्षेत्र मै टोपीबाज़ ओर टोपीबाज़ी को बड़े खूब तरीके से दर्शाने का प्रयत्न किया गया है। आशा करते है की आप सभी को आज के एपिसोड से टोपीबाज़ी का एक नया रूप समझने को मिले।--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से हम बेजुबानों की शिकायतें, नाराज़गी अथवा उनकी जरूरतों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। उनकी आवाज़ बनकर, सबको उनकी बात समझाएंगे। मासूम जानवरों के साथ-साथ, प्रकृति के साथ जो खिलवाड़, तरक्की की आड़ में हो रहा हैं, उसका भी जिक्र करेंगे।--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से दिव्या, सुष्मिता और नमन ने वर्तमान काल में जो लोकतंत्र की व्यथा है, वह बताने का प्रयास किया है। लोक का सम्मान ही सच्चा लोकतंत्र है, सच्चा लोकतंत्र कभी भी हिंसा, झूठ और अनादर की पराकाष्ठा पर प्राप्त नहीं होती। आशा करते है जनता और सरकार को इस एपिसोड से प्रेरणा मिले और दोनों अपना काम पूरी निष्ठा से करें। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से हमने यह बताने की कोशिश की है कि समाज में किस तरह औरतों के साथ दुष्कर्म किए जाते है और कैसे उन्हें हमेशा जुल्म बर्दाश्त करने पड़ते हैं। हमें आशा है कि इस एपिसोड को सुनने के बाद शायद औरतों के प्रति आपका नजरिया बदलेगा और आपकी सोच भी। देश की नारी, देश की बेटी है, और हम सबका गौरव है!--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से हमने की कोशिश समाज में बढ़ रहे अपराध मुख्यत: बलात्कार के खिलाफ़ आवाज उठाने की है। इस एपिसोड में केवल बलात्कार को एक लिंग तक सीमित न रख कर सभी लिंगों की बात की गई है। हमारा प्रयास यही है कि हर दबी हुई चीख को हमारे एपिसोड द्वारा सुना जाए और समझा जाए। आसमान में उजाला जो छा गया, आवाज़ देने का समय है आ गया।--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से केतन गुप्ता की एक कोशिश है, अपनी मातृभाषा के लिए लोगों को जागरूक करने की, अपनी भाषा के प्रति खोते हुए जुनून को वापस ढूंढने की। वो हिंदी साहित्य को बढ़ावा देकर, हिंदी भाषियों में हिंदी के प्रति सम्मान जगाना चाहते है। आशा करते है की आपको इस एपिसोड से एक प्रेरणा मिले अपनी भाषा से जुड़ने की तथा अपने आप को पहचानने की एक नई कोशिश कर पाए। --- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
इस एपिसोड के माध्यम से डिम्पल अग्रवाल ने आपके दिलों को छू जाने की कोशिश की है। वो चाहती हैं की चाय की चुस्कियों के साथ आपकी और हमारी हिम्मत आह्वान करें। हम सबको निरंतर कोशिश करते रहना चाहिए। ज़िन्दगी के सफ़र में कई अड़चनें आती है, पर हमें डटकर उनका सामना करना चाहिए। आशा करते हैं इस एपिसोड के माध्यम से हम आपके भीतर के हिम्मत रखने की किरण जगा पायें।--- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
पहले एपिसोड में, समृद्धि बुन्देला ने एक अनोखे और अनसुने विषय पर बात की। जानिए "इज़्ज़त घर" के बारे में! --- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message
यह तो बस एक ट्रैलर है, बहुत जल्द आप कई विषयों पर कुछ नया और कुछ पुराना सुनेंगे! Stay Tuned. --- Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-sahitya-sabha-srcc/message