Padhaku Nitin

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Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein. कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है? भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.

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    China-India के रिश्ते क्यों नहीं सुधर सकते और Modi क्यों गए Xi Jinping के गांव?: पढ़ाकू नितिन

    Play Episode Listen Later Sep 30, 2025 65:49


    भारत-चीन रिश्ते दशकों से उतार-चढ़ाव से गुज़रते रहे हैं. गलवान घाटी की झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और भी गहरा हुआ. आखिर चीन की महत्वाकांक्षा क्या है? शी जिनपिंग किस तरह की राजनीति कर रहे हैं? और भारत इन चुनौतियों से निपटने के लिए कैसी रणनीति बना रहा है? इन्हीं सवालों पर हमने विस्तार से बात की पूर्व राजनयिक अशोक कंठ, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    RSS तीन बार बैन लगने के बावजूद कैसे बना सबसे बड़ा संगठन?: पढ़ाकू नितिन

    Play Episode Listen Later Sep 25, 2025 96:29


    27 सितंबर 2025—ये तारीख सिर्फ़ कैलेंडर का पन्ना नहीं, बल्कि एक सदी की कहानी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आज अपने 100 साल पूरे कर रहा है। इस सफ़र में RSS ने सबकुछ देखा— आज़ादी की गूंज, गांधी की हत्या का साया, इमरजेंसी की कड़वाहट, बाबरी मस्जिद का तूफ़ान, और वो मोड़, जब “अराजनीतिक” कहे जाने वाले संघ से दो प्रधानमंत्री निकले. सवाल उठे, आरोप लगे, तीन बार बैन भी झेला. लेकिन हर बार संघ और मज़बूत होकर लौटा. अब, 100 साल बाद, सबसे बड़ा सवाल— RSS की असली यात्रा कैसी रही? क्या ये उतार-चढ़ावों से भरी रही या अपनी विचारधारा की मज़बूती से टिके रहने की कहानी? इन्हीं सवालों पर चर्चा करने के लिए हमारे साथ हैं वरिष्ठ पत्रकार और लेखक निलांजन मुखोपाध्याय, जिन्होंने दशकों तक हिंदू संगठनों और राजनीति को क़रीब से कवर किया है और अपनी किताब The RSS: Icons of Indian Right में इन्हें दर्ज किया है. देखिए और समझिए, RSS के सौ सालों की ताक़त, आलोचनाएँ और जटिलताएँ. और हाँ, Aajtak Radio को Subscribe करना न भूलें.

    Pakistan Saudi Arabia Defence Pact के निशाने पर कौन और India क्यों नहीं करता ऐसी डील?: Padhaku Nitin

    Play Episode Listen Later Sep 23, 2025 61:23


    पाकिस्तान और सऊदी अरब ने नया डिफ़ेंस पैक्ट किया है अगर एक पर हमला होगा तो दोनों मानेंगे लेकिन क्या इसका असर भारत तक पहुंचेगा? सऊदी भारत का बड़ा ट्रेड पार्टनर है और पाकिस्तान हमारा विरोधी. तो इस समझौते से पाकिस्तान मज़बूत होगा या ये सिर्फ़ काग़ज़ी एलान है? और भारत को अब वेस्ट एशिया पॉलिसी नए सिरे से सोचना पड़ेगा, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    Nuclear Bomb बनाने से ज़्यादा टेढ़ी क्यों देसी Jet Engine Kaveri की राह? : Padhaku Nitin

    Play Episode Listen Later Sep 18, 2025 55:51


    15 अगस्त को लाल किले से दी जाने वाली पीएम स्पीच देश के लिए एक बड़ा इवेंट होता है. सबकी नज़र रहती है कि इस भाषण में कौनसा शब्द कितनी बार बोला गया? इस साल इसी भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि “भारतीय फाइटर जेट्स को ज़रूरत है भारतीय इंजन की.” और फिर से सोशल मीडिया पर बात होने लगी कि यार… था तो सही एक स्वदेशी इंजन जिसकी दुहाई देकर अक्सर कहा जाता था कि भारत जेट बनाने के मामले में भी स्वदेशी बन जाएगा. ये नाम है- कावेरी इंजन. 1986 में इसे बनाने की शुरुआत हुई मगर अब तक कोई भारतीय जेट ऐसा नहीं उड़ा जिसका इंजन पूर्णत: भारतीय हो. तो कब होगा ये सपना पूरा? पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में हमने बात की कावेरी इंजन पर और डिफेंस एक्सपर्ट संदीप उन्नीथन से समझा कि आखिर कावेरी इंजन को पूरा करने में दिक्कत क्या है? क्या फैक्टर्स हैं जो इसे अब भी नहीं बनने दे रहे. ये इतना ख़ास क्यों है और कुछ बेसिक सवाल भी कि आखिर एक जेट इंजन काम कैसे करता है. प्रड्यूसर: मानव देव रावतसाउंड मिक्स: रोहन भारती

    Qatar पर हमला कर क्या Netanyahu ने ग़लती की और क्या Israel के सामने Arab NATO टिकेगा?: पढ़ाकू नितिन

    Play Episode Listen Later Sep 16, 2025 50:57


    दोहा में अरब और इस्लामिक देशों का बड़ा सम्मेलन हुआ. इसी दौरान मिस्र ने फिर से "Arab NATO" का प्रस्ताव रखा यानि 22 अरब देशों की संयुक्त सेना! लेकिन क्या ये मुमकिन है, जब इतिहास गवाह है कि यही देश आपस में लड़ते रहे हैं? इज़रायल ने क़तर पर हमला कर दिया क़तर जो अमेरिका का बड़ा सहयोगी है. अब सवाल ये है कि क़तर अपनी सुरक्षा के लिए कब तक अमेरिका पर निर्भर रहेगा? क्या वो चीन का साथ लेगा? और क्या अरब NATO कभी हक़ीक़त बन पाएगा, प्रो. मोहसिन रज़ा के साथ 'पढ़ाकू नितिन' में हुई इस बातचीत को सुनिए.

    Gangs of Wasseypur में Anurag Kashyap से इस Dhanbad Coal Mafia की कहानी छूट गई!: पढ़ाकू नितिन

    Play Episode Listen Later Sep 11, 2025 68:58


    धनबाद, झारखंड—देश का कोल कैपिटल. कोयले ने जहाँ इंडस्ट्री को ताक़त दी, वहीं जन्म दिया माफ़िया, गैंगवार और करप्शन की अंधेरी दुनिया को. फ़िल्म गैंग्स ऑफ़ वासेपुर ने इसकी झलक दिखाई लेकिन असली कहानी उससे कहीं ज़्यादा डरावनी है. इन्हीं सचाईयों पर लिखी है किताब “Dhanbad – The Economics of Coal – The Mafia”, जिसके लेखक हैं प्रमोद कुमार गुप्ता पूर्व प्रिंसिपल चीफ़ कमिश्नर ऑफ़ इनकम टैक्स. उन्होंने कोल माफ़िया को अपनी आँखों से देखा, उनसे टक्कर ली और अपने अनुभवों को किताब में दर्ज किया, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.

    Nepal के Gen Z का Democracy पर डाउट, Nepo Kids की अय्याशी और Oli की China से गलबहियां: पढ़ाकू नितिन

    Play Episode Listen Later Sep 10, 2025 58:38


    अंग्रेज़ी में कहते हैं Straw that broke the camel's back और हिन्दी में इसके करीब है ताबूत की आख़िरी कील. नेपाल में सरकार ने अचानक लगभग सभी बड़े सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स बैन कर दिए. इसके बाद हज़ारों लोग, ख़ासकर जेन-ज़ी यानी 1997 से 2012 के बीच जन्मी पीढ़ी सड़कों पर उतर आई सरकार ने शुरुआत में सख़्ती दिखाई, लेकिन हालात इतने बिगड़े कि मंत्री सड़क पर पिट गए सरकारी इमारतों को आग लगा दी गई और आखिरकार प्रधानमंत्री के.पी. ओली को इस्तीफ़ा देकर देश छोड़ना पड़ा।तो क्या ये सब सिर्फ़ सोशल मीडिया बैन की वजह से हुआ? या फिर ये पहले से जमा गुस्से का फट पड़ना था, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.

    Hitler कैसे बना Palestine का Hero और ISIS-Alqaeda का Hitler कनेक्शन क्या है?: पढ़ाकू नितिन

    Play Episode Listen Later Sep 5, 2025 85:16


    अडॉल्फ हिटलर, इतिहास का वो किरदार, जिसके बिना modern world history अधूरी है. पिछली सदी की लगभग हर बड़ी कहानी में जर्मनी के इस नेता का नाम किसी न किसी तरह सामने आता है. आज हमारे साथ हैं किताब Hitler: The Proclaimed Messiah of the Palestinian Cause के लेखक आभास मालदहियार, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.

    SCO Summit में साथ साथ Modi- Putin- Jinping, पर्दे के पीछे कौन खेल रहा?: पढ़ाकू नितिन

    Play Episode Listen Later Sep 2, 2025 66:26


    जहां American President Donald Trump के Impulsive Decisions से पूरी दुनिया में उथल पुथल है. एशिया में कुछ कंपन सा महसूस हो रहा है. क्योंकि चीन में हुई है एक बड़ी बैठक. एससीओ की शुरुआत 2001 में हुई थी. तब इसमें चीन और रूस मुख्य किरदार निभाते थे. लेकिन इस बार की समिट में रूस-चीन के अलावा भारत भी स्पॉटलाइट में था. SCO की ये समिट कई मामलों में अहम है, उसके Structure में भी बदलाव हुए हैं. Pakistan-Armenia ने भी आपस में वादा किया है कि- आप हम Diplomatic Relations आगे बढ़ाएंगे. लेकिन एक ज़रूरी बात और है… जैसी तस्वीरें और बातें सामने आई हैं, इससे अमेरिका की चिंताएं बढ़ती दिख रही हैं, ट्रंप ने सोचा नहीं होगा कि रूस जो अब तक अलग-थलग पड़ा था, उसके समर्थन में भारत और चीन एक साथ खड़े हो जाएंगे. उसका पुराना साथी जापान भी अपनी लकीर खींच रहा है… एक साथ बहुत कुछ हो रहा है… और इसे समझाने के लिए पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में हमारे मेहमान हैं, मोनीश टूरंगबाम. Geopolitical expert हैं, CRF (Chintan Research Foundation) नाम की रिसर्च फाउंडेशन में Senior Research Consultant हैं. पूरा एपिसोड सुनना और आजतक रेडियो को Subscribe करना न भूलें. प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: रोहन भारती

    Indira का अंधविश्वास, VP Singh का Fraud, Amar Singh के पैंतरे और Mulayam की मजबूरी: पढ़ाकू नितिन

    Play Episode Listen Later Aug 28, 2025 105:48


    इस बार पढ़ाकू नितिन पॉडकास्ट में हमारी मुलाक़ात हुई पूर्व राज्यसभा सदस्य और जाने-माने पत्रकार शाहिद सिद्दिक़ी से। उनसे हमने ढेर सारी बातें कीं, दिल्ली के पुराने किस्सों से लेकर देश की राजनीति और बड़े नेताओं तक। उन्होंने अपने अनुभव शेयर किए कि कैसे उन्होंने क़रीब से नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी जैसे नेताओं को देखा। साथ ही लालकृष्ण आडवाणी, वीपी सिंह, मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह जैसी हस्तियों के बारे में भी दिलचस्प बातें बताईं। दिल्ली की राजनीति के उतार-चढ़ाव और देश की दिशा पर भी खुलकर चर्चा हुई। अगर आपको भारतीय राजनीति की कहानियां और नेताओं के अंदरूनी किस्से सुनना अच्छा लगता है, तो ये एपिसोड आपको ज़रूर पसंद आएगा।

    पूर्व राष्ट्रपति, पुलिस हेड, जेल प्रमुख को Jail, Sri Lanka में क्या हो रहा है?: पढ़ाकू नितिन

    Play Episode Listen Later Aug 26, 2025 47:38


    July 2022 का श्रीलंका. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, वहां से भागे और लोग उनके घर में घुसे. उनके स्विमिंग पूल में नहाए. घर में आग भी लगाई. राजपक्षे के देश छोड़ने के बाद पदभार संभाला, रानिल विक्रमसिंघे ने. हाल ही में विक्रमसिंघे का नाम फिर से चर्चा में आया. क्योंकि वो श्रीलंका में गिरफ्तार किए गए. उन पर लगा है सरकारी शक्तियों को दुरुपयोग करने का आरोप. Padhaku Nitin World Affairs के इस एपिसोड में Focus Sri Lanka पर करते हैं. समझते हैं कि ये मामला क्या है? Sri Lanka जो कुछ साल पहले तक Economically इतने बड़े Crisis में था. अब उसकी हालत क्या है? और ये कि भारत के साथ उसका रिश्ता अब किस हद तक बदला है? Sri Lanka भारत के साथ SAARC का मेंबर है. तो हमने भी दिल्ली में स्थित SAARC Sponsored साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के Professor Dr. Dhananjay Tripathi को न्यौता दिया. जो इंटरनेशनल स्टडीज़ पढ़ाते हैं. एसोसिएट प्रोफेसर हैं और एक किताब भी लिखी है- Re-imagininJuly 2022 का श्रीलंका. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, वहां से भागे और लोग उनके घर में घुसे. उनके स्विमिंग पूल में नहाए. घर में आग भी लगाई. राजपक्षे के देश छोड़ने के बाद पदभार संभाला, रानिल विक्रमसिंघे ने. हाल ही में विक्रमसिंघे का नाम फिर से चर्चा में आया. क्योंकि वो श्रीलंका में गिरफ्तार किए गए. उन पर लगा है सरकारी शक्तियों को  दुरुपयोग करने का आरोप. Padhaku Nitin World Affairs के इस एपिसोड में Focus Sri Lanka पर करते हैं. समझते हैं कि ये मामला क्या है? Sri Lanka जो कुछ साल पहले तक Economically इतने बड़े Crisis में था. अब उसकी हालत क्या है? और ये कि भारत के साथ उसका रिश्ता अब किस हद तक बदला है? Sri Lanka भारत के साथ SAARC का मेंबर है. तो हमने भी दिल्ली में स्थित SAARC Sponsored साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के Professor Dr. Dhananjay Tripathi को न्यौता दिया. जो इंटरनेशनल स्टडीज़ पढ़ाते हैं. एसोसिएट प्रोफेसर हैं और एक किताब भी लिखी है- Re-imagining Border Studies in South Asia. एपिसोड पूरा सुनिएगा. लाइक, शेयर, सबस्क्राइब करना न भूलिएगा. प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: सूरज सिंह Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैंg Border Studies in South Asia. एपिसोड पूरा सुनिएगा. लाइक, शेयर, सबस्क्राइब करना न भूलिएगा.

    Javed Akhtar, Manto और Faiz से क्या है Aatish Taseer का रिश्ता?: पढ़ाकू नितिन

    Play Episode Listen Later Aug 21, 2025 69:42


    साल 2019. X तब Twitter हुआ करता था. और इसी Twitter पर Writer-Journalist Aatish Taseer से उनकी नागरिकता छीनी गई. भारत सरकार ने कहा कि Aatish ने अपने Pakistani पिता Salman Taseer से अपने रिश्ते को छुपाया. जबकि Taseer ने कहा कि ये सब सिर्फ़ इसलिए हुआ क्योंकि सरकार उनसे नाराज़ थी. लेकिन ये किस्सा कई मामलों में आतिश की कहानी में एक turning Point भी साबित हुआ. क्योंकि वो कुछ ऐसी यात्राओं पर निकले जिनमें उनके कई सवाल छिपे थे. Padhaku Nitin के इस एपिसोड में यही Aatish Taseer हैं हमारे मेहमान. हमने उनसे की उनकी नागरिकता, उनके पिता Salman Taseer, उनकी मां तवलीन सिंह और सबसे ज़रूरी उनकी नई किताब The Return to Self पर बात. प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: सूरज सिंह Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    Javed Akhtar, Manto और Faiz से क्या है Aatish Taseer का रिश्ता?: पढ़ाकू नितिन

    Play Episode Listen Later Aug 21, 2025 69:42


    साल 2019. X तब Twitter हुआ करता था. और इसी Twitter पर Writer-Journalist Aatish Taseer से उनकी नागरिकता छीनी गई. भारत सरकार ने कहा कि Aatish ने अपने Pakistani पिता Salman Taseer से अपने रिश्ते को छुपाया. जबकि Taseer ने कहा कि ये सब सिर्फ़ इसलिए हुआ क्योंकि सरकार उनसे नाराज़ थी. लेकिन ये किस्सा कई मामलों में आतिश की कहानी में एक turning Point भी साबित हुआ. क्योंकि वो कुछ ऐसी यात्राओं पर निकले जिनमें उनके कई सवाल छिपे थे. Padhaku Nitin के इस एपिसोड में यही Aatish Taseer हैं हमारे मेहमान. हमने उनसे की उनकी नागरिकता, उनके पिता Salman Taseer, उनकी मां तवलीन सिंह और सबसे ज़रूरी उनकी नई किताब The Return to Self पर बात. प्रड्यूसर: मानव देव रावतसाउंड मिक्स: सूरज सिंहDisclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    Trump ने की 5 दिन में दो बड़ी मीटिंग्स, Russia-Ukraine Ceasefire के कितने क़रीब?: पढ़ाकू नितिन, Ep 230

    Play Episode Listen Later Aug 19, 2025 56:38


    आजकल एक चलन है, लोग अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर अपने Pronouns लिखते हैं. He, She, Them. Trump का बस चले तो वो अपने Pronouns में Dealmaker लिख दें. उन्हें Deal करवाने की चाहत ही नहीं, Addiction सा है. इससे हम सब वाकिफ़ हैं. उनकी इसी चाहत के चलते पिछले 5 दिनों में Geopolitics के लिहाज़ से दो बड़ी मीटिंग्स हुईं. दोनों अमेरिका में. मगर एक दूर अलास्का के पास और दूसरी Washington DC में. दोनों मीटिंग्स में Common थे Donald Trump जिनका ज़ोर आजकल Russia-Ukraine war को रुकवाने की ओर है. हमने पिछले एपिसोड में Prof. Amitabh Singh से पूछा भी था कि Alaska Meeting में क्या हो सकता है तो उन्होंने कहा था कि युद्ध रोकने की तरफ प्रयास तो होता दिख रहा है. और फिर ये मीटिंग हो गई. आपने भी देखी हैं ट्रंप-पुतिन की वो तस्वीरें जिनमें वो गर्मजोशी से मिलते नज़र आए. ट्रंप वादा करके गए थे कि Ceasefire करवाकर लौटूंगा. लेकिन किस हद तक अपने दावे पर अमल कर पाए. ये कहना मुश्किल है. क्योंकि इसके बाद कल हुई Washington DC में Zelensky और Trump की मीटिंग, जिसमें Zelensky European Leaders की पलटन लेकर पहुंचे. तो करेंगे इन दोनों मीटिंग्स और इनके Consequences को Decode Padhaku Nitin World Affairs के इस एपिसोड में. जहां हमारे साथ हैं. Dr. Manish Dhabade, Associate Professor हैं JNU के Centre for International Politics, Organisation & Disarmament में. Diplomacy की बात आप हम समय समय पर करते रहते हैं. मगर मनीष जी की PhD ही Diplomacy और Disarmament पर है. Like, Share, Comment के साथ साथ Subscribe करना भी न भूलें. प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: रोहन भारती Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    Stray Dogs पर Supreme Court का फैसला, कुत्तों के लिए मुसीबत बनी झूठी रिपोर्ट?: पढ़ाकू नितिन, Ep 229

    Play Episode Listen Later Aug 14, 2025 68:07


    सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2025 को आवारा कुत्तों की समस्या पर कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को 8 सप्ताह में शेल्टर होम में ट्रांस्फर करने का आदेश दिया. कहा कि वहां उनकी नसबंदी और टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए. साथ ही चेतावनी भी दी कि कुत्तों को सड़कों पर वापस न छोड़ा जाए. दरअसल, कोर्ट ने 28 जुलाई को दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की समस्या और इससे जुड़े डॉग बाइट एवं रेबीज से होने वाली मौतों के बढ़ते आंकड़ों पर स्वतः संज्ञान लिया था. सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले पर सोशल मीडिया दोफाड़ हुआ. जहां कुछ लोगों ने इस फैसले को सराहा, वहीं दूसरी ओर पशु प्रेमी-पशु कल्याण संगठन इसका जमकर विरोध करने लगे. इस पूरे मामले की कई परतें हैं. कई जटिलताएं. जिनका जवाब दे रही हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के साथ मिलकर देश का सबसे बड़ा पशु कल्याण NGO चलाने वाली Animal Protection Laws की Expert Gauri Maulekhi.

    Nobel Prize के फेर में Trump, पहले ऐतिहासिक Deal अब Putin से Meeting: पढ़ाकू नितिन, Ep 228

    Play Episode Listen Later Aug 12, 2025 69:13


    भारतीय समय के मुताबिक 9 अगस्त की अल सुबह एक ख़बर हर जगह फ्लैश हुई. ये ख़बर जुड़ी थी एक Peace Deal से. Peace Deal जिसका मकसद था करीब 30 साल पहले शुरू हुई लड़ाई को सुलझाना. लेकिन ये Armenia-Azerbaijan Peace Deal का सिर्फ़ एक पहलू है. इसमें कई और भी पक्ष हैं, कई और Complexities साथ में हैं एक Nobel Cause. वही, Nobel जिसकी चाहत में US President Donald Trump ने दुनियाभर के झगड़ों को सुलझाने का बीड़ा उठा रखा है. Padhaku Nitin के इस एपिसोड में JNU Professor Amitabh Singh से हमने समझीं Armenia-Azerbaijan Conflict की बारीकियां, South Caucasus का Significant इतिहास, Armenia का Kannauj Connection और Trump-Putin की Alaska Meeting की संभावनाएं. प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: सूरज सिंह Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    कबीर-परंपरा के गुमनाम सितारे 'दादू' पर सुनिए JNU के Professor Purushottam Agrawal को: पढ़ाकू नितिन, Ep 227

    Play Episode Listen Later Aug 7, 2025 89:57


    आज से करीब 600 साल पहले एक कवि हुए जो आज तक लोगों के दिलो-दिमाग पर राज करते हैं. नाम है कबीर. कबीर के बारे में यूं तो कई बाते प्रचलित हैं. कुछ का प्रमाण है. कुछ का नहीं. मगर एक बात सौ फीसदी प्रमाणित है कि उनकी बातें अब भी उतनी ही रेलेवेंट हैं. लेकिन कबीर के अलावा और भी कई कवि हुए, जिन्हें अलग अलग कारणों से कबीर जितनी ख़्याति नहीं मिली. इनमें से एक प्रमुख नाम है राजस्थान के संत दादू दयाल का. इन की ख़्याति को यूं समझिए कि उनके समकालीन रहे बादशाह अकबर ने उन्हें उस दौर का कबीर कहा. 40 दिन तक उनसे धार्मिक चर्चा की. मगर ये सब सिर्फ Tip of The Iceberg है. दादू के बारे में जानने को बहुत कुछ है. इसलिए पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में हमने बात की JNU के पूर्व प्रोफेसर, UPSC के पूर्व मेंबर, न जाने कितनी यूनिवर्सिटियों में पढ़ा चुके और कबीर पर ऑथोरिटी माने वाले Professor Purushottam Agrawal से. प्रोफेसर साहब ने लिखी है दादू के जीवन का समग्र विश्लेषण करती So says Jan Gopal नाम की किताब. उम्मीद है आपको एपिसोड पसंद आएगा. प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: सूरज सिंह Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    Trump के 50% Tariff से भारतीयों को होगा सीधा नुकसान?: पढ़ाकू नितिन, Ep 226

    Play Episode Listen Later Aug 7, 2025 77:16


    इस साल के शुरुआत में जब US में चुनाव हो रहे थे तो कई भारतीय इस बात की उम्मीद लगा रहे थे कि- काश Trump वापस सत्ता में आ जाएं. उनकी दुआएं कबूल भी हुईं. मगर Partially, क्योंकि Trump अब वो ट्रंप नहीं रहे जो मोदी के ग्रेट फ्रेंड थे. इस बार उनके एजेंडे Business Centric ज़्यादा है. हालांकि ये Business किसके लिए कितना फायदेमंद है. ये भी किसी को नहीं मालूम. दुनियाभर में अलग अलग देशों पर Tariff लगाने के बाद आखिरकार Trump ने ये ऐलान किया कि US India पर न सिर्फ़ 25% का भारी Tariff लगाएगा, साथ ही 25% Penalty भी. क्योंकि वो Russia के साथ अपना Oil Trade सीमित नहीं कर रहा. पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में डॉक्टर मुक्तदर ख़ान के साथ उधेडे़ंगे US-India Relations की परतें, टटोलेंगे Trump का दिमाग-आकांक्षाएं और मजबूरियां. साथ ही समझेंगे उन Complexities के बारे में जो अभी भारतीयों के लिए खड़ी हो सकती है. प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: सूरज सिंह Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    China का ये Conflict जो करवा सकता है World War 3?: पढ़ाकू नितिन, Ep 225

    Play Episode Listen Later Aug 5, 2025 78:31


    Geopolitics आजकल दो बड़े ध्रुवों के इर्द-गिर्द घूमती नज़र आती है. एक अमेरिका दूसरा चीन. दोनों सिर्फ़ दिशाओं में ही नहीं. धारा में भी एक दूसरे से उल्टे ही नज़र आते हैं. चीन का नाम अब हर बार एशिया और दुनियाभर के उन देशों में लिया जाने लगा है जो Geopolitics और World Trade को अपने हिसाब से चलाना चाहती हैं. मगर इस फेहरिस्त में शामिल होने के बावजूद भी China पूरी तरह निरंकुश नहीं है. उसकी भी कुछ दुखती रगें हैं. जिन्हें दबा दबा कर वेस्ट की ताकतें उसे समय समय पर काउंटर करती हैं. पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में टटोलेंगे चीन की सबसे ज़्यादा दुखने वाली नब्ज़ को Taiwan. जानेंगे कि Taiwan से क्यों है पूरी दुनिया को इतनी उम्मीदें? Taiwan-China Conflict का इतिहास और भविष्य क्या है? जानेंगे कि बार बार 2027 में Taiwan को ख़त्म करने के बावजूद भी Chinese President Xi Jinping की दिक्कतें क्या क्या हैं? जिसके लिए हमारे साथ है Taiwan पर किताब लिखने वाले Gaurav Sen.

    Trump के Tariff का सामना India कैसे करेगा और क्या Russia से रिश्ता टूटने वाला है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 224

    Play Episode Listen Later Jul 31, 2025 60:50


    अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ़ कहा है कि भारत से 25% टैरिफ़ वसूला जाएगा और अगर रूस से दोस्ती ऐसे ही चलती रही, तो इसकी भी कीमत चुकानी होगी भारत हमेशा से कोशिश करता रहा है कि उसे रूस और अमेरिका में से किसी एक को न चुनना पड़े. लेकिन अब लग रहा है कि फैसला करना पड़ सकता है या फिर अमेरिका का दबाव भारत को उल्टा रूस के और क़रीब ले जाए? क्या हम ग्लोबल राजनीति में नए दोस्त और दुश्मन बनते देख रहे हैं? और भारत की आम जनता पर इसका असर क्या होगा? इन तमाम सवालों पर बात करने के लिए हमारे साथ हैं जाने-माने अर्थशास्त्री प्रो. अरुण कुमार, ट्रंप ने कैसे टैरिफ़ को हथियार बना दिया है? भारत क्यों झुक नहीं सकता? और आगे क्या विकल्प बचे हैं? सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    Trump के Tarrif का सामना India कैसे करेगा और क्या Russia से रिश्ता टूटने वाला है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 224

    Play Episode Listen Later Jul 31, 2025 60:50


    अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ़ कहा है कि भारत से 25% टैरिफ़ वसूला जाएगा और अगर रूस से दोस्ती ऐसे ही चलती रही, तो इसकी भी कीमत चुकानी होगी भारत हमेशा से कोशिश करता रहा है कि उसे रूस और अमेरिका में से किसी एक को न चुनना पड़े. लेकिन अब लग रहा है कि फैसला करना पड़ सकता है या फिर अमेरिका का दबाव भारत को उल्टा रूस के और क़रीब ले जाए? क्या हम ग्लोबल राजनीति में नए दोस्त और दुश्मन बनते देख रहे हैं? और भारत की आम जनता पर इसका असर क्या होगा? इन तमाम सवालों पर बात करने के लिए हमारे साथ हैं जाने-माने अर्थशास्त्री प्रो. अरुण कुमार, ट्रंप ने कैसे टैरिफ़ को हथियार बना दिया है? भारत क्यों झुक नहीं सकता? और आगे क्या विकल्प बचे हैं? सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' मेंDisclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    Trump के MAGA Supporters क्यों है उनसे नाराज़?: पढ़ाकू नितिन, Ep 223

    Play Episode Listen Later Jul 29, 2025 37:55


    इस दुनिया में आज जो कुछ घट रहा है — क्या वो मेरे कारण घट रहा है, या इसलिए क्योंकि मैं उसे घटने दे रहा हूं? अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शायद यह बात कभी सीधे शब्दों में न कही हो, लेकिन उनके बयानों और फैसलों को देखकर ऐसा जरूर लगता है कि वो खुद को इसी तरह सोचते हैं। मगर अब उनके अपने ही देश में — अमेरिका में — एक नाम है जो लगातार चर्चा में है। एक ऐसा नाम, जिसे ट्रंप अब सुनना भी पसंद नहीं करते: जेफ्री एपस्टीन। हैरानी की बात ये है कि यही व्यक्ति, जिसे ट्रंप आज "creep" कहकर नापसंद करते हैं, उसे करीब 23 साल पहले वो "terrific guy" बुलाते थे। तो आखिर अब ऐसा क्या बदल गया है? Padhaku Nitin के इस एपिसोड में हम समझेंगे — Jeffrey Epstein का नाम अमेरिका में फिर क्यों चर्चा में है? Trump को इससे क्या परेशानी है? और क्यों अब खुद उनके समर्थक भी उनसे खफा नज़र आ रहे हैं? हमारे साथ हैं प्रोफेसर विनीत प्रकाश, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज़ में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। अमेरिकी राजनीति और नीति पढ़ाने का उनके पास दो दशकों का अनुभव है। Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं

    Japan में सत्ता का संकट! LDP की हार और Sanseito की जीत बदलेगा Indo-Japan रिश्ता?: पढ़ाकू नितिन, Ep 221

    Play Episode Listen Later Jul 22, 2025 45:15


    20 जुलाई 2025 को जापान में Upper House के लिए चुनाव हुए और नतीजे इतने चौंकाने वाले नहीं रहे, लेकिन एतिहासिक ज़रूर थे. प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी यानी LDP और उसके सहयोगी कोमेतो गठबंधन बहुमत से पीछे रह गए। उन्हें सिर्फ़ 47 सीटें मिलीं, जबकि ज़रूरत थी कम से कम 50 की. इस बार महंगाई, खासकर चावल की बढ़ती क़ीमतें और देश में विदेशी मज़दूरों को लेकर चिंता बड़ी बहस का मुद्दा रही। और इसी माहौल में उभरी एक नई ताक़त  Sanseito पार्टी, जिसके नेता सोहेई कामिया ने “Japanese-First” जैसे नारों के साथ बड़ा असर डाला. ऐसे ही नारे हमने अमेरिका में राष्ट्रपती ट्रंप की रैली में भी सुन चुके हैं. ट्रंप ने जैसे बाहर से आकर अमेरिका की राजनीति के केंद्र में पहुंच गए, क्या जापान में भी ऐसा होता दिख रहा है… क्या इशिबा सरकार बच पाएगी? जापान की आर्थिक और विदेश नीति का क्या होगा? और भारत जैसे साझेदार देशों के लिए इसका क्या मतलब है? सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    Trump अब Putin से NATO को भिड़ाएंगे और क्या India के लिए फैसले की घड़ी आ गई?: पढ़ाकू नितिन, Ep 220

    Play Episode Listen Later Jul 17, 2025 60:55


    डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है. अगर पुतिन ने यूक्रेन के साथ शांति नहीं की, तो रूस और उसके साथियों को भारी कीमत चुकानी होगी. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा, अमेरिका यूक्रेन को एडवांस हथियार और लंबी दूरी की मिसाइलें देगा लेकिन इनकी क़ीमत यूरोपीय देश मिलकर चुकाएंगे और इसी के साथ NATO फिर से चर्चा में है, वही NATO, जिससे इस जंग की शुरुआत जुड़ी थी. तो क्या 50 दिन बाद जंग थमेगी या और भड़केगी? क्या अमेरिकी हथियार यूक्रेन के लिए गेम चेंजर बनेंगे या रूस और आक्रामक हो जाएगा? और भारत के लिए क्या अब तटस्थ रह पाना मुश्किल हो जाएगा? सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    Lal Bahadur Shastri के साथ Tashkent में क्या हुआ और Russia को क्या पहले से सब पता था?: पढ़ाकू नितिन, Ep 219

    Play Episode Listen Later Jul 15, 2025 84:14


    2 अक्टूबर 1904 को मुग़लसराय में जन्मे लाल बहादुर शास्त्री भारतीय राजनीति की मिसाल हैं सादगी, ईमानदारी और नेतृत्व के प्रतीक. 1965 के भारत-पाक युद्ध में "जय जवान, जय किसान" का नारा देने वाले शास्त्री जी ने देश को मुश्किल समय में संभाला. 10 जनवरी 1966 को ताशकंद समझौते पर दस्तखत हुए, लेकिन उसी रात खबर आई “प्रधानमंत्री नहीं रहे”. कहा गया दिल का दौरा पड़ा, लेकिन आज भी कई सवाल ज़िंदा हैं. हमारे साथ हैं लेखक अनुज धर, जिनकी किताब Your Prime Minister is Dead शास्त्री जी की मौत पर सवाल उठाती है, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    Panchayat 5 में Vikash क्या करेगा और Phulera में Pradhan Ji का हारना क्यों ज़रूरी था?: पढ़ाकू नितिन, Ep 218

    Play Episode Listen Later Jul 10, 2025 41:40


    वो लोग जो बरसों पहले काम, अवसर या शिक्षा की तलाश में अपने गाँवों को छोड़ शहरों की ओर चले गए या किसी और मजबूरी के कारण उन्होंने आज भी अपने भीतर गांव को बचाए रखने की कोशिशें नहीं छोड़ीं. टीवीएफ़ की 'पंचायत' भी ऐसी ही एक कोशिश है. इसे देखने वाला हर शख़्स फुलेरा में कहीं न कहीं अपना गाँव तलाशता है. गलियों में, शादियों में, पंचायत भवन में या प्रधानी के चुनाव में. फुलेरा में रहने वाले हर किरदार को लोग अपना सा मान लेते हैं. ऐसे ही एक प्यारे किरदार हैं हमारे उप-सचिव विकास और इनका असली नाम है चंदन रॉय, सुनिए ‘पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    Trump की Tarrif War से India क्यों नहीं डरता और Dollar से क्यों नहीं लड़ पा रहा BRICS?: पढ़ाकू नितिन, Ep 217

    Play Episode Listen Later Jul 8, 2025 66:48


    एक समय था जब दुनिया दो ध्रुवों में बंटी हुई थी. एक ओर था अमेरिका के नेतृत्व वाला पश्चिम और दूसरी ओर सोवियत संघ. फिर वक्त बदला, दीवारें गिरीं, पुराने गठबंधन टूटे और नए गठबंधन बनते गए. जो जहां हित साधता दिखा, वहीं जुड़ता चला गया, चाहे वो आर्थिक हित हों या सामरिक. इसी दौर में चार देशों ने मिलकर एक गठबंधन बनाया — BRIC: ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन. फिर साउथ अफ्रीका जुड़ा और बन गया BRICS. बाद में और देश जुड़े, पर नाम वही रहा. इस समूह का मक़सद था अमेरिकी डॉलर की सर्वोच्चता को चुनौती देना. कभी जो साझेदारी एक सपना लगती थी आज वही अमेरिका की आंखों में चुभ क्यों रही है, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    Zohran Mamdani क्या बदल सकते हैं USA की Politics और New York अपने Mayor से क्या चाहता है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 216

    Play Episode Listen Later Jul 1, 2025 76:42


    अमेरिका में चुनाव होता है तो उसका असर पूरी दुनिया पर पड़ता है. इस बार राष्ट्रपति चुनाव नहीं, न्यूयॉर्क में मेयर का चुनाव है और डेमोक्रेटिक पार्टी से ज़ोहरान ममदानी का उम्मीदवार बनना लगभग तय है. 2018 में नागरिक बने ममदानी, आज अमेरिका की राजनीति के चर्चा में हैं. अपने कैंपेन, रैप और डेटिंग ऐप से हुई शादी तक की वजह से. वो न्यूयॉर्क जैसे शहर में फ्री सुविधाओं की बात कर रहे हैं. जो कि कैपिटलिज़्म की राजधानी माना जाता है. इस एपिसोड में हमारे साथ हैं प्रो. डॉ. मुक्तदर खान, जो बताएंगे कि ममदानी कैसे उभरे, ट्रंप ने उन्हें "Communist Lunatic" क्यों कहा और मोदी से वो दूरी क्यों बनाए रखना चाहते हैं, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    Shubhanshu Shukla को ISRO ने क्या काम दिया है और NASA क्यों Space Station तोड़ेगा?: पढ़ाकू नितिन, Ep 215

    Play Episode Listen Later Jun 26, 2025 56:30


    1984 में जब राकेश शर्मा से पूछा गया कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, तो जवाब था — 'सारे जहां से अच्छा'. वो लम्हा इतिहास बन गया. अब चार दशक बाद, एक और आवाज़ आई है — “Namaskar from space!” ये थे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला. अमेरिका की प्राइवेट कंपनी Axiom Space ने भेजा है. फिर भी ये भारत के लिए बड़ी बात है, क्योंकि आगे है मिशन गगनयान, भारत अब अपने दम पर इंसान को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी में है. तो सवाल ये है: शुभांशु की उड़ान क्या गगनयान की तैयारी का हिस्सा है? ISS का भविष्य क्या है? भारत इस दौड़ में कहां है, और चीन कितना आगे निकल चुका है? क्या भविष्य प्राइवेट स्पेस कंपनियों का होगा? इन सब सवालों के जवाब आज पढ़ाकू नितिन में तलाशेंगे, हमारे साथ हैं वरिष्ठ साइंस जर्नलिस्ट दिनेश सी. शर्मा. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    Trump का दिखावा, Israel की थकान, Iran का बदला, Russia की लाचारी और India की दूरी: पढ़ाकू नितिन, Ep 214

    Play Episode Listen Later Jun 24, 2025 72:03


    जी-7 मीटिंग के बीच ट्रंप उठकर चले गए और जाते-जाते बोले – अब सिर्फ़ शांति नहीं, कुछ बड़ा होगा. कुछ घंटे बाद अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला कर दिया. टेल अवीव में बैनर लगे – “Mr. President, Finish The Job.” इज़राइल चाहता है आर-पार की लड़ाई, ट्रंप ने दे दिया ‘रेजीम चेंज' का इशारा. अब सवाल ये है: ईरान का जवाब क्या होगा? क्या अमेरिका वाकई अजेय है? और भारत की चुप्पी दुनिया को क्यों चुभ रही है?, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में प्रो. मोहसिन रज़ा के साथ हुई इस बातचीत को. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    LGBTQ+ Community की History, Transgenders की पहचान और Pride Month के बाद की कोशिशें: पढ़ाकू नितिन, Ep 213

    Play Episode Listen Later Jun 22, 2025 56:07


    जून 1969 में न्यूयॉर्क के स्टोनवॉल इन में हुई एक पुलिस रेड ने LGBTQ+ आंदोलन को जन्म दिया. एक साल बाद, दुनिया की पहली प्राइड परेड निकली, एक ऐसा मार्च जिसने बताया कि अपने अस्तित्व पर गर्व करना चाहिए. ये आंदोलन अब पूरी दुनिया में फैल चुका है. भारत के छोटे-छोटे शहरों तक और आज हम बात कर रहे हैं उस आवाज़ से, जिसने खुद के लिए नहीं, बल्कि पूरे समुदाय के लिए रास्ता बनाया ट्रांसजेंडर मॉडल और एक्टिविस्ट, रुद्राणी छेत्री के साथ 'पढ़ाकू नितिन' में हुई इस बातचीत में सुनिए. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    Israel की दादागिरी, Iran की किलाबंदी, America के दांव पेंच और India की दुविधा: पढ़ाकू नितिन, Ep 212

    Play Episode Listen Later Jun 18, 2025 78:19


    क्या आपने 'पिज़्ज़ा इंडेक्स' सुना है? कहते हैं, जब पेंटागन में देर रात पिज़्ज़ा की डिलिवरी बढ़ जाए तो दुनिया के किसी कोने में जंग शुरू होने वाली होती है. 12 जून को यही हुआ और अगले दिन इज़राइल ने ईरान पर सीधा हमला किया: Operation Rising Lion — 200+ जेट्स, 300+ मिसाइलें, न्यूक्लियर साइट्स पर हमला ईरान ने भी पलटवार किया — True Promise 3, दर्जनों मिसाइलें, ड्रोन और तेल अवीव में रेड अलर्ट अमेरिका ने भी F‑35 और F‑22 जेट्स भेज दिए। यानी अब ये लड़ाई सिर्फ दो देशों की नहीं, एक ग्लोबल टकराव बन चुकी है. इज़राइल ये सब मैनेज कैसे कर रहा है? ईरान के पास क्या चालें बची हैं? और रूस-चीन, भारत—सबकी भूमिका क्या होगी? सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में

    आज़ादी से पहले शुरू हुई अंतरिक्ष की तैयारी गगनयान तक कैसे पहुंची: पढ़ाकू नितिन, Ep 211

    Play Episode Listen Later Jun 12, 2025 104:24


    चंद्रयान, मंगलयान और आगामी गगनयान जैसे मिशन से इंडिया स्पेस में भले ही सफलता की नई कहानियां लिख रहा है. लेकिन ये सब शुरू कैसे हुआ था, ISRO की नींव कैसे आज़ादी से पहले पड़ गई थी, केरल में देश का पहला रॉकेट लॉन्च कैसे हुआ, Cold War के बीच विक्रम साराभाई ने कैसे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को संवारा, होमी जहांगीर भाभा की मौत की सच्चाई क्या है, भारत के पहले सेटेलाइट आर्यभट का नाम कैसे रखा गया, नेहरू ने यूरी गागरिन का भारत में स्वागत कैसे करवाया, ISRO के लॉन्च प्रोग्राम में राजीव गांधी के पहुंचने की कहानी, क्रायोजेनिक इंजन बनाना भारत के लिए बड़ी उपलब्धि कैसे साबित हुई, क्या चांद पर सच में बस्ती बसाई जा सकती है, अंतरिक्ष में जाने के लिए किसी का चयन कैसे होता है, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा और भारत के आगामी स्पेस मिशन पर दिलचस्प चर्चा, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' के इस एपिसोड में सीनियर साइंस जर्नलिस्ट और ऑथर दिनेश सी. शर्मा और नितिन ठाकुर के साथ. प्रड्यूसर: कुमार केशव साउंड मिक्सिंग: सूरज सिंह

    Nepal Anti-Monarchy protest की ज़मीनी हक़ीक़त, China संग Flirt और India से बदलते रिश्ते: पढ़ाकू नितिन, Ep 210

    Play Episode Listen Later Jun 9, 2025 82:36


    हमारी दादी-नानी की कहानियों में अक्सर राजाओं और रानियों का ज़िक्र आता रहा है. आज आधी से ज़्यादा दुनिया के लिए भी राजशाही हिस्ट्री है, कहानी है. लेकिन ख़बरें बताती हैं कि भारत के पड़ोस में एक देश ऐसा है जहां राजशाही आकांक्षा है, कम से कम एक वर्ग के लिए तो है. नेपाल. जहां मई 2025 ख़त्म होते होते लोग सड़कों पर उतर आए. मांग थी केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को हटाया जाए. राजशाही वापस लाई जाए. नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए. लेकिन इस पर चर्चा क्यों ज़रूरी है? क्योंकि बारिश में नेपाल भीगता है, छींक भारत को आती है. भारत-नेपाल का रिश्ता ही ऐसा नज़र आता है. या कहिए कि आता था. क्योंकि एक एंगल चीन भी है. तो पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में नेपाल की राजशाही की मांग और उसकी Complexity को खोलेंगे. समझेंगे कि नेपाल दरअसल चाहता क्या है? अपने आप से और दुनिया से? क्या वाकई नेपाल एक हिंदू राष्ट्र बनना चाहता है? यानि इन शोर्ट भारत-नेपाल-चीन के तिकोने रिश्ते की पेचीदगियां. और इस सफ़र में हमारे साथ हैं डॉ. महेंद्र पी. लामा. जेएनयू में इंटरनेशनल रिलेशंस के सीनियर प्रोफेसर,  सिक्किम सरकार के चीफ़ इकोनॉमिक एडवाइज़र, NSA बोर्ड के पूर्व सलाहकार सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ सिक्किम के फाउंडिंग वाइस चांसलर और भारत-नेपाल के साझा Eminent Persons Group के अहम सदस्य. इतना ही नहीं—ऐतिहासिक नाथू ला ट्रेड रूट को दोबारा खोलने का श्रेय भी इन्हें ही जाता है. मतलब डॉ. महेंद्र पी. लामा ने नेपाल को नज़दीक से देखा, समझा और जिया है. समझिए नेपाल की ये नई-पुरानी चाह, उसकी जड़ें, उसका भूगोल और उसकी राजनीति पढ़ाकू नितिन के साथ. In our grandmother's stories, we often heard tales of kings and queens. For more than half the world today, monarchy is just that—a story, a thing of the past. But news coming from India's neighborhood tells a different tale. In Nepal, as May 2025 drew to a close, people took to the streets. Their demands? The removal of the KP Sharma Oli-led coalition government, the restoration of the monarchy, and the declaration of Nepal as a Hindu nation. Why is this discussion important? Because when it rains in Nepal, India catches a cold. That's how closely tied the two countries have been—or perhaps, were. And now, there's also a Chinese angle. In this episode of Padhaku Nitin, we unpack the demand for monarchy in Nepal and its many complexities. What does Nepal really want—from itself and from the world? Does it truly aspire to become a Hindu nation? In short, we dive deep into the triangular relationship between India, Nepal, and China. Joining us on this journey is Dr. Mahendra P. Lama—senior professor of International Relations at JNU, former Chief Economic Advisor to the Government of Sikkim, ex-advisor to the NSA Board, founding Vice Chancellor of the Central University of Sikkim, and a key member of the India-Nepal Eminent Persons Group. He also played a pivotal role in reopening the historic Nathu La Trade Route. Which means—Dr. Lama has not just studied Nepal, he has lived it, shaped it, and understood its soul. So join us in Padhaku Nitin as we decode Nepal's old-new aspirations—its roots, its geography, and its politics. ​​​​​​​Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    Air Chief Marshal को क्यों HAL पर भरोसा नहीं और Drone Tech में क्यों पिछड़ रहा India?: पढ़ाकू नितिन, Ep 209

    Play Episode Listen Later Jun 4, 2025 65:02


    Air Chief Marshal Amar Preet Singh ने दिल्ली के मंच से HAL पर सीधा निशाना साधा और कहा- HAL से नहीं हो पा रहा है. ये सिर्फ टेक्निकल नहीं, एक नीतिगत चेतावनी है. इस एपिसोड में बात होगी, HAL की सुस्ती, अधूरे प्रोजेक्ट्स, भरोसे की गिरती साख और भविष्य के ड्रोन युद्ध की तैयारी पर. हमसे जुड़ रहे हैं वरिष्ठ रक्षा पत्रकार संदीप उन्नीथन। पढ़ाकू नितिन में हमने उनसे पूछा- HAL की धीमी रफ्तार का बोझ क्या सैनिक उठा रहे हैं, भारत ड्रोन रेस में क्यों पिछड़ रहा है और क्या प्राइवेट प्लेयर्स सेना को नई रफ्तार दे सकते हैं? सुनिए, 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    Bangladesh की India से नाराज़गी, Yunus का Election Plan और Chicken Neck की चिंता: पढ़ाकू नितिन, Ep 208

    Play Episode Listen Later May 29, 2025 67:59


    बांग्लादेश में संसद खत्म, सड़कों पर सेना और सत्ता एक ऐसे शख्स के हाथ में, जिसे जनता ने चुना ही नहीं, नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस. शेख़ हसीना नज़र नहीं आ रहीं. तो क्या यूनुस सत्ता में लाए गए हैं? अगर हां, तो अमेरिका, चीन या किसी और के इशारे पर? भारत क्यों चुप है लेकिन बेचैन भी? इस एपिसोड में जानिए बांग्लादेश की मौजूदा राजनीति, अमेरिका-चीन की चालें और भारत की चिंता, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    Nehru से लेकर Modi तक को Bose का सच मालूम, Plane Crash की कहानी क्यों गढ़ी गई?: पढ़ाकू नितिन, Ep 207

    Play Episode Listen Later May 22, 2025 110:41


    अनुज धर — वो नाम जिन्होंने नेताजी की मौत के रहस्य को अपनी ज़िंदगी का मिशन बना लिया. बीते 25 सालों में उन्होंने नेताजी पर कई किताबें लिखीं — ‘What Happened to Netaji', ‘Conundrum', ‘The Bose Deception' — जिनमें हैं दस्तावेज़, सबूत और वो सवाल जो अब तक अनसुने रहे. उनका मानना है कि 18 अगस्त 1945 को नेताजी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई थी. आज हमने अनुज धर को अपने पॉडकास्ट में बुलाया और उनसे सीधे सवाल किए — सरकारी कहानी पर उन्हें शक क्यों है, असल में उस दिन हुआ क्या था और वो कौन लोग हैं जो नेताजी का सच छुपा रहे हैं, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.

    Turkey-Pakistan का भाईचार, Erdogan का Islamic Agenda और India का करारा जवाब: Padhaku Nitin

    Play Episode Listen Later May 19, 2025 67:59


    एक वक्त था जब तुर्की भारत का करीबी माना जाता था, व्यापार, पर्यटन और संस्कृति—हर मोर्चे पर रिश्ते मज़बूत हो रहे थे. वही तुर्की भारत के लिए एक कूटनीतिक और वैचारिक चुनौती बनता जा रहा है. चाहे कश्मीर का मुद्दा हो या संयुक्त राष्ट्र का मंच—तुर्की अक्सर पाकिस्तान के साथ खड़ा दिखता है. एर्दोगान अब सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक ऐसी विचारधारा के प्रतिनिधि हैं जो 'खिलाफ़त' को नई ज़मीन देना चाहती है, दक्षिण एशिया तक. तो सवाल ये है— क्या तुर्की का ये रुख सिर्फ डिप्लोमेसी है या कोई गहरा एजेंडा? क्या तुर्की-पाकिस्तान-चीन की तिकड़ी भारत के लिए नई चुनौती बन रही है? आज पढ़ाकू नितिन में हमारे साथ हैं वरिष्ठ पत्रकार और विदेश मामलों के जानकार प्रकाश के रे. बात करेंगे एर्दोगान की रणनीति, तुर्की की वैचारिक राजनीति और इसके असर पर भारत, पाकिस्तान और इज़रायल जैसे देशों के साथ, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में

    इंसाफ में देरी की वजह जजों और पैसों की कमी नहीं... कुछ और है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 205

    Play Episode Listen Later May 15, 2025 69:46


    इंग्लैंड के प्रधानमंत्री विलियम ग्लैडस्टन ने कहा था—“Justice delayed is justice denied.” यानि अगर न्याय मिलने में देर हो जाए, तो समझिए वो मिला ही नहीं, अब भारत की हकीकत देखिए—हाई कोर्ट में औसतन 5 से 6 साल लगते हैं फैसले में और ज़िला अदालतों में तो 10 साल तक भी. पटना हाई कोर्ट में एक केस को सुनने का औसत समय? सिर्फ़ दो मिनट! ऐसे में आम आदमी की ज़िंदगी अदालतों के चक्कर लगाते ही बीत जाती है. 'पढ़ाकू नितिन' के इस एपिसोड में हम बात कर रहे हैं न्याय में देरी की उस गंभीर समस्या की, जो लोगों का सिस्टम से भरोसा तोड़ रही है. हमारे साथ हैं ‘तारीख़ पर जस्टिस' किताब के लेखक प्रशांत रेड्डी और चित्राक्षी जैन, जो बताएंगे जजों की कमी और उनकी बढ़ती उम्र क्यों है चिंता की बात, ज़िला अदालतों के जज किससे डरते हैं, और न्यायपालिका में पारदर्शिता की इतनी कमी क्यों है, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    India-Pakistan War का Objective, POK की पेचीदगी, Turkey का सपना और West की चुप्पी: पढ़ाकू नितिन, Ep 204

    Play Episode Listen Later May 9, 2025 59:56


    भारत ने बोलने का नहीं, दिखाने का रास्ता चुना, पहलगाम में हुआ हमला सिर्फ एक आतंकी हरकत नहीं थी, वो एक साजिश थी, भारत को उकसाने की और भारत ने इसका जवाब दिया ऑपरेशन सिंदूर से, ये ऑपरेशन खास था, 9 आतंकी अड्डों पर एक साथ हमला और उनमें से कई जगहें वो थीं जिनका नाम आप सालों से सुनते आए हैं- मुरीदके, बहरावल. जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के गढ़. रिपोर्ट्स कहती हैं कि करीब 100 आतंकवादी मारे गए, लेकिन असल कहानी इससे कहीं आगे की है…पाकिस्तान आगे क्या करेगा? भारत की रणनीति क्या होगी ये सवाल लगातार पूछे जा रहे हैं और इनके जवाब तलाशने की कोशिश चल रही है. हमारे साथ हैं डॉ. अभिनव पांड्या, जैश-ए-मुहम्मद और आतंकवाद पर इनका गहन अध्यन है, किताबें भी लिखी हैं, पढ़ाकू नितिन में भी पहले आ चुके हैं. आज के एपिसोड में हमने पांड्या से पूछा- पाकिस्तान की आवाम क्यों आतंकवाद पर चुप है, भारत को किस हद तक पाकिस्तान को पीछे घकेलना चाहिए, तुर्किए ने क्यों पाकिस्तान का हाथ थामे रखा है और भारत की विदेश नीति क्या सही दिशा में आगे बढ़ रही है, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.

    Operation Sindoor का लक्ष्य, POK में तिरंगा, Pakistan का इलाज और China की जंग से दूरी: पढ़ाकू नितिन, Ep 203

    Play Episode Listen Later May 8, 2025 54:31


    पहलगाम की शांत वादियों में हुआ हमला सिर्फ एक आतंकी वारदात नहीं, एक बयान था — ज़ख़्म कुरेदने की कोशिश. जवाब मिला ऑपरेशन सिंदूर से, जो सीमित दिखा पर गहरा संदेश लेकर आया. भारत-पाक तनाव नया नहीं है लेकिन अब लड़ाई ड्रोन, साइबर और सोशल मीडिया के मोर्चे पर भी हो रही है. ऐसे दौर में सबसे बड़ा सवाल है — क्या हम तैयार हैं? आज हमारे साथ हैं मेजर एल. एस. चौधरी — कीर्ति चक्र विजेता, जिन्होंने कश्मीर में आतंक के ख़िलाफ़ कई सफल ऑपरेशन लीड किए. एक हमले में पांच आतंकियों को ढेर किया, खुद घायल हुए। आज वो युवाओं को सिखा रहे हैं- Warrior Mindset, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    Trump का Report Card, Trudeau की चूक, Mark Carney के वादे और Canada में PR का हालः पढ़ाकू नितिन, Ep 202

    Play Episode Listen Later May 5, 2025 63:17


    ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन पूरे हो चुके हैं और अब वक्त है ये परखने का कि क्या उन्हें सिर्फ मज़ा आ रहा है या वो जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं. उधर, अमेरिका के पड़ोसी कनाडा में चुनाव हुए और नतीजों ने सबको चौंका दिया. अमेरिका चुनावी मुद्दा था लेकिन वहां की जनता ने ट्रंप के विरोध में खड़े हुए मार्क कार्नी को प्रधानमंत्री बना दिया—एक ऐसा नाम जो अब तक सिर्फ अर्थशास्त्र और बैंकिंग की दुनिया में जाना जाता था. ‘पढ़ाकू नितिन' में बात होगी ट्रंप और कार्नी की शुरुआती पारी की और इस नई वैश्विक राजनीति का भारत पर क्या असर पड़ सकता है. इस बातचीत के लिए हमारे साथ हैं वॉशिंगटन डीसी से वरिष्ठ पत्रकार रोहित शर्मा. हमने उनसे जाना कि ट्रूडो की भारत से टकराव की कीमत उन्हें कैसे चुकानी पड़ी, कार्नी ने कनाडा का मूड कैसे बदला, ट्रंप अपनी बात सबसे कैसे मनवाते हैं और आखिर मस्क ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन में क्यों नहीं फिट हो पा रहे, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.

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